14-12-2021, 05:35 PM
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जब उन्हें पता चला कि मास्टर शंकर लाल शर्मा का बेटा डीएसपी बन गया है, तो वो पर्षनली हमारे घर आए और पिताजी से मुलाकात की…
बाबूजी ने बड़े अच्छे से उनकी आवभगत की, मेरे बारे में भी बताया.. मेरी पर्सनॅलिटी देख कर बहुत प्रभावित हुए वो, और उन्होने पिताजी से कहा…
मास्टर साब ! आपने अपने सभी बच्चों की अच्छी परवरिश की है, ये बच्चा भी देखो क्या सही पर्सनॅलिटी है इसकी.. इसको भी कोई बड़ा अफ़सर बनाना…
बाबूजी – एमएलए साब ! इसकी परवरिश में मेरा कोई हाथ नही, जब ये 8थ क्लास में था, तभी इसकी माँ चल बसी… पर ईश्वार की कृपा से हमारी बहू बहुत अच्छी निकली और उसने मेरे घर को अच्छे से संभाल लिया…ये सब उसी की वजह से है….
एमएलए – हमें नही मिलवाएँगे उस देवी से …?
बाबूजी ने मुझे इशारा किया, तो मे भाभी को बुलाने चला गया, कुच्छ देर बाद हम तीनों चाय नाश्ते के साथ वहाँ पहुँचे…
बिना कहे चाय नाश्ते का इंतेज़ाम देख कर एमएलए बहुत प्रभावित हुए.. और बोले – अब आपको आपकी बहू के बारे में कुच्छ भी कहने की ज़रूरत नही है..
मे समझ गया कि इसके संस्कार कितने अच्छे हैं…
उन्होने भाभी को भी अपने पास बिठा लिया और इधर-उधर की घर परिवार की बातें करने लगे..
बातों -2 में एमएलए बोले – मास्टर साब ! मे आपके परिवार से बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मेरी भी एक बेटी है.. पिच्छले साल ही उसने ग्रॅजुयेशन किया है…
अगर आप हमें अपने परिवार में शामिल करना चाहें तो आपके बेटे से मे अपनी बेटी की शादी करना चाहता हूँ…
बाबूजी ने जल्दी ही कोई जबाब नही दिया… और भाभी की तरफ देखने लगे… ना जाने उन्होने क्या इशारा किया…कुच्छ देर बाद बाबूजी ने उनसे कहा…
एमएलए साब ! आप जैसे बड़े आदमी की बेटी मेरे घर की बहू हो, इससे ज़्यादा हमारे लिए गर्व की क्या बात होगी… लेकिन फिर भी मे अपने बेटों की राई लिए बिना आपको कोई जबाब नही दे पाउन्गा..
एमएलए – कोई बात नही.. मे आपके जबाब का इंतेज़ार करूँगा.. और मुझे आपके विचार जानकार बड़ी खुशी हुई.. कि आप हर खास काम के लिए अपने परिवार से सलाह लेते हैं…
मुझे पूरा भरोसा है, की आपके परिवार में मेरी बेटी हमेशा खुश रहेगी.. अगर आपकी तरफ से हां हो तो आप हमें फोन कर दीजिए..
फिर उन्होने हमारा फोन नंबर लिया, और अपना फोन नंबर हमें दे दिया..
छोटे भैया को फोन कर दिया था अगले सनडे आने के लिए, जिससे सभी लोग मिल बैठ कर उनकी शादी के बारे में बात कर सकें..
अगले सॅटर्डे, शाम को ही दोनो भाई . गये.., रात के खाने पर ही बाबूजी ने बात छेड़ दी, और एमएलए के साथ हुई सारी बातें उन्हें बता दी.
सब कुच्छ बताने के बाद बाबूजी बोले – तुम क्या कहते हो राम बेटा, मेरे हिसाब से तो इतने बड़े खानदान से रिश्ता होना हमारे लिए गौरव की बात होगी..
राम – मे इस बारे में क्या कहूँ बाबूजी… ये कृष्णा की सारी जिंदगी का मामला है, वो ही कुच्छ बोल सकता है..
बाबूजी – तुम्हारा क्या विचार है कृष्णा…?
कृष्णा – आपको पता तो है ही बाबूजी… हमारे घर में आप जो फ़ैसला लेंगे, वो हम सबको मंजूर होता है.. फिर भी आप मुझसे पुच्छ रहे है.. आप और बड़े भैया जो कहेंगे वो मुझे भी मंजूर होगा..
भाभी – अगर बाबूजी की इज़ाज़त हो तो मे कुच्छ कहूँ..?
बाबूजी – अरे बहू ! ये क्या कह रही हो तुम, इस घर की बड़ी बहू ही नही.. मालकिन भी हो.. तुम्हें भला अपने विचार रखने के लिए किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नही है..
बोलो तुम्हारा क्या विचार है…?
भाभी – वो बहुत बड़े लोग हैं… स्वाभाविक है उनकी बेटी लाड प्यार में पली होगी, अगर वो हमारे परिवार को आक्सेप्ट नही कर पाई तो..?
राम – मोहिनी ठीक कह रही है बाबूजी… क्यों ना एक बार उनकी लड़की को देख लिया जाए..जब उन्हें पता चला कि मास्टर शंकर लाल शर्मा का बेटा डीएसपी बन गया है, तो वो पर्षनली हमारे घर आए और पिताजी से मुलाकात की…
बाबूजी ने बड़े अच्छे से उनकी आवभगत की, मेरे बारे में भी बताया.. मेरी पर्सनॅलिटी देख कर बहुत प्रभावित हुए वो, और उन्होने पिताजी से कहा…
मास्टर साब ! आपने अपने सभी बच्चों की अच्छी परवरिश की है, ये बच्चा भी देखो क्या सही पर्सनॅलिटी है इसकी.. इसको भी कोई बड़ा अफ़सर बनाना…
बाबूजी – एमएलए साब ! इसकी परवरिश में मेरा कोई हाथ नही, जब ये 8थ क्लास में था, तभी इसकी माँ चल बसी… पर ईश्वार की कृपा से हमारी बहू बहुत अच्छी निकली और उसने मेरे घर को अच्छे से संभाल लिया…ये सब उसी की वजह से है….
एमएलए – हमें नही मिलवाएँगे उस देवी से …?
बाबूजी ने मुझे इशारा किया, तो मे भाभी को बुलाने चला गया, कुच्छ देर बाद हम तीनों चाय नाश्ते के साथ वहाँ पहुँचे…
बिना कहे चाय नाश्ते का इंतेज़ाम देख कर एमएलए बहुत प्रभावित हुए.. और बोले – अब आपको आपकी बहू के बारे में कुच्छ भी कहने की ज़रूरत नही है..
मे समझ गया कि इसके संस्कार कितने अच्छे हैं…
उन्होने भाभी को भी अपने पास बिठा लिया और इधर-उधर की घर परिवार की बातें करने लगे..
बातों -2 में एमएलए बोले – मास्टर साब ! मे आपके परिवार से बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मेरी भी एक बेटी है.. पिच्छले साल ही उसने ग्रॅजुयेशन किया है…
अगर आप हमें अपने परिवार में शामिल करना चाहें तो आपके बेटे से मे अपनी बेटी की शादी करना चाहता हूँ…
बाबूजी ने जल्दी ही कोई जबाब नही दिया… और भाभी की तरफ देखने लगे… ना जाने उन्होने क्या इशारा किया…कुच्छ देर बाद बाबूजी ने उनसे कहा…
एमएलए साब ! आप जैसे बड़े आदमी की बेटी मेरे घर की बहू हो, इससे ज़्यादा हमारे लिए गर्व की क्या बात होगी… लेकिन फिर भी मे अपने बेटों की राई लिए बिना आपको कोई जबाब नही दे पाउन्गा..
एमएलए – कोई बात नही.. मे आपके जबाब का इंतेज़ार करूँगा.. और मुझे आपके विचार जानकार बड़ी खुशी हुई.. कि आप हर खास काम के लिए अपने परिवार से सलाह लेते हैं…
मुझे पूरा भरोसा है, की आपके परिवार में मेरी बेटी हमेशा खुश रहेगी.. अगर आपकी तरफ से हां हो तो आप हमें फोन कर दीजिए..
फिर उन्होने हमारा फोन नंबर लिया, और अपना फोन नंबर हमें दे दिया..
छोटे भैया को फोन कर दिया था अगले सनडे आने के लिए, जिससे सभी लोग मिल बैठ कर उनकी शादी के बारे में बात कर सकें..
अगले सॅटर्डे, शाम को ही दोनो भाई . गये.., रात के खाने पर ही बाबूजी ने बात छेड़ दी, और एमएलए के साथ हुई सारी बातें उन्हें बता दी.
सब कुच्छ बताने के बाद बाबूजी बोले – तुम क्या कहते हो राम बेटा, मेरे हिसाब से तो इतने बड़े खानदान से रिश्ता होना हमारे लिए गौरव की बात होगी..
राम – मे इस बारे में क्या कहूँ बाबूजी… ये कृष्णा की सारी जिंदगी का मामला है, वो ही कुच्छ बोल सकता है..
बाबूजी – तुम्हारा क्या विचार है कृष्णा…?
कृष्णा – आपको पता तो है ही बाबूजी… हमारे घर में आप जो फ़ैसला लेंगे, वो हम सबको मंजूर होता है.. फिर भी आप मुझसे पुच्छ रहे है.. आप और बड़े भैया जो कहेंगे वो मुझे भी मंजूर होगा..
भाभी – अगर बाबूजी की इज़ाज़त हो तो मे कुच्छ कहूँ..?
बाबूजी – अरे बहू ! ये क्या कह रही हो तुम, इस घर की बड़ी बहू ही नही.. मालकिन भी हो.. तुम्हें भला अपने विचार रखने के लिए किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नही है..
बोलो तुम्हारा क्या विचार है…?
भाभी – वो बहुत बड़े लोग हैं… स्वाभाविक है उनकी बेटी लाड प्यार में पली होगी, अगर वो हमारे परिवार को आक्सेप्ट नही कर पाई तो..?
राम – मोहिनी ठीक कह रही है बाबूजी… क्यों ना एक बार उनकी लड़की को देख लिया जाए..
जब उन्हें पता चला कि मास्टर शंकर लाल शर्मा का बेटा डीएसपी बन गया है, तो वो पर्षनली हमारे घर आए और पिताजी से मुलाकात की…
बाबूजी ने बड़े अच्छे से उनकी आवभगत की, मेरे बारे में भी बताया.. मेरी पर्सनॅलिटी देख कर बहुत प्रभावित हुए वो, और उन्होने पिताजी से कहा…
मास्टर साब ! आपने अपने सभी बच्चों की अच्छी परवरिश की है, ये बच्चा भी देखो क्या सही पर्सनॅलिटी है इसकी.. इसको भी कोई बड़ा अफ़सर बनाना…
बाबूजी – एमएलए साब ! इसकी परवरिश में मेरा कोई हाथ नही, जब ये 8थ क्लास में था, तभी इसकी माँ चल बसी… पर ईश्वार की कृपा से हमारी बहू बहुत अच्छी निकली और उसने मेरे घर को अच्छे से संभाल लिया…ये सब उसी की वजह से है….
एमएलए – हमें नही मिलवाएँगे उस देवी से …?
बाबूजी ने मुझे इशारा किया, तो मे भाभी को बुलाने चला गया, कुच्छ देर बाद हम तीनों चाय नाश्ते के साथ वहाँ पहुँचे…
बिना कहे चाय नाश्ते का इंतेज़ाम देख कर एमएलए बहुत प्रभावित हुए.. और बोले – अब आपको आपकी बहू के बारे में कुच्छ भी कहने की ज़रूरत नही है..
मे समझ गया कि इसके संस्कार कितने अच्छे हैं…
उन्होने भाभी को भी अपने पास बिठा लिया और इधर-उधर की घर परिवार की बातें करने लगे..
बातों -2 में एमएलए बोले – मास्टर साब ! मे आपके परिवार से बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मेरी भी एक बेटी है.. पिच्छले साल ही उसने ग्रॅजुयेशन किया है…
अगर आप हमें अपने परिवार में शामिल करना चाहें तो आपके बेटे से मे अपनी बेटी की शादी करना चाहता हूँ…
बाबूजी ने जल्दी ही कोई जबाब नही दिया… और भाभी की तरफ देखने लगे… ना जाने उन्होने क्या इशारा किया…कुच्छ देर बाद बाबूजी ने उनसे कहा…
एमएलए साब ! आप जैसे बड़े आदमी की बेटी मेरे घर की बहू हो, इससे ज़्यादा हमारे लिए गर्व की क्या बात होगी… लेकिन फिर भी मे अपने बेटों की राई लिए बिना आपको कोई जबाब नही दे पाउन्गा..
एमएलए – कोई बात नही.. मे आपके जबाब का इंतेज़ार करूँगा.. और मुझे आपके विचार जानकार बड़ी खुशी हुई.. कि आप हर खास काम के लिए अपने परिवार से सलाह लेते हैं…
मुझे पूरा भरोसा है, की आपके परिवार में मेरी बेटी हमेशा खुश रहेगी.. अगर आपकी तरफ से हां हो तो आप हमें फोन कर दीजिए..
फिर उन्होने हमारा फोन नंबर लिया, और अपना फोन नंबर हमें दे दिया..
छोटे भैया को फोन कर दिया था अगले सनडे आने के लिए, जिससे सभी लोग मिल बैठ कर उनकी शादी के बारे में बात कर सकें..
अगले सॅटर्डे, शाम को ही दोनो भाई . गये.., रात के खाने पर ही बाबूजी ने बात छेड़ दी, और एमएलए के साथ हुई सारी बातें उन्हें बता दी.
सब कुच्छ बताने के बाद बाबूजी बोले – तुम क्या कहते हो राम बेटा, मेरे हिसाब से तो इतने बड़े खानदान से रिश्ता होना हमारे लिए गौरव की बात होगी..
राम – मे इस बारे में क्या कहूँ बाबूजी… ये कृष्णा की सारी जिंदगी का मामला है, वो ही कुच्छ बोल सकता है..
बाबूजी – तुम्हारा क्या विचार है कृष्णा…?
कृष्णा – आपको पता तो है ही बाबूजी… हमारे घर में आप जो फ़ैसला लेंगे, वो हम सबको मंजूर होता है.. फिर भी आप मुझसे पुच्छ रहे है.. आप और बड़े भैया जो कहेंगे वो मुझे भी मंजूर होगा..
भाभी – अगर बाबूजी की इज़ाज़त हो तो मे कुच्छ कहूँ..?
बाबूजी – अरे बहू ! ये क्या कह रही हो तुम, इस घर की बड़ी बहू ही नही.. मालकिन भी हो.. तुम्हें भला अपने विचार रखने के लिए किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नही है..
बोलो तुम्हारा क्या विचार है…?
भाभी – वो बहुत बड़े लोग हैं… स्वाभाविक है उनकी बेटी लाड प्यार में पली होगी, अगर वो हमारे परिवार को आक्सेप्ट नही कर पाई तो..?
राम – मोहिनी ठीक कह रही है बाबूजी… क्यों ना एक बार उनकी लड़की को देख लिया जाए..जब उन्हें पता चला कि मास्टर शंकर लाल शर्मा का बेटा डीएसपी बन गया है, तो वो पर्षनली हमारे घर आए और पिताजी से मुलाकात की…
बाबूजी ने बड़े अच्छे से उनकी आवभगत की, मेरे बारे में भी बताया.. मेरी पर्सनॅलिटी देख कर बहुत प्रभावित हुए वो, और उन्होने पिताजी से कहा…
मास्टर साब ! आपने अपने सभी बच्चों की अच्छी परवरिश की है, ये बच्चा भी देखो क्या सही पर्सनॅलिटी है इसकी.. इसको भी कोई बड़ा अफ़सर बनाना…
बाबूजी – एमएलए साब ! इसकी परवरिश में मेरा कोई हाथ नही, जब ये 8थ क्लास में था, तभी इसकी माँ चल बसी… पर ईश्वार की कृपा से हमारी बहू बहुत अच्छी निकली और उसने मेरे घर को अच्छे से संभाल लिया…ये सब उसी की वजह से है….
एमएलए – हमें नही मिलवाएँगे उस देवी से …?
बाबूजी ने मुझे इशारा किया, तो मे भाभी को बुलाने चला गया, कुच्छ देर बाद हम तीनों चाय नाश्ते के साथ वहाँ पहुँचे…
बिना कहे चाय नाश्ते का इंतेज़ाम देख कर एमएलए बहुत प्रभावित हुए.. और बोले – अब आपको आपकी बहू के बारे में कुच्छ भी कहने की ज़रूरत नही है..
मे समझ गया कि इसके संस्कार कितने अच्छे हैं…
उन्होने भाभी को भी अपने पास बिठा लिया और इधर-उधर की घर परिवार की बातें करने लगे..
बातों -2 में एमएलए बोले – मास्टर साब ! मे आपके परिवार से बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मेरी भी एक बेटी है.. पिच्छले साल ही उसने ग्रॅजुयेशन किया है…
अगर आप हमें अपने परिवार में शामिल करना चाहें तो आपके बेटे से मे अपनी बेटी की शादी करना चाहता हूँ…
बाबूजी ने जल्दी ही कोई जबाब नही दिया… और भाभी की तरफ देखने लगे… ना जाने उन्होने क्या इशारा किया…कुच्छ देर बाद बाबूजी ने उनसे कहा…
एमएलए साब ! आप जैसे बड़े आदमी की बेटी मेरे घर की बहू हो, इससे ज़्यादा हमारे लिए गर्व की क्या बात होगी… लेकिन फिर भी मे अपने बेटों की राई लिए बिना आपको कोई जबाब नही दे पाउन्गा..
एमएलए – कोई बात नही.. मे आपके जबाब का इंतेज़ार करूँगा.. और मुझे आपके विचार जानकार बड़ी खुशी हुई.. कि आप हर खास काम के लिए अपने परिवार से सलाह लेते हैं…
मुझे पूरा भरोसा है, की आपके परिवार में मेरी बेटी हमेशा खुश रहेगी.. अगर आपकी तरफ से हां हो तो आप हमें फोन कर दीजिए..
फिर उन्होने हमारा फोन नंबर लिया, और अपना फोन नंबर हमें दे दिया..
छोटे भैया को फोन कर दिया था अगले सनडे आने के लिए, जिससे सभी लोग मिल बैठ कर उनकी शादी के बारे में बात कर सकें..
अगले सॅटर्डे, शाम को ही दोनो भाई . गये.., रात के खाने पर ही बाबूजी ने बात छेड़ दी, और एमएलए के साथ हुई सारी बातें उन्हें बता दी.
सब कुच्छ बताने के बाद बाबूजी बोले – तुम क्या कहते हो राम बेटा, मेरे हिसाब से तो इतने बड़े खानदान से रिश्ता होना हमारे लिए गौरव की बात होगी..
राम – मे इस बारे में क्या कहूँ बाबूजी… ये कृष्णा की सारी जिंदगी का मामला है, वो ही कुच्छ बोल सकता है..
बाबूजी – तुम्हारा क्या विचार है कृष्णा…?
कृष्णा – आपको पता तो है ही बाबूजी… हमारे घर में आप जो फ़ैसला लेंगे, वो हम सबको मंजूर होता है.. फिर भी आप मुझसे पुच्छ रहे है.. आप और बड़े भैया जो कहेंगे वो मुझे भी मंजूर होगा..
भाभी – अगर बाबूजी की इज़ाज़त हो तो मे कुच्छ कहूँ..?
बाबूजी – अरे बहू ! ये क्या कह रही हो तुम, इस घर की बड़ी बहू ही नही.. मालकिन भी हो.. तुम्हें भला अपने विचार रखने के लिए किसी की इज़ाज़त की ज़रूरत नही है..
बोलो तुम्हारा क्या विचार है…?
भाभी – वो बहुत बड़े लोग हैं… स्वाभाविक है उनकी बेटी लाड प्यार में पली होगी, अगर वो हमारे परिवार को आक्सेप्ट नही कर पाई तो..?
राम – मोहिनी ठीक कह रही है बाबूजी… क्यों ना एक बार उनकी लड़की को देख लिया जाए..