05-12-2021, 10:58 PM
बिल्ललू मेरी रूपाली दीदी की आंखों में देखने लगा.. उनकी आंखों में देख कर उसके अंदर का जानवर जाग गया और वह पूरी रफ्तार से मेरी बहन की गांड चोदने लगा था.... एक भाई होने के नाते मुझसे देखा नहीं जा रहा था, मेरा अपना दोस्त ही मेरी बहन की गांड का चबूतरा बनाने पर तुला हुआ था... मैं वहां से हट गया और मेले की तरफ जाने लगा... मेरी आंखों में आंसू थे और मेरे मन में निराशा भरी हुई थी.. खेतों के रास्ते होते हुए जब मैं मेले की तरह पहुंचा तब मुझे मेरी प्रियंका दीदी खेतों से बाहर निकलती हुई दिखाई दी... उनके पीछे पीछे चार लड़के भी खेतों से बाहर निकले, जिनको मैं नहीं जानता था... शायद यह लड़के दूसरे गांव से थे..
पीछे से वह लड़के मेरी प्रियंका दीदी की गांड को बार बार दबा रहे थे.. मेरी दीदी उनको ऐसा करने से मना कर रही थी लेकिन वह लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे... एक लड़का जो सबसे मजबूत था और उन सब का नेता लग रहा था, उसने तो मेरी प्रियंका दीदी को खेतों से बाहर निकलने से पहले पीछे से अपनी बाहों में दबोच लिया और दोनों चूचियों को अपने हाथों से मर्दन करते हुए पूछने लगा था..
वह लड़का: कल फिर आएगी ना मेरी रानी..
मेरी प्रियंका दीदी( मचलते हुए): दैया रे दैया... मार डालोगे क्या... मेरी चुचियों को उखाड़ लोगे क्या... धीरे करो ना... मुझे अब मेले में जाना होगा... सब लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे...
वह लड़का: चल ठीक है बहन की लोड़ी.. अपना नंबर तो दे दे मुझे.. कल फोन करूंगा तुझे.. समझ गई ना..
जब तक मेरी बहन ने नंबर नहीं दिया तब तक वह लड़का मेरी दीदी को मसलता दबाता रहा... थक हार कर मेरी प्रियंका दीदी ने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया.... फिर जाकर उन लोगों ने मेरी दीदी का पीछा छोड़ा... मेरी प्रियंका दीदी अब मेले में आ चुकी थी मैं भी उनके पीछे-पीछे घूम रहा था थोड़ी दूर ...
मेरी चंदा भाभी का अता पता नहीं था... ना जाने वह मेले में कहां गुम हो गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी... उनके होठों पर लगा हुआ सूखा विर्य मैं साफ-साफ देख पा रहा था.. जाहिर है उन लड़कों ने मेरी बहन को बहुत चुस्वाया था अपना हथियार..
पीछे से वह लड़के मेरी प्रियंका दीदी की गांड को बार बार दबा रहे थे.. मेरी दीदी उनको ऐसा करने से मना कर रही थी लेकिन वह लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे... एक लड़का जो सबसे मजबूत था और उन सब का नेता लग रहा था, उसने तो मेरी प्रियंका दीदी को खेतों से बाहर निकलने से पहले पीछे से अपनी बाहों में दबोच लिया और दोनों चूचियों को अपने हाथों से मर्दन करते हुए पूछने लगा था..
वह लड़का: कल फिर आएगी ना मेरी रानी..
मेरी प्रियंका दीदी( मचलते हुए): दैया रे दैया... मार डालोगे क्या... मेरी चुचियों को उखाड़ लोगे क्या... धीरे करो ना... मुझे अब मेले में जाना होगा... सब लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे...
वह लड़का: चल ठीक है बहन की लोड़ी.. अपना नंबर तो दे दे मुझे.. कल फोन करूंगा तुझे.. समझ गई ना..
जब तक मेरी बहन ने नंबर नहीं दिया तब तक वह लड़का मेरी दीदी को मसलता दबाता रहा... थक हार कर मेरी प्रियंका दीदी ने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया.... फिर जाकर उन लोगों ने मेरी दीदी का पीछा छोड़ा... मेरी प्रियंका दीदी अब मेले में आ चुकी थी मैं भी उनके पीछे-पीछे घूम रहा था थोड़ी दूर ...
मेरी चंदा भाभी का अता पता नहीं था... ना जाने वह मेले में कहां गुम हो गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी... उनके होठों पर लगा हुआ सूखा विर्य मैं साफ-साफ देख पा रहा था.. जाहिर है उन लड़कों ने मेरी बहन को बहुत चुस्वाया था अपना हथियार..