26-11-2021, 05:32 PM
गुड्डी के साथ,...
उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,
" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। "
और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।
" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... "
उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।
वो मुस्कराते रहे समझ के ,
और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,
" मम्मी ,... "
उनका लंड तो मेरी मुट्ठी में ही था झुक के एक बार सुपाड़ा चूम के मैं बोली ,
" याद है मम्मी ने तुझसे क्या कहा था। "
" एकदम ,मम्मी की बात मैं क्या भूल सकता हूँ और टालने की तो सोच भी नहीं सकता " वो बोले।
बात उनकी एकदम सही थी ,और मेरी मम्मी भी कम दलबदलू थोड़े ही अब मुझसे ज्यादा इन्ही की ,किसी बात में हम इनमे कुछ फरक हो तो हरदम अपने दामाद का साथ।
" एक बार तू हचक हचक के चोद लेगा अपने कुंवारे माल की चूत को हफ्ता दस दिन ,तो,.. " मैं बोल ही रही थी की मम्मी की बात आगे की उन्होंने पूरी की।
" हफ्ते दस दिन के लिए उसे गाँव में , ... तो भेज देंगे न "
" तुझे मालूम है गाँव में वो तेरी शहर वाली बहना , सुबह गन्ने के खेत में
,दिन में अरहर के खेत में तो शाम को अमराई में , किसी भी दिन ६-७ से कम नहीं ,मोटे मोटे ,अहिरौटी ,भरौटी , पठानटोला सब को मम्मी ने दावत बाँट दी है एडवांस में। फिर जो तेरी सलहजें लगेंगी ,मेरी भौजाइयां , वो भी कम नहीं ,... "
मैंने दो लाइन में गाँव में होने वाले सीन को खिंच दिया।
" अरे गाँव में तो जायँगी तेरी ननद तो गाँव का मजा तो लेना ही चाहिए न , अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है ,ऐसी सुविधा और कहाँ है "
वो हँसते हुए बोले और मेरे निपल सीधे उनकेमुंह में।
उनका मुंह तो बंद हो गया लेकिन मेरा खुला था ,
" और उसके आगे तूने ये भी कबूला था की बस एक महीने के बाद उसे गाभिन करने को ,... " लेकिन खड़ा लंड देख कर
मेरा मुंह भी बंद हो गया मैं भी कस क के चूसने लगी। थोड़ी देर में हम दोनों 69 की पोज में।
उनका गन्ना चूसने में मुझे बहुत मजा आता है , खूब मोटा ,कड़ा रसीला तो है ही ,लम्बा भी कितना सीधे हलक तक , डीप थ्रोट
लेकिन जानते हैं सबसे अच्छी बात क्या हो ,
मेरा अपना है , एकदम पर्सनल ,मैं उसे चाहे चूमूँ ,चाहे चूसूं चाहे चाटूँ ,किसी को भी क्या ,
उन्हें अपनी बाँहों में लेकर अपने जोबन उनके सीने पर रगड़ाती मैं बोली ,
" यार आज तूने मेरा जिस तरह से उस छिनार के होंठो से सीधे लेकर ,... रसीली फांक ,,... साले गांडू तेरे मायकेवालियों की फट के हाथ में आ गयी। "
और ये कह के उन्हें मैंने बिस्तर पर धकेल दिया ,और उन के ऊपर चढ़ गयी।
" भोंसड़ी के , मादरचोद , जानते हो लेकिन किस बात ने एकदम मुझे तेरी पंखी बना दिया ,... अपने माल को जिस तरह से तूने साल भर के लिए ,और सबसे बढ़ कर उसके घर वालों को भी बस अब चार पांच दिन में ये हमारे साथ , और जानते हो मेरा तो फायदा होगा ही , तुझे तो बंद सील खोलने को मिलेगी ,मंजू बाई ,गीता की मस्ती ,गुड्डी का भी फायदा लेकिन जानते हो सबसे ज्यादा कौन खुश होगा ,... "
उनकी आँखों में झाँक के मैंने पूछा।
वो मुस्कराते रहे समझ के ,
और हम दोनों के मुंह से एक साथ निकला ,
" मम्मी ,... "
उनका लंड तो मेरी मुट्ठी में ही था झुक के एक बार सुपाड़ा चूम के मैं बोली ,
" याद है मम्मी ने तुझसे क्या कहा था। "
" एकदम ,मम्मी की बात मैं क्या भूल सकता हूँ और टालने की तो सोच भी नहीं सकता " वो बोले।
बात उनकी एकदम सही थी ,और मेरी मम्मी भी कम दलबदलू थोड़े ही अब मुझसे ज्यादा इन्ही की ,किसी बात में हम इनमे कुछ फरक हो तो हरदम अपने दामाद का साथ।
" एक बार तू हचक हचक के चोद लेगा अपने कुंवारे माल की चूत को हफ्ता दस दिन ,तो,.. " मैं बोल ही रही थी की मम्मी की बात आगे की उन्होंने पूरी की।
" हफ्ते दस दिन के लिए उसे गाँव में , ... तो भेज देंगे न "
" तुझे मालूम है गाँव में वो तेरी शहर वाली बहना , सुबह गन्ने के खेत में
,दिन में अरहर के खेत में तो शाम को अमराई में , किसी भी दिन ६-७ से कम नहीं ,मोटे मोटे ,अहिरौटी ,भरौटी , पठानटोला सब को मम्मी ने दावत बाँट दी है एडवांस में। फिर जो तेरी सलहजें लगेंगी ,मेरी भौजाइयां , वो भी कम नहीं ,... "
मैंने दो लाइन में गाँव में होने वाले सीन को खिंच दिया।
" अरे गाँव में तो जायँगी तेरी ननद तो गाँव का मजा तो लेना ही चाहिए न , अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है ,ऐसी सुविधा और कहाँ है "
वो हँसते हुए बोले और मेरे निपल सीधे उनकेमुंह में।
उनका मुंह तो बंद हो गया लेकिन मेरा खुला था ,
" और उसके आगे तूने ये भी कबूला था की बस एक महीने के बाद उसे गाभिन करने को ,... " लेकिन खड़ा लंड देख कर
मेरा मुंह भी बंद हो गया मैं भी कस क के चूसने लगी। थोड़ी देर में हम दोनों 69 की पोज में।
उनका गन्ना चूसने में मुझे बहुत मजा आता है , खूब मोटा ,कड़ा रसीला तो है ही ,लम्बा भी कितना सीधे हलक तक , डीप थ्रोट
लेकिन जानते हैं सबसे अच्छी बात क्या हो ,
मेरा अपना है , एकदम पर्सनल ,मैं उसे चाहे चूमूँ ,चाहे चूसूं चाहे चाटूँ ,किसी को भी क्या ,