14-11-2018, 07:17 PM
बस अपनी रफ्तार से चली जा रही थी, शालिनी ने अब अपना दुपट्टा ठीक कर लिया था और हम लोग थोड़ी बहुत बातें करते हुए लखनऊ आ गए, आटो लेकर अपने घर आ गए।
कालोनी के मकान को आगे हिस्से पर मैंने बड़ा गेट लगवा दिया था जिससे गेट बंद होने पर पूरा घर सुरक्षित था, मैंने गेट खोला और आटो से सामान उतारकर अंदर ले आया और गेट बंद कर लिया, गेट बंद होने पर बाहर से हमारे घर के अंदर का कुछ नहीं दिखता था.. । अंदर का रूम खोल कर जल्दी से मैंने कूलर चलाया, क्योंकि हम दोनों पसीने पसीने हो रहे थे गर्मी के कारण।
शालिनी आज हमारे मकान में पहली बार आयी थी तो उसने पीछे वाला कमरा, किचन, बाथरूम सब घूम घूम कर देख रही थी और हम लोग बातें कर रहे थे। मैंने गर्मी के कारण अपनी जीन्स शर्ट निकाल दी और अंडरवियर बनयान में बिस्तर पर लेट गया। शालिनी भी आगे बरामदे से पीछे कमरे तक कई चक्कर लगाकर हाथ मुंह धोकर मेरे पास ही बेड के साइड में बैठ गई। और हम लोग बात करने लगे।।
सागर- शालिनी, तुम भी कपड़े चेंज करलो और थोड़ा आराम करलो फिर हम लोग दोपहर बाद मार्केट चलेंगे।
शालिनी- नहीं नहीं दद्दा, मैं ऐसे ही ठीक हूं, और चेंज करके भी सूट ही पहनना है तो यही ठीक है
सागर- क्यों ? कोई हल्के कपड़े नहीं है क्या, नाईटी वगैरह
शालिनी- नहीं भाई
सागर- अच्छा कोई बात नहीं तुम ऐसा करो अभी मेरा बरमूडा और टीशर्ट पहन लो, शाम को हम लोग नये कपड़े लेंगे।।
मेरी लम्बाई 5' 10" और शालिनी की 5' 7" । रंग हम दोनों का ही गोरा है, मैने उठकर पीछे कमरे से लाकर उसे कपड़े दिये और कहा ये पहन लो थोड़ा गर्मी कम लगेगी । शालिनी ने कपड़े लिए और पीछे कमरे मे जाकर चेंज करके मेरे पास आकर बैठ गई,
सागर- ओ हो.. कपड़े लेने की कोई जरूरत नहीं है, मेरा ही साइज फिट आ रहा है... (शालिनी ने टीशर्ट और नेकर पहली बार पहना था) ,
ये सुनकर शालिनी हंसने लगी और खड़े होकर मुझसे कहने लगी कि ये कपड़े तो बहुत आरामदायक हैं दद्दा, कितना फ्री लग रहा है ।।
मैंने उससे कहा अब तुम भी आराम कर लो, यहींं लेट जाओ अभी तुम्हारे लिए पीछे कमरे को साफ करके उसमें पंखा लगवा दूं, शालिनी वहीं मेरे साथ ही लेट गई, सफर की थकान से हम दोनों जल्दी ही सो गए ।।।
सफर की थकान से हम दोनों एक ही बिस्तर पर सो रहे थे, दो छोटे दीवान जोड़ कर एक बेड जैसा बन गया था जिस पर दो लोग आराम से सो सकते थे। पीछे कमरे में एक सिंगल दीवान पड़ा था।
दोपहर के तीन बजे मेरी नींद खुली तो मुझे बहुत भूख लगी थी, मैं उठकर बाहर बरामदे में बेसिन में हाथ मुंह धोकर मैगी नूडल्स बनाने लगा ।फिर मैंने शालिनी को आवाज लगाकर जगाया, पर वह नहीं उठी। मैगी बनाने के बाद मैं कमरे में आकर शालिनी को हाथ लगाकर उठाने ही जा रहा था कि मैं एकदम से रुक गया। शालिनी इस वक्त करवट लेटी थी और उसके दोनों दूध के बीच की घाटी का काफी हिस्सा मेरी वी गले की टीशर्ट से दिख रहा था। हर बार सांस लेने के बाद उसके दूध भी फूल-पिचक रहे थे। मैं उसे जगाने के बजाय उसके पूरे बदन को उपर से नीचे की ओर देखने लगा । अब मुझे एहसास हुआ कि मेरी बहन शालिनी बहुत ही खूबसूरत है और मां की ही तरह उसका शरीर भी हर हिस्से से खूबसूरत कटाव लिए है,, मैं शालिनी से बस कुछ इंच की दूरी पर खड़ा हुआ वहीं पर जैसे फ्रीज हो गया था । अचानक मुझे सुबह बस की बात याद आ गई कि कैसे वो आदमी शालिनी का दुपट्टा खिसकने के बाद उसके दूधों को घूर रहा था और यहां अब मैं खुद अपनी बहन के दूधों को हर सांस के साथ उठते बैठते देख रहा था।।
मुझे बहुत अजीब सा लगा कि मैं ये क्या कर रहा हूं अपनी ही सगी बहन को मैं एक लड़की/औरत की तरह कैसे देखने लगा ।। मैंने बाहर बरामदे में आकर फिर से मुंह धोया और अंदर आकर शालिनी के दाहिने पैर को हिलाकर उसे जगाया l
शालिनी को मैंने जगाया, उठते ही उसने एक अंगड़ाई ली और दोनों हाथ सिर के पीछे लेजाकर उसने अपने बालों को ठीक किया । एक बार फिर मेरी नजर बहन के बड़े बड़े स्तनों पर टिक गई जो उसके बाल संवारने से और भी बड़े दिख रहे थे। शालिनी उठकर टायलेट करके फ्रेश होकर आई और हमलोग ने नाश्ता किया,
मैं- शालिनी तुम ऐसा करो कि अभी किचन में जरूरत की चीजों की लिस्ट बना लो, मैं तो ऐसे ही कुछ भी कहीं भी खा लेता था।हम लोग इधर से जाते समय किरानास्टोर पर दे देंगे और शापिंग से वापस आते में लेते आयेंगे।
शालिनी- जी भाईजी,
मैंं अभी भी चड्ढी बनयान मे ही था, असल मे अकेले रहने के कारण गर्मी के दिनों में मैं कम से कम कपड़ों में या नंगे रहना ही पसंद करता था, अकेले रहने के अपने मजे हैं,
खैर शालिनी की मौजूदगी में नंगे रहने का सवाल ही नहीं था। मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया, हमारा बाथरूम और लैट्रीन ज्वाइंट है और उपर छत पर जाने वाले जीने के नीचे बना है, बाहर बरामदे में ही दूसरी साइड अपनी अपाचे बाईक रखता था और कपड़े भी वहीं सुखा लेता था मैं नहाकर वैसे ही चड्ढी बनयान पहनकर कमरे के अंदर आया तो शालिनी ने लिस्ट मेरे हाथ में दे दी, उसने इन 15 मिनट में ही किचन से लेकर डेलीयूज की लगभग सभी चीजों की लिस्ट बना दी थीं, हम दोनों ने आपस में बात करके लिस्ट फाईनल कर ली, मैंने शालिनी से कहाकि तुम भी जल्दी से नहाकर तैयार हो जाओ, शालिनी ने अपना बैग उठाकर बेड पर रखा और अपने लिए कपड़े निकालने लगी, मैं इस बीच कमरे की अलमारी में लगे बड़े आईने में अपने बाल खींच रहा था, शालिनी ने एक ग्रीन कलर का सूट निकाला और साथ में एक काली चड्ढी और सफेद समीज( स्लिप) निकाली, और मुझसे बोली - दद्दा मैं टावेल नहीं लाई हूं पुरानी थी काफी, अभी आपकी ही ले लूं !
मैं - मैंने कहा हां ले लो बाहर ही है । उसे समझाते हुए कहा कि अब यहां कोई भी चीज के लिए पूछना नहीं न ही किसी चीज में शर्म हिचक रखना, जैसे चाहो, मस्त होकर रहो और पढ़ाई करो ।
वह कपड़े लेकर नहाने बाथरूम में चली गई और मैं कपड़े पहनने लगा । कपड़े पहनने के बाद मैंने एक चीज ध्यान की, कि शालिनी ने ब्रा नहीं निकाली, ब्रा का खयाल मन में आते ही एक अजीब सी फीलिंग हुई। मुझे लगा वो शायद भूल गई है और पता नहीं क्या सोचकर मैं उसके बैग में ब्रा ढूंढने लगा, वो ज्यादा कपड़े नहीं लायी थी क्योंकि उसे नये स्टाइलिश लुक वाले कपड़े यहीं लेने थे। उसके बैग मे ब्रा नही मिली, मैंने बैग बंद कर बेड के नीचे रख दिया । बाथरुम से शावर चलनेकी आवाज आ रही थी, मुझे अजीब सी उत्तेजना हो रही थी ।
मैंने टीवी चला ली और न्यूज देखने लगा।
शालिनी नहाकर कमरे में आयी तो एक अजीब सी सुगंध जैसी फैल गई, उसने सलवार सूट पहन रखा था और उसका सूट काफी टाईट फिटिंग का था जो उसपर बहुत अच्छा लग रहा था, वो आईने के सामने आ कर बाल ठीक करने लगी, बाल बनाते बनाते वह पूछने लगी कि आपको भी शापिंग करनी है अपने लिए ना ।
मैं- नहीं अभी आज सिर्फ तुम्हारे लिए जरूरी कपडे ले लेते हैं फिर एडमिशन के बाद ले लेंगे। तुम बताओ क्या क्या लेना है।
शालिनी- घर के डेलीवियर और कालेज जाने के लिए दो सेट ।
मैंने बाइक निकाली और गेट लाक कर हम लोग मार्केट के लिए निकल लिए, धूप बहुत तेज थी तो शालिनी ने अपना दुपट्टा पूरे चेहरे पर बांध लिया था और दोनों साइड पैर करके बैठ गई ।।
शालिनी दूसरी बार शहर आयी थी और रास्ते में वो काफी चीजों के बारे मे पूछती रही और मैं बताता रहा, बातें करते करते हम लोग शापिंग माल पहुंच गए, बाइक पार्क करके हम दोनों अंदर आ गए,, अंदर एअर कंडीशन होने से थोड़ा गर्मी से राहत मिली। हम दोनों काफी देर यूं ही माल में घूमते रहे फिर हमने आइसक्रीम खाई और शालिनी से मैंने कहा चलो अब कुछ खरीदी भी कर लें, मुफ्त की ठंडी हवा काफी खा चुके हैं,,, मेरे ऐसा कहने से शालिनी हंसने लगी । हंसते हुए वह बहुत खूबसूरत दिख रही थी, हंसते समय उसके दूध भी हिल रहे थे, जो उसे और आकर्षक बना रहे थे, न जाने क्यों पर मेरी बार बार नजर शालिनी के बड़े बड़े स्तनों पर ही जा रही थी । सामने एक जींस शोरूम में जाकर हम जींस देखने लगे,,,
एक सेल्स गर्ल आयी और उसने कहा, सर मे आई हेल्प यू इन सेलेक्शन ??
हां जी , ये मेरी सिस्टर है इसके लिए जींस टाप सेलेक्ट कराईये।।
सेल्स गर्ल- मैम आपको शायद 28 जींस आयेगी और टाप ?
शालिनी- मुझे नहीं पता, प्लीज आप चेक कर लें ।।
एक दूसरी सेल्सगर्ल ने शालिनी को चेंजिंग रूम की ओर बुलाया और कहा, मैम आप इधर आ जायेंं , स्टैट्स चेक कर लें।
दो मिनट बाद वो सेल्सगर्ल शालिनी के शरीर को इंचीटेप से इधर उधर नापने के बाद हंसते हुए बोली, इट्स 26"/34"/28।।
शालिनी को दो जींस और दो टीशर्ट टाप पसंद कराये उसके साइज के और शालिनी से ट्रायल करनेको कहा,
शालिनी कपड़े लेकर ट्रायल रूम में चली गई, मैं ट्रायल रूम के बाहर खड़ा हो गया,
पांच मिनट बाद शालिनी ने दरवाजा खोला और मुझे दिखाते हुए बोली, भाईजी फिट है ना।।
मैंने उसे उपर से नीचे तक एक सरसरी निगाह से देखा, उसने ब्लैक जींस और ग्रीन टी पहनी थी, जींस टाप में अब उसके शरीर का हर कटाव साफ जाहिर हो रहा था, लम्बाई अच्छी होने से उसके पैर काफी लम्बे और सीने के उभार और बड़े लग रहे थे, इतने में ट्रायल रूम में लगे आईने मे देखते हुए पीछे घूम गई.... और मुझे उसके भारी नितम्ब भी दिख गए,,, सलवार सूट मे यह सब उतना जाहिर नहीं होता है, शालिनी का पीछे का शरीर भी गजब का आकर्षक था,,
उसने कहा भाई दूसरी जींस भी ट्राई कर लेती हूं और दरवाजा बंद कर लिया।।
दुबारा दरवाजा खुला तो मैंने अब शालिनी को ब्लूजींस और व्हाइट टाप मे देखा, ये ड्रेस भी उस पर बहुत अच्छी लगरही थी, इस बार भी उसने आगे पीछे घूम कर आईने में देखा और आंखों ही आंखों में मुझसे मेरी राय पूछी तो मैंने उसे ऊंगली का गोल छल्ला बनाकर बताया कि जबरदस्त है.... मेरे ऐसा करनेसे वो थोड़ा शर्मा गई और नीचे देखने लगी और बोली - दोनों डे्स ठीक है यही ले लेते हैं, मैं चेंज कर लेती हूं,,
मैं- अरे ,अब चेंज की क्या जरूरत है जब ये ले ही लिया है तो इसी को पहने रखो... आओ बाहर..
कालोनी के मकान को आगे हिस्से पर मैंने बड़ा गेट लगवा दिया था जिससे गेट बंद होने पर पूरा घर सुरक्षित था, मैंने गेट खोला और आटो से सामान उतारकर अंदर ले आया और गेट बंद कर लिया, गेट बंद होने पर बाहर से हमारे घर के अंदर का कुछ नहीं दिखता था.. । अंदर का रूम खोल कर जल्दी से मैंने कूलर चलाया, क्योंकि हम दोनों पसीने पसीने हो रहे थे गर्मी के कारण।
शालिनी आज हमारे मकान में पहली बार आयी थी तो उसने पीछे वाला कमरा, किचन, बाथरूम सब घूम घूम कर देख रही थी और हम लोग बातें कर रहे थे। मैंने गर्मी के कारण अपनी जीन्स शर्ट निकाल दी और अंडरवियर बनयान में बिस्तर पर लेट गया। शालिनी भी आगे बरामदे से पीछे कमरे तक कई चक्कर लगाकर हाथ मुंह धोकर मेरे पास ही बेड के साइड में बैठ गई। और हम लोग बात करने लगे।।
सागर- शालिनी, तुम भी कपड़े चेंज करलो और थोड़ा आराम करलो फिर हम लोग दोपहर बाद मार्केट चलेंगे।
शालिनी- नहीं नहीं दद्दा, मैं ऐसे ही ठीक हूं, और चेंज करके भी सूट ही पहनना है तो यही ठीक है
सागर- क्यों ? कोई हल्के कपड़े नहीं है क्या, नाईटी वगैरह
शालिनी- नहीं भाई
सागर- अच्छा कोई बात नहीं तुम ऐसा करो अभी मेरा बरमूडा और टीशर्ट पहन लो, शाम को हम लोग नये कपड़े लेंगे।।
मेरी लम्बाई 5' 10" और शालिनी की 5' 7" । रंग हम दोनों का ही गोरा है, मैने उठकर पीछे कमरे से लाकर उसे कपड़े दिये और कहा ये पहन लो थोड़ा गर्मी कम लगेगी । शालिनी ने कपड़े लिए और पीछे कमरे मे जाकर चेंज करके मेरे पास आकर बैठ गई,
सागर- ओ हो.. कपड़े लेने की कोई जरूरत नहीं है, मेरा ही साइज फिट आ रहा है... (शालिनी ने टीशर्ट और नेकर पहली बार पहना था) ,
ये सुनकर शालिनी हंसने लगी और खड़े होकर मुझसे कहने लगी कि ये कपड़े तो बहुत आरामदायक हैं दद्दा, कितना फ्री लग रहा है ।।
मैंने उससे कहा अब तुम भी आराम कर लो, यहींं लेट जाओ अभी तुम्हारे लिए पीछे कमरे को साफ करके उसमें पंखा लगवा दूं, शालिनी वहीं मेरे साथ ही लेट गई, सफर की थकान से हम दोनों जल्दी ही सो गए ।।।
सफर की थकान से हम दोनों एक ही बिस्तर पर सो रहे थे, दो छोटे दीवान जोड़ कर एक बेड जैसा बन गया था जिस पर दो लोग आराम से सो सकते थे। पीछे कमरे में एक सिंगल दीवान पड़ा था।
दोपहर के तीन बजे मेरी नींद खुली तो मुझे बहुत भूख लगी थी, मैं उठकर बाहर बरामदे में बेसिन में हाथ मुंह धोकर मैगी नूडल्स बनाने लगा ।फिर मैंने शालिनी को आवाज लगाकर जगाया, पर वह नहीं उठी। मैगी बनाने के बाद मैं कमरे में आकर शालिनी को हाथ लगाकर उठाने ही जा रहा था कि मैं एकदम से रुक गया। शालिनी इस वक्त करवट लेटी थी और उसके दोनों दूध के बीच की घाटी का काफी हिस्सा मेरी वी गले की टीशर्ट से दिख रहा था। हर बार सांस लेने के बाद उसके दूध भी फूल-पिचक रहे थे। मैं उसे जगाने के बजाय उसके पूरे बदन को उपर से नीचे की ओर देखने लगा । अब मुझे एहसास हुआ कि मेरी बहन शालिनी बहुत ही खूबसूरत है और मां की ही तरह उसका शरीर भी हर हिस्से से खूबसूरत कटाव लिए है,, मैं शालिनी से बस कुछ इंच की दूरी पर खड़ा हुआ वहीं पर जैसे फ्रीज हो गया था । अचानक मुझे सुबह बस की बात याद आ गई कि कैसे वो आदमी शालिनी का दुपट्टा खिसकने के बाद उसके दूधों को घूर रहा था और यहां अब मैं खुद अपनी बहन के दूधों को हर सांस के साथ उठते बैठते देख रहा था।।
मुझे बहुत अजीब सा लगा कि मैं ये क्या कर रहा हूं अपनी ही सगी बहन को मैं एक लड़की/औरत की तरह कैसे देखने लगा ।। मैंने बाहर बरामदे में आकर फिर से मुंह धोया और अंदर आकर शालिनी के दाहिने पैर को हिलाकर उसे जगाया l
शालिनी को मैंने जगाया, उठते ही उसने एक अंगड़ाई ली और दोनों हाथ सिर के पीछे लेजाकर उसने अपने बालों को ठीक किया । एक बार फिर मेरी नजर बहन के बड़े बड़े स्तनों पर टिक गई जो उसके बाल संवारने से और भी बड़े दिख रहे थे। शालिनी उठकर टायलेट करके फ्रेश होकर आई और हमलोग ने नाश्ता किया,
मैं- शालिनी तुम ऐसा करो कि अभी किचन में जरूरत की चीजों की लिस्ट बना लो, मैं तो ऐसे ही कुछ भी कहीं भी खा लेता था।हम लोग इधर से जाते समय किरानास्टोर पर दे देंगे और शापिंग से वापस आते में लेते आयेंगे।
शालिनी- जी भाईजी,
मैंं अभी भी चड्ढी बनयान मे ही था, असल मे अकेले रहने के कारण गर्मी के दिनों में मैं कम से कम कपड़ों में या नंगे रहना ही पसंद करता था, अकेले रहने के अपने मजे हैं,
खैर शालिनी की मौजूदगी में नंगे रहने का सवाल ही नहीं था। मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया, हमारा बाथरूम और लैट्रीन ज्वाइंट है और उपर छत पर जाने वाले जीने के नीचे बना है, बाहर बरामदे में ही दूसरी साइड अपनी अपाचे बाईक रखता था और कपड़े भी वहीं सुखा लेता था मैं नहाकर वैसे ही चड्ढी बनयान पहनकर कमरे के अंदर आया तो शालिनी ने लिस्ट मेरे हाथ में दे दी, उसने इन 15 मिनट में ही किचन से लेकर डेलीयूज की लगभग सभी चीजों की लिस्ट बना दी थीं, हम दोनों ने आपस में बात करके लिस्ट फाईनल कर ली, मैंने शालिनी से कहाकि तुम भी जल्दी से नहाकर तैयार हो जाओ, शालिनी ने अपना बैग उठाकर बेड पर रखा और अपने लिए कपड़े निकालने लगी, मैं इस बीच कमरे की अलमारी में लगे बड़े आईने में अपने बाल खींच रहा था, शालिनी ने एक ग्रीन कलर का सूट निकाला और साथ में एक काली चड्ढी और सफेद समीज( स्लिप) निकाली, और मुझसे बोली - दद्दा मैं टावेल नहीं लाई हूं पुरानी थी काफी, अभी आपकी ही ले लूं !
मैं - मैंने कहा हां ले लो बाहर ही है । उसे समझाते हुए कहा कि अब यहां कोई भी चीज के लिए पूछना नहीं न ही किसी चीज में शर्म हिचक रखना, जैसे चाहो, मस्त होकर रहो और पढ़ाई करो ।
वह कपड़े लेकर नहाने बाथरूम में चली गई और मैं कपड़े पहनने लगा । कपड़े पहनने के बाद मैंने एक चीज ध्यान की, कि शालिनी ने ब्रा नहीं निकाली, ब्रा का खयाल मन में आते ही एक अजीब सी फीलिंग हुई। मुझे लगा वो शायद भूल गई है और पता नहीं क्या सोचकर मैं उसके बैग में ब्रा ढूंढने लगा, वो ज्यादा कपड़े नहीं लायी थी क्योंकि उसे नये स्टाइलिश लुक वाले कपड़े यहीं लेने थे। उसके बैग मे ब्रा नही मिली, मैंने बैग बंद कर बेड के नीचे रख दिया । बाथरुम से शावर चलनेकी आवाज आ रही थी, मुझे अजीब सी उत्तेजना हो रही थी ।
मैंने टीवी चला ली और न्यूज देखने लगा।
शालिनी नहाकर कमरे में आयी तो एक अजीब सी सुगंध जैसी फैल गई, उसने सलवार सूट पहन रखा था और उसका सूट काफी टाईट फिटिंग का था जो उसपर बहुत अच्छा लग रहा था, वो आईने के सामने आ कर बाल ठीक करने लगी, बाल बनाते बनाते वह पूछने लगी कि आपको भी शापिंग करनी है अपने लिए ना ।
मैं- नहीं अभी आज सिर्फ तुम्हारे लिए जरूरी कपडे ले लेते हैं फिर एडमिशन के बाद ले लेंगे। तुम बताओ क्या क्या लेना है।
शालिनी- घर के डेलीवियर और कालेज जाने के लिए दो सेट ।
मैंने बाइक निकाली और गेट लाक कर हम लोग मार्केट के लिए निकल लिए, धूप बहुत तेज थी तो शालिनी ने अपना दुपट्टा पूरे चेहरे पर बांध लिया था और दोनों साइड पैर करके बैठ गई ।।
शालिनी दूसरी बार शहर आयी थी और रास्ते में वो काफी चीजों के बारे मे पूछती रही और मैं बताता रहा, बातें करते करते हम लोग शापिंग माल पहुंच गए, बाइक पार्क करके हम दोनों अंदर आ गए,, अंदर एअर कंडीशन होने से थोड़ा गर्मी से राहत मिली। हम दोनों काफी देर यूं ही माल में घूमते रहे फिर हमने आइसक्रीम खाई और शालिनी से मैंने कहा चलो अब कुछ खरीदी भी कर लें, मुफ्त की ठंडी हवा काफी खा चुके हैं,,, मेरे ऐसा कहने से शालिनी हंसने लगी । हंसते हुए वह बहुत खूबसूरत दिख रही थी, हंसते समय उसके दूध भी हिल रहे थे, जो उसे और आकर्षक बना रहे थे, न जाने क्यों पर मेरी बार बार नजर शालिनी के बड़े बड़े स्तनों पर ही जा रही थी । सामने एक जींस शोरूम में जाकर हम जींस देखने लगे,,,
एक सेल्स गर्ल आयी और उसने कहा, सर मे आई हेल्प यू इन सेलेक्शन ??
हां जी , ये मेरी सिस्टर है इसके लिए जींस टाप सेलेक्ट कराईये।।
सेल्स गर्ल- मैम आपको शायद 28 जींस आयेगी और टाप ?
शालिनी- मुझे नहीं पता, प्लीज आप चेक कर लें ।।
एक दूसरी सेल्सगर्ल ने शालिनी को चेंजिंग रूम की ओर बुलाया और कहा, मैम आप इधर आ जायेंं , स्टैट्स चेक कर लें।
दो मिनट बाद वो सेल्सगर्ल शालिनी के शरीर को इंचीटेप से इधर उधर नापने के बाद हंसते हुए बोली, इट्स 26"/34"/28।।
शालिनी को दो जींस और दो टीशर्ट टाप पसंद कराये उसके साइज के और शालिनी से ट्रायल करनेको कहा,
शालिनी कपड़े लेकर ट्रायल रूम में चली गई, मैं ट्रायल रूम के बाहर खड़ा हो गया,
पांच मिनट बाद शालिनी ने दरवाजा खोला और मुझे दिखाते हुए बोली, भाईजी फिट है ना।।
मैंने उसे उपर से नीचे तक एक सरसरी निगाह से देखा, उसने ब्लैक जींस और ग्रीन टी पहनी थी, जींस टाप में अब उसके शरीर का हर कटाव साफ जाहिर हो रहा था, लम्बाई अच्छी होने से उसके पैर काफी लम्बे और सीने के उभार और बड़े लग रहे थे, इतने में ट्रायल रूम में लगे आईने मे देखते हुए पीछे घूम गई.... और मुझे उसके भारी नितम्ब भी दिख गए,,, सलवार सूट मे यह सब उतना जाहिर नहीं होता है, शालिनी का पीछे का शरीर भी गजब का आकर्षक था,,
उसने कहा भाई दूसरी जींस भी ट्राई कर लेती हूं और दरवाजा बंद कर लिया।।
दुबारा दरवाजा खुला तो मैंने अब शालिनी को ब्लूजींस और व्हाइट टाप मे देखा, ये ड्रेस भी उस पर बहुत अच्छी लगरही थी, इस बार भी उसने आगे पीछे घूम कर आईने में देखा और आंखों ही आंखों में मुझसे मेरी राय पूछी तो मैंने उसे ऊंगली का गोल छल्ला बनाकर बताया कि जबरदस्त है.... मेरे ऐसा करनेसे वो थोड़ा शर्मा गई और नीचे देखने लगी और बोली - दोनों डे्स ठीक है यही ले लेते हैं, मैं चेंज कर लेती हूं,,
मैं- अरे ,अब चेंज की क्या जरूरत है जब ये ले ही लिया है तो इसी को पहने रखो... आओ बाहर..