02-05-2019, 07:43 PM
(This post was last modified: 30-04-2021, 03:54 PM by komaalrani. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कामिनी भाभी
बाथरूम के बाहर रखी लालटेन की मद्धिम-मद्धिम हल्की-हल्की पीली रोशनी में मैं कामिनी भाभी की देह देख रही थी। थोड़ी स्थूल, लेकिन कहीं भी फैट ज्यादा नहीं, अगर था भी तो एकदम सही जगहों पर। एकदम गठीली, कसी-कसी पिंडलियां, गोरी, केले के तने ऐसी चिकनी मोटी जांघें, दीर्घ नितम्बा लेकिन जरा भी थुलथुल नहीं।
कमर मेरी तरह, किसी षोडसी किशोरी ऐसी पतली तो नहीं लेकिन तब भी काफी पतली खास तौर से 40+ नितम्ब और 38डीडी+ खूब गदराई कड़ी-कड़ी चूंचियों के बीच पतली छल्ले की तरह लगती थी।
जैसे मैं उन्हें देख रही थी, उससे ज्यादा मीठी निगाहों से वो मुझे देख रही थीं और फिर वो काम पे लग गई, सबसे पहले पानी डाल-डाल के मेरे जुबना पे लगे कीचड़ों को उन्होंने छुड़ाना शुरू किया। जिस तरह से कामिनी भाभी की उंगलियां मेरे छोटे नए आते उभारों को, ललचाते छू रही थीं, सहला रही थी, उनकी हालत का पता साफ-साफ चल रहा था।
लेकिन कामिनी भाभी के हाथ कब तक शर्माते झिझकते और गुलबिया का लगाया कीचड़ भी इतनी आसानी से कहाँ छूटता। जल्द ही रगड़ना मसलना चालू हो गया, और वो कीचड़ छूटने पे भी बंद नहीं हुआ।
मैं क्यों पीछे रहती आखिर अपनी भौजी की छुटकी ननदिया जो थी, तो मेरे भी दोनों हाथ कामिनी भाभी की बड़ी-बड़ी ठोस गुदाज गदराई चूंचियों पे।
![[Image: boobs-12232894.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/boobs-12232894.gif)
हाँ मेरी एक मुट्ठी में उनकी चूची नहीं समा पा रही थी- बड़ी-बड़ी लेकिन एकदम ठोस।
मेरे निपल अभी छोटे थे लेकिन कामिनी भाभी के अंगूठे और तर्जनी ने उन्हें थोड़ी ही देर में खड़ा कर दिया।
और मेरे हाथ, मेरी उंगलियां कामिनी भाभी को कापी कर रही थीं। थोड़ी ही देर में कामिनी भाभी का एक हाथ मेरी जाँघों के बीच में था और उनकी गदोरी चुन्मुनिया को हल्के-हल्के रगड़ रही थी, और मैं जैसे ही सिसकने लगी, झड़ने के कगार पर पहुँच गई।
उन्होंने मुझे पलट दिया।
मेरे भरे-भरे चूतड़ अब कामिनी भाभी की मुट्ठी में थे, और वहां वो पानी डाल रही थी। गुलबिया ने ऐसे रगड़ा था की मेरे चूतड़ एकदम कीचड़ में लथपथ हो गए थे, यहाँ तक की उंगलियों में कीचड़ लपेट के उसने मेरी पिछवाड़े की दरार में भी अच्छी तरह से…
![[Image: Mud-18862460.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Mud-18862460.jpg)
दोनों नितम्बो को फैलाकर कामिनी भाभी साफ कर रही थीं और अचानक उन्होंने अपनी कलाई के जोर से एक उंगली पूरी ताकत से गचाक से पेल दी। लेकिन इसके बावजूद मुश्किल से उंगली की एक पोर भी नहीं घुसी ठीक से।
“साल्ली, बहुत कसी है। बहुत दर्द होगा इसको, मजा भी लेकिन खूब आएगा…”
![[Image: asshole-G-19626487.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/asshole-G-19626487.jpg)
कामिनी भाभी बुदबुदा रही थीं।
![[Image: boobs-jethani-20479696_335948380192950_1...7264_n.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/boobs-jethani-20479696_335948380192950_1047069464606437264_n.jpg)
दोनों नितम्बो को फैलाकर कामिनी भाभी साफ कर रही थीं और अचानक उन्होंने अपनी कलाई के जोर से एक उंगली पूरी ताकत से गचाक से पेल दी। लेकिन इसके बावजूद मुश्किल से उंगली की एक पोर भी नहीं घुसी ठीक से।
![[Image: Sensual-Erotic-Pictures-Pack-242---Nudit...uded-3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Sensual-Erotic-Pictures-Pack-242---Nudity-Included-3.jpg)
“साल्ली, बहुत कसी है। बहुत दर्द होगा इसको, मजा भी लेकिन खूब आएगा…” कामिनी भाभी बुदबुदा रही थीं।
लेकिन मेरा मन तो खोया था उनके दूसरे हाथ की हरकत में। उसकी गदोरी मेरी चुनमुनिया को दबा रही थी, रगड़ रही थी, सहला रही थी। और साथ में कामिनी भाभी का दुष्ट अंगूठा मेरी रसीली गुलाबी क्लिट को कभी दबाता, कभी मसलता।
![[Image: pussy-Guddi-18026531.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/pussy-Guddi-18026531.jpg)
आज दोपहर से मैं तड़प रही थी, पहले तो घर पे बसंती ने, दो तीन बार मुझे किनारे पे ले जाके छोड़ दिया। उसके बाद झूले पे भी कामिनी भाभी और बसंती मिल के दोनों, और जब लगा की गुलबिया जिस तरह से मेरी चूत रगड़ रही है वो पानी निकाल के ही छोड़ेगी।
ऐन मौके पे वो नीरू के पास चली गई, खारा शरबत पिलाने।
और यहाँ एक बार फिर… मैं मस्ती से अपनी दोनों जांघें रगड़ रही थी की पानी अब निकले तब निकले, की कामिनी भाभी ने सीधे आधी बाल्टी पानी मेरी जाँघों के बीच डाल दिया।
मैं क्यों चूकती, मैंने भी दूसरी बाल्टी का पानी उठा के उनके भी ठीक वहीं…
![[Image: shower-GIF-GG-22-12424581.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/shower-GIF-GG-22-12424581.gif)
नहा धो के हम दोनों निकले तो दोनों ने एक दूसरे के बदन को तौलिये से अच्छी तरह रगड़ा, सुखाया लेकिन मेरे उभारों और चुनमुनिया को उन्होंने गीला ही रहने दिया और मुझे पकड़ के एक पलंग पे पीठ के बल लिटा दिया और फिर एक क्रीम ले आई और दो चार छोटी-छोटी शीशियां।
बाथरूम के बाहर रखी लालटेन की मद्धिम-मद्धिम हल्की-हल्की पीली रोशनी में मैं कामिनी भाभी की देह देख रही थी। थोड़ी स्थूल, लेकिन कहीं भी फैट ज्यादा नहीं, अगर था भी तो एकदम सही जगहों पर। एकदम गठीली, कसी-कसी पिंडलियां, गोरी, केले के तने ऐसी चिकनी मोटी जांघें, दीर्घ नितम्बा लेकिन जरा भी थुलथुल नहीं।
कमर मेरी तरह, किसी षोडसी किशोरी ऐसी पतली तो नहीं लेकिन तब भी काफी पतली खास तौर से 40+ नितम्ब और 38डीडी+ खूब गदराई कड़ी-कड़ी चूंचियों के बीच पतली छल्ले की तरह लगती थी।
जैसे मैं उन्हें देख रही थी, उससे ज्यादा मीठी निगाहों से वो मुझे देख रही थीं और फिर वो काम पे लग गई, सबसे पहले पानी डाल-डाल के मेरे जुबना पे लगे कीचड़ों को उन्होंने छुड़ाना शुरू किया। जिस तरह से कामिनी भाभी की उंगलियां मेरे छोटे नए आते उभारों को, ललचाते छू रही थीं, सहला रही थी, उनकी हालत का पता साफ-साफ चल रहा था।
लेकिन कामिनी भाभी के हाथ कब तक शर्माते झिझकते और गुलबिया का लगाया कीचड़ भी इतनी आसानी से कहाँ छूटता। जल्द ही रगड़ना मसलना चालू हो गया, और वो कीचड़ छूटने पे भी बंद नहीं हुआ।
मैं क्यों पीछे रहती आखिर अपनी भौजी की छुटकी ननदिया जो थी, तो मेरे भी दोनों हाथ कामिनी भाभी की बड़ी-बड़ी ठोस गुदाज गदराई चूंचियों पे।
![[Image: boobs-12232894.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/boobs-12232894.gif)
हाँ मेरी एक मुट्ठी में उनकी चूची नहीं समा पा रही थी- बड़ी-बड़ी लेकिन एकदम ठोस।
मेरे निपल अभी छोटे थे लेकिन कामिनी भाभी के अंगूठे और तर्जनी ने उन्हें थोड़ी ही देर में खड़ा कर दिया।
और मेरे हाथ, मेरी उंगलियां कामिनी भाभी को कापी कर रही थीं। थोड़ी ही देर में कामिनी भाभी का एक हाथ मेरी जाँघों के बीच में था और उनकी गदोरी चुन्मुनिया को हल्के-हल्के रगड़ रही थी, और मैं जैसे ही सिसकने लगी, झड़ने के कगार पर पहुँच गई।
उन्होंने मुझे पलट दिया।
मेरे भरे-भरे चूतड़ अब कामिनी भाभी की मुट्ठी में थे, और वहां वो पानी डाल रही थी। गुलबिया ने ऐसे रगड़ा था की मेरे चूतड़ एकदम कीचड़ में लथपथ हो गए थे, यहाँ तक की उंगलियों में कीचड़ लपेट के उसने मेरी पिछवाड़े की दरार में भी अच्छी तरह से…
![[Image: Mud-18862460.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Mud-18862460.jpg)
दोनों नितम्बो को फैलाकर कामिनी भाभी साफ कर रही थीं और अचानक उन्होंने अपनी कलाई के जोर से एक उंगली पूरी ताकत से गचाक से पेल दी। लेकिन इसके बावजूद मुश्किल से उंगली की एक पोर भी नहीं घुसी ठीक से।
“साल्ली, बहुत कसी है। बहुत दर्द होगा इसको, मजा भी लेकिन खूब आएगा…”
![[Image: asshole-G-19626487.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/asshole-G-19626487.jpg)
कामिनी भाभी बुदबुदा रही थीं।
![[Image: boobs-jethani-20479696_335948380192950_1...7264_n.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/boobs-jethani-20479696_335948380192950_1047069464606437264_n.jpg)
दोनों नितम्बो को फैलाकर कामिनी भाभी साफ कर रही थीं और अचानक उन्होंने अपनी कलाई के जोर से एक उंगली पूरी ताकत से गचाक से पेल दी। लेकिन इसके बावजूद मुश्किल से उंगली की एक पोर भी नहीं घुसी ठीक से।
![[Image: Sensual-Erotic-Pictures-Pack-242---Nudit...uded-3.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/Sensual-Erotic-Pictures-Pack-242---Nudity-Included-3.jpg)
“साल्ली, बहुत कसी है। बहुत दर्द होगा इसको, मजा भी लेकिन खूब आएगा…” कामिनी भाभी बुदबुदा रही थीं।
लेकिन मेरा मन तो खोया था उनके दूसरे हाथ की हरकत में। उसकी गदोरी मेरी चुनमुनिया को दबा रही थी, रगड़ रही थी, सहला रही थी। और साथ में कामिनी भाभी का दुष्ट अंगूठा मेरी रसीली गुलाबी क्लिट को कभी दबाता, कभी मसलता।
![[Image: pussy-Guddi-18026531.jpg]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/pussy-Guddi-18026531.jpg)
आज दोपहर से मैं तड़प रही थी, पहले तो घर पे बसंती ने, दो तीन बार मुझे किनारे पे ले जाके छोड़ दिया। उसके बाद झूले पे भी कामिनी भाभी और बसंती मिल के दोनों, और जब लगा की गुलबिया जिस तरह से मेरी चूत रगड़ रही है वो पानी निकाल के ही छोड़ेगी।
ऐन मौके पे वो नीरू के पास चली गई, खारा शरबत पिलाने।
और यहाँ एक बार फिर… मैं मस्ती से अपनी दोनों जांघें रगड़ रही थी की पानी अब निकले तब निकले, की कामिनी भाभी ने सीधे आधी बाल्टी पानी मेरी जाँघों के बीच डाल दिया।
मैं क्यों चूकती, मैंने भी दूसरी बाल्टी का पानी उठा के उनके भी ठीक वहीं…
![[Image: shower-GIF-GG-22-12424581.gif]](https://picsbees.com/images/2018/12/09/shower-GIF-GG-22-12424581.gif)
नहा धो के हम दोनों निकले तो दोनों ने एक दूसरे के बदन को तौलिये से अच्छी तरह रगड़ा, सुखाया लेकिन मेरे उभारों और चुनमुनिया को उन्होंने गीला ही रहने दिया और मुझे पकड़ के एक पलंग पे पीठ के बल लिटा दिया और फिर एक क्रीम ले आई और दो चार छोटी-छोटी शीशियां।