Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Non-erotic कहानी में, जो लड़की होती है
#17
लडक़ी ने चाय का कसोरा(सकोरा) लेते हुये रोहित की ओर नजर उठाई। रोहित को अपना रक्त जमता सा महसूस हुआ, उसके दिल की धडक़न बहुत तीव्र हो गयी। उसने तेजी से अपना चेहरा घुमा लिया।
'' एक चाय देना, भई।'' लडक़ी चाय वाले को पैसे देकर मुडी। चाय वाला झुक कर रोहित की चाय कसोरे में डालने लगा। रोहित ने सोचा इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा।
'' आप कहाँ तक जायेंगी मिस''
ठीक उसी समय एक कुली सर पर दो तीन सूटकेस उठाये इनके पास से गुजरा।
'' बहन जी जरा हट के।'' रोहित की धीमी आवाज क़ुली की हांक में पूरी तरह डूब गयी। लडक़ी तेजी से किनारे हट कर डिब्बे की ओर बढ ग़यी। उसने रोहित की आवाज बिलकुल नहीं सुनी थी। मगर चाय देने के लिये उठते चाय वाले ने रोहित की आवाज सुनी थी। चाय थमाते उसने रोहित को अजीब - सी नजरों से देखा। रोहित के चेहरे पर रोम छिद्रों ने एक साथ ढेर सारा पसीना फेंक दिया। उसने हडबडाहट में चाय वाले को पैसे दिये और वहां से हट गया। चाय वाला भी चाय गरमचाय की आवाज लगाता आगे बढ ग़या।
चाय वाला उसे कैसे देख रहा था, रोहित ने चाय का घूंट भरा मगर उसे चाय कसैली लगी। गुस्से में आकर रोहित ने चाय का कसोरा रेल की पतरी पर दे मारा। काफी देर तक वह यूं ही प्लेटफार्म पर भटकता रहा। जब उसकी उत्तेजना कुछ शांत होने लगी तो, उसने स्वयं को समझाया, '' लडक़ी ने तो उसकी बात सुनी नहीं। ना ही कोई अप्रिय उत्तर उसे दिया। फिर वह क्यों इतना नर्वस हो रहा है?''उसने विचारों को हल्का सा झटका दिया। एक मुस्कान उसके होठों से उठ कर गालों पर फैल गयी और आंखों से झांकने लगी। वह डब्बे के पास लौट आया। लडक़ी अपनी बर्थ पर लेटी पत्रिका पढ रही थी। उसने अनुमान लगाया, थोडी देर में वह सो जायेगी।
डीजल इंजन ने सीटी बजाई। प्लेटफार्म के छोर पर लाल सिग्नल अपना रंग बदल कर हरा हो चुका था। वह डब्बे में चढ आया। लडक़ी सो रही है, इस विचार के साथ ही उसे लगा कि आज का सारा दिन व्यर्थ गया। धिक्कार है उस पर। एक लडक़ी से वह दो बातें नहीं कर सका। इस भय से कि उसकी छवि न बिगड ज़ाये। छवि बना कर ही उसे क्या मिल जायेगा- उसने सोचा...खैर अब तो जो हो गया सो हो गया। कल सुबह उससे बात जरूर करेगा। स्वयं से इसी तरह की बातें करता रोहित अपनी बर्थ पर लेट गया। वह खूबसूरत चेहरा एक मुस्कान के साथ उसके दिमाग पर छाता चला गया।
सुबह जब उसकी आंखें खुली तो ट्रेन मुरी जंक्शन पर खडी थी। वह फुरती से अपनी बर्थ छोड क़र नीचे उतरा। उतनी ही तेजी से हाथ मुंह पर पानी के छींटे मार वह प्लेटफार्म पर आ गया। इस स्टेशन पर ट्रेन दो टुकडों में बंट जाती है। आधे डब्बे टाटा नगर जाते हैं और शेष आधे हटिया। उसने देखा हटिया जाने वाले डब्बे दूसरी पटरी पर खडे क़िये जा चुके थे। यानि ट्रेन को मुरी जंक्शन पर आये काफी देर हो चुकी है। चाय का कसोरा थामे वह लडक़ी वाली खिडक़ी की ओर मुडा। वह चौंका,वहां एक सज्जन बैठे थे। नजदीक आकर उसने अन्दर झांका। द्याहाँ न तो वह लडक़ी थी न ही उसका सामान। रोहित के चेहरे का रंग उड ग़या।
'' कुछ ढूंढ रहे हैं क्या भाई साहब? '' उस सज्जन ने पूछा।
'' जीजी हाँ।'' उसने स्वयं पर नियंत्रण किया, '' यहाँ जो यात्री बैठे थे।''
उसने जानबूझ कर लडक़ी की बात छिपाइ।
'' यह बर्थ तो खाली थी। मैं रामगढ से बैठा हूँ। कोई खास बात थी क्या?'' उस सज्जन ने पूछा।
'' नहीं...कुछ खास नहीं...मेरी पत्रिका उन्होंने पढने को ली थी। लौटाना भूल गये।''
रोहित ने झूठ बोला और वहां से हट गया। उसे लगा लडक़ी उसके साथ छल कर गई। कितना जाना पहचाना सा लग रहा था उसका चेहरा। काश, वह अपना परिचय दे जाती! अब तो वह लडक़ी कभी नहीं मिलेगी...कहाँ उतरी होगी वह? रात भर तो कई स्टेशन आये होंगे...रेणुकोट, डाल्टनगंज, टोरी,पतरातु..कहाँ उतरी होगी वह भली सी सुन्दर लडक़ी? यह जानते हुये भी कि, वहाँ नहीं मिलेगी,रोहित हटिया जाने वाले डब्बों को भी छान आया।
सिग्नल डाऊन हो चुके थे। वह भारी मन से आकर अपने डब्बे में बैठ गया। ट्रेन चलते ही झटके के साथ ऊपर से उसका तकिया और पत्रिका नीचे आ गिरे। उसने तकिया उठाया और झाड क़र ऊपर अपनी बर्थ पर रख दिया। सामने बैठे बच्चे ने पत्रिका उठा कर उसकी तरफ बढा दी, '' अंकल,आपकी मैग्जीन।''
उसने एक नजर मुस्कुराते बच्चे पर डाली और हौले से थैंक्यू कह कर पत्रिका ले ली। खुली हुई पत्रिका को ज्यों ही उसने सीधा किया, उसकी नजर लडक़ी के चित्र पर अटक गयी, शर्तिया वह उसी लडक़ी का चित्र था। उसने शीघ्रता से पत्रिका खोल कर फैला ली। बात सच निकली। तो इसलिये लडक़ी का चेहरा जाना पहचाना लग रहा था। पत्रिका में लडक़ी के चित्र के साथ उसकी कहानी छपी थी, '' कस्तूरी''।
– कमल
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: कहानी में, जो लड़की होती है - by neerathemall - 29-04-2019, 08:53 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)