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शालिनी हमबिस्तर बहन
#6
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 मैं - अरे कोई नहीं , ऐसे बदतमीज मिलते ही रहते हैं, असल मे वहाँ ज्यादातर कपल ही जाते हैं और गलत काम करते हैं मौका देखकर...

शालिनी- ओके ,भाई अब सोते हैं, गुडनाइट...

मैं- गुड नाईट... 

और थोड़ा पास जाकर मैंने उसे माथे पर किस किया तो शालिनी ने अपनी बड़ी बडी आंखें अचानक से मेरी आँखों से मिलाई और एकटक मेरी आंखों में देखने लगी फिर ....वापस सीधे लेट गई, हम दोनों ऐसे ही सो गए ।।

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सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा अभी साढ़े पांच बजे हैं मतलब आधे घंटे और सोया जा सकता था मेरे रूटीन से,,, मैं लेटा रहा फिर अचानक शालिनी की ओर देखा तो वह पैर फैलाये बेसुध सो रही है और उसकी शार्ट निक्कर सिमटकर उसकी जांघों मे चिपकी थी और ऊपर उसकी टीशर्ट समीज सहित उसकी नाभि के काफी उपर तक उठी थी,,,,

मैंने तुरंत नजर दूसरी तरफ कर ली और ध्यान हटाने के लिए मोबाइल उठा लिया, कुछ देर बाद मेरी नजर फिर शालिनी पर चली गई,,, अब वह मेरी ओर करवट हुई जिससे उसके स्तनों ने वी गले की टी मे गहरी घाटी जैसी बना ली और उसके गोरे गुदाज सीने को देखकर मुझे पता नहीं क्या हो गया कि मैं शालिनी के पूरे शरीर को देख रहा था एक अजीब सी सुरसुरी छा गई पूरे बदन मे और चढ्ढी मे मेरा लंड खड़ा हो गया... 

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कहाँ जरा सी चूंची की झलक पाने के लिए हम जैसे लडके तरसते थे, मार्केट में हल्की सी चूंची दिख जाये किसी सेक्सी भाभी/आंटी/लड़की की तो लंड तुरंत सलामी देता था,,, हस्थमैथुन से ही काम चल रहा था,,कभी किसी को छूने का मौका नहीं मिला था।।
मेरा एक हाथ मेरी चड्ढी मे मेरा लंड सहला रहा था और एक फीट दूर मेरी जवान ,मादकता से भरी हुई मांसल शरीर वाली बहन सो रही थी,, शालिनी की हर सांस के साथ उसकी चूंची ऊपर नीचे हो रही थीं और मैं हाथ से अपने लंड को और तेज मसलने लगा,,, शालिनी की चूंची बहुत ही शानदार और बड़ी हैं, नाभि भी बहुत गहरी है, और उसकी जांघों की मांसलता को देखकर मैं एक नयी दुनिया में विचरण कर रहा था,,, कि अचानक बाहर पेपर फेंकने की आवाज आई...और मैं हड़बड़ा गया, अचानक से बेड से उतरकर मैं बाहर बरामदे में भाग आया...। मुझे बहुत ही आत्मग्लानि हो रही थी.... 
 
 मैं बाहर आकर जीने पर बैठ गया और अपने कांपते हुए शरीर को संयमित करने लगा, मेरे दिमाग में कोई एक खयाल रुक नहीं रहा था कभी शालिनी की बड़ी बड़ी चूंची मेरे सामने आ रही थी और साथ ही एक खयाल मुझे धिक्कार रहा था कि तुम इतना गंदा कैसे सोचने लगे अपनी ही बहन के बारे मे ... रह रह कर मुझे ऐसे ही खयाल आते जा रहे थे और मुझे शालिनी की मासूमियत और मां का मुझ पर भरोसा सब याद आने लगा, 
आज तो ये पहला दिन ही था शालिनी का मेरे साथ,,,, हमें तो अब आनेवाले काफी सालों तक साथ रहना है, ऐसे कैसे रह पायेंगे हम साथ में...
मैंने फ्रेश होकर कपड़े डाले और शालिनी को बिना जगाए गेट बाहर से लाक करके दूध और ब्रेड लेने आ गया ।

मैं कुछ देर बाद लौटा और गेट खोल ही रहा था कि बगल वाली सुनीता भाभीजी अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रही थी और 
सुनीता भाभी- सागर भैया कैसे हो, और आपके साथ कौन आया है।
मैं- भाभी मैं ठीक हूं, वो मेरी छोटी बहन शालिनी है अब यहीं पढ़ाई करेगी।।
सुनीता भाभी - इसीलिये मैं कहूँ मेरे देवर राजा कल से बहुत बिजी दिख रहे हैं.... एक बार हमसे हेल्लो हाय नहीं और अभी भी चोरी से मेरी नंदरानी के पास जा रहे हो... हां हां... अब हम जैसी बुढ़िया को कौन पूछेगा.... नया माल जो ले आये हो....और वो हंसती रही ।
मैं- अरे नहीं भाभीसा, ऐसी कोई बात नहीं है, आज आपको मिलाता अपनी बहन से,,,,थोड़ा बिजी था ।
सुनीता भाभी- मैं काम करके आ जाऊंगी मिलने, चलो अच्छा है अब आपके खाने पीने की सहूलियत हो जाऐगी ।

सुनीता भाभी मेरे बगल वाले मकान में रहती हैं और पूरे मोहल्ले में मेरी बात उनके ही परिवार से होती है, वो 40 साल की भरे बदन की सुंदर संस्कारी महिला हैं, उनके दो बच्चे हैं वो अपने बच्चों के ही कॉलेज मे टीचर हैं,, अक्सर सुबह सुबह वो झाड़ू लगाते हुए अपनी चूंची दिखा देती थी तो मेरा दिन बन जाता था । खैर हम लोगों मे हंसी मजाक चलता रहता था ।।

सुनीता भाभी की चूंची देखने के लिए मैं अक्सर उसी समय अपनी बाइक साफ करता था घर के बाहर , आज भी बड़े गले के कुर्ते से उनकी बडी़ बडी़ चूंची लटकती हुई दिख रही थी, अंदर वो हमेशा ब्रा पहनती हैं। मुझे जाने क्यों आज उनकी चूंचियां आकर्षक नहीं लगी.। एक सीमित मजाक से ज्यादा कुछ नहीं होता था हम दोनों में, शायद उनकी चूंचियां देखने की आदत के बारे मे वो जानती थी पर कभी जाहिर नहीं किया ।
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गेट खोल कर मै अंदर आया तो देखा, शालिनी अभी सो रही थी, एक बार फिर मेरी नजर शालिनी के सीने पर पड़ी, वह सीधे लेटी थी और उसके दूध के निप्पल जाहिर हो रहे थे, इतने से ही मेरा लंड फिर झटके खाने लगा,....
सुबह के सात बज चुके थे और मैंने शालिनी को कंधे से हिला कर जगाया..
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शालिनी ने थोड़ा कुनमुनाते हुए हाथ ऊपर करके अंगड़ाई ली और अपने बालो की पोनीटेल बनाते हुए गुडमार्निंग बोल कर वह बेड से उतरकर सीधे फ्रेश होने गई,,, 
शालिनी का ये अंगड़ाई लेता हुआ बदन देखकर मुझे फिर से झुरझुरी होने लगी ।।

मैं पिछले दो घंटों से कई बार उत्तेजित हुआ था और सैकड़ों बार अपने आप को अपनी ही बहन के बदन को ना देखने का प्रयास कर चुका था । 
मैं सही गलत मर्यादा जिम्मेदारी आदि सब चीजों के बारे में सोच रहा था कि तब तक शालिनी बाथरुम से निकल कर कमरे से होते हुये सीधा किचन मे चली गई ।

शालिनी- भाईजी आप ये दूध और ब्रेड कब ले आये।
मैं-मैं बाहर से अभी लेकर आया हूं तुम्हे सोता देखा तो सोचा वापस आकर जगाऊँ ।
(उसे क्या पता कि उसके यौवन ने उसके बड़े भाईजी की ऐसी हालत करदी थी कि उसे भागना पड़ा )
शालिनी- भाई काफी या चाय
मैं- कुछ भी चलेगा, मैं तो सुबह ऐसे निकल लेता था, बाहर ही चाय पानी होता था ।
शालिनी- पहले की बात और थी,अब तो आप नाश्ता भी करेंगे और खाना भी खाकर जायेंगे ।
(मुझे शालिनी की केयरिंग बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा और मैं अपने आप को उसके शरीर के प्रति आकर्षण के लिये और धिक्कारने लगा ) 

मैं- हां हां खिला खिला कर मोटा कर दो ।

मैं बेड पर ही बैठा था और शालिनी के साथ नाश्ता करने के बाद हम लोग बातें करने लगे ।
मैंने शालिनी को घर को लाक करना और आस पास के बारे में बताया, सुनीता भाभी के बारे में बताया कि वो अच्छी महिला हैं बाकी आस पास मैं किसी से मतलब नहीं रखता...
मैं- शालिनी, मैं अब साढ़े नौ बजे वर्किंग के लिए निकलूंगा और चार बजे आ गया तो ठीक नहीं तो रात के आठ बजने हैं, यही मेरा रूटीन है ।
शालिनी- ठीक है भाई मैं कुछ खाने के लिए बनाती हूं आप तैयार हो जाइए, मैं बाद मे नहाऊंगी ।
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मैं नहा धोकर तैयार हुआ, इतनी देर मे मेरा दिमाग थोड़ा संतुलित हुआ था और मैं फिर से शालिनी को अपनी भोली बहन के जैसे देख रहा था, 
शालिनी ने मुझे पराठे खिलाए और मैं फ्रेश मूड से अपना बैग लेकर शालिनी को किसी के लिए भी गेट ना खोलने की हिदायत देते हुए मैं निकल आया।।
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सोमवार होने से मुझे वर्किंग के बाद डिपो जाना पड़ा और इसकी वजह से शाम के छह बजे मुझे फुरसत मिली, दिन भर मे मेरे दिमाग में बार बार शालिनी की ही बातें और यादें आ रही थीं । दिन में कई बार मन किया कि शालिनी से बात करूँ वो क्या कर रही है, कैसी है, अकेले बोर तो नहीं हो रही है,,, बट कैसे... शालिनी के पास मोबाइल नहीं था,, 
मैं घर के लिए निकला और सोचा नाश्ते के लिए कुछ ले लूं ।
नाश्ता लेकर मेरी नजर सामने की मोबाइल शाप पर पड़ी और मेरे कदम उधर बढ़ चले,,
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Updated:? 
 
मैं घर आया और गेट खोलकर जैसे ही मेरी नजर बरामदे में चारों तरफ पड़ी, मैं हैरान हो गया, हर चीज करीने से रखी है और साफ-सुथरी, मैंने आगे कमरे में कदम रखते ही शालिनी को आवाज लगाई.. शालिनी....
कमरा भी बहुत ढंग से सजाया था ।
शालिनी पीछे कमरे में साफ़ सफाई में लगी थी और वह तेज चलती हुई मेरे पास आई और मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे गले लगने वाली है पर वो ठिठक कर खड़ी हो गई ।
शालिनी- जी भाई आप आ गए ।
मैं- हां, क्या हो रहा है सुबह से, तुमने तो एक दिन में ही घर को बदल दिया है।
शालिनी (फ्रिज से पानी निकाल कर मुझे देते हुए)- वो दद्दा, मैं आपके जाने के बाद बोर हो रही थी तो मैंने थोड़ी सफाई कर डाली ।
मैं- इधर आओ बैठो देखो कितना पसीने से नहाई हुई हो , और सारी सफाई क्या एक ही दिन में करनी है।
वो कूलर के सामने बेड पर बैठ गई । इस समय शालिनी ने लाइट यलो कलर का सलवार सूट पहन रखा था और अपना दुपट्टा सर में बांध रखा था ,कुर्ते के अंदर से उसकी सफ़ेद समीज पूरी तरह दिख रही थी और ब्रा तो वह पहनती ही नहीं है, इससे शालिनी के बड़े स्तनों में उभरे उसके निप्पल थोड़ा थोड़ा जाहिर हो रहे थे । मैं फिर से शालिनी के मादक उन्नत उरोजों को देखने से अपने आप को रोक नहीं पाया ।


शालिनी- भाई आपके लिए काफी बनाऊं ।
मैं- हां, हां ऐसा करो तुम भी नहा लो फिर साथ में काफी पीते हैं, मैं कुछ स्नैक्स लाया हूं और तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है,,

शालिनी ने घर को बहुत अच्छा सेट किया था, अब हमारा ये कमरा बेडरूम और पीछे वाला स्टडी/स्टोर रूम जैसे था, शालिनी ने सारे कपड़े और फालतू चीजों को पीछे कमरे में रख दिया था और वहीं से वो अपने लिए स्लीवलेस टी-शर्ट और निक्कर निकाल कर मेरे सामने से निकल कर बाथरूम में चली गई ।। 
मैं कपड़े बदल कर बरमूडा और बनियान में लेट गया आंखें बंद करके। और सोचने लगा कि अभी अभी शालिनी को देखकर मुझे कोई सेक्सुअल ख्याल नहीं आया जबकि इस दौरान भी उसके उन्नत उरोजों की झलकियां कई बार दिखीं । मुझे लगा कि ये सब नेचुरल है और मुझे अपनी बहन के साथ प्यार से रहना है न कि कोई तकरार करके । मैं अपने आप को फिर से सही ग़लत के दोराहे पर ले आया । जाने कितनी उधेड़ बुन के बाद आखिर मैंने ये सोच लिया कि

"मेरी बहन यदि सुंदर है या साफ़ लफ़्ज़ों में सेक्सी है तो सब उसे देखेंगे ही और मैं भी उसके रूप को थोड़ा निहार लूं तो इससे किसी का क्या बिगड़ जायेगा, और मैं इससे बच भी नहीं सकता क्योंकि मुझे उसके साथ ही रहना है ।।"

मैंने सोच लिया कि अब से शालिनी को देखने की कोशिश मैं नहीं करूंगा पर जो दिखाई दे रहा होगा उसको देख कर उसके युवा बदन का दीदार करने से अपने आप को रोकूंगा भी नहीं ।। और कौन सा हम लोग फिजिकल होने जा रहे हैं, थोड़ा सा आंखें ही तो सेंक रहा हूं। यही सब सोचते हुए मेरी नाक में एक महक सी आई और साथ में शालिनी कमरे में आ गई तो मैंने आंखें खोली और मैं उसे देखता ही रह गया । 

निक्कर शालिनी की सुडौल जांघों में चिपका हुआ था जो उसके घुटनों से काफी ऊपर तक ही था, एकदम टाइट लग रहा था, और उपर स्लीवलेस बनयान टाइप ढीली टी-शर्ट में वह बहुत ही गजब लग रही थी । उसके पूरे खुले हुए कंधे और सुंदर हाथ बड़े ही आकर्षक लग रहे थे। उसके पैर की नंगी पिंडलियों पर पानी की कुछ बूंदें उपर से नीचे लुढ़क रहीं थी । शालिनी अलमारी के आईने में अपने बाल ठीक करने लगी ।।

काफी टाइम से मैं पोर्न देखता आया हु, और कभी कभी नोवेल्स भी पढ़ता था, फैन्टेसी सेक्सी कहानियों वाली। मैं शुरु से ही कम बोलने वाले टाइप का रहा हूं। अपने ही धुन में रहता हूं। कोई मुझे देख कर नही कह सकता था कि मैं सेक्स का इतना भूखा हूं । मैं जब भी किसी सेक्सी लड़की को देखता था तो उसको इमैजिन करता था की उसकी बाडी अंदर से कैसी दिखती होगी, उसका फिगर क्या होगा। सब कुछ मेरे दिमाग मे चलता रहता था आम लड़कों की तरह।
और यहां कमसिन जवानी की दहलीज पर खड़ी मेरी सगी बहन ऐसे सेक्सी कपड़ों में मेरे आस पास घूम रही है, मैं उसे कैसे ना देखूं , और क्यों न देखूं ।।  
  
शालिनी ने बाल बनाकर पोनीटेल बना ली और चाय बनाई , हम दोनों ने नाश्ता किया, इस बीच मैंने गौर किया कि शालिनी के कंधों और बगल के हिस्से में उसकी सफ़ेद समीज दिखाई दे रही है क्योंकि शायद उसकी समीज बड़ी थी, असल में ऐसी टी-शर्ट के अन्दर लड़कियां ब्रा पहनती हैं ना कि समीज । मैंने अपनी नजरों को वहां से हटाया और फिर मैंने शालिनी से अपनी आंखें बंद करने को कहा , और मैंने बैग से निकालकर सैमसंग का एंड्रॉयड मोबाइल उसके हाथों पर रख दिया, और उसने आंखें खोली ।।

शालिनी- वाव..... फोन मेरे लिए भाईजी, और ये कहकर वो मेरे गले लग गई.....

हम दोनों खड़े थे और इस बार माल की तरह किसी के देखने का डर भी नहीं था, तो मैंने भी शालिनी को कस कर अपने सीने से चिपका लिया और उसकी पीठ पर मेरा हाथ खुद ब खुद सरकने लगा ।

मैं उसकी पीठ सहलाते सहलाते हुए उसके बालों में भी उंगली घुमाने लगा,और शालिनी ने भी मुझसे अलग होने की कोशिश नहीं की । कुछ देर में ही मुझे लगा जैसे मेरे लिंग में तनाव आने लगा है और मैं ये सोचने लगा कहीं शालिनी इसे महसूस ना कर ले, मैं हल्का सा पीछे होकर उसके गुदाज स्तनों की गर्मी महसूस कर रहा था।

शालिनी के बदन की खुशबू से मैं मदहोश होने लगा । मैंने मादा खुशबू के बारे में सुना था और आज मैं उसे महसूस भी कर रहा था, जाने कितनी देर बाद शालिनी ने अपना चेहरा थोड़ा अलग करते हुए कहा, भाईजी हमारी पहली सेल्फी हो जाए और हल्का सा सीधे होकर वो कैमरा आन करके सेल्फी लेने लगी,,, 

शालिनी की दाहिनी चूंची अब भी मेरे सीने से बायी ओर से दबी थी। उसने बहुत सारे फोटो खींच डाले फिर अलग होकर वो फोटो देखने लगी ।



फोटो देख कर उसने कहा भाईजी फोन बहुत ही अच्छा है और फोटो क्वालिटी भी अच्छी है, उसने कहा भाई मम्मी को वीडियो काल करते हैं । और वो मम्मी का फोन नं मिलाने लगी, मुझे लगा कि मां के साथ वीडियो काल के लिए शालिनी के कपड़े कुछ ज्यादा ही खुले हैं कहीं मां ने देख लिया कि बगलों के साइड से शालिनी की समीज और उसके कांख के बाल साफ़ न होने से दिखाई दे रहे थे ।



मैंने शालिनी से कहा- वो ... वो शालिनी मम्मी को अभी वीडियो काल मत करो, नार्मल काल कर लो बेटा ।



शालिनी- क्यों भाईजी, क्या हुआ ?



मैं- (कुछ सोच कर) - वो... वो ... बेटा..



शालिनी- क्या दद्दा....



मैं- (हिम्मत करके) वो तुम्हारी समीज दिखाई दे रही है ना... शायद मम्मी को ठीक ना लगे!



शालिनी - (अपने उपरी शरीर को देखते हुए) ओह... स्वारी भाई, मैंने ध्यान नहीं दिया... और वो नीचे देखने लगी ।



मैं- कोई बात नहीं बेटा.... यहां अपने घर के अंदर तो चाहे जैसे रहो बट बाहर निकलते हुए थोड़ा ध्यान रखना बस ।



शालिनी मोबाइल में फीचर्स देखने लगी और हम बातें करते रहे ।

मैं- शालिनी, एक बात पूछूं??



शालिनी-जी...



मैं- तुम ब्रा क्यों नहीं पहनती ?



शालिनी (मोबाइल में देखते हुए) - वो भाईजी, मुझे स्किन पर रैशेज हो जाते हैं ब्रा पहनने से, हाईकॉलेज के बाद मां लायी थी.... ...बट रैशेज हो गये और मम्मी ने कहा कि समीज ही पहनो ।



(शालिनी के इतने आराम से बोलने से मुझको अच्छा लगा कि वो मेरे साथ खुलकर अपने अंत: वस्त्रों के बारे में बात कर रही है)



मैं- वो अच्छी क्वालिटी के नहीं होंगे, इसीलिए रैशेज हो गए होंगे,प्योर काटन कपड़े से रैशेज नही होंगे।

शालिनी- जी भाईजी, ब्रा ना पहनने से कभी कभी अजीब लगता है ।

मैं- हां, और सलवार सूट में समीज चल जाती है बट इन सब स्टाइलिश कपड़ों के लिए ब्रा ही ठीक रहती है ।



मैंने घड़ी की ओर देखा और कहा- शालिनी चलो, ऐसा करते हैं मार्केट चलते हैं और तुम्हारे लिए काटन मेटेरियल की ब्रा ले लेते हैं, वापसी में तुमसे तुम्हारे नये मोबाइल की ट्रीट भी ले लूंगा ।



शालिनी-( हंसते हुए) - जी भाईजी, ये ठीक रहेगा यहां तो अच्छी क्वालिटी की मिल ही जायेगी, मैं चेंज कर लेती हूं आप भी रेडी हो जाईए ।

शालिनी पीछे कमरे में जाकर चेंज करने लगी मगर उसने दरवाजा सिर्फ ढलका दिया, लाक नहीं किया । मैं भी शालिनी के निकलने के बाद कमरे में जाकर चेंज करने लगा ।


शालिनी ने जींस और टॉप पहना था, कपड़े पहनते पहनते मैं अभी अभी हम दोनों के बीच हुई बातचीत के बारे में सोच रहा था और मेरे बदन में सिहरन सी दौड़ गई । तभी मुझे अचानक सेक्सी कहानियों मेंअपनी बहन को ब्रा खरीदवाने के सेक्सी वाकये मेरे दिमाग में फ्लैश करने लगे । 
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Messages In This Thread
To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 02:44 PM
RE: To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 06:53 PM
RE: To be continued... - by SOFIYA AALAM NAKVI - 17-11-2018, 01:06 PM



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