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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
बंटी उसके करीब आया और बोला "अच्छे से देखने तो दो मेरी साली। अपने यौवन से हाथ तो हटाओ मेरी जान।" बोलते हुए बंटी ने पूनम के हाथों को नीचे कर दिया और पूनम भी हाथ को ढीला करते हुए नीचे हो जाने दी। बंटी गौर से उन चुचियों को देख रहा था जिसे वो रसमलाई की तरह खा जाना चाहता था। पूनम शर्मा गयी और नीचे देख रही थी। खुली हवा में नंगा बदन, वो भी एक लड़के के सामने, पूनम की निप्पल पूरी टाइट होकर तन गयी थी, उसकी चुत गीली हो गयी थी। वो चुदने वाली थी। एक अनजान लड़के से।

"उफ़्फ़...क्या माल हो मेरी जान तुम" बोलता हुआ बंटी अपनी हथेली को पूनम की एक गोलाई पर रखा और जोर से मसला। पूनम के मुँह से सिसकारी निकल पड़ी। बंटी ने उसे खुद से चिपका लिया और एक हाथ से उसकी पीठ और एक हाथ से चुच्ची सहलाने लगा। पूनम का बदन पिघलने लगा। इससे पहले भी गुड्डू ने उसके बदन को छुआ था, लेकिन अभी पूनम को पता था कि वो आज चुदेगी। बंटी का हाथ फिसलता हुआ लहँगा के अंदर जा रहा था और वो झुक कर पूनम के गर्दन को चूम रहा था और निप्पल को मुँह में भरकर चूस रहा था।

पूनम अपने हल्के हाथों से बंटी के हाथों को रोकती हुई बोली "आह बंटी.... ये क्या कर रहे हो। तुम तो बोले थे बस देखोगे...., अब जाने दो मुझे।" उसे लगा था कि 'ऐसा बोलने से बंटी को ये नहीं लगेगा कि वो चुदवाने के लिए तैयार है, उसे लगेगा कि मैं ये सब नहीं चाहती। लेकिन अब वो बिना चोदे रुकने वाला नहीं।' बंटी अचानक से पूनम के बदन को सहलाता हुआ रुक गया और उससे अलग हो गया। पूनम शॉक्ड हो गयी की ये क्या हो रहा है और बंटी अब क्या कराने वाला है उससे।

बंटी थोड़ा पीछे हो गया और बोला "ठीक है, तुम्हे जाना है तो जा सकती हो। बस अपनी पैंटी मुझे देती जाओ। ज्योति की भी पैंटी मेरे ही पास है। बस, तुम चली जाओ।" बंटी अपनी जेब से ज्योति की पैंटी निकालकर पूनम को दिखाता हुआ बोला। पूनम को पता था कि बंटी का वीर्य ज्योति की चुत से उस वक़्त भी बह रहा था जब ज्योति जयमाला कर रही थी। पूनम को समझ नहीं आया की अब वो क्या करे। उसे बंटी पे चिड़चिड़ाहट हो रही थी। 'चोदना है तो चोद ले जल्दी। इतनी नौटंकी क्यों कर रहा है। कोई आ जायेगा या देख लेगा बस। नीचे लोग भी ढूंढने लगे होंगे मुझे।'

पूनम को खड़ी देख बंटी फिर बोला "क्या सोच रही हो? दो अपनी पैंटी। ब्रा तो तुम पहनी नहीं थी, चोली रख नहीं सकता। पैंटी ही रखूँगा तुम्हारी याद में।" पूनम देर नहीं की और अपने लहँगे को ऊपर की और हाथ अंदर डालते हुए अपनी पैंटी को उतारने लगी। पूनम पैंटी नीचे की और फिर पैर से निकाल दी। अब वो बस लहँगे में थी। बंटी नीचे बैठकर पैंटी को उठा लिया और सूँघते हुए बोला "मम्मम... जवानी की ख़ुशबू...." पूनम शर्मा गयी। बंटी खड़ा हो गया और पूनम को गोद में उठा लिया और बगल में बिछे गद्दे पे लिटा दिया। पूनम कोई विरोध नहीं की।

पूनम गद्दे पे सीधी लेटी हुई थी और बंटी उसके ऊपर झुक कर उसकी चुच्ची को चूसने लगा और दूसरे चुच्ची को मसलने लगा। पूनम के मुँह से फिर से सिसकारी निकलने लगी। बंटी का हाथ पूनम के नंगे बदन पे रेंग रहा था और वो लहँगे को ऊपर उठाता जा रहा था। पूनम अब उसे मना करने के मूड में नहीं थी। कुछ ही पल में बंटी का हाथ पूनम की चिकनी जाँघों पर था लहँगा और ऊपर उठ चुका था। पूनम की चिकनी चुत उस कम रौशनी में भी चमक रही थी।

बंटी का हाथ पूनम की चुत के ऊपर आया और अगले ही पल चुत की दरारों में बंटी की उँगलियाँ गीली हो रही थी। "आह" करती हुई पूनम के पैर अपने आप फ़ैल गए। बंटी ने ऊँगली को चुत के अंदर डाल दिया और उसे तुरंत एहसास हो गया कि कमसिन चुत अंदर से कितनी गर्म है। बंटी तुरंत पूनम की टाँगों के बीच में आ गया और उस कमसिन जवान चुत का रसपान करने लगा। बंटी ने पूनम के पैरों को फैलाया तो पूनम खुद ही अपने पैर को और फैला दी। बंटी अपने हाथों से पूनम की चुत को फैलाकर उसे पुरे मुँह में भरता हुआ चूस रहा था। जीभ की नोक चुत के मुहाने पर रगड़ रहा था वो। पूनम का बदन ऐंठ रहा था। वो बंटी के सर को अपनी चुत पर दबा रही थी। पूनम की चुत अब रस छोड़ने वाली थी की बंटी ने मुँह हटा लिया। पूनम तड़प कर रह गयी।

बंटी अपने कपड़े उतारने लगा। पूनम ऑंखें बंद किये उसी तरह लेटी रही। बंटी पूरा नंगा हो गया और पूनम के बगल में लेटते हुए उसके होठ चूसने लगा और पूनम के हाथ में अपना लण्ड पकड़ा दिया। लण्ड पकड़ते ही पूनम पूरा होश खो बैठी। बहुत दिन बाद कोई लण्ड उसके हाथ में था। वो लण्ड जो अभी उसकी चुत में जाने वाला था। वो लण्ड जिससे वो अपनी बहन को चुदते देख चुकी थी। पूनम लण्ड सहलाने दबाने लगी। जितना बड़ा और मोटा वो सोची थी, उससे ज्यादा ही लग रहा था उसे। बंटी पूनम के होठ को छोड़ा और बोला "चूस न।"

पूनम उठ कर बैठ गयी और बिना किसी नॉटंकी के लण्ड चूसने लगी। वो पहले अच्छे से देखी की बंटी का लण्ड कैसा है। गुड्डू के लण्ड की ही तरह मोटा, लम्बा, सामने से चिकना और पूरा काला। वो लण्ड पर किस की और मुँह में भरकर उसे चूसने लगी। उसे लण्ड चूसने आता था। गुड्डू ने उसे ट्रेंड कर दिया था। बंटी सीधा लेटा हुआ था और पूनम उसके लण्ड को पूरा मुँह में भरकर चूस रही थी। बंटी उसके सर को अपने लण्ड पर दबा रहा था। एक नए मुँह में उसका लण्ड गया था और कुछ ही देर में एक नयी कमसिन चुत में जाने वाला था।

बंटी खड़ा हो गया और पूनम को बोला "तू नंगी नहीं होगी क्या?" पूनम बैठे बैठे ही अपने लहँगे को उतार दी और पूरी नंगी ही गयी। बंटी ने पूनम को सीधा लिटा दिया और उसके पैर के बीच में बैठ गया। पूनम की ऑंखें बंद हो गयी। वो चुदने वाली थी। उसकी चुत में फाइनली एक मोटा लण्ड जाने वाला था। अगर उसे पता होता की वो यहाँ शादी में बंटी से चुदेगी तो वो गुड्डू से चुदवाने में इतना देर नहीं करती, इतना सोच विचार नहीं करती। वो तो शरीफ बनी रहना चाहती थी, लेकिन रह नहीं पा रही थी। पहले अमित से चुदी और अब बंटी से चुदने वाली है। और जब चुदवाना ही है तो फिर इतनी देर क्यों करना।

बंटी अपने लण्ड को पूनम की चुत से सटा दिया और छेद पर रखकर लण्ड से चुत सहलाने लगा। पूनम अपनी टाँगों को और फैला दी और लण्ड को अंदर लेने के लिए ऐसे तैयार हो गयी जैसे कोई आदमी इंजेक्शन लेने के लिए तैयार होता है। उसे पता होता है कि दर्द करेगा ही, लेकिन लेना जरूरी है। पूनम को भी पता था कि जब अमित का लण्ड इतना दर्द किया था तो ये तो उससे बहुत मोटा और बड़ा है। पूनम भी बंटी के लण्ड का इंजेक्शन अपनी चुत में लेने के लिए तैयार हो गयी।

बंटी लण्ड को निशाना पर लगाकर पूनम के ऊपर लेट गया और ताकत लगाया। पूनम की गीली चुत में बंटी का मोटा मूसल लण्ड सरकने लगा। पूनम दर्द से सिहर उठी। बंटी ने उसे जोर से दबाया हुआ था तो वो हट नहीं पाई। बंटी थोड़ा और जोर लगाया और उसका लण्ड एक नयी चुत के अंदर था। पूनम अपने पैरों को और फैला ली थी और लण्ड सरसराता हुआ चुत में उतरने लगा।

अब बंटी ठीक से पूनम के ऊपर हो गया और जोर का धक्का लगाने लगा। "आह" पूनम को मज़ा आने लगा था। लण्ड चुत की गहराई में ठोकर मार रहा था। पूनम बंटी को पकड़ ली और उसकी कमर को अपने चुत पे दबाने लगी और उसके पीठ को सहलाने लगी। बंटी पूनम के होठ को चूसता हुआ दोनों चुच्ची को पकड़ कर मसल रहा था और पूरे स्पीड में धक्का लगाता हुआ अपनी नयी माल को चोद रहा था। दोनो को पूरा मज़ा आ रहा था। बंटी को मज़ा आ रहा था कि वो पूनम की टाइट कसी हुई चुत को चोद रहा था और पूनम को मज़ा आ रहा था कि वो बंटी के मोटे लंबे लण्ड से चुद रही थी।

बंटी लण्ड को चुत में पूरा अंदर किया और इसी तरह पूनम को पकड़ कर घूम गया। अब वो नीचे था और पूनम उसके ऊपर। पूनम को बहुत मज़ा आया इस तरह। पूनम उसके लण्ड पर अपनी चुत रगड़ने लगी और बंटी पूनम की गांड को पकड़ कर अपने लण्ड पर ऊपर नीचे करने लगा। पूनम की चुच्ची बंटी के सीने पे रगड़ाती रही। कुछ ही देर में पूनम की चुत ने रस छोड़ दिया और पूनम तेज साँसे लेती हुई बंटी के ऊपर लेट रही। बंटी मुस्कुरा उठा और पूछा "पानी छोड़ दी क्या?" पूनम कोई जवाब नहीं दी, उसी तरह लेटी रही। उसे बहुत मज़ा आया था। इतनी बार खुद से चुत से पानी निकालने के बाद आज वो चुदवाते हुए पानी छोड़ी थी।

बंटी पूनम के नीचे से हट गया। पूनम अभी भी पेट के बल ही लेटी हुई थी। उसकी चुत से रस टपक रहा था। बंटी पूनम की टाँगों के बीच आ गया और अपने लण्ड को चुत के छेद पर सटाने लगा। लेकिन उस तरह लण्ड अंदर जाना मुश्किल था। उसने पूनम की कमर पकड़ कर ऊपर उठाया और अब पूनम कुतिया बनी हुई थी। बंटी ने अपने लण्ड को अब अच्छे से चुत पर सटाया और पूनम की कमर को पकड़ कर धक्का लगाया।

पिछे से लण्ड अंदर जाते ही लण्ड चुत के ऊपरी हिस्से में टकराया और पूनम दर्द से सिहर उठी और आगे की तरफ छिटकी। लेकिन बंटी मंजा हुआ अनुभवी चुदक्कड़ था। उसने पूनम की कमर को अच्छे से कस के पकड़ा हुआ था और पूनम आगे हुई तो वो भी आगे होता हुआ लण्ड को अंदर उतार दिया। उसने फिर से पूनम को सीधा किया और फिर से धक्का मारा। लण्ड अब पूरा अंदर उतर गया और अब बंटी पीछे से पूनम की चुदाई कर रहा था। दर्द की वजह से पूनम अपने सर को गद्दे पर रखकर दर्द बर्दाश्त कर रही थी।

बंटी अब अच्छे से धक्का लगा रहा था। उसने पूनम के बालों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचता हुआ पूनम के सर को उठा दिया और फिर से चोदने लगा। पूनम का भी दर्द कम हो गया था तो वो भी मज़े लेने लगी। पूनम अपनी चुचियों को देखी और उसे ज्योति की हिलती हुई चुचियों की याद आ गयी की अभी कुछ घंटे पहले यही लड़का इसी तरह ज्योति को चोद रहा था और अब वो खुद चुद रही थी। बंटी पुरे ताकत से धक्का लगा रहा था और लण्ड पूरा अंदर जा रहा था चुत में। हर धक्के के साथ पूनम आगे पीछे हो रही थी और उसकी चुच्ची भी पूरा झूलते हुए आगे पीछे हो रही थी।

बंटी ने लण्ड बाहर निकाल लिया और पूनम के बालों को खींचता हुआ ही बोला "उठ, खड़ी हो जा।" पूनम बाल खींचे जाने के दर्द से "आहः" करती हुई खड़ी हो गयी। उसकी चुत और जाँघों पर चुदाई का रस लगा हुआ था। बंटी पूनम को छत पर बने दीवाल पर झुका दिया और उसके पीछे आकर फिर से उसकी चुत में लण्ड डाल दिया। लण्ड अभी तुरंत अंदर घुस गया और फिर से पूनम चुद रही थी।

पूनम को सामने का नज़ारा दिख रहा था। सामने की बिल्डिंग में उसकी बहन की शादी हो रही थी जो अभी कुछ देर पहले इसी लण्ड से चुदी थी। वहीँ पे पूनम के मम्मी पापा और बाँकी रिश्तेदार मौजूद होंगे। बंटी पीछे से धक्का लगाता जा रहा था और पूनम हर धक्के के साथ आगे पीछे हो रही थी। पूनम की चूचियाँ छत की दीवाल पर टकराते हुए रगड़ा रही थी। बंटी अच्छे से कमर को पकड़े हुए था और पूनम की भरपूर चुदाई हो रही थी।

बंटी ने लण्ड निकाल लिया और पूनम को सामने घुमा कर चूसने बोला। पूनम नीचे बैठ गयी और बंटी के लण्ड को मुँह में भरकर चूसने लगी। लण्ड पूरा गीला था पूनम की चुत के रस से। पूनम चुदाई की खुशबू लेती हुई बंटी के लण्ड को चूस रही थी। बंटी उसके मुँह को अपने लण्ड पर दबा लिया और पूनम के मुँह के अंदर ही उसका लण्ड झटके मारने लगा। गरमा गरम वीर्य पूनम के गले में उतरने लगा। पूनम को अब वीर्य पीने का अनुभव था। वो भी झट से वीर्य को निगलने लगी। बहुत सारा वीर्य पूनम निगल गयी और बहुत सारा उसके चेहरे पर गिर पड़ा।

आखिरी बून्द वीर्य टपका कर बंटी गद्दे पर लेट गया और पूनम भी गद्दे पर गिर गयी। उसकी जान ही निकल गयी थी। इतनी लम्बी और दमदार चुदाई ने उसके जिस्म से जान निकाल दिया था। आखिर पूनम फिर से चुद ही गयी थी। जिस चुदाई से बचने के लिए वो गुड्डू से दूर रहने की कोशिश की थी, बंटी ने तीन दिन में उसे चोद लिया था। थोड़ी देर में बंटी उठ पड़ा। पूनम का उठने का मन तो नहीं था, लेकिन उसे भी उठना पड़ा। बंटी अपने कपड़े पहनने लगा था। पूनम भी अपने कपड़े पहनने के लिए उठी। उसके सारे कपड़े छत पर अलग अलग जगहों पर थे। वो सबसे पहले अपने लहँगे को पहन ली जो उसके बगल में ही था। फिर वो नंगी ही उठी और चलती हुई पैंटी तक आयी पैंटी और उठाने लगी तो उससे पहले बंटी पैंटी को उठाकर अपनी जेब में रख लिया। बोला "इसे मेरे पास रहने दो। एक ही रात में दोनों बहनों की चुदाई की है मैंने, दोनों की पैंटियों को भी एक साथ ही रहने दो।

पूनम भी बहस या ज़िद नहीं की। वो उसी तरह नंगी चुचियों के साथ छत के कोने तक गयी और अपनी चोली को उठा कर पहनी और चोली की डोरी को बंटी से ही बंधवाई। उसी ने खोला था और चोदने के बाद बाँधा भी उसी ने। दोनों नीचे आ गए और पूनम चुपचाप ज्योति की बगल में जाकर बैठ गयी। ज्योति धीरे से पूछी "कहाँ थी?" तो पूनम शरमाते हुए मुस्कुरा दी। ज्योति को तभी सामने से बंटी भी आता दिखा। ज्योति धीरे से बोली "तू बंटी के साथ थी?" पूनम शरमाते हुए मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलायी। ज्योति अपनी आँखों को बड़ी करते हुए आश्चर्य से इशारे से ही पूछी "हाँ?" पूनम उसी तरह शरमाते हुए हाँ में सर हिलायी। ज्योति उसे अपनी कोहनी से मारी और दोनों बहनें मुस्कुरा दी। बंटी भी दोनों को देखकर मुस्कुरा रहा था।
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 06-05-2019, 10:10 PM



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