Thread Rating:
  • 3 Vote(s) - 1 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
शालिनी हमबिस्तर बहन
#20
कालेज में आ कर हम लोगों ने एडमिशन की फार्मेलिटीज पूरी की, और क्लासेज़ शुरू होने के लिए पता करके हम लोग कालेज घूमते रहे.. काफी पैरेंट्स और कुछ लड़कियों के ब्वायफ्रेन्ड भी साथ में थे वहां पर, सभी लोग अपने अपने काम में बिजी थे, इस कालेज की खासियत यह थी कि यहां अपर मिडिल क्लास फैमिली की लड़कियां ज्यादा पढ़ती थी, शहर की सबसे माडर्न लड़कियों में से कुछ एक यहां भी घूम रहीं थीं, सीनियर लड़कियों में कुछ ने बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन रखे थे, किसी के दूध दिख रहे थे तो किसी की लो वेस्ट जींस के ऊपर पैंटी...

लड़कियों का कालेज होने से खुलापन या कहें नंगापन कुछ ज्यादा ही था।

कुछ लड़कियां नये एडमिशन वाली भी गजब अंग प्रदर्शन कर रहीं थीं... मुझे लगा साला यहां तो एक से एक खूबसूरत आईटम हैं और चंचल भी,,,, कहीं शालिनी इन सब के चक्कर में ना आ जाए।। आज कल मैं सिटी का माहौल देख ही रहा था, पहले लड़कियां प्यार करतीं थीं और आज कल चुदाई और शापिंग ....

मैंने तो पहले से ही सोच लिया था कि मुझे शालिनी को ब्वायफ्रेन्ड के चक्कर में पड़ने से पहले ही अपना हमबिस्तर बना लेना है, और अब मैं ये जल्दी करना चाह रहा था ।
खैर,,, मैं और शालिनी लाईब्रेरी का कार्ड बनवाने के बाद बाहर बड़े ग्राउंड में आकर घास पर एक पेड़ की छांव में बैठ गये ।


सागर- तो तुम्हारे तो सारे काम हो गए, अब दस मिनट आराम कर लें फिर घर चलें । और कालेज कैंपस कैसा लगा।

शालिनी- बहुत जबरदस्त... बस पढ़ाई भी ऐसी ही जबरदस्त हो... 
वह बहुत ही एक्साइटेड थी 

सागर- हां, यहां पढ़ाई भी टापक्लास है और बाकी सब भी

शालिनी थोड़ा हंसने के बाद बोली हां वो तो दिख रहा है।

सागर- हां, दिख तो रहा ही है, यहां की लड़कियों का कान्फीडेन्स देखा... बोल्ड ब्यूटीज...

शालिनी- बोल्ड भी और बेशर्म भी...

सागर- अरे, यहां मुझे तो कोई बेशर्म नही दिखाई देता है...

शालिनी- वो सामने ही देखिए, वो लड़की की शर्म।

सागर- नहीं, वो क्या बेशर्मी कर रही है, वो तो अपने साथ आए लड़के से बात कर रही है।

शालिनी- नहीं,मेरा वो मतलब नहीं है, आप वो.... वो उसके कपड़े देखिए कितना एक्सपोज हो रहा है।

सामने कुछ दूर पर जो लड़की खड़ी थी, उसने खुले कन्धों वाली ड्रेस पहनी थी जिससे उसकी लाल रंग की ब्रा की पट्टियां पूरी दिखाई दे रही थी, और अंदर से उसकी लाल ब्रा का शेप पूरी तरह से सफेद रंग के झीने टाप से नुमायां हो रहा था, उसकी चूचियां काफ़ी बड़ी थी, नीचे उसने शार्ट जींस पहनी थी जो उसके घुटनों से कुछ ऊपर ही थी और उसके गोरे मांसल पैरों को देखकर किसी का भी लन्ड खड़ा हो जाता.... 

सागर- कम आन... यार इतना सब चलता है यहां सिटी में, किसी के पास इतना टाइम नहीं है कि वो ये सब देखें... बहुत बिजी हैं लोग और माडर्न भी ।

मैंने पहली बार शालिनी को यार कहकर बात की थी, और शायद उसे अच्छा ही लगा था

शालिनी- ओके .. ओके,भाई ...अब मुझे भी यही आना है , इन्हीं के साथ पढ़ना है,,, 

सागर- हां भई, और एक तुम हो कि घर के अंदर भी तुम्हे शर्म आती है वो भी मेरे साथ, इन लड़कियों का कान्फीडेन्स देखो,,,,

शालिनी-ऐसा कुछ नहीं है वो आप के साथ थोडा़ ध्यान रखना जरूरी रहता है, आफ्टरआल, यू आर माई एल्डर ब्रदर, और मेरी तरफ से आपको कोई परेशानी ना हो, बस .... वैसे मैं भी इस तरह के कपड़े पहनना पसंद करूंगी, बट कालेज में नहीं, कोई पार्टी वगैरह हो तो....

सागर- कोई नहीं, जब तुम्हारे अंदर कान्फीडेन्स आ जायेगा तो तुम भी पहनोगी कालेज हो या पार्टी... इट्स आल अबाउट कान्फीडेन्स ।

शालिनी- ओके, देखते हैं, अब घर चलें,या और किसी की बेशर्मी देखनी है... हंसते हुए

सागर- हां, चलो, आज के लिए इतनी काफी है अब तो हर रोज तुम्हें जब कालेज छोड़ने आऊंगा तो ऐसी बेशरमियां हर रोज देखने को मिलेंगी ।

मुझे तुमको घर पहुंचाकर काम पर भी जाना है,

कालेज की एक से एक जबरदस्त माल आईटम को देखकर मेरा लन्ड कई बार हरकत में आया था और बाईक पर वापसी के समय शालिनी भी कुछ ज्यादा ही सटकर बैठी थी, मैंने कई बार उसकी गुदाज चुचियों को अपनी पीठ पर महसूस किया, और बातें करते हुए हम घर आ गए । इस थोड़ी चुहलबाज़ी से मुझे थोड़ी हिम्मत और बढ़ी कि शालिनी को जल्दी ही मैं लाइन पर ले आऊंगा ।

शालिनी को घर छोड़ कर मैं अपना बैग लेकर घर से निकल लिया, मन में सारी पढ़ी हुई सेक्स कहानियों के किरदार नजर के सामने आ रहे थे, मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं शालिनी के साथ बातचीत में थोड़ा सा फ्री हो पाया हूं अब उसके शरीर के साथ अपने आप को कैसे फ्री करूं ,,, कालेज में लड़कियों के नंगेपन ने मेरी कुछ मदद तो कर दी थी, मगर इसके आगे क्या ??

शाम को सात बजे मैं वापस घर आया और आते ही मैंने कपड़े बदले और नहाने लगा,,, नहाकर मैंने फिर से बिना अंडरवियर के बरमूडा पहन लिया।।

शालिनी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आई और मेरे सामने रख दिया और रखते हुए जब वो झुकी तो मेरी गंदी नज़रों ने पहली बार, जान बूझकर, उसकी टी-शर्ट के खुल्ले हुए गले की तरफ देखा…

और जो मुझे दिखा, उसके बाद तो मेरे लंड का बैठे रहना दुश्वार हो गया.. गला नीचे करने की वजह से उसके गले की गहरी घाटियाँ अंदर तक मुझे दिखाई दे गयी… दो पके हुए मोटे तरबूज ठीक मेरी नज़रों के सामने थे…

उनकी कसावट का अंदाज़ा मैं थोड़ा थोड़ा ले ही चूका था, काली ब्रा में कसे हुए ऐसे थे कि वो हिल भी नही रहे थे, एकदम किसी पत्थर की तरह जम कर चिपके हुए थे वो उसकी छाती से..

पर यहाँ मेरी गंदी नज़रों की चोरी पकड़ी गयी।

मैं उसके बूब्स को देख रहा था और वो मुझे

शालिनी- भाई कहां हो तुम, चाय ठंडी हो जायेगी ।

और एक कातिलाना स्माइल देकर वो अपनी गान्ड मटकाती हुई फिर से किचन मे चली गयी..

मेरा मुँह खुल्ला का खुल्ला रह गया, शालिनी ने कुछ नही कहा… एक तरह से देखा जाए तो मैने आज ही पहली बार शालिनी के ऑलमोस्ट नंगे बूब्स देखे उसकी जानकारी में, और उसने मुझे देखते हुए पकड़ा भी और मुस्कुराइ भी.. यानी उसे इस बात मे मज़ा आ रहा है क्या ??

शालिनी ने आज वीशेप गले की टी-शर्ट और निक्कर पहनी थी, इन कपड़ो मे उसके शरीर का एक एक उभार खुल कर दिखाई दे रहा था, मैं अभी लेटकर टीवी देखने लगा । शालिनी को खाना बनाने की तैयारी के लिए बार बार मेरे सामने से गुज़रना पड़ रहा था उसके मादक बदन और मस्त चाल को देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं अपनी बहन की मस्त जवानी का नयन सुख ले रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे बरमूडा मे बड़ा सा टेंट बन गया था तभी शालिनी मेरे पास आई और बोली-भाई खाना कब खायेंगे ?

सागर- थोड़ी देर में,, 

इतना कहकर शालिनी वहाँ से नही हटी और एक टक मेरे बरमूडे मे बने टेंट को देखने लगी मुझे समझ नही आया कि वो ऐसे क्या देख रही है जब मैने उसकी नज़रो का पीछा किया और अपने टेंट को देखा तो झट से अपने हाथ से अपने लंड को दबा दिया और वो झट से बाहर बरामदे में चली गई ।

कुछ देर बाद वो अंदर आई और

हम लोगों ने खाना खाया और शालिनी ने साफ सफाई करने के बाद कहा, भाई मैं नहाने जा रही हूं, बहुत पसीना हो रहा है ऐसे तो नींद नहीं आयेगी, मैं लेटकर टीवी देख रहा था, कुछ देर बाद शालिनी नहाकर कमरे में आई तो मैं उसे देखता ही रह गया, आज उसने बिना कहे समीज और निक्कर पहन ली थी, ब्रा तो पक्का नहीं पहनी थी और शायद पैंटी भी नहीं ।

शालिनी मेरे सामने खड़ी हो कर अपने हाथ उपर करके बाल संवार रही थी जिससे उसकी चूचियां काफ़ी बड़ी लग रही थीं, मेरे लौड़े में फिर से तनाव आने लगा, फिर वो पानी की बोतल सर के पास रख कर मेरे बगल में लेट गई, हम टीवी देख रहे थे, तभी टीवी में मर्डर फिल्म का गाना आ गया... कभी मेरे साथ कोई रात गुजार...

गाना खत्म होते होते मेरा लन्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया जो शायद शालिनी भी देख रही थी, बट मैंने उसे छुपाने की कोशिश नहीं की... सोचो सामने स्क्रीन पर मल्लिका शेरावत और बगल में कुछ इंच की दूरी पर एक अधनंगी लड़की....

मैंने माहौल को थोड़ा हल्का करने की कोशिश की

सागर- शालिनी , अगले वीक से तुम्हारे क्लासेज़ शुरू हो जायेंगे, कल शाम को चलकर तुम्हारी बुक्स वगैरह ले लें और कुछ कपड़े भी... 

शालिनी- जी भाई, 

सागर- ओके, गुडनाईट, अब सोते हैं...

नींद तो मेरी आंखों से गायब थी, मुझे इंतज़ार शालिनी के सोने का था... करीब एक घंटे बाद मैंने अपना कल वाला कार्यक्रम फिर शुरू किया... शालिनी के बदन को सूंघने से ही मेरा लन्ड खड़ा हो गया और मैंने धीरे से उसकी समीज उपर उठाई और हौले हौले से उसकी चूचियां सहलाने लगा मैंने चूचियों को दबाया नहीं क्योंकि अगर दबाव ज्यादा हुआ तो शालिनी कहीं जाग ना जाए ।

मैं उसके पेट पर हाथ रख कर उसकी नाभि में उंगली डाल कर धीरे धीरे सहलाता रहा मैंने थोड़ी हिम्मत करके आज उसकी निक्कर को आराम से थोड़ा नीचे सरका दिया.... ये सारा काम करते करते हुए घंटे भर हो चुका था।

मैंने जब देखा निक्कर और नीचे नहीं हो रही है तो मैने धीरे से अपना हाथ उसके अंदर कर दिया... उसने पैंटी नहीं पहनी थी, और क्या बताऊं वो एहसास..... ये मेरी लाइफ का पहला टाइम था किसी की चूत को छूने का... बिल्कुल चिकनी और मखमली... निक्कर में इलास्टिक बैंड होने से बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हुई हाथ को उसकी अनछुई बुर को सहलाने में... मैं शालिनी की बुर को देख नहीं पा रहा था मगर अंदर की गर्मी को पूरा महसूस कर रहा था,,, मैंने बहुत सावधानी से अपना दाहिना हाथ उसकी बुर के उपर रखा और बायें हाथ से अपने लौड़े को सहलाने लगा,, तभी शालिनी ने हल्की सी करवट बदलने की कोशिश की, मैंने झट से अपना हाथ बाहर निकाल लिया और कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने ज्यादा कोशिश नहीं की फिर से हाथ अंदर डालने की,,,, 

मेरे लौड़े में अब दर्द हो रहा था जो बिना मुठ मारेंगे ठीक नहीं होने वाला था,, मैं धीरे से उठकर बाहर बरामदे में आ गया और वहां शालिनी ने नहाने के बाद अपनी ब्रा और पैंटी सूखने के लिए फैलाई थी, उसकी ब्रा को हाथ में लेकर उसे चूसने चाटने लगा और अपने लौड़े पर रगड़ रगड़ कर उसी में अपना वीर्य निकाल दिया और उसे फिर से सूखने के लिए टांग दिया।
मुठ मारने के बाद सारा जोश ठंडा हो जाता है और वही मेरे साथ भी हुआ,एक बार मैने सोचा कि ब्रा को धोकर डाल दूं, पर कुछ सोच कर मैंने उसे ऐसे ही रहने दिया और कमरे में लेटी हुई अप्सरा के साथ लेट गया, सोने से पहले उसके पेट पर आज हाथ रखकर, मैं सोने लगा, मैं अभी भी शालिनी के बदन से चिपका नहीं था, सिर्फ उसके खुले पेट पर हाथ रखकर सो गया।

मुझे इस सब में मजा तो आ रहा था मगर मैं चाहता था कि जो काम मैं चोरी से करता हूं, वो खुलकर कर सकूं.... जाने वो दिन कब आएगा जब शालिनी कहेगी.... लो भाई पी लो मेरे दूध जीभर कर.... चूस लो इनका सारा रस... इन्ही कल्पनाओं में मुझे नींद आ गई ।


अगले दिन सुबह मेरी नींद फिर शालिनी से पहले खुल गई पर मैंने फिर से अपना हाथ उसके गोरे पेट पर रख दिया और सोने की एक्टिंग करने लगा, मैं शालिनी का रियेक्सन देखना चाहता था,,, मैं आंखें बंद करके लेटा रहा और काफी देर तक इंतजार करने के बाद शालिनी के बदन में हरकत हुई,वो थोड़ा सा ऊपर की ओर खिसकी लेटे ही लेटे... उसने अब तक मेरा हाथ नहीं हटाया था अपने पेट से.... करीब पांच मिनट ऐसे ही लेटे रहने के बाद शालिनी ने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा और उसे हल्का सा सहलाते हुए धीरे से हटा दिया और वो बेड से उठ कर बाथरूम में चली गई ।

मैं वैसे ही लेटा रहा, शालिनी ने फ्रेश होकर चाय बनाई और मुझे जगाया... 

शालिनी- उठो भाई, योर बेड टी इज रेडी ।

मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा और उसे गुड मॉर्निंग बोलकर चाय का कप हाथ में पकड़ा,,, मेरे बरमूडे में फिर से मार्निंग हार्डआन की वजह से टेन्ट बना हुआ था, मगर अब मैंने उसे छुपाने की कोशिश नहीं की, शालिनी भी मेरे साथ बेड पर बैठ कर चाय पी रही थी और उसने समीज निकाल कर टीशर्ट पहन ली थी,।

और वो काफी खुश लग रही थी मतलब उसे मेरा उसके पेट पर हाथ रखकर सोना बुरा नहीं लगा था,,, 

सुबह सुबह बिना ब्रा के शालिनी के उछलते हुए दूध देखकर अपने आप को रोक पाना बहुत मुश्किल काम था...

खैर, डेली रूटीन के काम करते हुए मैं नाश्ता करके अपने काम पर निकल लिया और शालिनी से शाम को शापिंग मॉल चलने को कहकर उसे रेडी रहने को बोल दिया!

दिन में मैंने कई बार उसको वीडियो काल करी, मैं जल्दी घर आना चाहिए रहा था ।

मैं शाम को वापस आया और आज मैं ये सोच कर शापिंग मॉल जाने के लिए निकला था कि शालिनी के साथ बातचीत में और फ्री होने की कोशिश करूंगा।

मैं और शालिनी शाम पांच बजे शॉपिंग के लिए अपनी बाईक से निकल आये । मैंने नोटिस किया कि शालिनी ने घर से निकलते समय बाईक पर मुझसे दूरी बनाई थी और थोड़ी दूर निकल कर वो बात करने के बहाने मेरी पीठ से चिपक कर बैठ गई । इस दोहरे चरित्र को देख मुझे बहुत अच्छा लगा, ऐसा लगा जैसे शालिनी को घर पे मुझे अपना बदन दिखाने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती है या शायद उसे मुझे अपना बदन दिखाना अच्छा लगने लगा है। वहीँ घर से निकलते समय बाहर वो एक साधारण सीधी लड़की की तरह सादगी से रहती है।

हम लोग पहले एक बुकस्टोर पर गए और शालिनी की कुछ बुक्स लेकर आगे की शापिंग के लिए निकले ।

शालिनी बाईक की सीट पे बैठे हुए ही मैंने अपनी बाईक एक मॉल के तरफ मोड़ लिया। मैं गाडी पार्किंग में लगा के शालिनी को आगे आगे चलने को बोल कर फॉलो करने लगा। शालिनी ने अपने बदन को जींस और टी-शर्ट में ढक तो लिया था लेकिन वो अपने सेक्सी फिगर ३४-२८-३६ को नहीं छुपा पा रही थी और जींस में उसके बड़े- बड़े हिप्स किस्सी को भी पागल बना सकते थे।

मॉल में हर उम्र के काफी लोग एक बार मुड़ के मेरी बहन की मटकती गांड को जरूर देखते। 

सबसे पहले शालिनी ने एक शाप में ब्रा और पैंटी लेने पहुचे। मेरी चारो तरफ लेडीज के अंडरर्गारमेंट लटके थे  मेरे अलावा वहां सभी लड़कियां शॉपिंग कर रही थी। 

शालिनी का कांफिडेंस इस बार देखने वाला था वो टहल टहल कर कलरफुल ब्रा और पेंटी सर्च करने लगी मैंने भी हेल्प करना चाहा तो शालिनी ने मुझे ३४ साइज ढूंढने के लिए बोला। मैं २-३ ब्रा उठा कर शालिनी की तरफ बढ़ाया। 

शालिनी - ओह ... वाव.. ये ब्रा तो अच्छी लग रही हैं लेकिन ये ३४बी है ।

मै - ३४बी, बट तुमने ३४ ही तो बोला था।

शालिनी - हाँ लेकिन मुझे कप साइज डी चहिये।

मैं - तो क्या ३४बी छोटा साइज है ?

शालिनी - (अपने हाथो को अपने बूब्स के तरफ दिखाते हुए।) साइज सेम है लेकिन ३४डी का कप बड़ा होता है ।

मै - (शालिनी के बूब्स को घूरते हुये) ओके मैं और देखता हूं ।
मैंने एक लाल रंग का सेट पसंद किया जो पोल्का डाट्स वाला था, एक और पर्पल कलर का, दो शालिनी ने पसंद किया उनमें से एक पैड वाली ब्रा स्किन कलर की भी थी। चार सेट ब्रा पैंटी लेने के बाद मैंने और शालिनी ने जींस टी-शर्ट हम दोनों के खरीदे दो दो सेट। 

शालिनी की आज की शापिंग को देखकर कोई यह नहीं कह सकता था कि हम दोनों बॉय फ्रेंड और गर्लफ्रेंड नहीं हैं ।

मेरे लाख कहने पर भी उसने किसी भी कपड़े का ट्रायल नहीं किया । हम दोनों को आज की शॉपिंग में बहुत मजा आया था पिछली बार की शॉपिंग में शालिनी शर्मा रही थी इस बार सबसे पहले अपने लिए ब्रा और पैंटी खरीदी वो भी मुझे दिखा दिखाकर अलग अलग डिजाइन डिफरेंट फैब्रिक की ।

शालिनी ने अपने लिए कुछ स्टॉल और टी शर्ट के ऊपर पहनने वाले फुल लेंथ अपरन जैसी हल्की टी-शर्ट ली, । 

शालिनी- भाई जी आपके लिए तो अंडर गारमेंट लिए ही नहीं मैंने कहा था कि अब से जो भी शापिंग होगी दोनों की होगी।

मैं- अरे रहने को मेरे पास वैसे भी बहुत है।

शालिनी- हां हां, आपको कोई जरूरत ही नहीं, आप तो वैसे भी बिना अंडरगार्मेंट ज्यादा अच्छा फील करते हैं... और वो हल्के से मुस्कुराई...

मैं - हां वो तो है क्या तुम्हें अच्छा फील नहीं होता बिना ब्रा पैंटी के ।

शालिनी- कभी-कभी ।

रात के 10: 00 बजे थे हम दोनों को अब घर वापस आना था।
हमने रास्ते में ही एक रेस्टोरेंट में खाना खा लिया, रेस्टोरेंट से निकल कर बाहर..

शालिनी- भाई जी, एक मोस्ट इम्पार्टटेेन्ट चीज़ तो लेना मैं भूल ही गई।

मैं- क्या, अभी तो मार्केट क्लोज़ हो रही हैं ।

शालिनी- वो ... भाई मेरे पीरियड शायद कल से शुरू हो जायेंगे, तो वो पैड लेना है और कोई पेन किलर भी, मुझे पेट में दर्द कुछ ज्यादा होता है ।

मैंने आसपास नजर दौड़ाई तो देखा कि एक मेडिकल स्टोर खुला था, वहां से जाकर मैंने पैड लिए तब तक शालिनी रेस्टोरेंट के बाहर वेट करती रही।, हमारे पास काफी सारे बैग हो गये थे ।
हम 11: 00 बजे घर आ गए । घर आकर मैं तुरंत अपने बिना अंडरवियर के बरमूडे मे आ गया और लेटकर टीवी आन कर ली, शालिनी सारे बैग लेकर पीछे कमरे में चली गई।


शालिनी - भाई जी।। भाईजी

मै - क्या हुआ ?

शालिनी पीछे अपने कमरे मेंअपने नए कपडे ट्राई करना चाहती थी।। 
[+] 1 user Likes firefly's post
Like Reply


Messages In This Thread
To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 02:44 PM
RE: To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 06:53 PM
RE: To be continued... - by SOFIYA AALAM NAKVI - 17-11-2018, 01:06 PM
RE: शालिनी हमबिस्तर बहन - by firefly - 19-11-2018, 09:57 AM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)