19-11-2018, 04:24 PM
शालिनी ने पीछे कमरे से मुझे आवाज दी तो मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने कहा भाई मैं अपने कपड़ो की फिटिंग चेक कर रही हूं, आप भी अपनी जींस चेक कर लीजिए, बट मैंने कहा मैं सुबह चेक कर लूंगा, तुम ट्राई कर लो.... मैं हसीन नजारे को देखने की तमन्ना लिए लेटकर टीवी देखता रहा.....
थोड़ी देर में शालिनी ग्रीन कलर की टीशर्ट और डार्क ब्राउन कलर की जींस पैंट पहने मेरे सामने खड़ी थी। वह बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। उसके बाल पूरे खुले हुये थे।
शालिनी - भाईजी, ये पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज २८ देख के लिया था। लेकिन ये यहाँ मेरी थाईज पे बहुत टाइट है।
मै - (टाइट पैंट में शालिनी की जांघें कसी-कसी थी और उसकी चूत का उभार भी साफ़ नज़र आ रहा था) हाँ , ये थोड़ी तो टाइट है। लेकिन इसमें तुम अच्छी दिख रही हो ।
(मैंने मुस्कराते हुए कहा और उठकर बैठ गया)
शालिनी -भाई,वो .... वो... मैंने ये पैंट बिना पैन्टी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है, तो पैन्टी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी।
(बिना पैन्टी के ?? शालिनी कीे बात सुनते हीे मैंने अपनी नज़र उसकी बुर वाले हिस्से पे गड़ा ली। ओह ....... शालिनी की बुर मुझसे बस कुछ इंच की दूरी पर थी । मेरा लंड खड़ा होने लगा)
शालिनी - (थोड़ा उदास होते हुये) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।
मै - कोई बात नहीं मेरी स्वीट बहना, ये अभी हल्का सा ढीली होयेगी पहनने पर, इसका फैब्रिक ऐसा ही है और नहीं तो दूसरी ले लेंगे। तुम बाकी के कपड़े भी ट्राई कर के देख लो,,,, ब्रा और पैन्टी भी ... कहीं वो भी तो छोटी नहीं है ?
मैंने मौका देख कर चौका मारा....
शालिनी - ठीक है भाई जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपड़े भी ट्राई करती हूँ।
मै बेड पे बैठ गया, और शालिनी पीछे मुड़ कर कमरे में जाकर कपड़े उतारने लगी । आज के पहले वो हमेशा दरवाजा ढलका करके कपड़े बदलती थी और मैंने कभी उसे चोरी से देखा भी नहीं था, कपड़े बदलते हुए, मैं हल्का सा बेड से उतर कर पीछे कमरे की तरफ देखा तो खुले दरवाजे से उसकी नंगी गोरी चिकनी पीठ मेरे सामने थी ।
शालिनी शापिंग बैग से उसकी रेड ब्रा निकाल के पहन रही थी, शालिनी अपने हाथ पीछे करके ब्रा का हुक लगा रही थी, उसकी गोरी पीठ पर लाल ब्रा की सिर्फ एक पट्टी,,,,
मैं सोचने लगा की शालिनी के सामने से बूब्स अभी कैसे दिख रहे होंगे। मैं दिवार के तरफ पिलो लगा कर बैठ गया और वहां से शालिनी को ऐसे अधनंगा देख मेरा लंड रगड़ने का मन करने लगा और मैं अपना हाथ बरमूडे में डालकर लंड को मसलने लगा।
शालिनी ने बिना मेरी तरफ मुड़े अपनी ब्रा पहन ली,मेरा एक हाथ अभी भी लंड को मसल रहा था। शालिनी ने एक टॉवल लपेटकर अपनी पैेंट उतार कर बेड पे फेंक दी और पैर उठा के पेंटी पहनने लगी। मैं तेजी से मुठ मार रहा था। उसने पैेंटी और ब्रा पहनने के बाद टॉवल को नीचे गिरा दिया और मेरी तरफ मुड़ गई।
मेरी तो जैसे साँस ही अटक गई।। मेरी जवान बहन अपने भरे-भरे बदन को सिर्फ एक रेड कलर के ब्रा और पैन्टी में ढके मेरे सामने कुछ दूर खड़ी थी, शालिनी ने कई बार अपनी बाडी को इधर उधर करके अपने आप को एडजस्ट कर रही थी और फिर वो मेरी तरफ बढ़ी..... सिर्फ लाल पोल्का डॉट्स ब्रा और लाल रंग की पैंटी में.... क़यामत लग रही थी वो .....
मैने अपना हाथ स्लो कर दिया ताकि शालिनी को पता न चले के मैं मुठ मार रहा हूं।
शालिनी - (मेरे एकदम करीब आकर)कैसी लग रही हूँ भाईजी, इसकी फिटिंग तो ठीक है।
मैं - (मेरी साँसे तेज़ थी) बहुत अच्छी लग रही हो बहना,,,,, लाल कलर के ब्रा पैन्टी में बहुत गोरी लग रही हो.... और और.... सेक्सी भी... मैंने एक झटके में बोल दिया ।
शालिनी - (हँसते हुवे ) सच्ची भाई, ,,, मुझे भी इसका कलर बहुत पसंद है।
मेरे सामने ही अपने ब्रा को छूते हुये बोली....
शालिनी - भाई जी, इस ब्रा की क्वालिटी कितनी अच्छी है ना ? वैसे भी ये आपकी पसंद की हुई है ।
मै- (मैं हिम्मत करके शालिनी के पास आया और अपने हाथ उसके काँधे के पास ब्रा को हल्का सा छूते हुए बोला-- हाँ इसका फैब्रिक तो बहुत अच्छा है और फिटिंग भी,,,,
मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे किया और साइड से शालिनी कीे ब्रा के थोड़ा सा अंदर हाथ ड़ालते हुये ब्रा के कपड़े को छूने लगा। मेरी उंगलियों ने शालिनी की जानकारी में पहली बार उसकी नंगी बूब्स को महसूस किया था ।
मैंने हाथ को जल्दी से वहां से हटा लिया क्योंकि मैं शालिनी को शक में नहीं आने देना चाह रहा था , इस सब के दौरान मेरा लन्ड इस तरह खड़ा था कि मैं अगर शालिनी को सट जाता तो पक्का वो मेरे औजार को महसूस कर लेती,,,,
मुझे लगा कि आज मेरी लाटरी लग रही है पहली बार मैने शालिनी को छुआ और वो भी सीधे उसके अपर ब्रेस्ट को,,,,,
शालिनी फिर से अपनी मदमाती गांड़ को लहराते हुए कमरे में जाकर दूसरी जींस टी-शर्ट पहनकर बाहर आई....
मेरा लौड़ा बदस्तूर खड़ा था और मैं उसे छुपाने के बजाय अब और दिखाना चाहता था कि देख मेरी सेक्सी बहना, तुझे देखकर कैसे तेरे भाई का लन्ड बेकाबू हो रहा है ।
शालिनी ने मुझसे पूछा- ये कैसी है ?
मैं- बहुत ही शानदार, इस जींस की फिटिंग तो तुम्हारी थाईज पर भी ठीक आ रही है..... और ये कहकर मैंने उसकी गुदाज और मांसल दाहिनी जांघ को छू लिया, जैसे मैं उसका फैब्रिक देख रहा होऊं ।
शालिनी- थैंक गॉड.... ये फिट है... ... थैंक यू ब्रदर फार शापिंग... यू आर ग्रेट और ये कहकर वो पीछे कमरे में चली गई।
मुझे लगा कि वो और ब्रा पैंटी पहन कर आने वाली है पर उसने अंदर जाकर कपड़े उतारने के बाद समीज और निक्कर पहनी फिर मेरे सामने से निकलते हुए वो सीधे बाथरूम में घुस गई ।
मैंने अपने दिल को समझाया कि बेटा.... कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है... और थोड़ा थोड़ा ही मीठा खाओ, नहीं तो डायबिटीज होने का खतरा रहता है.... मतलब आज ही सारा मजा लेने के चक्कर में कहीं काम ना बिगड़ जाए ।
खैर, रात काफी हो चुकी थी अब तक मेरा लन्ड भी कुछ शांत हो गया था कि शालिनी आकर बेड पर बैठ गई ।
मैं भी उठकर बाथरूम में आया और हस्तमैथुन करने के लिए लन्ड हाथ में लिया, फिर कुछ सोचकर बिना मुठ मारे मैं टायलेट करके शालिनी के बगल में लेट गया और हमने एक दूसरे को गुडनाईट बोला ....
कुछ देर बाद मैंने शालिनी को आवाज दी ... शालिनी..... शालिनी
वो भी अभी जाग रही थी और मेरी तरफ देख कर बोली - जी...
मैं- एक बात पूछूं ?
शालिनी- एक क्या .... कितनी भी पूछिए।
मैं- वो तुम्हे ब्रा के कप साइज और पैड वाली ब्रा, इस सबके बारे में कैसे पता चला ।
शालिनी- सिंपल भाई जी, गूगल बाबा से आप कुछ भी पूछो , उनके पास हर चीज का जवाब है,,,, वो ब्रा के बारे में भी मैंने गूगल से ही डिटेल जाना ।
मैं- ओहो... और क्या क्या सीक्रेट जाने हैं गूगल से ।
शालिनी- और क्या,,,, मतलब मैंने ब्रा डिजाइन सर्च किए फिर सारी डिटेल्स मिल गई ।
मैं- अच्छा,,,, और बाकी कपड़े भी कर ट्राई कर लेना...
शालिनी- जी, और ये कहकर उसने करवट ली और अब हमारे चेहरे आमने-सामने थे कुछ इंच की दूरी पर, फिर उसने आंखें बंद कर ली और मैं समीज के गले से बाहर निकल आई उसकी चूचियों को देखता रहा, उसकी सांसों की महक सीधे मेरी सांसों में समा रही थी....
कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई और आज की रात मैं उसके शरीर से बिना खेले ही सो गया ।
सुबह मैं जब जगा तो शालिनी सो रही थी, मैंने देखा कि उसकी समीज थोड़ा ऊपर हो गई थी जिससे नीचे की तरफ से उसकी दाहिनी चूंची दिख रही थी मैंने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और धीरे से अपना हाथ उसके मखमली पेट पर रख कर ऊंगली थोड़ा सा उसकी चूचियों तक पहुंचाकर सोने की एक्टिंग करके लेटा रहा,,,,,
ऐसा करते ही मेरा लौड़ा जबरदस्त तरीके से खड़ा हो गया पर अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी,,,,
काफी देर बाद शालिनी उठी और मेरे हाथ को साइड में करके बाथरूम में घुस गई,,,,
अब मैंने भी अपनी आंखें खोली, मेरा दिल और लन्ड दोनों बल्लियों उछलने लगा, क्योंकि अब मुझे यकीन हो गया था कि जल्दी ही मैं अपना हाथ शालिनी की जानकारी में उसकी चूचियों तक पहुंचा लूंगा, दबा लूंगा ।
बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज़ के साथ मैंने फिर से आंखें बंद कर ली और सीधे होकर लेटा रहा, इस तरह लेटने से मेरा लन्ड सीधा छत की ओर निशाना साधे हुए था ।
शालिनी कमरे में आई और मुझे बंद आंखों से ऐसा लगा जैसे वो मेरे लौड़े को ही देख रही हो, और ये सोच कर ही मेरे लौड़े ने हल्का सा झटका खाया, ये शायद कुछ ज्यादा ही हो गया था । शालिनी के किचन में जाकर चाय बनाने की आवाज़ आई ।
कुछ मिनट बाद वो आई और
भाई जी,,,, भाई,, उठिए,,, योर बेड टी इज वेटिंग ....
और मैंने अपने लौड़े के उभार को उसकी ओर देखते हुए एडजस्ट करने की कोशिश करते हुए उसे गुडमार्निंग बोल कर चाय अपने हाथ में ले ली।
मेरी चाय पकड़ाकर शालिनी अपनी चाय भी किचन से ले आयी और सामने कुर्सी पर बैठ कर चाय पीने लगी, मैं बेड पर ही बैठा था,,,,, आज मैंने गौर किया तो रोज की तरह उसने समीज उतार कर टीशर्ट नहीं पहनी थी, वो अब भी समीज में ही थी, मुझे ये देखकर और अच्छा लगा.... मतलब अब शालिनी भी मेरे साथ कम्फरटेबल है , कम कपड़ों में या या... आने वाले दिनों में बिना कपड़ों के.... सोच कर ही मैं मन ही मन में मुस्कुरा उठा ।
रोज की तरह मैं डेली रूटीन के काम करते हुए, शालिनी के मदमस्त यौवन को देखते हुए, और नहाने के समय मुठ मार कर, तैयार हो कर नाश्ता करके आफिस के लिए निकल लिया, एक नये दिन और नई उमंग के साथ.....
दिन में मैंने हमेशा की तरह उसे कई बार वीडियो काल की, और उसने मुझे बताया कि उसने सारे कपड़े चेक कर लिए हैं, साइज और फिटिंग ठीक है। तो मैंने कहा मुझे क्या पता कि फिटिंग ठीक है कि नहीं ...तो उसने कहा आप खुद देख लीजिएगा आकर, मैं कहीं जा नहीं रही हूं,,,, और हंसते हुए उसने बाय बोल कर फोन कट कर दिया ।
दोपहर तीन बजे शालिनी की काल आई और उसने मुझसे पूछा ...
शालिनी- दद्दा , वो पेन किलर टैबलेट कहां रखी है आपने ?
सागर- क्यों, क्या हुआ मेरी स्वीटी....?
शालिनी- जी... जी, दद्दा , वो मेरा पीरियड शुरू हो गया है और मुझे दर्द हो रहा है।
सागर- ओह,,,, वो मेरी बुक्स की साइड में जो डब्बा है उसी में है,देखो...
शालिनी- जी, मिल गई,
सागर- ज्यादा पेन हो रहा हो तो मैं आ जाऊं और हम किसी डॉक्टर के पास चलते हैं।
शालिनी- नहीं,,, नहीं, भाई जी, ये टेंशन तो हर महीने की है, शुरू के दो दिन पेन रहता है बट पेन किलर से आराम मिल जाता है, आप अपना काम करने के बाद ही आना.... आई एम फाइन दद्दा... डोन्ट वरी .... ।
सागर- ओके बेटा,,,, अपना ख्याल रखना मैं जल्दी ही आ जाऊंगा ।
थोड़ी देर में शालिनी ग्रीन कलर की टीशर्ट और डार्क ब्राउन कलर की जींस पैंट पहने मेरे सामने खड़ी थी। वह बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी। उसके बाल पूरे खुले हुये थे।
शालिनी - भाईजी, ये पैंट तो बहुत टाइट है, मैंने कमर के साइज २८ देख के लिया था। लेकिन ये यहाँ मेरी थाईज पे बहुत टाइट है।
मै - (टाइट पैंट में शालिनी की जांघें कसी-कसी थी और उसकी चूत का उभार भी साफ़ नज़र आ रहा था) हाँ , ये थोड़ी तो टाइट है। लेकिन इसमें तुम अच्छी दिख रही हो ।
(मैंने मुस्कराते हुए कहा और उठकर बैठ गया)
शालिनी -भाई,वो .... वो... मैंने ये पैंट बिना पैन्टी के पहनी है फिर भी ये इतनी टाइट है, तो पैन्टी पहनने के बाद और टाइट हो जाएगी।
(बिना पैन्टी के ?? शालिनी कीे बात सुनते हीे मैंने अपनी नज़र उसकी बुर वाले हिस्से पे गड़ा ली। ओह ....... शालिनी की बुर मुझसे बस कुछ इंच की दूरी पर थी । मेरा लंड खड़ा होने लगा)
शालिनी - (थोड़ा उदास होते हुये) मुझे सारे कपडे ट्राई कर के लेने चाहिए थे।
मै - कोई बात नहीं मेरी स्वीट बहना, ये अभी हल्का सा ढीली होयेगी पहनने पर, इसका फैब्रिक ऐसा ही है और नहीं तो दूसरी ले लेंगे। तुम बाकी के कपड़े भी ट्राई कर के देख लो,,,, ब्रा और पैन्टी भी ... कहीं वो भी तो छोटी नहीं है ?
मैंने मौका देख कर चौका मारा....
शालिनी - ठीक है भाई जी आप यहीं बेड पे बैठिये मैं बाकी के कपड़े भी ट्राई करती हूँ।
मै बेड पे बैठ गया, और शालिनी पीछे मुड़ कर कमरे में जाकर कपड़े उतारने लगी । आज के पहले वो हमेशा दरवाजा ढलका करके कपड़े बदलती थी और मैंने कभी उसे चोरी से देखा भी नहीं था, कपड़े बदलते हुए, मैं हल्का सा बेड से उतर कर पीछे कमरे की तरफ देखा तो खुले दरवाजे से उसकी नंगी गोरी चिकनी पीठ मेरे सामने थी ।
शालिनी शापिंग बैग से उसकी रेड ब्रा निकाल के पहन रही थी, शालिनी अपने हाथ पीछे करके ब्रा का हुक लगा रही थी, उसकी गोरी पीठ पर लाल ब्रा की सिर्फ एक पट्टी,,,,
मैं सोचने लगा की शालिनी के सामने से बूब्स अभी कैसे दिख रहे होंगे। मैं दिवार के तरफ पिलो लगा कर बैठ गया और वहां से शालिनी को ऐसे अधनंगा देख मेरा लंड रगड़ने का मन करने लगा और मैं अपना हाथ बरमूडे में डालकर लंड को मसलने लगा।
शालिनी ने बिना मेरी तरफ मुड़े अपनी ब्रा पहन ली,मेरा एक हाथ अभी भी लंड को मसल रहा था। शालिनी ने एक टॉवल लपेटकर अपनी पैेंट उतार कर बेड पे फेंक दी और पैर उठा के पेंटी पहनने लगी। मैं तेजी से मुठ मार रहा था। उसने पैेंटी और ब्रा पहनने के बाद टॉवल को नीचे गिरा दिया और मेरी तरफ मुड़ गई।
मेरी तो जैसे साँस ही अटक गई।। मेरी जवान बहन अपने भरे-भरे बदन को सिर्फ एक रेड कलर के ब्रा और पैन्टी में ढके मेरे सामने कुछ दूर खड़ी थी, शालिनी ने कई बार अपनी बाडी को इधर उधर करके अपने आप को एडजस्ट कर रही थी और फिर वो मेरी तरफ बढ़ी..... सिर्फ लाल पोल्का डॉट्स ब्रा और लाल रंग की पैंटी में.... क़यामत लग रही थी वो .....
मैने अपना हाथ स्लो कर दिया ताकि शालिनी को पता न चले के मैं मुठ मार रहा हूं।
शालिनी - (मेरे एकदम करीब आकर)कैसी लग रही हूँ भाईजी, इसकी फिटिंग तो ठीक है।
मैं - (मेरी साँसे तेज़ थी) बहुत अच्छी लग रही हो बहना,,,,, लाल कलर के ब्रा पैन्टी में बहुत गोरी लग रही हो.... और और.... सेक्सी भी... मैंने एक झटके में बोल दिया ।
शालिनी - (हँसते हुवे ) सच्ची भाई, ,,, मुझे भी इसका कलर बहुत पसंद है।
मेरे सामने ही अपने ब्रा को छूते हुये बोली....
शालिनी - भाई जी, इस ब्रा की क्वालिटी कितनी अच्छी है ना ? वैसे भी ये आपकी पसंद की हुई है ।
मै- (मैं हिम्मत करके शालिनी के पास आया और अपने हाथ उसके काँधे के पास ब्रा को हल्का सा छूते हुए बोला-- हाँ इसका फैब्रिक तो बहुत अच्छा है और फिटिंग भी,,,,
मैंने धीरे से अपना हाथ नीचे किया और साइड से शालिनी कीे ब्रा के थोड़ा सा अंदर हाथ ड़ालते हुये ब्रा के कपड़े को छूने लगा। मेरी उंगलियों ने शालिनी की जानकारी में पहली बार उसकी नंगी बूब्स को महसूस किया था ।
मैंने हाथ को जल्दी से वहां से हटा लिया क्योंकि मैं शालिनी को शक में नहीं आने देना चाह रहा था , इस सब के दौरान मेरा लन्ड इस तरह खड़ा था कि मैं अगर शालिनी को सट जाता तो पक्का वो मेरे औजार को महसूस कर लेती,,,,
मुझे लगा कि आज मेरी लाटरी लग रही है पहली बार मैने शालिनी को छुआ और वो भी सीधे उसके अपर ब्रेस्ट को,,,,,
शालिनी फिर से अपनी मदमाती गांड़ को लहराते हुए कमरे में जाकर दूसरी जींस टी-शर्ट पहनकर बाहर आई....
मेरा लौड़ा बदस्तूर खड़ा था और मैं उसे छुपाने के बजाय अब और दिखाना चाहता था कि देख मेरी सेक्सी बहना, तुझे देखकर कैसे तेरे भाई का लन्ड बेकाबू हो रहा है ।
शालिनी ने मुझसे पूछा- ये कैसी है ?
मैं- बहुत ही शानदार, इस जींस की फिटिंग तो तुम्हारी थाईज पर भी ठीक आ रही है..... और ये कहकर मैंने उसकी गुदाज और मांसल दाहिनी जांघ को छू लिया, जैसे मैं उसका फैब्रिक देख रहा होऊं ।
शालिनी- थैंक गॉड.... ये फिट है... ... थैंक यू ब्रदर फार शापिंग... यू आर ग्रेट और ये कहकर वो पीछे कमरे में चली गई।
मुझे लगा कि वो और ब्रा पैंटी पहन कर आने वाली है पर उसने अंदर जाकर कपड़े उतारने के बाद समीज और निक्कर पहनी फिर मेरे सामने से निकलते हुए वो सीधे बाथरूम में घुस गई ।
मैंने अपने दिल को समझाया कि बेटा.... कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है... और थोड़ा थोड़ा ही मीठा खाओ, नहीं तो डायबिटीज होने का खतरा रहता है.... मतलब आज ही सारा मजा लेने के चक्कर में कहीं काम ना बिगड़ जाए ।
खैर, रात काफी हो चुकी थी अब तक मेरा लन्ड भी कुछ शांत हो गया था कि शालिनी आकर बेड पर बैठ गई ।
मैं भी उठकर बाथरूम में आया और हस्तमैथुन करने के लिए लन्ड हाथ में लिया, फिर कुछ सोचकर बिना मुठ मारे मैं टायलेट करके शालिनी के बगल में लेट गया और हमने एक दूसरे को गुडनाईट बोला ....
कुछ देर बाद मैंने शालिनी को आवाज दी ... शालिनी..... शालिनी
वो भी अभी जाग रही थी और मेरी तरफ देख कर बोली - जी...
मैं- एक बात पूछूं ?
शालिनी- एक क्या .... कितनी भी पूछिए।
मैं- वो तुम्हे ब्रा के कप साइज और पैड वाली ब्रा, इस सबके बारे में कैसे पता चला ।
शालिनी- सिंपल भाई जी, गूगल बाबा से आप कुछ भी पूछो , उनके पास हर चीज का जवाब है,,,, वो ब्रा के बारे में भी मैंने गूगल से ही डिटेल जाना ।
मैं- ओहो... और क्या क्या सीक्रेट जाने हैं गूगल से ।
शालिनी- और क्या,,,, मतलब मैंने ब्रा डिजाइन सर्च किए फिर सारी डिटेल्स मिल गई ।
मैं- अच्छा,,,, और बाकी कपड़े भी कर ट्राई कर लेना...
शालिनी- जी, और ये कहकर उसने करवट ली और अब हमारे चेहरे आमने-सामने थे कुछ इंच की दूरी पर, फिर उसने आंखें बंद कर ली और मैं समीज के गले से बाहर निकल आई उसकी चूचियों को देखता रहा, उसकी सांसों की महक सीधे मेरी सांसों में समा रही थी....
कुछ देर बाद मुझे भी नींद आ गई और आज की रात मैं उसके शरीर से बिना खेले ही सो गया ।
सुबह मैं जब जगा तो शालिनी सो रही थी, मैंने देखा कि उसकी समीज थोड़ा ऊपर हो गई थी जिससे नीचे की तरफ से उसकी दाहिनी चूंची दिख रही थी मैंने ये मौका हाथ से जाने नहीं दिया और धीरे से अपना हाथ उसके मखमली पेट पर रख कर ऊंगली थोड़ा सा उसकी चूचियों तक पहुंचाकर सोने की एक्टिंग करके लेटा रहा,,,,,
ऐसा करते ही मेरा लौड़ा जबरदस्त तरीके से खड़ा हो गया पर अब मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी,,,,
काफी देर बाद शालिनी उठी और मेरे हाथ को साइड में करके बाथरूम में घुस गई,,,,
अब मैंने भी अपनी आंखें खोली, मेरा दिल और लन्ड दोनों बल्लियों उछलने लगा, क्योंकि अब मुझे यकीन हो गया था कि जल्दी ही मैं अपना हाथ शालिनी की जानकारी में उसकी चूचियों तक पहुंचा लूंगा, दबा लूंगा ।
बाथरूम के दरवाजे के खुलने की आवाज़ के साथ मैंने फिर से आंखें बंद कर ली और सीधे होकर लेटा रहा, इस तरह लेटने से मेरा लन्ड सीधा छत की ओर निशाना साधे हुए था ।
शालिनी कमरे में आई और मुझे बंद आंखों से ऐसा लगा जैसे वो मेरे लौड़े को ही देख रही हो, और ये सोच कर ही मेरे लौड़े ने हल्का सा झटका खाया, ये शायद कुछ ज्यादा ही हो गया था । शालिनी के किचन में जाकर चाय बनाने की आवाज़ आई ।
कुछ मिनट बाद वो आई और
भाई जी,,,, भाई,, उठिए,,, योर बेड टी इज वेटिंग ....
और मैंने अपने लौड़े के उभार को उसकी ओर देखते हुए एडजस्ट करने की कोशिश करते हुए उसे गुडमार्निंग बोल कर चाय अपने हाथ में ले ली।
मेरी चाय पकड़ाकर शालिनी अपनी चाय भी किचन से ले आयी और सामने कुर्सी पर बैठ कर चाय पीने लगी, मैं बेड पर ही बैठा था,,,,, आज मैंने गौर किया तो रोज की तरह उसने समीज उतार कर टीशर्ट नहीं पहनी थी, वो अब भी समीज में ही थी, मुझे ये देखकर और अच्छा लगा.... मतलब अब शालिनी भी मेरे साथ कम्फरटेबल है , कम कपड़ों में या या... आने वाले दिनों में बिना कपड़ों के.... सोच कर ही मैं मन ही मन में मुस्कुरा उठा ।
रोज की तरह मैं डेली रूटीन के काम करते हुए, शालिनी के मदमस्त यौवन को देखते हुए, और नहाने के समय मुठ मार कर, तैयार हो कर नाश्ता करके आफिस के लिए निकल लिया, एक नये दिन और नई उमंग के साथ.....
दिन में मैंने हमेशा की तरह उसे कई बार वीडियो काल की, और उसने मुझे बताया कि उसने सारे कपड़े चेक कर लिए हैं, साइज और फिटिंग ठीक है। तो मैंने कहा मुझे क्या पता कि फिटिंग ठीक है कि नहीं ...तो उसने कहा आप खुद देख लीजिएगा आकर, मैं कहीं जा नहीं रही हूं,,,, और हंसते हुए उसने बाय बोल कर फोन कट कर दिया ।
दोपहर तीन बजे शालिनी की काल आई और उसने मुझसे पूछा ...
शालिनी- दद्दा , वो पेन किलर टैबलेट कहां रखी है आपने ?
सागर- क्यों, क्या हुआ मेरी स्वीटी....?
शालिनी- जी... जी, दद्दा , वो मेरा पीरियड शुरू हो गया है और मुझे दर्द हो रहा है।
सागर- ओह,,,, वो मेरी बुक्स की साइड में जो डब्बा है उसी में है,देखो...
शालिनी- जी, मिल गई,
सागर- ज्यादा पेन हो रहा हो तो मैं आ जाऊं और हम किसी डॉक्टर के पास चलते हैं।
शालिनी- नहीं,,, नहीं, भाई जी, ये टेंशन तो हर महीने की है, शुरू के दो दिन पेन रहता है बट पेन किलर से आराम मिल जाता है, आप अपना काम करने के बाद ही आना.... आई एम फाइन दद्दा... डोन्ट वरी .... ।
सागर- ओके बेटा,,,, अपना ख्याल रखना मैं जल्दी ही आ जाऊंगा ।