02-05-2019, 07:45 PM
(This post was last modified: 03-05-2021, 02:21 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उरोज लेप
![[Image: nip-jwell.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/nip-jwell.jpg)
कामिनी भाभी ने एक बड़ी सी बोतल से एक क्रीम निकाली, हल्की सी दानेदार, और अपनी सिर्फ दो उंगलियों से पहले मेरे उभारों के नीचे की ओर से लगाना शुरू किया, बहुत पतली सी फिल्म की तरह की लेयर, फिर धीरे-धीरे कांसेंट्रिक सर्किल्स की तरह उनकी उंगलियां ऊपर बढ़ती गईं, जैसे किसी पहाड़ी की परिक्रमा कर रही हों, लेकिन निपल के पहले पहुँचकर रुक गईं।
और उसके बाद दूसरे उभार का नंबर आया, और वहां भी उन्होंने निपल को छोड़ दिया।
कुछ ही देर में मेरे दोनों उरोजों में कुछ चुनचुनाहट महसूस शुरू हुई, एक अजब तरह की महक मेरे नथुनों में जा रही थी और एक हल्का सा नशा भी तारी हो रहा था।
“कुछ लग रहा है मेरी बिन्नो…”
![[Image: Nips-massage-tumblr_mgme3eY2CV1rhoz1co1_500.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Nips-massage-tumblr_mgme3eY2CV1rhoz1co1_500.gif)
प्यार से मेरे एक निपल को पिंच करते भाभी ने पूछा।
“हाँ भाभी, एक चुनचुनाहट सी लग रही है, अच्छा लग रहा है…”
“इसका मतलब असर शुरू हो गया है, देख रोज रात को सोने के पहले और सुबह नहाने के बाद, वैसे 10 मिनट का टाइम काफी होता है, उसके बाद कपड़े पहन सकती हो, लेकिन आज पहली बार लगा रही हो तो कम से कम एक घण्टे तक इसे वैसे ही रखना होगा। हाँ सूख ये 10 मिनट में जाएगा…”
वो मुश्कुराते हुए बोलीं।
आसमान में बाहर बादल अभी भी आसमान को ढके हुए थे लेकिन हल्की-हल्की हवा चलनी शुरू हो गई थी।
खुली खिड़की से बाहर अमराई की गमक और हवा आ रही थी।
बाहर बरामदे में रखी लालटेन की हल्की मद्धिम रोशनी में हम दोनों बस छाया की तरह लग रहे थे। कामिनी भाभी का घर थोड़ा बस्ती से अलग था, एक ओर खूब बड़ा सा आम का बाग और दो ओर खेत गन्ने और अरहर के।
सामने गाय, भैस के बाँधने की जगह, एक कुँवा और छोटा सा पोखर, बँसवाड़ी। अगला घर उनके खेतों के बाद ही था।
मेरी देह मस्ती से अलसा रही थी, तब तक एक और बोतल भाभी ने खोली, और उसमें से कुछ तेल सा निकाल के अपनी दोनों हथेलियों पे मला।
तबतक मेरे सीने पे लगा लेप कुछ-कुछ सूख गया था। और अब भाभी ने अपने हाथ में लगा तेल मेरे स्तन पे हल्के-हल्के मसाज करना शुरू कर दिया, और मुझे समझा भी रही थीं की अपने से चूची मसाज कैसे करते हैं, साइज और कड़ेपन दोनों के लिए।
“पहले ये तेल दोनों हाथ में अच्छी तरह मल लो, जरा भी तेल बचा न रहे सब गदोरी में, और फिर (उन्होंने खुद अपने हाथ से पकड़ के मेरा दायां हाथ, बाएं उभार की ओर कर दिया, कांख के ठीक नीचे) हाँ, अब यहाँ से हल्के-हल्के हाथ दबाते हुए बीच की ओर ले जाओ, हाँ एकदम ठीक ऐसे ही। मेरी पक्की ननद हो, जल्द सीख जाती हो।
![[Image: nipple-milki-0_522.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/nipple-milki-0_522.jpg)
चलो अब दूसरा हाथ भी लेकिन ध्यान रखना की निपल खुला रहे, हाँ इस दूसरे हाथ से हल्के-हल्के दबाओ, फिर गोल-गोल गदोरी घुमाओ, 10 बार क्लॉक वाइज फिर दस बार एंटी क्लॉक वाइज। और अब उसी तरह इस वाले पे…”
दो चार बार उन्होंने मुझसे कराया और फिर खुद एक साथ अपने दोनों हाथों से, और जब उन्होंने हाथ हटाया तो मेरे दोनों उभार चमक रहे थे, तेल से।
“पांच दस मिनट का इंटरवल, जरा मैं रसोई से आती हूँ लेकिन तुम बस ऐसे ही लेटी रहना…”
बादल थोड़े से हट गए थे और दुष्ट चाँद, जैसे इसी मौके की तलाश में था।
![[Image: Moonlight-photography-view-of-moon-betwe...leaves.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Moonlight-photography-view-of-moon-between-tree-leaves.jpg)
बादल का पर्दा हटा के, सीधे मेरे दोनों उभार ताक रहा था।
चाँदनी मेरे पूरे बदन पे फैली हुई थी।
रसोई से कुछ खटपट सुनाई दे रही थी।
कामिनी भाभी के बारे में कुछ तो चम्पा भाभी ने और ज्यादा बसंती ने बताया था।
![[Image: MIL-gehana_vasisth_hot_gallery_2110141132_001.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/MIL-gehana_vasisth_hot_gallery_2110141132_001.jpg)
ये पास के गाँव की किसी बड़े वैद्य की इकलौती लड़की थीं और बहुत कुछ गुन उन्होंने अपने पिताजी से सीख रखा था। गाँव में औरतों की जो भी प्राबलम होतीं थी, और जिसे औरतें किसी से कहने में हिचकती थी उन सबका हल कामिनी भाभी के पास था। माहवारी न आ रही हो, ज्यादा आ रही हो, बच्चा होने में दिक्कत हो रही हो, बच्चा रोकना हो, कहीं गलती से पेट ठहर गया हो, सब चीजों का इलाज उनके पास था।
और सबसे बड़ी बात की वैसे तो उनके पेट में कोई बात नहीं पचती थी, और मजाक करने में गारी गाने में न वो रिश्ता नाता देखती थीं न उमर, लेकिन ये सब बातें वो अगर किसी को उन्होंने हेल्प किया तो कभी भी नहीं बोलती थी, जिसको हेल्प किया उससे भी नहीं।
लेकिन बसंती ने एक बात बताई थी, अगर मैं कामिनी भाभी को किसी तरह पटा लूँ, उनसे पक्की वाली दोस्ती कर लूँ, तो बहुत सी चीजें उनसे सीख सकती हूँ।
उनको बहुत से मंतर भी मालूम हैं, तरीके भीं जो वो किसी को नहीं बताती। उनकी दोस्ती बहुत फायदे की रहेगी।
और अबकी वो आई तो साड़ी चोली (बैकलेस, पीछे से बंद वाली) पहने थी और उनके हाथ में एक मेरे लिए साड़ी थी।
![[Image: nip-jwell.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/nip-jwell.jpg)
कामिनी भाभी ने एक बड़ी सी बोतल से एक क्रीम निकाली, हल्की सी दानेदार, और अपनी सिर्फ दो उंगलियों से पहले मेरे उभारों के नीचे की ओर से लगाना शुरू किया, बहुत पतली सी फिल्म की तरह की लेयर, फिर धीरे-धीरे कांसेंट्रिक सर्किल्स की तरह उनकी उंगलियां ऊपर बढ़ती गईं, जैसे किसी पहाड़ी की परिक्रमा कर रही हों, लेकिन निपल के पहले पहुँचकर रुक गईं।
और उसके बाद दूसरे उभार का नंबर आया, और वहां भी उन्होंने निपल को छोड़ दिया।
कुछ ही देर में मेरे दोनों उरोजों में कुछ चुनचुनाहट महसूस शुरू हुई, एक अजब तरह की महक मेरे नथुनों में जा रही थी और एक हल्का सा नशा भी तारी हो रहा था।
“कुछ लग रहा है मेरी बिन्नो…”
![[Image: Nips-massage-tumblr_mgme3eY2CV1rhoz1co1_500.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Nips-massage-tumblr_mgme3eY2CV1rhoz1co1_500.gif)
प्यार से मेरे एक निपल को पिंच करते भाभी ने पूछा।
“हाँ भाभी, एक चुनचुनाहट सी लग रही है, अच्छा लग रहा है…”
“इसका मतलब असर शुरू हो गया है, देख रोज रात को सोने के पहले और सुबह नहाने के बाद, वैसे 10 मिनट का टाइम काफी होता है, उसके बाद कपड़े पहन सकती हो, लेकिन आज पहली बार लगा रही हो तो कम से कम एक घण्टे तक इसे वैसे ही रखना होगा। हाँ सूख ये 10 मिनट में जाएगा…”
वो मुश्कुराते हुए बोलीं।
आसमान में बाहर बादल अभी भी आसमान को ढके हुए थे लेकिन हल्की-हल्की हवा चलनी शुरू हो गई थी।
खुली खिड़की से बाहर अमराई की गमक और हवा आ रही थी।
बाहर बरामदे में रखी लालटेन की हल्की मद्धिम रोशनी में हम दोनों बस छाया की तरह लग रहे थे। कामिनी भाभी का घर थोड़ा बस्ती से अलग था, एक ओर खूब बड़ा सा आम का बाग और दो ओर खेत गन्ने और अरहर के।
सामने गाय, भैस के बाँधने की जगह, एक कुँवा और छोटा सा पोखर, बँसवाड़ी। अगला घर उनके खेतों के बाद ही था।
मेरी देह मस्ती से अलसा रही थी, तब तक एक और बोतल भाभी ने खोली, और उसमें से कुछ तेल सा निकाल के अपनी दोनों हथेलियों पे मला।
तबतक मेरे सीने पे लगा लेप कुछ-कुछ सूख गया था। और अब भाभी ने अपने हाथ में लगा तेल मेरे स्तन पे हल्के-हल्के मसाज करना शुरू कर दिया, और मुझे समझा भी रही थीं की अपने से चूची मसाज कैसे करते हैं, साइज और कड़ेपन दोनों के लिए।
“पहले ये तेल दोनों हाथ में अच्छी तरह मल लो, जरा भी तेल बचा न रहे सब गदोरी में, और फिर (उन्होंने खुद अपने हाथ से पकड़ के मेरा दायां हाथ, बाएं उभार की ओर कर दिया, कांख के ठीक नीचे) हाँ, अब यहाँ से हल्के-हल्के हाथ दबाते हुए बीच की ओर ले जाओ, हाँ एकदम ठीक ऐसे ही। मेरी पक्की ननद हो, जल्द सीख जाती हो।
![[Image: nipple-milki-0_522.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/nipple-milki-0_522.jpg)
चलो अब दूसरा हाथ भी लेकिन ध्यान रखना की निपल खुला रहे, हाँ इस दूसरे हाथ से हल्के-हल्के दबाओ, फिर गोल-गोल गदोरी घुमाओ, 10 बार क्लॉक वाइज फिर दस बार एंटी क्लॉक वाइज। और अब उसी तरह इस वाले पे…”
दो चार बार उन्होंने मुझसे कराया और फिर खुद एक साथ अपने दोनों हाथों से, और जब उन्होंने हाथ हटाया तो मेरे दोनों उभार चमक रहे थे, तेल से।
“पांच दस मिनट का इंटरवल, जरा मैं रसोई से आती हूँ लेकिन तुम बस ऐसे ही लेटी रहना…”
बादल थोड़े से हट गए थे और दुष्ट चाँद, जैसे इसी मौके की तलाश में था।
![[Image: Moonlight-photography-view-of-moon-betwe...leaves.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Moonlight-photography-view-of-moon-between-tree-leaves.jpg)
बादल का पर्दा हटा के, सीधे मेरे दोनों उभार ताक रहा था।
चाँदनी मेरे पूरे बदन पे फैली हुई थी।
रसोई से कुछ खटपट सुनाई दे रही थी।
कामिनी भाभी के बारे में कुछ तो चम्पा भाभी ने और ज्यादा बसंती ने बताया था।
![[Image: MIL-gehana_vasisth_hot_gallery_2110141132_001.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/MIL-gehana_vasisth_hot_gallery_2110141132_001.jpg)
ये पास के गाँव की किसी बड़े वैद्य की इकलौती लड़की थीं और बहुत कुछ गुन उन्होंने अपने पिताजी से सीख रखा था। गाँव में औरतों की जो भी प्राबलम होतीं थी, और जिसे औरतें किसी से कहने में हिचकती थी उन सबका हल कामिनी भाभी के पास था। माहवारी न आ रही हो, ज्यादा आ रही हो, बच्चा होने में दिक्कत हो रही हो, बच्चा रोकना हो, कहीं गलती से पेट ठहर गया हो, सब चीजों का इलाज उनके पास था।
और सबसे बड़ी बात की वैसे तो उनके पेट में कोई बात नहीं पचती थी, और मजाक करने में गारी गाने में न वो रिश्ता नाता देखती थीं न उमर, लेकिन ये सब बातें वो अगर किसी को उन्होंने हेल्प किया तो कभी भी नहीं बोलती थी, जिसको हेल्प किया उससे भी नहीं।
लेकिन बसंती ने एक बात बताई थी, अगर मैं कामिनी भाभी को किसी तरह पटा लूँ, उनसे पक्की वाली दोस्ती कर लूँ, तो बहुत सी चीजें उनसे सीख सकती हूँ।
उनको बहुत से मंतर भी मालूम हैं, तरीके भीं जो वो किसी को नहीं बताती। उनकी दोस्ती बहुत फायदे की रहेगी।
और अबकी वो आई तो साड़ी चोली (बैकलेस, पीछे से बंद वाली) पहने थी और उनके हाथ में एक मेरे लिए साड़ी थी।
![[Image: Guddi-backless-0b499ab770c6d79853cf8af0c70c868c.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Guddi-backless-0b499ab770c6d79853cf8af0c70c868c.jpg)