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महक का जादू(सौंदर्या दीदी)
#32
अब आगे 

Quote:अब रियाने मुझे पकड़कर खड़ा किया , और बोली की अब वो मेरे साथ सुहागरात मनाने वाली है.
यह सुन कर मैं खिलखिलाकर हस पड़ी. 
सबेरे वाले चैप्टर के बाद से मेरी शर्म कम और हिम्मत बढ़ गयी थी.
रिया नंगी ही मेरे इर्द गिर्द गोल गोल घुमते हुए मेरी तरफ देख रही थी.
मैंने पूछा " क्या देख रही हो ..... इस तरह ?"
वो: " तेरी जवानी की का जायजा ले रही हूँ मेरी जान…” 
और वो मेरे पीछे रुक गई 
उसने पिछेसे मुझे कस के पकड़ा .....
उसके हाथ मेरी छातियो पे घुमने लगे
उसने मेरी गर्दन पर अपनी गर्म साँसे छोड़ना शुरू किया ...... बिच बिच में वो मेरी कान की लौ को भी चुभलाने लगी ..... मैंने ऐसा सिर्फ मुविस में देखा था ..... लेकिन आज अनुभव कर रही थी .
.... मेरे अंग अंग में जैसे बिजली दौड़ने लगी ...... सारे शारीर पर रोंए खड़े हो गए.
मैंने भी अपनी बाहे उपर उठा कर उसके गले में डाल दी ...
धीरे धीरे रिया मुझे चूमने लगी .....फिर उसने हौले हौले मुझे पलटाया ...
... अब हम एक दुसरे के सामने थे....
उसने मेरे चहरे को हलके हलके सुंघा... मैं उसकी गर्म साँसे अपने पुरे चेहरेपर महसूस कर रही थी .......
मुझसे रोका न गया .... मैंने अपने होटोको समर्पित करते हुए ... उसकी लबो पे मुहर लगा दी 
उसने भी मेरा पुरे दिलसे स्वागत करने हुए ...उन मस्तिके पैमानोको पीना चालु रखा ,,,,,
इस बिच उसकी हाथ पूरी मस्ती के साथ मेरे उरोजो से खेल रहे थे .......
शायद वो मेरी जिंदगी का सबसे हसीन पल था ..
... ऐसा लग रहा था की की एक पल के लिए सब कुछ थम सा गया है.... 
और हम दोनों कई जन्मोसे ऐसे ही.... एक दुसरे को किस कर रहे है ....
बड़ी देर बाद रियाने किस तोड़ते हुए मेरी आँखों में झाँका ....
.... मैंने शर्मा कर नजरे नीची कर ली ....
रिया :"हाय रे मेरी प्यारी बन्नो.... " 
उसने मेरी आँखों को धीमे से चूमा ....
अब उसने मेरी टॉप को खोलना शुरू किया ..........


मुझे याद आया ... की सवेरे वाले एपिसोड के बाद ...मैंने कपडे नहीं बदले थे .......
मैंने रिया को बताया .......
" यार तुने इतनी तय्यारी की है .... इतनी सज सवर के आयी है .... और मैंने नहाना तो दूर .... कपडे भी नहीं बदले...."
रिया: "मेरी जान .... इतना दिल पे मत ले .... उल्टा मुझे तो ख़ुशी है की .
... आज मैं अपनी महक को उसके नेचरल रूप में ही पा लुंगी "
मैं: " लेकिन मैं नहाई भी नहीं .... तुने तो स्पेशल बाथ लिया है"
रिया:"मेरी जान फिर तो और मजा आएगा ...
... तेरा पसीना मेरी महक की महक को और भी जादा मदहोश कर देगा "
अबतक मेरी टॉप निकल चुकी थी ........
रियाने मेर समीज को भी निकाल दिया 
वो मेरे नग्न उरोजो को चूमने.... चाटने लगी 
उसने मेरी एक निप्पल को अपने मुह में लिया .... और अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द घुमाने लगी .......
इस हरकत से तो मैं पूरी तरह मदहोश हो गयी.... मैंने महसूस किया की मेरी योनी से कुछ जारने लगा था .
रियाने निप्पल को छोड़ कर मेरी दाए उरोज को अपने दातो से काट लिया ..
" अ ...अ ...आ..उ..च.......स्स स्स स्स ......स्स स्स स्स .......हाय ...."
मैंने शिकायत भरे आवाज से कहा
" मेरी जान लेगी क्या ..... इतना जोर से काटा ...."
रिया:जोरसे हँसते हुए " आज तो मैं अपनी महक रानी को कच्चा खा जाउंगी "
वो थोडा निचे झुकी ... और आपने जुबान से मेरी नाभि के इर्द गिर्द दायरे बनाने लगी ....... 
मैं उसके सर को दबाते हुए सिसक ने लगी ....
नाभि की चूमा चाटी करते हुए रियाने मेरे पजामी के नाड़े को एक हल्का सा झटका दिया ...

...... और मेरी पजामी भरभराकर मेरी पैरो में गिर पड़ी 

अब मैं सिर्फ पैंटी में खड़ी थी ....


रिया आँखे फाड़े मेरी नग्न शारीर को देखे जा रही थी ..
..जैसे वो आन्खोसेही मुझे पीना चाहती हो....
फिर उसने मुझे धकलते हुए बेड पर लिटाया .......
मैं शर्म से मरी जा रही थी ..... रियासे आँख मिलाने की की भी हिम्मत नहीं हो रही थी ....
रिया तो पूरी नंगी थी ...... वो वैसे ही मुझपे कूद पड़ी 
मैं तो पूरी तरह से उसके निचे दब गई ...... 
उसके होठ मेरे होटोपर थे ..... उसके मस्त स्तन मेरे छोटे स्तनों को दबा रहे थे ...... 
उसकी ताज़ी झड़ी चूत मेरे चूत पर थी ...... बस बिच में एक महीन सी पैंटी थी...
जैसे उसके शरीर का हर हिस्सा .... मेरी सारे शरीर से प्यार कर रहा था .
अब रिया मेरी कमर दोनों ओर पैर कर के बैठ गयी पर बैठ गयी 
वो मेरे स्तन इस तरह मसल रही थी जैसे आटा गुन्दते है . 
बिचमे ही वो झुक कर मेरी होटों 
... को चूमती और कभी मेरे निप्पल को ..
........ उसकी स्पीड बढती गयी ..... फिर तो उसने कहर ही कर दिया ...
....... उसने मेरे स्तनों को जोरोसे काटना शुरू किया ..... 
उसके दात मेरे फूलो से कोमल स्तनोमें लाल लाल निशान बनाते जा रहे थे ......
"उफ्फ........ हा .....य......स्स.....स्स स्स स्स ......अ.आ....उ...च..."
मैंने याचनाभरि नजरोसे रिया की तरफ देखा .......
लेकिन वो बड़ी कुटिलता से मुस्कुराई और बोली ......
" आज रात के लिए तू पूरी तरह से मेरी है ..... इतना दर्द तो तुझे सहनाही पड़ेगा .... मेरी बन्नो "
मैं चुप हो गयी ....... वैसे मुझे भी मजा आ रहा था ..... दर्द में भी मजा होता है ..... ये मैंने उसी दिन जाना  Heart





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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: महक का जादू(सौंदर्या दीदी) - by neerathemall - 07-05-2019, 03:16 PM



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