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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
[Image: feet-77c4d8bf72d5e3bcefaf78790f769eed.jpg]
सास के चरण 


" होता है यार होता है , मुझे देख के बड़ों बड़ों के साथ ,...और फिर तुम्हारे इस बालक ने इतना सामान ढोया था न की ,  ... कुछ टिप तो बनती थी न "

 
" टिप , ... या टिट दर्शन , मम्मी आप भी न। " खिलखिलाते मैं बोली।
 
 
और हम दोनों कॉलेज की सहेलियों की तरह खिलखिलाने लगीं। मेरे और मम्मी के बीच का रिश्ता था भी ऐसा।
………………………….
 
 
कुछ ही देर में काम खत्म कर के वो फिर चिराग के जिन्न की तरह हाज़िर।
 
" मम्मी आप सैंडल उतार के आराम से पैर ऊपर रख के बैठिए न। " 

मैं बोली और उन्हें तो बस हिंट चाहिए था।
 
' लाइए मैं  खोल देता हूँ न , " वो बोले और मम्मी ने भी पैर उनकी ओर बढ़ा दिया।
 
घुटनों के बल बैठ के , बहुत प्यार से उन्होंने सम्हाल के मम्मी के पैर पकडे और आलमोस्ट सहलाते हुए सैंडल खोलने लगे।
 
[Image: feet-sandal.jpg]


लेकिन निगाहें उनकी मॉम के गोरे संदली पैरों से चिपकी थीं।  


परफेक्टली पेडिक्योर्ड , रेड स्कारलेट कलर्ड टोनेल्स , चांदी की चमकती छोटे छोटे घुंघरू वाली चमकती बिछिया , और हजार घुंघरुओं वाली पायल , पैरों में छनकती खनकती।
 
जैसे अनजाने में मम्मी ने हल्का सा झटका दिया और सैंडल के तलवे उनके गाल पे पल भर के लिए लग गए ,
 
[Image: feet-af61cc96c2904fb2bf419b89791bd5a1.jpg]
 
जैसे उन्हें ४४० वोल्ट का झटका लगा हो ,
 
उनकी उंगलियों का प्रेशर मॉम के खूबसूरत पैरों पर बढ़ रहा था , उनकी आँखे चाहत से जल रही हों जैसे वो झुक के एक ,...
 
लेकिन मैंने आँखों के इशारे से उन्हें हड़काया।  

उसका मौका मिलेगा बाद में ,अभी तो मम्मी आई ही हैं।
 
सैंडल ले के वो अंदर चल गए।  

उनके चेहरे से साफ़ लग रहा था की जैसे किसी बच्चे को कोई मिठाई मिलने वाली हो 

फिर अचानक मना कर दिया गया हो।
 
 
मैं और मम्मी एक दूसरे को देख के मुस्करा रहे थे।
 
वहीँ से मैंने हंकार लगाई , और सुनो , मम्मी थकी होंगी न , 

"ज़रा हम लोगों के लिए गरमगरम चाय ले आना। 


[Image: Teej-af591cd2063a235c1fe47f5a4b2e423a.jpg]
 
" मैंने सूना है की तुम पकौड़े बहुत अच्छे बनाते हो , ".. 

मम्मी ने उनके दुःख पर जैसे मरहम लगाते हुए कहा।
 
" एकदम मम्मी अभी बना के लाता हूँ।  " 

उनकी आवाज में ख़ुशी छलक रही थी।
 
एकदम अच्छे बच्चे की तरह ,मम्मी को खुश करने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार थे।
 
 
कुछ देर में मैं भी किचन में पहुंची।
 
बैगन ,प्याज ,आलू करीने से कटे रखे थे।  



एक बाउल में उन्होंने फ्रेश हरी चटनी बनाई थी , चाय चढ़ा दी और पकौड़ी के लिए बेसन भी घोल लिया था। 

[Image: pakora-recipe3.jpg]

कड़ाही जस्ट चढ़ाई थी।




एकदम किचन की ड्रेस  में ,परफेक्ट।  पिंक एप्रन और ,...
 
मुझे भी एक शरारत सूझी।  

मंझली ऊँगली मैंने बेसन के घोल में डीप किया , उसमें कटी हुयी हरी मिर्चें पहले से पड़ी थीं।
 
जरा सा साये को उठाया और उनके पिछवाड़े ,गचाक से अंदर।
 
" उईई ई ,"

किसी नयी लौंडिया की तरह चीख पड़े   वो।
 
" क्या हुआ , "बेडरूम   से मम्मी की आवाज आई।
 
" कुछ नहीं मम्मी  जरा मिर्चें चेक कर रही थी। " 

खिलखिलाते हुए मैं बोली।

[Image: Teej-0505f964bfceab6aa4397d457391786a.jpg]
 
" अरे तब  तो , बहुत कम हैं। उस छिनार के जने ,हरामन के पूत से कह दो , मुझे तो ज्यादा मिर्चे  ही पसंद हैं। "
 
और मैंने थोड़ी और कटी हरी मिर्चें बेसन के घोल में डाल दीं।  

[Image: Chilli-cut-images.jpg]

और अबकी जब दुबारा अंदर ऊँगली गयी तो उसमें उसका भी एक टुकड़ा लगा था।
 
बिचारे की हालत ख़राब हो गयी लेकिन , 

उन्होंने अपने होंठ दांतों से काटकर , किसी तरह चीख रोकी।
 
लेकिन उनकी आँखों में तैरते आंसू उनकी बुरी हालत बता  रहे थे।



 
कुछ देर में वो तरह तरह के पकौड़े, ताज़ी हरी चटनी और गरमागरम चाय ले कर हाजिर हो गए।


[Image: pakoda.jpg]
 
" रुको मैं थोड़ा हाथ वाथ धुल के , ... " 


मम्मी की बात काट के मैंने उनकी ओर इशारा किया।
 
" अरे मम्मी ये ६ फिट का आदमी किस मर्ज की दवा है , और उनसे बोली , तुम खिला दो न मॉम को अपने हाथ से। "
 
वो बिचारे थोड़ा हिचक रहे थे और कारन साफ़ था , मम्मी अभी  भी साया और स्लीवलेस ब्लाउज में  जिसमें सब कुछ तो नहीं लेकिन बहुत कुछ दिखता था। 


हाँ ,एसी फुल ब्लास्ट पर चल रहा था इसलिए मम्मी  और मैंने पैरों पर एक हलकी सी जयपुरी डाल रखी थी , इसलिए कमर के नीचे का हिस्सा तो ढंका था  पर सफ़ेद स्लीवलेस पारभासी ब्लाउज फाड़ते उनके गोरे मांसल पहाड़ उनकी हालत खराब करने के लिए काफी था।
 
" हे तुम भी घुस जाओ न अंदर , कम इन ,... " 


मॉम ने जिस तरह से कहा अब उनके लिए रुकना मश्किल था और वो अंदर।
 
पहले ही कौर में मम्मी ने हलके से उनकी उंगली काट ली , चिढ़ाते हुए।
 
अगली पकौड़ी उन्होंने बैंगनी पेश की ,
 
मम्मी ने उनकी तारीफ़ भी की और छेड़ा भी ,
 
" ये तो बहुत अच्छी है ,लगता है तुम्हे बैगन बहुत पसंद है। "

[Image: pakodi-baigani.jpg]

 
" अरे मम्मी सिर्फ इन्हे ही नहीं मेरी छुटकी ननद को भी बहुत पसंद है बैंगन ," 


मैं क्यों मौक़ा छोड़ती , मैंने भी जड़ दिया।
 
 
" हाँ हाँ अच्छा याद दिलाया क्या नाम है तेरी उस ननद का , इनकी शादी में आई तो थी वो सारे गाँव के लौंडे उसके पीछे पड़े थे। 

[Image: Girl-3be4a4432bc0ac0f3062f646bd274f88.jpg]

अब तक याद करते हैं उस छिनाल को , "



मॉम ने पूछा।
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 04-05-2019, 10:39 AM



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