19-12-2021, 08:57 PM
उस दिन मैं शहर से सामान लेकर लौट रहा था की मौसम का मिजाज एकदम से बदल गया मुझे लगा की यदि मैंने अपने घर तक पहुँचने की कोशिश की तो शायद कोई दुर्घटना घट सकती है अनायास ही मुझे अपने भाई समान मित्र श्री की याद आई जो नजदीक में ही रहता था और उसका एक और कारण भी था की वो मेरी पुष्प का पति था और बीते 40-50 दिनों से मैंने भी अपनी मस्त यौवन की मल्लिका पुष्प के हुस्न के दर्शन भी नहीं किये थे. इसलिए मैंने भगवान को धन्यवाद देते हुए अपनी मोटरसाइकिल पुष्प के घर की तरफ मोड़ ली. घर की जैसे ही कालबेल बजाई थोड़ी ही देर में मेरी हसरतों की मालकिन पुष्प ने दरवाजा खोला उसको देखते ही मेरे मन में शांति छा गयी वो साड़ी में बहुत ही खुबसूरत लग रही थी ऐसे मेरी पुष्प का कोई मुकाबला नहीं है परन्तु आज वो साड़ी में खुद ही खुद को मुकाबला दे रही थी. अरे राजू तुम पुष्प के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा. हाँ मैं क्या अन्दर आने को नहीं कहोगी भाभिजान मैंने भी भाभी पर कम और जान पर ज्यादा जोर देते हुए कहा पुष्प ने इस बात को नोटिस नहीं किया शायद वो किसी और जगह ध्यान दिए हुई थी. नहीं नहीं अन्दर आओ यह तुम्हारा ही तो घर है जब मर्ज़ी तब आ सकते हो पुष्प ने हडबडाहट से साथ उत्तर दिया. मैंने भी मुस्कुराते हुए घर में कदम रखा अपने कंधे पर लादे सामान को फर्श पर रखते हुए पूछा भाभी श्री कहाँ है दिख नहीं रहा ? राजू भैया वो घर में ही है दुसरे रूम में कंप्यूटर के सामने बैठे कुछ काम कर रहे है जाओ मिल लो-पुष्प ने बोला. हाँ जब आया हूँ तो उस भाईसाहब ओह सॉरी जीजा की चलो छोडो खैर खबर लेके ही जाऊंगा -कहते हुए मैंने कदम श्री के दुसरे कमरे की तरफ बढ़ा दिए.इधर पुष्प के होंठों पर एक मुस्कुराहट तैर गयी क्योंकि मेरे मोहल्ले की होने की वजह से श्री मेरा जीजा हुआ और मेरी जान पहचान पहले से होने की वजह से पुष्प मेरी भाभी हुई. कमरे में पहुँच के देखा मैंने श्री अपने ऑफिस का कुछ काम निपटा रहा था मैंने उसकी पीठ पर धौल मरते हुए कहा - हाय श्री कैसा है क्या उल्टा सीधा कर रहा है बे. क्यों क्या किया मैंने श्री को कुछ समझ नहीं आया. मैंने अपनी एक आँख दबाते हुए कहा- साले यह मौसम देख रहा है इस मौसम में बीवी के सामने होना चाहिए या टीवी के आगे.श्री के होंठो पर एक फीकी मुसकुराहट आई मैं समझ गया कुछ गड़बड़ है.
(क्या गड़बड़ है इसका पता पुष्पा के दुसरे राज में पढिये)
वास्तव में इस कहानी का नाम होना चाहिए पुष्पा के राज न की मेरी भाभी पुष्पा भाई लोगों कहानी का नाम कैसे बदल सकते है कृपया मार्ग दर्शन करे
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वास्तव में इस कहानी का नाम होना चाहिए पुष्पा के राज न की मेरी भाभी पुष्पा भाई लोगों कहानी का नाम कैसे बदल सकते है कृपया मार्ग दर्शन करे