26-11-2021, 05:40 PM
उस जादू से निकलने में उन्हें कुछ टाइम लगा , और वो इत्ते तन्नाए की जैसे छूने पे झड़ जाएंगे
लेकिन मुझे उन्हें झड़ने थोड़ी देना था , पहले तो उन्हें मुझे झाड़ना था ,
और उन का मुँह सीधे मेरी चूत पे।
गुड्डी ने जो उन्हें जोश दिलाया था सब फायदा मैं ले रही थी।
सच में क्या मस्त चाटते थे वो।
और ये सिर्फ मैं नहीं कहती थी ,आखिर मेरे तो 'वो' थे मम्मी और पैदायशी छिनारें ,मंजू बाई और गीता भी,
और अभी तो उनकी बहना ने वीडियों के जरिये जो दावत नामा भेजा था उसके बाद तो और पगलाए मस्ताए थे वो।
जित्ता मजा लंड से चुदवा के आता था ,उससे कम उनकी जीभ से नहीं आता था। कभी दोनों होंठों से चूत की फांकों को दबोच कर चूसते थे वो तो फिर कभी अपनी मोटी मस्क्युलर जीभ डाल के बुर की बुरी हालत कर देते थे।
और आज मैं समझ रही थी चूस वो मेरी बुर की फांके रहे थे लेकिन मन में उनके अपनी उस रसीली बहिना की आम की फांके होंगी ,जो अभी अभी खोल के दिखाई थी उस छिनार ने।
और ये सोच के मेरी मस्ती और बढ़ गयी और मैं भी चूतड़ उचका उचका के ,
लेकिन अगर मेरे वो चूत चाटने से ज्यादा बेहतर कोई काम करते थे तो वो था गांड चाटने का।
और बस ज़रा सा कूल्हे उठा के मैंने उन्हें अपनी मन की बात सूना दी , फिर तो ,
अपने दोनों हाथो से मेरे बड़े बड़े चूतड़ों को फैला के पहले तो वो जीभ से ऊपर नीचे ,ऊपर नीचे क्या जबरदस्त रीमिंग कर रहे थे वो। और बीच बीच में मीठी मीठी गांड के छेद पर किस्सी ,
बस मैं पागल हो रही थी ,और तभी अपनी बहना के यार ने अपनी जीभ अंदर ,
उह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ,... मैं उछल पड़ी।
लेकिन उन्होंने जीभ और अंदर ,गोल गोल ,जैसे कोई गांड के अंदर ऊँगली डाल के करोंचे।
ओह्ह्ह आह्हः उह्ह्ह्हह नहींननं उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ,मैं बस झड़ने के कगार पर थी ,
" ओह्ह सुन स्साले बहन के भंडुए ,अपनीउस छिनार बहना को भी ऐसे ही मस्त गांड चाटना सिखा देना ,"
एक पल के लिए मुंह अलग कर के उन्होंने मुस्करा के बोला ,
" एकदम , मम्मी ने भी कहा था "
" सच्ची यार मैं और मम्मी साथ ,तेरी रखैल मेरी गांड चाटेगी और तू मम्मी की ,बद कर कौन पहले झाड़ता है। "
" ठीक है " वो बोले और उनकी जीभ अंदर और मेरा झड़ना शुरू।
मैं कांपती रही , झड़ती रही और उनकी जीभ मेरे पिछवाड़े ,
बाहर सावन बुँदियाँ बरसने लगी थी और अंदर ,
मैं एकदम लस्त पस्त उनकी बाहों में , कुछ देर बाद जब बोलने की ताकत आयी तो मैं ने उन्हें उकसाया ,
" यार बित्ते भर की लौंडिया , इत्ता गरमागरम मेसेज दे गयी ,तू भी तो कुछ जवाब दे,
और एक बार फिर कैमरा मेरे हाथों में ,
( आखिर गुड्डी को जो वीडियों उन्होंने देखा था उसकी स्क्रिप्ट राइटिंग ,शूटिंग से लेकर डायरेक्शन तो मेरा ही था ,सिवाय आखिर के चार मिनटों का जिसमें गुड्डी ने पूरी तरह से इम्प्रोवाइज किया था ,बिना मुझे बताये हाँ मेरी उस भोली भाली ननदिया को ये नहीं मालूम था की उसकी शूटिंग हो रही है, उसने डिजिटल कैमरा, मोबाइल सब दूर रखवा दिया था, लेकिन बेचारी को क्या मालूम की लैपटॉप का वेब कैम खुला था और सब ज्यों का त्यों रिकार्ड हो रहा था. जब ये नीचे गए थे अपने दोस्त से मिलने तभी, मैं समझ गयी थी इनकी और मेरी होने वाली रखैल, रोल प्ले में नम्बरी है लेकिन जिस तरह से उसने इन्हे सिड्यूस करने की एक्टिंग की मैं समझ गयी इसमें ज़रा भी ऐक्टिंग नहीं है, स्साली की बिल में मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं , बस वही रिकार्डिंग मैंने प्ले कर दी अपने सोना मोना के लिए,... )
गुड्डी की कच्ची अमिया की बातों से लेकर और , उनका खूंटा तो खड़ा ही था ,उसके क्लोज अप्स ,उसे मुठियाते हुए गुड्डी का नाम ले ले के ' अच्छी अच्छी बातें करते हुए 'उसके प्यारे प्यारे सीधे साधे भैय्या।
शूटिंग की फ़ीस भी मुझे मिली ,एक बार फिर उनसे झड़वाके।
लेकिन उसके बाद हम दोनों सो गए , बाहों में लिपटे। कल बहन उनकी आने वाली थी तो क्या पता ,
और उसके अगले दिन उनकी भौजाई की हचक के चुदाई भी होनी थी।
हाँ आज अलार्म लगा के पहले मैं ही उठी , दो काम थे लेकिन मैंने उन्हें सोने दिया।
आज बेड टी पुराने ज़माने की तरह मैंने तय किया था मैं ही बनाउंगी और साथ साथ उनके मोबाइल से भी कुछ शरारतें भी ,...
लेकिन मुझे उन्हें झड़ने थोड़ी देना था , पहले तो उन्हें मुझे झाड़ना था ,
और उन का मुँह सीधे मेरी चूत पे।
गुड्डी ने जो उन्हें जोश दिलाया था सब फायदा मैं ले रही थी।
सच में क्या मस्त चाटते थे वो।
और ये सिर्फ मैं नहीं कहती थी ,आखिर मेरे तो 'वो' थे मम्मी और पैदायशी छिनारें ,मंजू बाई और गीता भी,
और अभी तो उनकी बहना ने वीडियों के जरिये जो दावत नामा भेजा था उसके बाद तो और पगलाए मस्ताए थे वो।
जित्ता मजा लंड से चुदवा के आता था ,उससे कम उनकी जीभ से नहीं आता था। कभी दोनों होंठों से चूत की फांकों को दबोच कर चूसते थे वो तो फिर कभी अपनी मोटी मस्क्युलर जीभ डाल के बुर की बुरी हालत कर देते थे।
और आज मैं समझ रही थी चूस वो मेरी बुर की फांके रहे थे लेकिन मन में उनके अपनी उस रसीली बहिना की आम की फांके होंगी ,जो अभी अभी खोल के दिखाई थी उस छिनार ने।
और ये सोच के मेरी मस्ती और बढ़ गयी और मैं भी चूतड़ उचका उचका के ,
लेकिन अगर मेरे वो चूत चाटने से ज्यादा बेहतर कोई काम करते थे तो वो था गांड चाटने का।
और बस ज़रा सा कूल्हे उठा के मैंने उन्हें अपनी मन की बात सूना दी , फिर तो ,
अपने दोनों हाथो से मेरे बड़े बड़े चूतड़ों को फैला के पहले तो वो जीभ से ऊपर नीचे ,ऊपर नीचे क्या जबरदस्त रीमिंग कर रहे थे वो। और बीच बीच में मीठी मीठी गांड के छेद पर किस्सी ,
बस मैं पागल हो रही थी ,और तभी अपनी बहना के यार ने अपनी जीभ अंदर ,
उह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ,... मैं उछल पड़ी।
लेकिन उन्होंने जीभ और अंदर ,गोल गोल ,जैसे कोई गांड के अंदर ऊँगली डाल के करोंचे।
ओह्ह्ह आह्हः उह्ह्ह्हह नहींननं उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ,मैं बस झड़ने के कगार पर थी ,
" ओह्ह सुन स्साले बहन के भंडुए ,अपनीउस छिनार बहना को भी ऐसे ही मस्त गांड चाटना सिखा देना ,"
एक पल के लिए मुंह अलग कर के उन्होंने मुस्करा के बोला ,
" एकदम , मम्मी ने भी कहा था "
" सच्ची यार मैं और मम्मी साथ ,तेरी रखैल मेरी गांड चाटेगी और तू मम्मी की ,बद कर कौन पहले झाड़ता है। "
" ठीक है " वो बोले और उनकी जीभ अंदर और मेरा झड़ना शुरू।
मैं कांपती रही , झड़ती रही और उनकी जीभ मेरे पिछवाड़े ,
बाहर सावन बुँदियाँ बरसने लगी थी और अंदर ,
मैं एकदम लस्त पस्त उनकी बाहों में , कुछ देर बाद जब बोलने की ताकत आयी तो मैं ने उन्हें उकसाया ,
" यार बित्ते भर की लौंडिया , इत्ता गरमागरम मेसेज दे गयी ,तू भी तो कुछ जवाब दे,
और एक बार फिर कैमरा मेरे हाथों में ,
( आखिर गुड्डी को जो वीडियों उन्होंने देखा था उसकी स्क्रिप्ट राइटिंग ,शूटिंग से लेकर डायरेक्शन तो मेरा ही था ,सिवाय आखिर के चार मिनटों का जिसमें गुड्डी ने पूरी तरह से इम्प्रोवाइज किया था ,बिना मुझे बताये हाँ मेरी उस भोली भाली ननदिया को ये नहीं मालूम था की उसकी शूटिंग हो रही है, उसने डिजिटल कैमरा, मोबाइल सब दूर रखवा दिया था, लेकिन बेचारी को क्या मालूम की लैपटॉप का वेब कैम खुला था और सब ज्यों का त्यों रिकार्ड हो रहा था. जब ये नीचे गए थे अपने दोस्त से मिलने तभी, मैं समझ गयी थी इनकी और मेरी होने वाली रखैल, रोल प्ले में नम्बरी है लेकिन जिस तरह से उसने इन्हे सिड्यूस करने की एक्टिंग की मैं समझ गयी इसमें ज़रा भी ऐक्टिंग नहीं है, स्साली की बिल में मोटे मोटे चींटे काट रहे हैं , बस वही रिकार्डिंग मैंने प्ले कर दी अपने सोना मोना के लिए,... )
गुड्डी की कच्ची अमिया की बातों से लेकर और , उनका खूंटा तो खड़ा ही था ,उसके क्लोज अप्स ,उसे मुठियाते हुए गुड्डी का नाम ले ले के ' अच्छी अच्छी बातें करते हुए 'उसके प्यारे प्यारे सीधे साधे भैय्या।
शूटिंग की फ़ीस भी मुझे मिली ,एक बार फिर उनसे झड़वाके।
लेकिन उसके बाद हम दोनों सो गए , बाहों में लिपटे। कल बहन उनकी आने वाली थी तो क्या पता ,
और उसके अगले दिन उनकी भौजाई की हचक के चुदाई भी होनी थी।
हाँ आज अलार्म लगा के पहले मैं ही उठी , दो काम थे लेकिन मैंने उन्हें सोने दिया।
आज बेड टी पुराने ज़माने की तरह मैंने तय किया था मैं ही बनाउंगी और साथ साथ उनके मोबाइल से भी कुछ शरारतें भी ,...