05-12-2021, 07:10 PM
रीत दी चुप हो गयी थीं और मैं भी चुप थी, फिर वही बोलीं बल्कि मुझसे जी के टाइप एक सवाल पूछ लिया,
" अच्छा बोल, ये आज कल के जो मॉडर्न फाइटर प्लेन होते हैं अटैकिंग मिसाइल से कैसे डिफेंड करते हैं."
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी और पूरा ज्ञान उड़ेल दिया, ...
" दी फाइटर प्लेन, बॉम्ब या मिसाइल छोड़ने के साथ कई फ्लेयर छोड़ते हैं, बस जो उन पर अटैक करने के लिए जो हीट सीकिंग मिसाइल छोड़ते हैं बस वो उन हीट फ्लेयर्स से कन्फ्यूज हो कर,... "
और एक बार फिर दी ने मेरी बात काट के मुझे समझाना शुरू कर दिया,
"एक्जैक्टली,... तो जैसे वो स्क्रीन अपीयर हुयी तेरी स्क्रीन पर न उसी के साथ उसने फाल्स साउंड के सिग्नल भेजने शुरू कर दिए और उसके दो मीटर के दायरे में वही सिग्नल मिलेंगे, हम लोगों की बातचीत स्क्रैंबल हो कर आ रही है. "
लेकिन मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, स्ट्रैप आन और ये डबल डिलडो दोनों का इस्तेमाल, ...
और उन्होंने समझा दिया,
" देख स्ट्रैप आन तेरी बॉडी से टच कर रहा है, और डिल्डो को तुमने अपनी ऊँगली से सहलाया दोनों के बीच कम्युनिकेशन है, दोनों ने तेरी बॉडी डीनए को रीड किया जब दोनों डीनए सेम हुए तभी वो बटन एक्टिवेट हुआ, अगली बार बिना उस स्ट्रैप आन के भी और ये दोनों नैनो पार्टिकल से बने हैं जिसमे कोई भी मेकेनिकल डिवाइस नहीं है इसलिए इन्हे कोई तोड़कर भी देखेगा तो कुछ नहीं मिलेगा, फिर ये कम्युनिकेशन तुम्ही कर रही थी इस के चेक के लिए भी फोर लेवल चेक था, ... अपने बहनोई से मैंने तेरा आधार नंबर,..
" लेकिन दी , आजकल तो सुलभ शौचालय वाले भी आधार कार्ड मांगते हैं तो उससे क्या,... " मैंने फिर बात काटी और वो जोर से हंसी,
" अरे मेरी बहना, उसी नंबर से तो तेरे सारे फिंगरप्रिंट, पुतली के निशान उस ने मैच करा लिया , पहले डीएनए, फिर फिंगर प्रिंट फिर पुतली और फिर वॉयस प्रिंट जो तूने सारे बनारस वालों की रखैल को जो बोला, अगर मैं एक दो शब्द का कोड बताती तो कोई भी समझ सकता था अभी तो कोई भी और उसमें पहले दो शब्द नाम, गाली और चौथा शब्द, शरीर का एक अंग, फिर वर्चुअल की बोर्ड पर तुमने जो नाम लिया था वही लिखा और उसके डिटेल जो मुझे मालूम थे, तो उसके बाद कनेक्शन सिक्योर हुआ है और वो भी पन्दरह मिनट के लिए। "
मैं मान गयी रीत दी
तभी तो बनारस में अभी सभी सब कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है और रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज।
फिर पूरे दस मिनट हम लोगों ने बात की, क्या की , ये बताने की नहीं दी ने कसम धरायी है।
एकदम प्राइवेट और सीक्रेट ,
हाँ ये बता सकती हूँ , बातचीत एकदम सीरियस थी, इनके पेपर से जुडी चीजों के बारे में, थोड़ा बहुत मैं जानती थी लेकिन बाकी कुछ उन्होंने समझाया,... एकदम सीरयस और इसलिए उन्होंने इतना एक्स्ट्रा प्रीकॉशंस बरती थीं
" अच्छा बोल, ये आज कल के जो मॉडर्न फाइटर प्लेन होते हैं अटैकिंग मिसाइल से कैसे डिफेंड करते हैं."
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी और पूरा ज्ञान उड़ेल दिया, ...
" दी फाइटर प्लेन, बॉम्ब या मिसाइल छोड़ने के साथ कई फ्लेयर छोड़ते हैं, बस जो उन पर अटैक करने के लिए जो हीट सीकिंग मिसाइल छोड़ते हैं बस वो उन हीट फ्लेयर्स से कन्फ्यूज हो कर,... "
और एक बार फिर दी ने मेरी बात काट के मुझे समझाना शुरू कर दिया,
"एक्जैक्टली,... तो जैसे वो स्क्रीन अपीयर हुयी तेरी स्क्रीन पर न उसी के साथ उसने फाल्स साउंड के सिग्नल भेजने शुरू कर दिए और उसके दो मीटर के दायरे में वही सिग्नल मिलेंगे, हम लोगों की बातचीत स्क्रैंबल हो कर आ रही है. "
लेकिन मेरी अभी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, स्ट्रैप आन और ये डबल डिलडो दोनों का इस्तेमाल, ...
और उन्होंने समझा दिया,
" देख स्ट्रैप आन तेरी बॉडी से टच कर रहा है, और डिल्डो को तुमने अपनी ऊँगली से सहलाया दोनों के बीच कम्युनिकेशन है, दोनों ने तेरी बॉडी डीनए को रीड किया जब दोनों डीनए सेम हुए तभी वो बटन एक्टिवेट हुआ, अगली बार बिना उस स्ट्रैप आन के भी और ये दोनों नैनो पार्टिकल से बने हैं जिसमे कोई भी मेकेनिकल डिवाइस नहीं है इसलिए इन्हे कोई तोड़कर भी देखेगा तो कुछ नहीं मिलेगा, फिर ये कम्युनिकेशन तुम्ही कर रही थी इस के चेक के लिए भी फोर लेवल चेक था, ... अपने बहनोई से मैंने तेरा आधार नंबर,..
" लेकिन दी , आजकल तो सुलभ शौचालय वाले भी आधार कार्ड मांगते हैं तो उससे क्या,... " मैंने फिर बात काटी और वो जोर से हंसी,
" अरे मेरी बहना, उसी नंबर से तो तेरे सारे फिंगरप्रिंट, पुतली के निशान उस ने मैच करा लिया , पहले डीएनए, फिर फिंगर प्रिंट फिर पुतली और फिर वॉयस प्रिंट जो तूने सारे बनारस वालों की रखैल को जो बोला, अगर मैं एक दो शब्द का कोड बताती तो कोई भी समझ सकता था अभी तो कोई भी और उसमें पहले दो शब्द नाम, गाली और चौथा शब्द, शरीर का एक अंग, फिर वर्चुअल की बोर्ड पर तुमने जो नाम लिया था वही लिखा और उसके डिटेल जो मुझे मालूम थे, तो उसके बाद कनेक्शन सिक्योर हुआ है और वो भी पन्दरह मिनट के लिए। "
मैं मान गयी रीत दी
तभी तो बनारस में अभी सभी सब कहते हैं की चाचा चौधरी का दिमाग कम्यूटर से भी तेज चलता है और रीत का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज।
फिर पूरे दस मिनट हम लोगों ने बात की, क्या की , ये बताने की नहीं दी ने कसम धरायी है।
एकदम प्राइवेट और सीक्रेट ,
हाँ ये बता सकती हूँ , बातचीत एकदम सीरियस थी, इनके पेपर से जुडी चीजों के बारे में, थोड़ा बहुत मैं जानती थी लेकिन बाकी कुछ उन्होंने समझाया,... एकदम सीरयस और इसलिए उन्होंने इतना एक्स्ट्रा प्रीकॉशंस बरती थीं