03-12-2021, 10:40 AM
प्रशांत: "कोई जगह सोची हैं तुम्हे की कहाँ जाना हैं? मगर अभी टाइम बहुत कम बचा हैं, इतना जल्दी हम सारी बुकिंग करवा नहीं पाएंगे"
नीरु: "उसकी चिंता तुम मत करो। मैं सब सम्भाल लुंग। तुम तैयार हो या नहीं?"
प्रशांत: "अगर सब अच्छे से हो जायेगा तो मैं तैयार हूँ, पर तुम अकेले कैसे तैयारी करोगी ? पूरा प्लान तो बताओ"
नीरु: "बंदोबश्त हो चूका है। जीजाजी और दीदी यहाँ आ रहे है। फिर हम चारो घुमने जाएंगे। जीजाजी ने ट्रैन के टिकट बुक कर दिए हैं और होटल भी बुक हो गयी हैं"
नीरु चहक रही थी और बहुत उत्सुक लग रही थी और मैं दंग था की उसने सारी तयारी पहले ही कर ली पर मुझसे अब पुछ रही थी।
प्रशांत: "सारा प्लान तो तुमने और नीरज जीजाजी ने बना ही लिया हैं। कब से प्लान चल रहा था? मुझे पहले क्यों नहीं बताया?"
नीरु: "मुझे पता था तुम मना नहीं करोगे। मुझे भी कल जीजाजी ने फ़ोन करके बताया की यह प्लान हैं और हम दोनों को उनके साथ जाना ही पड़ेगा"
नीरु के घर में उसकी पेरेंट्स के अलावा सिर्फ उसकी एक बड़ी बहन ऋतु दीदी है। ऋतु दीदी नीरू से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी। जो अब रिश्ते में मेरा साढु भाई हो गए थे। नीरु की दीदी को मैं भी दीदी कह कर ही बुलाता हूँ और वो दोनों मुझे प्रशांत नाम से बुलाते हैं क्यों की मैं उनसे उमरा में ४-५ साल छोटा हूँ।
अगले वीक नीरज जीजा और ऋतू दीदी हमारे घर आने वाले थे और हम सब हमारे शहर से ट्रैन से निकलने वाले थे। पूरे सप्ताह नीरू घर में इधर से उधर दौड रही थी और तयारी में लगी थी। शाम को ऑफिस से आने के बाद वो फ़ोन पर लग जाती और अपनी दीदी और जिजा के साथ बात कर क्या लेना और क्या नहीं लेना की तयारी करती। मुझे नीरू का उत्तेजना देखकर बहुत अच्छा लग रहा था और मेरे चेहरे पर भी उसको देख
नीरु: "उसकी चिंता तुम मत करो। मैं सब सम्भाल लुंग। तुम तैयार हो या नहीं?"
प्रशांत: "अगर सब अच्छे से हो जायेगा तो मैं तैयार हूँ, पर तुम अकेले कैसे तैयारी करोगी ? पूरा प्लान तो बताओ"
नीरु: "बंदोबश्त हो चूका है। जीजाजी और दीदी यहाँ आ रहे है। फिर हम चारो घुमने जाएंगे। जीजाजी ने ट्रैन के टिकट बुक कर दिए हैं और होटल भी बुक हो गयी हैं"
नीरु चहक रही थी और बहुत उत्सुक लग रही थी और मैं दंग था की उसने सारी तयारी पहले ही कर ली पर मुझसे अब पुछ रही थी।
प्रशांत: "सारा प्लान तो तुमने और नीरज जीजाजी ने बना ही लिया हैं। कब से प्लान चल रहा था? मुझे पहले क्यों नहीं बताया?"
नीरु: "मुझे पता था तुम मना नहीं करोगे। मुझे भी कल जीजाजी ने फ़ोन करके बताया की यह प्लान हैं और हम दोनों को उनके साथ जाना ही पड़ेगा"
नीरु के घर में उसकी पेरेंट्स के अलावा सिर्फ उसकी एक बड़ी बहन ऋतु दीदी है। ऋतु दीदी नीरू से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी। जो अब रिश्ते में मेरा साढु भाई हो गए थे। नीरु की दीदी को मैं भी दीदी कह कर ही बुलाता हूँ और वो दोनों मुझे प्रशांत नाम से बुलाते हैं क्यों की मैं उनसे उमरा में ४-५ साल छोटा हूँ।
अगले वीक नीरज जीजा और ऋतू दीदी हमारे घर आने वाले थे और हम सब हमारे शहर से ट्रैन से निकलने वाले थे। पूरे सप्ताह नीरू घर में इधर से उधर दौड रही थी और तयारी में लगी थी। शाम को ऑफिस से आने के बाद वो फ़ोन पर लग जाती और अपनी दीदी और जिजा के साथ बात कर क्या लेना और क्या नहीं लेना की तयारी करती। मुझे नीरू का उत्तेजना देखकर बहुत अच्छा लग रहा था और मेरे चेहरे पर भी उसको देख
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
