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Adultery सोलवां सावन
सत्ताइसवीं फुहार - 



[Image: sixreen-DubeyBhabhi.jpg]



कामिनी भाभी


अब तक 

गुलबिया ने बस वहीं से कीचड़ उठा-उठा के मेरे जोबन पे लगाना शुरू कर दिया।मैं क्यों छोड़ती आखिर, मैं भी तो अपनी भौजी की ननद थी, और इतने दिनों में चम्पा भाभी और बसंती की संगत में काफी खेल तमाशे सीख चुकी थी। 


[Image: Mud-11494879.jpg]




फिर दिनेश ने भी मेरे साथ आँगन में कीचड़ की होली खेली थी। मैंने दोनों हाथों में कीचड़ लेकर सीधे गुलबिया की दोनों चूंचियों पे, 36+ रही होंगी लेकिन एकदम कड़ी, गोल-गोल। 

 
लेकिन गुलबिया ने खूब खुश होकर मुझे गले लगा लिया और बोली- 


“मान गए… हो तुम हमार लहुरी ननदिया। बहुत मजा आई तोहरे साथ…” 
 
“एकदम भौजी, आखिर मजा लेवे आई हूँ तोहरे गाँव, न देबू ता जबरन लेब…” 

मुश्कुरा के मैं बोली और उसकी चूची पे लगे कीचड़ को जोर-जोर से रगड़ने लगी। मेरी साड़ी तो सरक के छल्ला बन गई थी कमर पे और ब्लाउज कामिनी भाभी और बसंती ने फाड़ के बराबर कर दिया था। 

मैंने भी गुलबिया की चोली कुछ फाड़ी कुछ खोल दी थी। 
 
लेकिन गुलबिया, मैंने कहा था न बसंती के टक्कर की थी, तो बस नीचे से पैर फंसा के उसने ऐसी पलटी दी की मैं नीचे वो ऊपर। 
 
और अब मैं समझी की गाँव सारी लड़कियां गुलबिया के नाम से डरती क्यों थी? 

गुलबिया के जोर से मेरे चूतड़ नीचे कीचड़ में रगड़े जा रहे थे। 

[Image: Mud-15880105.jpg]



मैं सिसक रही थी लेकिन मैं धक्कों का जवाब धक्कों से दे रही थी, चूत मेरी भी घिस्सों पर घिस्से मार रही थी। 

, गुलबिया ने गचाक से एक उंगली मेरी चूत में पेल दी और मेरी कच्ची कसी चूत ने उसे जोर से दबोच लिया, कहा- 

[Image: pussy-fingering-16977090.gif]



“बहुत कसी है, एकदम टाइट, लेकिन अब हमरे हाथ में पड़ गई हो न, देखना भोसड़ी वाली बना के भेजूंगी…” 

 
मैं- 

“पक्का भौजी, तोहरे मुँह में घी शक्कर…” 

खिलखिलाते हुए मैंने कहा और जोर से अपनी चूत सिकोड़ ली। 
 
तब तक नीरू ने दोनों भौजाइयों से बचने की कोशिश करते हुए बोला- “भाभी, अरे बरसात बंद हो गई है अब चलूँ?”

 
जवाब बसंती ने दिया, जो तब तक वहां शामिल हो गई थी- 

“अरी ननद रानी, अबही कहाँ, असली बरसात तो बाकी है, तनी उसका भी तो स्वाद चख लो…” और वहीं से गुलबिया को गुहार लगाई। गुलबिया की मंझली उंगली, मेरी कसी गीली गुलाबी चूत के अंदर खरोंच रही थी। 
 
मुझे छोड़ते हुए वो बोली- “बिन्नो, हमार तोहार उधार…” और बंसती की ओर चली गई। 


[Image: Mud-a232dee319418d90bf083a51be69203b--mud.jpg]


मैं किसी तरह लथपथ कीचड़ से उठी तो कामिनी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ के सहारा देके उठाया। चम्पा भाभी ने इशारा किया की बाकी सब अभी नीरू के साथ फँसी है मैं निकल चलूँ। 

ब्लाउज तो फट ही गया था, किसी तरह साड़ी को लपेटा मैंने, और मैं उन दोनों लोगों के साथ निकल चली। 
 
कामिनी भाभी का घर पास में ही था, थोड़ी देर में मैं और चम्पा भाभी, उनके साथ, उनके घर पहुँच गए।



आगे 

आसमान अभी भी बादलों से घिरा था। बूंदा बादी हल्की हो गई थी लेकिन जिस तरह से रुक-रुक कर बिजली चमक रही थी, बादल गरज रहे थे लग रहा था की बारिश फिर कभी भी शुरू हो सकती थी। 

[Image: rain-G-12.gif]



जो रास्ते दिन में जाने पहचाने लगते थे, अब उन्हें ढूँढ़ना भी मुश्किल होता। 

 
कामिनी भाभी आज घर में अकेली थीं, उनके पति शहर गए थे और उन्हें शाम को लौटना था लेकिन लगता था की बारिश के चलते वहीं रुक गए। 


मेरी पूरी देह कीचड़ में लथपथ थी, खासतौर से आगे और पीछे के उभार, 

जिस तरह गुलबिया ने कीचड़ उठा-उठा के मेरे जोबन पे रगड़ा था और मेरे ऊपर चढ़ के कीचड़ हो गई मिटटी में मेरे चूतड़ों को घिस घिस के… 
 
कामिनी भाभी मुझे पकड़ के सीधे बाथरूम में ले गई जहाँ कई बाल्टियों में पानी भरा था।

[Image: Mud-339243.jpg]



 ब्लाउज तो मेरा पहले ही उन्होंने बसंती और गुलबिया के साथ मिल के चिथड़े-चिथड़े कर दिए थे और साड़ी भी एकदम कीचड़ में लथपथ हो गई थी। एक झटके में साड़ी खींच के उन्होंने उतार दी और धोने के लिए डाल दी।
 
तब तक चम्पा भाभी की बाहर से आवाज आई- 

[Image: MIL-86656847e3eebfcc1284935607a6252a.jpg]




“मैं चल रही हूँ, तेज बारिश आने वाली है। आज रात में घर पे कोई नहीं है। कल दोपहर को आके इसे ले जाऊँगी…” 


और बाहर से दरवाजा उठंगाने की आवाज आई। 
 
कामिनी भाभी बाहर दरवाजा बंद करने के लिए उठीं, तो घबड़ा के मैं बोली- 

“मैं भी चलती हूँ, यहाँ कहाँ?”
 
कामिनी भाभी एक पल के लिए रुक गईं और मुश्कुराते हुए बोलीं- 

“तो जाओ न मेरी बिन्नो, ऐसे जाओगी। चम्पा भाभी तो कहाँ पहुँच गई होंगी, जाओगी ऐसे अकेले? रास्ते में, इतने छैले मिलेंगे न की कल शाम तक भी घर नहीं पहुँच पाओगी…” 
 
और मैंने अपनी ओर देखा तो… एकदम निसूती, ब्लाउज तो अमराई में फट फटा कर, और अब साड़ी भी कामिनी भाभी के कब्जे में थी। ऐसे में… 

[Image: teen-young-19807615.jpg]

 
फिर मेरी ठुड्डी पकड़ के कामिनी भाभी ने प्यार से समझाया- 

“अरे तेरी भौजाई और उनकी माँ पास के गाँव में रात में चली गई है। तो आज रात चम्पा भाभी तुम्हारी घर पे होंगी सिर्फ बसंती के साथ, तो काहे उनकी दावत में… …” 



और बाहर का दरवाजा बंद करने चली गई। 
 
बात मैं अब अच्छी तरह समझ गई, और घबड़ा भी अब नहीं रही थी। चन्दा, चम्पा भाभी, बसंती और गुलबिया सबके साथ तो थोड़ा बहुत मजा मैंने लिया ही था और कामिनी भाभी तो इन सबकी गुरुआइन थीं। बहुत हुआ तो वो भी… और इस हालत में तो घर लौटना भी मुश्किल था। 
 
और तब तक सोचने समझने का मौका भी चला गया, कामिनी भाभी लौट आई थीं। हाँ उन्होंने बाथरूम का दरवाजा भी नहीं बंद किया, घर में हमीं दोनों तो थे और बाहर का दरवज्जा वो अच्छे से बंद करके आ गई थीं। और जब दिमाग नहीं चलता तो हाथ चलता है, मेरा हाथ चल गया, मैंने कामिनी भाभी की साड़ी खींच ली। ब्लाउज उनका भी झूले पे ही खुल गया था।
 
“भाभी, अरे इतनी बढ़िया साड़ी फालतू में गीली हो जायेगी…” 
 
और अब हम दोनों एक तरह से, लेकिन कामिनी भाभी को इससे कुछ फरक नहीं पड़ता था। 

[Image: boobs-htt.jpg]


बाथरूम के बाहर रखी लालटेन की मद्धिम-मद्धिम हल्की-हल्की पीली रोशनी में मैं कामिनी भाभी की देह देख रही थी। थोड़ी स्थूल, लेकिन कहीं भी फैट ज्यादा नहीं, अगर था भी तो एकदम सही जगहों पर। एकदम गठीली, कसी-कसी पिंडलियां, गोरी, केले के तने ऐसी चिकनी मोटी जांघें, दीर्घ नितम्बा लेकिन जरा भी थुलथुल नहीं। 


कमर मेरी तरह, किसी षोडसी किशोरी ऐसी पतली तो नहीं लेकिन तब भी काफी पतली खास तौर से 40+ नितम्ब और 38डीडी+ खूब गदराई कड़ी-कड़ी चूंचियों के बीच पतली छल्ले की तरह लगती थी। 
 
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Messages In This Thread
सोलवां सावन - by komaalrani - 10-01-2019, 10:36 PM
RE: सोलवां सावन - by Bregs - 10-01-2019, 11:31 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 01-02-2019, 02:50 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 13-02-2019, 06:40 PM
RE: सोलवां सावन - by Kumkum - 19-02-2019, 01:09 PM
RE: सोलवां सावन - by Logan555 - 26-02-2019, 11:10 AM
RE: सोलवां सावन - by komaalrani - 02-05-2019, 07:19 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 08:44 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 04-05-2019, 11:46 PM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 19-05-2019, 11:15 AM
RE: सोलवां सावन - by Theflash - 03-07-2019, 10:31 AM
RE: सोलवां सावन - by Badstar - 14-07-2019, 04:07 PM
RE: सोलवां सावन - by usaiha2 - 09-07-2021, 05:54 PM



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