06-05-2019, 11:11 AM
चाट पार्टी
जैसे मैं फ्रेश होकर निकली , गुड्डो आ गयी ,...
थोड़ा उसने मुझे तैयार होने में मदद की , मैंने एक टाइट कोर्सेट पहन रखी थी , खूब डीप , मेरे उभार कस कस के बाहर छलक रहे थे , पर उसे पीछे से कस के बांधता कौन , ...
घर पे तो मेरी बहनें थी , मम्मी थी ,... लेकिन यहाँ गुड्डो थी , वही हाईकॉलेज वाली।
और मैं भी उसे खूब उकसा रही थी ,
उस का भी मैंने खूब हॉट हॉट मेकअप किया , ... उकसाया , दुपट्टा एकदम गले तक ,...
साढ़े छह बजे तक मेरी दो ननदें भी , बाहर चाट पार्टी शुरू हो गयी थी ,...
……………………….
बाहर निकल के मैंने सबसे पहले अपनी सास का पैर छुआ ...
और डांट भी पड़ी मुस्कान के साथ ,...
अपने हाथ से मेरा घूंघट उन्होंने उठा के , सर के भी थोड़ा सा ,...
अरे बहुत पर्दा हो गया , तुम सबसे मिल तो चुकी हो , तेरी ननदें , देवर , नन्दोई है , ... जेठानी हैं , किससे पर्दा ,... ज़रा मिलो जुलो , ... और अपनी ननदों की नन्दोई की बात का जवाब खुल के दो , उन्हें लगे तो सही मेरी बहू कितनी ,...
और एक बार मुझे सास से ग्रीन सिंग्नल मिल गया , तो फिर ,..
नन्दोई जी एकदम मेरे पीछे पड़े थे ,... मैंने बताया था न कैसे उन्हें मैंने गुड्डो से सेट कराया ,... उसके बाद मैं उन्हें छोड़कर अपने देवरों की और बेचारे सुबह से ललचा रहे थे।
ससुराल का मज़ा , देवर ,ननद और नन्दोई का है।
नन्दोई से तो मैं अब एकदम खुल गयी थी , आज दिन में ननदों के साथ भी कमरे में, देवर ज्यादा नहीं चार पांच ही थे , एक दो आलमोस्ट मेरी उम्र के बाकी छोटे ,हाईकॉलेज , ग्यारहवीं वाले ,... कुछ तो बहुत शर्मीले ,
सिर्फ एक अनुज , एकदम खुल के बात कर रहा था ,...
मुझे याद आया इसी के बारे में तो गुड्डो ने बताया था की उससे लसने की बहुत कोशिश कर रहा था , ... और लग भी मुझे थोड़ा चालू लग रहा था , ...
थोड़ी देर में बाकी देवर किसी किसी काम से , लेकिन वो अनुज लसा रहा , ... मैंने उससे साफ़ साफ़ पूछ लिया
" कोई गर्ल फ्रेंड वेंड बनायी है या अभी ऐसे ही , ... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
" कहाँ भाभी ,... "
बुरा सा मुंह बनाया उसने।
" कोई हो तो बताओ , मैं हेल्प करा दूँ तुम्हारी , ....इस सब काम में भाभी ही हेल्प करती है ,... "
मैंने उसे और उकसाया ,
उसकी निगाहें बार बार गुड्डो की ओर जा रही थी , और आज वो लग भी हॉट रही थी , जिस तरह मैंने उसकी चुन्नी गले से एकदम चिपका कर सेट कराई थी ,
कच्चे टिकोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे , लिपस्टिक भी खूब डार्क रेड , ..
उसके गोरे रंग पर , काजल भी बड़ी बड़ी आँखों में खूब तीखा ,
और गुड्डो नन्दोई जी के साथ ,...
" वो कैसी लग रही है , चलेगी। "
मैंने अनुज से गुड्डो की ओर इशारा कर के पूछा।
" चलेगी , नहीं भाभी दौड़ेगी ,... " हंस के अनुज बोला , लेकिन फिर उसने जोड़ दिया ,
" लेकिन , भाभी वो भाव नहीं देती ,... "
" अरे देवर जी सिर्फ भाव नहीं वो सब कुछ देगी , अब तुम्हारी भाभी तेरे साथ है , ... लेकिन मेरी नाक मत कटाना ऐन मौके पर ,... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
तब तक मिली दिख गयी मेरी ननद , नन्दोई जी की फेवरिट साली ,... मैंने उसे अपने पास बुलाया ,
" यार ये गुड्डो बड़ी देर से तेरे जीजू को बोर कर रही है , ज़रा जा के अपने जीजू के पास ,... और गुड्डो को बोल देना मैंने बुलाया है। "
कुछ देर में एक्सचेंज प्रोग्राम हो गया , गुड्डो इधर और अब नन्दोई जी का एक हाथ अपनी साली , मिली के कंधे पर और दूसरा पिछवाड़े ,...
गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,
जैसे मैं फ्रेश होकर निकली , गुड्डो आ गयी ,...
थोड़ा उसने मुझे तैयार होने में मदद की , मैंने एक टाइट कोर्सेट पहन रखी थी , खूब डीप , मेरे उभार कस कस के बाहर छलक रहे थे , पर उसे पीछे से कस के बांधता कौन , ...
घर पे तो मेरी बहनें थी , मम्मी थी ,... लेकिन यहाँ गुड्डो थी , वही हाईकॉलेज वाली।
और मैं भी उसे खूब उकसा रही थी ,
उस का भी मैंने खूब हॉट हॉट मेकअप किया , ... उकसाया , दुपट्टा एकदम गले तक ,...
साढ़े छह बजे तक मेरी दो ननदें भी , बाहर चाट पार्टी शुरू हो गयी थी ,...
……………………….
बाहर निकल के मैंने सबसे पहले अपनी सास का पैर छुआ ...
और डांट भी पड़ी मुस्कान के साथ ,...
अपने हाथ से मेरा घूंघट उन्होंने उठा के , सर के भी थोड़ा सा ,...
अरे बहुत पर्दा हो गया , तुम सबसे मिल तो चुकी हो , तेरी ननदें , देवर , नन्दोई है , ... जेठानी हैं , किससे पर्दा ,... ज़रा मिलो जुलो , ... और अपनी ननदों की नन्दोई की बात का जवाब खुल के दो , उन्हें लगे तो सही मेरी बहू कितनी ,...
और एक बार मुझे सास से ग्रीन सिंग्नल मिल गया , तो फिर ,..
नन्दोई जी एकदम मेरे पीछे पड़े थे ,... मैंने बताया था न कैसे उन्हें मैंने गुड्डो से सेट कराया ,... उसके बाद मैं उन्हें छोड़कर अपने देवरों की और बेचारे सुबह से ललचा रहे थे।
ससुराल का मज़ा , देवर ,ननद और नन्दोई का है।
नन्दोई से तो मैं अब एकदम खुल गयी थी , आज दिन में ननदों के साथ भी कमरे में, देवर ज्यादा नहीं चार पांच ही थे , एक दो आलमोस्ट मेरी उम्र के बाकी छोटे ,हाईकॉलेज , ग्यारहवीं वाले ,... कुछ तो बहुत शर्मीले ,
सिर्फ एक अनुज , एकदम खुल के बात कर रहा था ,...
मुझे याद आया इसी के बारे में तो गुड्डो ने बताया था की उससे लसने की बहुत कोशिश कर रहा था , ... और लग भी मुझे थोड़ा चालू लग रहा था , ...
थोड़ी देर में बाकी देवर किसी किसी काम से , लेकिन वो अनुज लसा रहा , ... मैंने उससे साफ़ साफ़ पूछ लिया
" कोई गर्ल फ्रेंड वेंड बनायी है या अभी ऐसे ही , ... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
" कहाँ भाभी ,... "
बुरा सा मुंह बनाया उसने।
" कोई हो तो बताओ , मैं हेल्प करा दूँ तुम्हारी , ....इस सब काम में भाभी ही हेल्प करती है ,... "
मैंने उसे और उकसाया ,
उसकी निगाहें बार बार गुड्डो की ओर जा रही थी , और आज वो लग भी हॉट रही थी , जिस तरह मैंने उसकी चुन्नी गले से एकदम चिपका कर सेट कराई थी ,
कच्चे टिकोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे , लिपस्टिक भी खूब डार्क रेड , ..
उसके गोरे रंग पर , काजल भी बड़ी बड़ी आँखों में खूब तीखा ,
और गुड्डो नन्दोई जी के साथ ,...
" वो कैसी लग रही है , चलेगी। "
मैंने अनुज से गुड्डो की ओर इशारा कर के पूछा।
" चलेगी , नहीं भाभी दौड़ेगी ,... " हंस के अनुज बोला , लेकिन फिर उसने जोड़ दिया ,
" लेकिन , भाभी वो भाव नहीं देती ,... "
" अरे देवर जी सिर्फ भाव नहीं वो सब कुछ देगी , अब तुम्हारी भाभी तेरे साथ है , ... लेकिन मेरी नाक मत कटाना ऐन मौके पर ,... "
मैंने उसे चिढ़ाया।
तब तक मिली दिख गयी मेरी ननद , नन्दोई जी की फेवरिट साली ,... मैंने उसे अपने पास बुलाया ,
" यार ये गुड्डो बड़ी देर से तेरे जीजू को बोर कर रही है , ज़रा जा के अपने जीजू के पास ,... और गुड्डो को बोल देना मैंने बुलाया है। "
कुछ देर में एक्सचेंज प्रोग्राम हो गया , गुड्डो इधर और अब नन्दोई जी का एक हाथ अपनी साली , मिली के कंधे पर और दूसरा पिछवाड़े ,...
गुड्डो अनुज के देख कर जोर से मुस्करायी , सुबह दुलारी की हरकतें , फिर मेरी शिक्षा अब वो भी बोल्ड हो गयी थी ,