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Misc. Erotica काजल, दीवाली और जुए का खेल (completed)
एक साथ दो लंड उसकी गिरफ़्त में थे..एक उसकी चूत में और दूसरा उसके हाथ मे..

दोनो के साथ वो पूरे मज़े लेने के मूड में थी..

पुर कमरे मे सिसकारियाँ गूँज रही थी..

सही मानों में कहे तो ग्रुप सेक्स चल रहा था

चारों तरफ नंगे जिस्म बिखरे पड़े थे..

काजल से भी अब रहा नही जा रहा था.

अपनी सहेली को लंड के मज़े लेती देखकर उसने राणा को नीचे पटका, और उसके उपर सवार हो गयी...

और राणा ने उसकी नशीली आँखो मे देखते-2 नीचे से अपना लंड लेजाकर उसकी मखमली चूत पर लगा दिया

और एक ही झटके मे उसके अंदर दाखिल हो गया.

''
आआआआआआआआआआआआआआहह उूुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफ्फ़ ढीईईरीई..... ''



ये सिर्फ़ दूसरा लंड था उसकी लाइफ का जो वो अंदर ले रही थी...अभी कल ही तो ताज़ा-2 चुदाई करवाई थी उसने...पर केशव के लंड से काफ़ी बड़ा था राणा का लंड ..इसलिए थोड़ी तकलीफ़ भी हुई उसे...

पर धीरे-2 उसकी तकलीफ मजेदार सिसकारियों मे बदल गयी.

राणा ने उसके हाथ को उसकी कमर पर रखकर अपने हाथ का दबाव दिया और बाँध सा दिया और नीचे से तेज और लगातार धक्के मारकर ज़ोर-2 से उसकी चुदाई करने लगा..

'
ऊऊऊओ फक ....अहह उम्म्म्ममममममम ...येस्स....... ओह ... अहह ..... उम्म्म्मममममममम और ज़ोर से ...... अंदर तक .............अहह ....सस्स्स्स्सस्स....''

वहाँ सारिका की चूत बज रही थी और यहाँ काजल का बेंड............

और दोनो सहेलियाँ लंड के डंडो की मार पर अपनी कमर थिरका कर क़ेबरे कर रही थी..

सारिका अपने चरम पर थी...और बिल्लू भी....उसने आख़िरी मे जाकर जोरदार झटके मारते हुए अपना सारा माल उसकी चूत के अंदर निकाल दिया..

''
आआआआआआआअहह ओह ...मैं तो गया .................... उम्म्म्मममममममम''

सारिका भी उसके गर्म पानी को महसूस करते हुए ढेर हो गयी..

गणेश भी उठकर जल्दी से उसके आगे आया और सारिका के संभलने से पहले ही अपने लंड को उसकी गीली सुरंग मे डाल कर धक्के मारने लगा...

एक बार फिर से वो मालगाड़ी की तरह हिचकोले खाने लगी..और उसका माल यानी बड़े-2 मुम्मे उपर नीचे हिचकोले खाने लगे..

''
ऊऊऊऊऊऊऊहह ......मार डालोगे तुम दोनो मुझे तो .................उम्म्म्मममममम ....अहह ...... ''

पर उसकी शिकायत का कोई असर नही हुआ गणेश पर और उसने धक्के चालू रखे और जल्द ही वो भी हांफता हुआ उसकी चूत में अपने रस का योगदान देते हुए उसके रुई जैसे मुम्मों पर लुडक गया...

उधर राणा की ट्रेन तो पूरी गति से भागी जा रही थी..

और काजल भी हारने का नाम नही ले रही थी..

उसके हर झटके मे इतना ज़ोर था की हर बार ऐसा लगता की पहली बार लंड अंदर गया है उसके.

सारिका खिसक कर उसी सोफे पर गयी, जिसपर काजल की चुदाई चल रही थी...

शायद ये सोचकर की शायद दो लड़कियों को देखकर राणा जल्दी झड़ जाए और अगले राउंड की तैयारी हो..

काजल ने अपनी बगल मे लेटी हुई सारिका के मुम्मे चूसना शुरू कर दिया..और सारिका अपनी चूत मे इकट्ठे हुए माल को रगड़ती हुई फिर से सिसकने लगी..


राणा अब पूरी तेज़ी से काजल की चूत में अपना लंड पंप कर रहा था...बगल मे लेटी हुई सारिका को देखते हुए..

और जल्द ही उसने भी हार मान ली...

एक जोरदार झटके से उसके लंड की पिचकारियाँ भी काजल के अंदर जाने लगी

और वो बुरी तरह से झड़ता हुआ उसके नंगे बदन से लिपट गया..

''
अहह ..... ओह कााआआआजल .............. उम्म्म्मममममममममम ... मैं तो गया................ ....''

और फिर वो भी अपने सुस्ता रहे दोस्तों के पास जाकर सिगरेट के सुट्टे मारने लगा..

और दोनो सहेलियाँ एक दूसरे की गुल्लक मे हाथ डालकर ये जाने की कोशिश करने लगी की किसमे कितना माल इकट्ठा हुआ है..



अभी तो पूरी रात पड़ी थी..

पूरी रात मे कैसे-2 वो चुदाई करवाएँगी..ये सोचते-2 दोनो के चेहरे पर एक अलग ही हँसी गयी..

और ये सिलसिला पूरी रात चला..

बाहर लोग दीवाली के पटाखे जला कर सो चुके थे

पर अंदर इन तीनो ने इन पटाखो को पूरी रात बजाया..

और दीवाली के पूरे मज़े लिए..

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समाप्त.
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RE: काजल, दीवाली और जुए का खेल - by Jyoti Singh - 29-04-2019, 06:32 PM



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