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शालिनी हमबिस्तर बहन
#4
मैंने शालिनी से कहा- अरे ,अब चेंज की क्या जरूरत है जब ये ले ही लिया है तो इसी को पहने रखो... आओ बाहर..

लोग गलत बोलते हैं कि लड़कियों/औरतों को शापिंग कराना मुश्किल और पकाउ काम है, मेरी बहन शालिनी ने तो फटाफट पसंद करके ले लिया,,,
शालिनी से मैंने कहा , अब क्या लेना है 
शालिनी- दद्दा ,वो घर मे पहनने के लिए आप जैसे कम्फर्टेबल कपड़े ही लेने हैं,, 
बातें करते हुए हम माल की दूसरी फ्लोर पर आ गए और बिग बाजार में प्रवेश किया,,, क्योंकि एवरेज बजट में डेलीवियर वहां काफी अच्छे मिल जाते हैं।
हमने थोड़ी ही देर में शालिनी के लिए दो निक्कर और दो 3/4 कैप्री पसंद कर लिए इनके ट्रायल की जरुरत नहीं थी, अब हम लाइट टीशर्ट देख रहे थे तो मैंने एक स्लीवलेस बनयान टाईप टीशर्ट शालिनी को दिखाते हुए कहा ये कैसी रहेगी 
शालिनी ने उसे हाथ में लिया और अपने सीने पर उपर से ही रख कर वो देखने लगी, फिर बोली-- ठीक है, इसमे गर्मी कम लगेगी।
तो हमने दो स्लीवलेस और दो नार्मल हल्की टीशर्ट सेलेक्ट करके वहां से निकले, अब तक शाम के सात बज चुके थे। 

मैंने मां को वीडियो काल करी और बताया कि हम लोग शापिंग कर रहे हैं, मैंने शालिनी की ओर कैमरा करके मां को दिखाया,,,
मां- बेटा तुम लोग ठीक हो ना , 
शालिनी- हां, मम्मी, हम लोग ठीक हैं और थोड़े कपडे़ भी ले लिए हैं, अब घर निकल रहे हैं।
मां- सागर बेटा, जरा मोबाइल मे शालिनी को पूरा दिखा तो सही,,,
मैंने मोबाइल थोड़ा दूर कर दिया जिससे शालिनी की पूरी बाडी मम्मी को दिखने लगी,,,
मां- शालिनी बेटा, तुम बहुत अच्छी लग रही हो, सागर बेटा... तुमने अच्छे कपडे़ दिलाये हैं। अब तुम लोग घर निकलो और टाइम से खाना खा लेना, ओके...
फोन कट करके मैंने शालिनी से पूछा- कुछ और लेना है अभी या फिर घर चलें।
शालिनी- जी... जी भाई.. लेना... नहीं नहीं.. कुछ नहीं  
   
मैं और शालिनी काफी समय से माल में थे अब हमे घर निकलना था तो हम लोग पार्किंग मे जाने के लिए एस्केलेटर पर आ गए जो बेसमेंट पार्किंग में जाता था, मैं और शालिनी साथ ही एस्केलेटर पर चढ़े, पता नहीं कैसे शालिनी का बैलेंस बिगड़ा और वह आगे की ओर गिरने ही वाली थी कि उसने मेरी बायीं कोहनी पकड़ ली और साथ ही मैंने उसे कमर से पकड़ कर अपनी ओर खींचा ।। ये सब एक दो सेकेंड मे ही हुआ और हम एस्केलेटर से नीचे पार्किंग में आ गए, शालिनी बहुत डर गई थी और जैसे ही मैंने अपने साथ उसे एस्केलेटर से उतारकर खड़ा किया, इस समय हमारे साथ कोई पार्किंग में नहीं आया था और न ही आस पास कोई दिख रहा था, अमूमन आज माल मे ही भीड़ कम थी,

शालिनी जो मुझसे सट के खड़ी थी, अचानक से मुझे पकड़ कर अपने साथ चिपका लिया और सिसकते हुए बोली - भाईजी आप ने मुझे बचा लिया , और एक बार फिर मुझे कस कर अपने से चिपका लिया । शालिनी और मेरी हाईट मे जरा सा ही अंतर है उसने अपना चेहरा मेरे सीने मे छुपा लिया था और फिर बोली - आपके साथ मैं सेफ फील करती हूं भाईजी 

(

मैने भी शालिनी के पीछे हाथ ले जाकर उसको बाहोँ मे भर लिया ) 

मै- मेरे होते तुम्हें कुछ नहीं होगा बेटा, और छोटी सी चीज से ऐसे डरते नहीं हैं, तुम्हें तो अब अकेले ही यहाँ कालेज भी आना जाना है... बी ब्रेव गर्ल बेटा....

और प्यार से मैंने उसकी पीठ को हल्का सा सहलाया और उसके गालों पर हल्का सा हाथ लगाकर उसे हंसाने की कोशिश की, 

मैं- चलो बेटा अब घर चलते हैं,,,, 

(हम दोनों अभी भी एक दूसरे से चिपके हुए थे, तभी अचानक से सामने से आता एक सिक्योरिटी गार्ड दिखा जो हमारी ही तरफ आ रहा था, मैंने जल्दी से शालिनी को अपने से अलग किया और उसका एक हाथ पकड़कर अपनी बाईक की ओर चल दिया) 

गार्ड- जरा भी शरम हया नहीं है तुम लोगों को, यहीं पार्किंग में ही चुम्मा चाटी शुरू कर दी, बेशरम

मैं- रुकते हुए, जी वो ऐसी बात नहीं है ये तो मेरी छोटी बहन है।

गार्ड- (हंसते हुए) हां हां यहाँ सब भाई बहन ही बताते हैं पकड़े जाने पर, 

शालिनी- आप बिना बात के बदतमीजी कर रहे हैं हम लोग भाई बहन ही हैं वो भी सगे...।

गार्ड- अरे बहन, तो मैं कब कह रहा हूं कि तुम लोग भाई बहन नहीं हो, मगर अभी जो गले मिलन हो रहा था उसे देखकर मुझे लगा कि जल्दी चलो नहीं तो पूरी पिक्चर यहीं पार्किंग में बन जायेगी,,,, ऐसा तो यहां रोज होता है अपना क्या .. अपनी तो ड्यूटी है... जिनके पास गाड़ी है वो तो गाड़ी में निपट लेते हैं.... आप जैसे बाहर ही शुरू हो जाते हैं... भाईजी माफ करना... आप जाओ .. अपना क्या... ड्यूटी है ।।



वो कमीना गार्ड लगातार बोले ही जा रहा था और हाथ जोड़ कर माफी वाले अंदाज में बक बक कर रहा था ।

मैं- (बात को खत्म करने के इरादे से) ठीक है कोई बात नहीं...

गार्ड- ठीक है भाई... बेस्ट आफ लक... गुड लक.. गुड कपल... लवली कपल...

वो बोलता रहा और मैं शालिनी के साथ अपनी बाइक के पास आ गया, अब मुझे लगा कि वो गार्ड नशे मे बड़बडा़ रहा है...
खैर .. मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और शालिनी पीछे बैठ गई, उसके हाथों में काफी बैग थे जिससे पता चलता था कि वह शापिंग करके आ रही है ।।  
 
 हम दोनों घर की ओर चल दिए, रास्ते में शालिनी और मेरे बीच कोई बात नहीं हो रही थी, शायद वो गार्ड वाली घटना की वजह से, 

घर के पास आकर किरानास्टोर वाले से सामान लेते हुए हम घर आ गए , मैंने बाइक बाहर ही रखी और हम अंदर आ गए, कमरे मे आते ही मैंने कूलर चलाया और फटाफट अपने कपड़े निकालकर मैं अपनी आरामदायक पोजीशन यानी चढ्ढी बनयान मे आ गया और शालिनी पीछे कमरे में जाकर सारे बैग रखकर मेरे पास आकर बेड पर बैठ गई, कूलर की हवा ठंडी थी, पांच मिनट ऐसे ही बैठे रहते हुए हो गए थे पर हम लोग कोई बात नहीं किए थे, मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था... 



मै- शालिनी, नौ बज रहे हैं, खाने का क्या करना है।

शालिनी- जी, भाईजी, मैं अभी कुछ बनाती हूं,

मैं- ह़ां , चेंज कर लो फिर आराम से बनाना कोई जल्दी नहीं है 

और कल से मुझे जाब पर भी जाना है.... इस बीच देखते हैं एडमिशन की लिस्ट जारी हो जायेगी तो फिर एक दो दिन की छुट्टी लेकर काम हो जायेगा।। 



शालिनी- जी भाईजी 



मैं- और हां, तुम आज इसी बेड पर सो जाना क्योंकि तुम्हारे रूम में तो अभी पंखा नहीं लग पाया है,, कल लगवा लेंगे।।

शालिनी- जी, यहीं सो जाऊंगी वैसे भी मैं कभी अकेली नहीं सोती...

मैंने टीवी चला दी और शालिनी चेंज करके नये कपडों मे से ही एक ब्लैक शार्ट निक्कर और व्हाइट टी पहनकर आयी और कूलर के आगे खड़ी हो गई, तो मैंने देखा कि शालिनी पूरी तरह पसीने मे भीगी हुई है,,,, 



मैं- अरे तुम तो पूरा पसीने से नहाई लग रही हो, क्या हुआ ।। 



शालिनी- वो कमरे में पंखा नहीं है तो बहुत गर्मी लग रही थी और मुझसे जींस भी जल्दी निकल नहीं रही थी । 



मै- ओ हो... इतनी गर्मी थी तो तुम यहीं चेंज कर लेती..और पसीने से नहाई हो फिर भी कपड़े पहन लिए ।। 



शालिनी- जी... भाईजी... वो यहां आप थे इसलिए मैं पीछे चली गई थी.... 



मै- (थोड़ा सोच कर) हां, हां मैं यहां था तो... कौनसा तुम्हें सारे कपड़े निकालने थे,,, अब यहाँ हम ही दोनों को रहना है... इतनी शरम ठीक नहीं... और तुम अपने भाई के साथ ही अनकम्फरटेबल हो... ऐसे कैसे रहेंगे हम साथ में ... मुझे देखो मैं जैसे रहता था तुम्हारे आने से पहले वैसे ही हूं।। 



शालिनी-- सारी भाईजी,,, मेरा वो मतलब नहीं था, पर मुझे लगा आपके सामने चेंज नहीं करना चाहिए, ,,, 

(शालिनी का हाथ पकड़ कर अपने पास बेड पर बिठाते हुये) 


मैं- देखो बेटा... बिल्कुल फ्री होकर रहो... हम लोग अब बड़े हो गए हैं और एक दूसरे के सामने चेंज नहीं करना चाहिए लेकिन कभी इस तरह की सिचुएशन हो तो कर सकते हैं और करना ही चाहिए, हम भाई बहन हैं और यहां इस शहर मे हमे ही एक दूसरे का खयाल रखना है... लड़ाई के लिए भी मैं ही हूँ और प्यार के लिए भी मैं ही मिलूंगा..., सो रिलैक्स ...   
  
शालिनी ने हां बोला और खाना बनाने लगी, खाना बनाते समय भी उसे काफी गर्मी लगी और वो कई बार कूलर के सामने आ कर दो मिनट खड़ी होती फिर किचन में जाकर खाना बनाती । मैं आराम से लेटकर अपने कुछ फोन काल्स निपटा रहा था,, 

शालिनी- भाईजी खाना रेडी है

मैं- ठीक है तुम पांच मिनट आराम कर लो फिर खा लेते हैं और मैं उठकर टायलेट करने गया ।

हम लोगों के पास कोई डायनिंग टेबल तो था नहीं , हमने बेड पर ही खाना खाया और बातें करतें करते 

शालिनी- भाईजी, थैक्स फार शापिंग, और आपके साथ शापिंग मे मजा आ गया.. लव यू भाई.... और हां नेक्स्ट टाइम से अब जब भी शापिंग जायेंगे आप भी अपने लिए भी शापिंग करेंगे... प्रामिस करो भाई...

मैं - ठीक है चलो सोते हैं सुबह से अगले छह दिन मुझे गधे की तरह फील्ड में घूमना है ।

मैंने कपडे डाल कर बाइक अंदर रखी और गेट लाक करके कपड़े फिर से निकाल कर शालिनी के पास लेट गया, गेट लाक होने के बाद मैं घर का कोई दरवाजा बंद नहीं करता, लाईट आन थी, हम दोनों को उजाले में सोने की आदत है।।

हम लोग बराबर मे लेटे थे लेकिन दूर दूर और टीवी चल रहा था। हम लोग इधर उधर की बातें कर रहे थे, कल क्या करना है वगैरह वगैरह ।
शालिनी- दद्दा, वो गार्ड क्या उल्टा सीधा बक रहा था , बदतमीज को हम कपल दिखाई दे रहे थे।। 
 
 
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To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 02:44 PM
RE: To be continued... - by firefly - 16-11-2018, 06:53 PM
RE: To be continued... - by SOFIYA AALAM NAKVI - 17-11-2018, 01:06 PM



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