29-04-2019, 08:41 PM
-उसके साथ तो अब जिंदगी भर बैठना ही है! वह झुंझलाया। गेट की ओर मुँह फाड़ता बेमन चल दिया तैयार होने। ।।।मिक्स सोंग काटने को दौड़ रहे थे। तभीे एक धूलधूसरित गाड़ी आकर स्र्की, जिसमें से श्रीकांत के परिवारजन निकल पड़े। वह सबके चरणों में झुक कर बेहाल होने लगा। कंठ स्र्ंध गया खुशी से। दादा के गले लग कर बोला, कितनी देर लगादी।
ताऊ ने उलाहना दिया, तूने लव और मैरिज की हवा भी लगने दी?।।।
वह शरमा गया, सॉरी-सॉरी! आई थिंक, बाइ द वे, अदर कास्ट में जाता तो क्या होता!
-जाता तो जाता ही! उस वक़्त होश था तुझे? भाभी ने और शर्मसार कर दिया।
मिलेजुले गुस्सा और प्यार के साथ वे लोग अग्रपंक्ति में आकर बैठ गए। श्रीकांत के तइंर् जीवन का अनमोल क्षण था वह। वह झटपट सूट पहन कर आ गया। वीडियो कैमरे की तेज़ लाइट में चेहरे फिल्मी सैट से दमकते हुए। नमिता खुशबू की तरफ, वह श्रीकांत की तरफ ख़डा मूर्तिवत्! गिफ्ट देने वालों का ताँता लगा हुआ। सब को खाने की पड़ी थी। जो खा चुके थे, उन्हें जाने की। नमिता उधर, वह इधर गिफ्ट पैकेट संभालते हुए। कैमरों के फ्लैश बार-बार चेहरों को चमकाते, आँखों को चौंधियाते हुए। वह भी कुछ अनोखा महसूस कर रहा था। जैसे, श्रीकांत की जगह खुद बैठा है! और खुशबू वाली चेयर पर नमिता! मन में गुदगुदी-सी उठ रही थी। इसी बीच अभिषेक ने आकर हाथ मिलाया। ख्वाब में थोड़ा व्यवधान पड़ा। पर वह गले से लिपट गया। खुशी छलकी पड़ रही थी। जैसे, उसी की मैरिज सेरेमनी हो!
कहा अभिषेक ने, चल भूख लग रही है, श्रीकांत को बैठने दे!
-खैर। मैं तो बाद में लूँगा, चल तुझे पहुँचा दूँ।।। उसने नमिता को भी देखा- तुम भी ले-लो! जैसे, आँखों से बोला।
वह साथ हो ली।
अभिषेक पीछे पलट कर बोला- हाय!
-हाय! वह चौंक गई।
-आप लोग परिचित हैं, अच्छा रहा मैंने पहल नहीं की!
-तेरी गर्लफ्रेंड है, ना- नमिता! उसने कानाफूसी की।
-हाँ! पर तूने कैसे जाना? तेरे हैंडसैट पर चेहरा आ जाता है-क्या!
-नहीं-यार! ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।।।। अभिषेक हँसा।
नमिता बेवजह लजा गई।
-मैं बताने वाला था, वह घबराया-सा बोला, देखना- मिस नमिता एमपीटीसीई से मैकेनिकल ब्राँच में।।।
-फाइनल में है-ना! अपन भी तो।।। तूने अब तक बताया नहीं? हैल्प मिल जाती हम लोगों को।
उसने जैसे डिप्रैश किया।।।।
ताऊ ने उलाहना दिया, तूने लव और मैरिज की हवा भी लगने दी?।।।
वह शरमा गया, सॉरी-सॉरी! आई थिंक, बाइ द वे, अदर कास्ट में जाता तो क्या होता!
-जाता तो जाता ही! उस वक़्त होश था तुझे? भाभी ने और शर्मसार कर दिया।
मिलेजुले गुस्सा और प्यार के साथ वे लोग अग्रपंक्ति में आकर बैठ गए। श्रीकांत के तइंर् जीवन का अनमोल क्षण था वह। वह झटपट सूट पहन कर आ गया। वीडियो कैमरे की तेज़ लाइट में चेहरे फिल्मी सैट से दमकते हुए। नमिता खुशबू की तरफ, वह श्रीकांत की तरफ ख़डा मूर्तिवत्! गिफ्ट देने वालों का ताँता लगा हुआ। सब को खाने की पड़ी थी। जो खा चुके थे, उन्हें जाने की। नमिता उधर, वह इधर गिफ्ट पैकेट संभालते हुए। कैमरों के फ्लैश बार-बार चेहरों को चमकाते, आँखों को चौंधियाते हुए। वह भी कुछ अनोखा महसूस कर रहा था। जैसे, श्रीकांत की जगह खुद बैठा है! और खुशबू वाली चेयर पर नमिता! मन में गुदगुदी-सी उठ रही थी। इसी बीच अभिषेक ने आकर हाथ मिलाया। ख्वाब में थोड़ा व्यवधान पड़ा। पर वह गले से लिपट गया। खुशी छलकी पड़ रही थी। जैसे, उसी की मैरिज सेरेमनी हो!
कहा अभिषेक ने, चल भूख लग रही है, श्रीकांत को बैठने दे!
-खैर। मैं तो बाद में लूँगा, चल तुझे पहुँचा दूँ।।। उसने नमिता को भी देखा- तुम भी ले-लो! जैसे, आँखों से बोला।
वह साथ हो ली।
अभिषेक पीछे पलट कर बोला- हाय!
-हाय! वह चौंक गई।
-आप लोग परिचित हैं, अच्छा रहा मैंने पहल नहीं की!
-तेरी गर्लफ्रेंड है, ना- नमिता! उसने कानाफूसी की।
-हाँ! पर तूने कैसे जाना? तेरे हैंडसैट पर चेहरा आ जाता है-क्या!
-नहीं-यार! ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।।।। अभिषेक हँसा।
नमिता बेवजह लजा गई।
-मैं बताने वाला था, वह घबराया-सा बोला, देखना- मिस नमिता एमपीटीसीई से मैकेनिकल ब्राँच में।।।
-फाइनल में है-ना! अपन भी तो।।। तूने अब तक बताया नहीं? हैल्प मिल जाती हम लोगों को।
उसने जैसे डिप्रैश किया।।।।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.