30-11-2021, 03:53 PM
मेरे लंड का लग'भाग सत्तर, अस्सी प्रतिशत भाग संगीता दीदी के मूँ'ह में गायब हो गया था. अभी और थोड़ा अंदर जाना बाकी था. मेरे लंड के सुपाडे का उसके गले के उप्परी भाग को हो रहा स्पर्श में अनुभव कर रहा था. मेने उसके सर के पिछे हाथ रख और कुच्छ पल उसके बालो को सहलाया. फिर में उस'का सर मेरे लंड पर नीचे धीरे धीरे दाब'ने लगा और उसे कह'ने लगा,
"अप'नी नाक से साँसे ले लो, दीदी. अब ले लो मेरा बाकी लंड अप'ने मूँ'ह में.. ले लो.. और ले लो.. जाओ नीचे. तुम्हारा सर थोड़ा उप्पर करो. हाँ. ऐसेही. बराबर. अब दबाओ अपना मुँह और नीचे. और. मेरे लंड का सुपाडा जा'ने दो अप'ने गले में. जा'ने दो. और. बराबर. ऐसेही. और थोड़ा. एसा.. डॅट्स इट.. ग्रेट!. यू आर ग्रेट, दीदी!."
"अप'नी नाक से साँसे ले लो, दीदी. अब ले लो मेरा बाकी लंड अप'ने मूँ'ह में.. ले लो.. और ले लो.. जाओ नीचे. तुम्हारा सर थोड़ा उप्पर करो. हाँ. ऐसेही. बराबर. अब दबाओ अपना मुँह और नीचे. और. मेरे लंड का सुपाडा जा'ने दो अप'ने गले में. जा'ने दो. और. बराबर. ऐसेही. और थोड़ा. एसा.. डॅट्स इट.. ग्रेट!. यू आर ग्रेट, दीदी!."
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.