23-11-2021, 12:02 PM
रेनू - मुझे शर्म आ रही है !
और उसने अपने दोनों हाथ अपनी चूत और मोमो पर लगा लिए /
रेनू - इसमें शर्माने की क्या बात है? सेक्स तो नंगे होकर ही किया जाता है /
मैंने प्यार से उसके दोनों हाथ हटा दिए और उसकी दोनों चूचियों को चूमने लगा तो वह पागल होने लगी /
मैंने दूसरा हाथ रेनू की चूत पर रखा, उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी / अब मैं समझ गया कि रेनू एक दम चुदने को तैयार है /
पर मैं उस को इतनी जल्दी नहीं चोदना चाहता था / इसलिए मैं रेनूकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा और थोड़ी सी उंगली अन्दर जाते ही वह चिहुँक उठी,”दर्द हो रहा है /”
मैंने कहा,”रेनू मेरी जान पहली बार ज़रा दर्द होता है, आज तो इस दर्द सहन करना ही पड़ेगा /”
उसने कहा,” ठीक है /”
फिर मैं उसको ऊँगली से चोदने लगा और उसके मुँह से सी सी की आवाज आ रही थी / फिर मैंने उसको मेरी शर्ट-पैंट उतारने के लिए बोला /
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है /
मैंने कहा- अब काहे की शर्म !
मेरे कपड़े उतारने के लिए बोला तो उसने मेरी शर्ट-पैंट उतार दी और लगे हाथ अण्डरवियर भी उतारने को बोला / ना ना करते हुए उसने उसको भी उतार ही दिया / उसने मेरा लण्ड देखा और अपनी आँखें बंद कर ली /
मैंने उससे कहा- रेनू यह प्यार करने की चीज है इससे मुँह नहीं मोड़ा करते /
फिर मैंने उसके दोनों हाथ आँखों से हटा दिए और उसको अपना लण्ड दिखाते हुए कहा- इसको लण्ड बोलते हैं और इसको ही चूत में डाल कर चुदाई करते हैं जिससे चूत और लण्ड का मिलन होता है / इस को अन्दर डालने से दोनों को बहुत मजा आता है !
तो रेनू ने कहा- इतना बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जायेगा? यहाँ तो उंगली भी ठीक से अन्दर नहीं जा रही है /
मैंने कहा- मेरी जान तुम चिंता मत करो, सब कुछ हो जायेगा / पर इसको चूत में डालने से पहले चूसना पड़ता है /
मैंने अपना लण्ड पकड़ कर उसके मुँह में डाल दिया / पहले तो उसने मुँह में लेते ही निकाल दिया / मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लण्ड डाल दिया तो इस बार वो धीरे धीरे मेरे लण्ड का लाल लाल सुपारा चूसने लग गई और धीरे धीरे अपना सारा लण्ड उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लग गया /
फिर मैंने उस को बेड पर लिटाया और 69 की अवस्था में आकर उसकी चूत को उंगली और जीभ से चोदने लगा / वो सिसकारियाँ लेने लगी और बोली- रवि ! थोड़ा धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है /
मैंने कहा- रेनू दर्द तो हो रहा है पर मज़ा आ रहा है या नहीं?
वो बोली- हाँ ! रवि मज़ा तो आ रहा है पर दर्द भी हो रहा है /
मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द खत्म हो जाएगा /
उसके मुँह से कामुक सिसकियाँ निकल रही थी / उसके मुँह से आवाजें आने लगी- सी……सी…स्…आ…आ..आ अच्छा लग रहा … और चूसो और !
रेनू की चूत एक दम गीली हो चुकी थी और उसकी चूत ने अंदर से सफ़ेद सफ़ेद सा पानी छोड़ दिया / जिसे मैंने अपने मुँह पर महसूस किया और मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और मैं उसके मुँह में झड़ गया/
उसने कहा- यह क्या है?
मैंने कहा- प्यार की निशानी है / उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया /
इसके बाद मैंने उसे सोफे पर बैठा दिया और अंदर से तेल की शीशी ले आया और उसकी चूत और अपने लण्ड पर तेल लगा लिया फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया / इससे उसकी चूत मेरे लण्ड के करीब आ गई और मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा / रेनू सिसकारियाँ भरने लगी /
फ़िर मैंने अपना लण्ड रेनू की चूत के मुहाने पर रखा और अंदर करने लगा / रेनू की चूत कुंवारी होने के कारण काफी कसी थी / मैंने जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में ठेल दिया / लण्ड का सुपारा ही अंदर गया था कि रेनू जोर जोर से चीखने लगी /
अपने हाथ-पाँव मारने लगी और बोलने लगी- मुझे छोड़ दो ! मुझे कुछ नहीं करना /
मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बंद कर दिया और जोर-जोर से धक्के लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा / अभी आधा ही अंदर गया था कि उसकी आँखों से आंसू आने लगे और उसका मुँह बंद था /
और उसने अपने दोनों हाथ अपनी चूत और मोमो पर लगा लिए /
रेनू - इसमें शर्माने की क्या बात है? सेक्स तो नंगे होकर ही किया जाता है /
मैंने प्यार से उसके दोनों हाथ हटा दिए और उसकी दोनों चूचियों को चूमने लगा तो वह पागल होने लगी /
मैंने दूसरा हाथ रेनू की चूत पर रखा, उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी / अब मैं समझ गया कि रेनू एक दम चुदने को तैयार है /
पर मैं उस को इतनी जल्दी नहीं चोदना चाहता था / इसलिए मैं रेनूकी चूत में अपनी एक उंगली डालने लगा और थोड़ी सी उंगली अन्दर जाते ही वह चिहुँक उठी,”दर्द हो रहा है /”
मैंने कहा,”रेनू मेरी जान पहली बार ज़रा दर्द होता है, आज तो इस दर्द सहन करना ही पड़ेगा /”
उसने कहा,” ठीक है /”
फिर मैं उसको ऊँगली से चोदने लगा और उसके मुँह से सी सी की आवाज आ रही थी / फिर मैंने उसको मेरी शर्ट-पैंट उतारने के लिए बोला /
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है /
मैंने कहा- अब काहे की शर्म !
मेरे कपड़े उतारने के लिए बोला तो उसने मेरी शर्ट-पैंट उतार दी और लगे हाथ अण्डरवियर भी उतारने को बोला / ना ना करते हुए उसने उसको भी उतार ही दिया / उसने मेरा लण्ड देखा और अपनी आँखें बंद कर ली /
मैंने उससे कहा- रेनू यह प्यार करने की चीज है इससे मुँह नहीं मोड़ा करते /
फिर मैंने उसके दोनों हाथ आँखों से हटा दिए और उसको अपना लण्ड दिखाते हुए कहा- इसको लण्ड बोलते हैं और इसको ही चूत में डाल कर चुदाई करते हैं जिससे चूत और लण्ड का मिलन होता है / इस को अन्दर डालने से दोनों को बहुत मजा आता है !
तो रेनू ने कहा- इतना बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जायेगा? यहाँ तो उंगली भी ठीक से अन्दर नहीं जा रही है /
मैंने कहा- मेरी जान तुम चिंता मत करो, सब कुछ हो जायेगा / पर इसको चूत में डालने से पहले चूसना पड़ता है /
मैंने अपना लण्ड पकड़ कर उसके मुँह में डाल दिया / पहले तो उसने मुँह में लेते ही निकाल दिया / मैंने उसके मुँह में फिर से अपना लण्ड डाल दिया तो इस बार वो धीरे धीरे मेरे लण्ड का लाल लाल सुपारा चूसने लग गई और धीरे धीरे अपना सारा लण्ड उसके मुँह में अंदर-बाहर करने लग गया /
फिर मैंने उस को बेड पर लिटाया और 69 की अवस्था में आकर उसकी चूत को उंगली और जीभ से चोदने लगा / वो सिसकारियाँ लेने लगी और बोली- रवि ! थोड़ा धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है /
मैंने कहा- रेनू दर्द तो हो रहा है पर मज़ा आ रहा है या नहीं?
वो बोली- हाँ ! रवि मज़ा तो आ रहा है पर दर्द भी हो रहा है /
मैंने कहा- थोड़ी देर में यह दर्द खत्म हो जाएगा /
उसके मुँह से कामुक सिसकियाँ निकल रही थी / उसके मुँह से आवाजें आने लगी- सी……सी…स्…आ…आ..आ अच्छा लग रहा … और चूसो और !
रेनू की चूत एक दम गीली हो चुकी थी और उसकी चूत ने अंदर से सफ़ेद सफ़ेद सा पानी छोड़ दिया / जिसे मैंने अपने मुँह पर महसूस किया और मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और मैं उसके मुँह में झड़ गया/
उसने कहा- यह क्या है?
मैंने कहा- प्यार की निशानी है / उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया /
इसके बाद मैंने उसे सोफे पर बैठा दिया और अंदर से तेल की शीशी ले आया और उसकी चूत और अपने लण्ड पर तेल लगा लिया फिर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया / इससे उसकी चूत मेरे लण्ड के करीब आ गई और मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा / रेनू सिसकारियाँ भरने लगी /
फ़िर मैंने अपना लण्ड रेनू की चूत के मुहाने पर रखा और अंदर करने लगा / रेनू की चूत कुंवारी होने के कारण काफी कसी थी / मैंने जोर लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में ठेल दिया / लण्ड का सुपारा ही अंदर गया था कि रेनू जोर जोर से चीखने लगी /
अपने हाथ-पाँव मारने लगी और बोलने लगी- मुझे छोड़ दो ! मुझे कुछ नहीं करना /
मैंने अपने हाथों से उसका मुँह बंद कर दिया और जोर-जोर से धक्के लगा कर अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा / अभी आधा ही अंदर गया था कि उसकी आँखों से आंसू आने लगे और उसका मुँह बंद था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!