29-04-2019, 03:32 PM
उसकी बात सुनकर सभी हैरत से एक दूसरे की तरफ देखने लगे...आख़िर काजल कहना क्या चाह रही थी...अच्छा भला, सीधा साधा सा खेल चल रहा था...स्ट्रीप पोकर में एक दूसरे को नंगा करने का...फिर ये स्लेव बनाने से क्या होगा...इससे अच्छा तो नंगा ही कर दो उसको...
पर जीती वो थी इसलिए मर्ज़ी भी उसकी ही चलनी थी, राणा ने सभी को चुप रहकर आगे का तमाशा देखने का इशारा किया..क्योंकि वो शायद समझ चुका था की काजल का दिमाग़ किस तरफ जा रहा है...और अगर वो सही है तो, काजल जो भी कर रही है, उसमे बहुत मज़ा आने वाला था..
काजल ने सारिका को अपने साथ उपर चलने के लिए कहा..वो बेचारी अपनी आँखों में हज़ारों सवाल लेकर उसके पीछे -2 उपर वाले कमरे की तरफ चल दी..
और उनके जाते ही सभी एक दूसरे से ख़ुसर फुसर करने लगे...और उनके नीचे आने का इंतजार भी..
और करीब 10 मिनट के बाद उनके नीचे आने की आवाज़ सुनाई दी..
सभी टकटकी लगाकर सीढ़ियों की तरफ देखने लगे..
और उन्हे देखकर सभी अपने खड़े हुए लंड के साथ - 2 खुद भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए ...
नज़ारा ही कुछ ऐसा था उनके सामने..
काजल ने सच मे सारिका को अपनी स्लेव बना लिया था..उन दोनो ने कुछ अजीब से कपड़े भी पहन लिए थे...जिसमे काजल एक मास्टर और सारिका उसकी स्लेव लग रही थी..
सारिका को काजल ने एक चैन से बाँध रखा था...और वो अपने घुटनो और हाथों के बल किसी कुत्तिया की तरह चल रही थी उसके पीछे..
उन दोनो को ऐसे सेक्सी कपड़ों मे ऐसे मास्टर-स्लेव के किरदार मे आता हुआ देखकर सभी के लंड फटने वाली हालत में आ गये..
काजल ने काफ़ी इंग्लीश मूवीस देखी हुई थी और उसे बचपन से ही साइट्स पर इंग्लिश स्टोरीस पड़ने का भी शोंक था, और शायद ये आइडिया उसके दिमाग़ में वहीं से आया था, जो शायद वो कब से करना चाहती थी..और आज तो मौका भी था और दस्तूर भी...
ऐसे मौके का फायदा उठाकर वो खेल-2 में सबका मनोरंजन भी कर रही थी और अपने -2 जिस्म की नुमाइश भी...
काजल ने हील वाले सेंडिल पहने हुए थे और उपर से उसकी सेक्सी टांगे नंगी थी...और उसने सारिका को एक सफेद शर्ट पहनाई हुई थी...जिसमें उसके लटक रहे मुम्मों पर चिपके निप्पल काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे..
काजल अपनी स्लेव को लेकर सोफे तक आई
काजल : "दोस्तों....ये है मेरी स्लेव....सारिका ....''
सारिका की शर्ट के 2 बटन खुले होने की वजह से उसके गोरे-2 बूब्स सभी को साफ़ नज़र आ रहे थे...राणा, बिल्लू और गणेश तो पागल से हो चुके थे...
और उससे भी बड़ी और मज़े की बात ये थी की सारिका को भी उन सबमे बड़ा मज़ा आ रहा था..
जब उपर जाकर काजल ने सारिका को बताया की वो क्या करना चाहती है तो सारिका को विश्वास ही नही हुआ की उसकी भोली सी दिखने वाली सहेली इतनी ख़तरनाक सोच रखती है...वो नीचे बैठे ठरकियों को पूरी तरह से तडपा-तड़पाकर मजे लेना चाहती थी...और साथ ही उनके पैसे भी...जिसका प्लान काजल ने उसे समझा दिया..
वैसे भी ऐसा रोल प्ले करके उन दोनो को अंदर से काफ़ी मज़ा आ रहा था...वो जब पक्की सहेलियाँ थी तो ऐसे ही रोल प्ले करके वो बंद कमरे में काफ़ी मज़े लेती थी...कभी वो टीचर स्टूडेंट बन जाती थी और कभी इंस्पेक्टर मुजरिम...और आज उसी रोल प्ले वाली गेम को सबके सामने पेश करके वो खुद तो मज़े ले ही रही थी उनकी हालत भी खराब कर रहीं थी..
क्योंकि जो चाल काजल के दिमाग़ में थी, उसके हिसाब से अगली गेम अगर उसके हिसाब से चली तो सबके लंड के साथ-2 वो उनके पैसे भी अंदर ले लेगी..
काजल ने सारिका से कहा : "चलो, जाकर सभी को विश करो...''
काजल किसी मालकिन की तरह उस स्लेव बनी सारिका पर अपना हुक्म चला रही थी..
सारिका अपने हाथों और पैरों पर चलती हुई राणा की तरफ बढ़ने लगी...उसकी शर्ट से झाँक रहे मुम्मे देखकर पहले से ही राणा की हालत खराब थी, उसे ऐसे अपनी तरफ आता देखकर वो तो सुध बुध खोकर उसकी गहरी आँखो में देखता रह गया.
वो धीरे-2 चलती हुई उसकी टाँगो के बीच पहुँची..और उसके खड़े हुए लंड के ठीक सामने जाकर उसने अपने होंठों की गर्म हवा छोड़ी और बोली : "हैल्लो मास्टर....कैसे है आप...''
जवाब मे सिर्फ़ उसके अंडरवीयर में क़ैद लंड ने एक जोरदार झटका मारा...जिसे सारिका ने बड़े ही करीब से महसूस किया...उसका तो मन कर रहा था की उसके अंडरवीयर को नीचे खिसकाए और चूस ले उसे ..पर अभी उसकी मास्टर यानी काजल का ये हुक्म नही था..
इसलिए वो वापिस पीछे आई और उसी तरह बिल्लू और गणेश की टाँगों के बीच जाकर उन्हे भी विश किया.
बिल्लू ने तो उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपने खड़े हुए लंड पर झुकाने की भी कोशिश की पर तभी काजल ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ एक हंटर टाइप का डंडा उसके हाथों पर मारा और बोली : "जब तक मैं नही कहूँगी, वो कुछ भी तुम्हारी मर्ज़ी का नही करेगी...''
खेल सच मे काफ़ी रोचक होता जा रहा था...
उनके मायूस चेहरों को देखकर काजल की हँसी निकल गयी और साथ ही निकला उसकी योजना का अगला चरण....
वो बोली : "अच्छा ठीक है...अगर तुम सभी इससे अपनी मर्ज़ी का कुछ करवाना चाहते हो तो इसके लिए तुम्हे पैसा खर्च करना पड़ेगा...''
सभी की आँखे चमक उठी...अपनी मर्ज़ी से वो उसके साथ कुछ भी कर सकते थे...
सभी एक साथ चिल्ला पड़े...पहले मैं...पहले मैं..
काजल : "पर वो जो भी करेगी , दूर से ही ...तुम इसको हाथ नही लगा पाओगे...''
सभी एक बार फिर से मायूस हो गये..पर फिर भी, जितना मिल रहा था उसे भी वो खोना नही चाहते थे..काजल ने हर एक्ट की कीमत भी उन्हे बता दी, दस हज़ार रूपए ...जिसे देने में उन्हे कोई परेशानी नही थी..
सबसे पहले राणा ने अपने दिल की बात बताई : "सारिका को बोलो की ये तुम्हे पालतू कुतिया की तरह प्यार करे...तुम्हे चाटकार..अपनी जीभ से...''
शायद ये उसकी फेंटसी थी, उसने भी एक मूवी में ऐसे देखा था, और काजल और सारिका को ऐसा करता देखकर उसके मन में वो बात फिर से उभर आई...वैसे तो वो अपने आप को चटवाना चाहता था सारिका से..पर उसके लिए काजल ने मना कर दिया था...इसलिए उसने काजल ऐसा करने को कहा..
काजल भी मुस्कुरा दी...और सारिका की तरफ देखकर उसे अपनी तरफ खींचा..
सारिका की चूत तो पहले से ही पनिया गयी थी ये सुनकर...वो चलती हुई उसके पास आई और सीधा अपनी जीभ उसकी मोटी जाँघ पर रख दी...
पुर कमरे मे एक नही कई सिसकियाँ गूँज उठी..
एक तो काजल की और बाकी उन तीनों की..
सारिका ने उसकी जाँघ को अच्छी तरह से चाटा ...और फिर धीरे-2 वो नीचे की तरफ जाने लगी...और उसके मखमली घुटनों के बाद उसकी सॉलिड पिंडलियों पर भी उसने अपनी लार से गीलापन छोड़ दिया..
और वो वहीं नही रुकी...उसने काजल के पैरों पर भी अपनी जीभ की कलाकारी दिखाई...ये सब करते हुए उसको खुद भी काफ़ी मज़ा आ रहा था...
और फिर उसने धीरे-2 अपनी जीभ से उसके लेदर के सेंडिलस को भी चाटा ...जैसा की असली स्लेव करती है...वो तो पूरी कैरेक्टर में घुस चुकी थी...खुद भी मज़े ले रही थी और देखने वालो को भी मज़े दे रही थी...
पर जीती वो थी इसलिए मर्ज़ी भी उसकी ही चलनी थी, राणा ने सभी को चुप रहकर आगे का तमाशा देखने का इशारा किया..क्योंकि वो शायद समझ चुका था की काजल का दिमाग़ किस तरफ जा रहा है...और अगर वो सही है तो, काजल जो भी कर रही है, उसमे बहुत मज़ा आने वाला था..
काजल ने सारिका को अपने साथ उपर चलने के लिए कहा..वो बेचारी अपनी आँखों में हज़ारों सवाल लेकर उसके पीछे -2 उपर वाले कमरे की तरफ चल दी..
और उनके जाते ही सभी एक दूसरे से ख़ुसर फुसर करने लगे...और उनके नीचे आने का इंतजार भी..
और करीब 10 मिनट के बाद उनके नीचे आने की आवाज़ सुनाई दी..
सभी टकटकी लगाकर सीढ़ियों की तरफ देखने लगे..
और उन्हे देखकर सभी अपने खड़े हुए लंड के साथ - 2 खुद भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए ...
नज़ारा ही कुछ ऐसा था उनके सामने..
काजल ने सच मे सारिका को अपनी स्लेव बना लिया था..उन दोनो ने कुछ अजीब से कपड़े भी पहन लिए थे...जिसमे काजल एक मास्टर और सारिका उसकी स्लेव लग रही थी..
सारिका को काजल ने एक चैन से बाँध रखा था...और वो अपने घुटनो और हाथों के बल किसी कुत्तिया की तरह चल रही थी उसके पीछे..
उन दोनो को ऐसे सेक्सी कपड़ों मे ऐसे मास्टर-स्लेव के किरदार मे आता हुआ देखकर सभी के लंड फटने वाली हालत में आ गये..
काजल ने काफ़ी इंग्लीश मूवीस देखी हुई थी और उसे बचपन से ही साइट्स पर इंग्लिश स्टोरीस पड़ने का भी शोंक था, और शायद ये आइडिया उसके दिमाग़ में वहीं से आया था, जो शायद वो कब से करना चाहती थी..और आज तो मौका भी था और दस्तूर भी...
ऐसे मौके का फायदा उठाकर वो खेल-2 में सबका मनोरंजन भी कर रही थी और अपने -2 जिस्म की नुमाइश भी...
काजल ने हील वाले सेंडिल पहने हुए थे और उपर से उसकी सेक्सी टांगे नंगी थी...और उसने सारिका को एक सफेद शर्ट पहनाई हुई थी...जिसमें उसके लटक रहे मुम्मों पर चिपके निप्पल काफ़ी ख़तरनाक लग रहे थे..
काजल अपनी स्लेव को लेकर सोफे तक आई
काजल : "दोस्तों....ये है मेरी स्लेव....सारिका ....''
सारिका की शर्ट के 2 बटन खुले होने की वजह से उसके गोरे-2 बूब्स सभी को साफ़ नज़र आ रहे थे...राणा, बिल्लू और गणेश तो पागल से हो चुके थे...
और उससे भी बड़ी और मज़े की बात ये थी की सारिका को भी उन सबमे बड़ा मज़ा आ रहा था..
जब उपर जाकर काजल ने सारिका को बताया की वो क्या करना चाहती है तो सारिका को विश्वास ही नही हुआ की उसकी भोली सी दिखने वाली सहेली इतनी ख़तरनाक सोच रखती है...वो नीचे बैठे ठरकियों को पूरी तरह से तडपा-तड़पाकर मजे लेना चाहती थी...और साथ ही उनके पैसे भी...जिसका प्लान काजल ने उसे समझा दिया..
वैसे भी ऐसा रोल प्ले करके उन दोनो को अंदर से काफ़ी मज़ा आ रहा था...वो जब पक्की सहेलियाँ थी तो ऐसे ही रोल प्ले करके वो बंद कमरे में काफ़ी मज़े लेती थी...कभी वो टीचर स्टूडेंट बन जाती थी और कभी इंस्पेक्टर मुजरिम...और आज उसी रोल प्ले वाली गेम को सबके सामने पेश करके वो खुद तो मज़े ले ही रही थी उनकी हालत भी खराब कर रहीं थी..
क्योंकि जो चाल काजल के दिमाग़ में थी, उसके हिसाब से अगली गेम अगर उसके हिसाब से चली तो सबके लंड के साथ-2 वो उनके पैसे भी अंदर ले लेगी..
काजल ने सारिका से कहा : "चलो, जाकर सभी को विश करो...''
काजल किसी मालकिन की तरह उस स्लेव बनी सारिका पर अपना हुक्म चला रही थी..
सारिका अपने हाथों और पैरों पर चलती हुई राणा की तरफ बढ़ने लगी...उसकी शर्ट से झाँक रहे मुम्मे देखकर पहले से ही राणा की हालत खराब थी, उसे ऐसे अपनी तरफ आता देखकर वो तो सुध बुध खोकर उसकी गहरी आँखो में देखता रह गया.
वो धीरे-2 चलती हुई उसकी टाँगो के बीच पहुँची..और उसके खड़े हुए लंड के ठीक सामने जाकर उसने अपने होंठों की गर्म हवा छोड़ी और बोली : "हैल्लो मास्टर....कैसे है आप...''
जवाब मे सिर्फ़ उसके अंडरवीयर में क़ैद लंड ने एक जोरदार झटका मारा...जिसे सारिका ने बड़े ही करीब से महसूस किया...उसका तो मन कर रहा था की उसके अंडरवीयर को नीचे खिसकाए और चूस ले उसे ..पर अभी उसकी मास्टर यानी काजल का ये हुक्म नही था..
इसलिए वो वापिस पीछे आई और उसी तरह बिल्लू और गणेश की टाँगों के बीच जाकर उन्हे भी विश किया.
बिल्लू ने तो उसके सिर पर हाथ रखकर उसे अपने खड़े हुए लंड पर झुकाने की भी कोशिश की पर तभी काजल ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ एक हंटर टाइप का डंडा उसके हाथों पर मारा और बोली : "जब तक मैं नही कहूँगी, वो कुछ भी तुम्हारी मर्ज़ी का नही करेगी...''
खेल सच मे काफ़ी रोचक होता जा रहा था...
उनके मायूस चेहरों को देखकर काजल की हँसी निकल गयी और साथ ही निकला उसकी योजना का अगला चरण....
वो बोली : "अच्छा ठीक है...अगर तुम सभी इससे अपनी मर्ज़ी का कुछ करवाना चाहते हो तो इसके लिए तुम्हे पैसा खर्च करना पड़ेगा...''
सभी की आँखे चमक उठी...अपनी मर्ज़ी से वो उसके साथ कुछ भी कर सकते थे...
सभी एक साथ चिल्ला पड़े...पहले मैं...पहले मैं..
काजल : "पर वो जो भी करेगी , दूर से ही ...तुम इसको हाथ नही लगा पाओगे...''
सभी एक बार फिर से मायूस हो गये..पर फिर भी, जितना मिल रहा था उसे भी वो खोना नही चाहते थे..काजल ने हर एक्ट की कीमत भी उन्हे बता दी, दस हज़ार रूपए ...जिसे देने में उन्हे कोई परेशानी नही थी..
सबसे पहले राणा ने अपने दिल की बात बताई : "सारिका को बोलो की ये तुम्हे पालतू कुतिया की तरह प्यार करे...तुम्हे चाटकार..अपनी जीभ से...''
शायद ये उसकी फेंटसी थी, उसने भी एक मूवी में ऐसे देखा था, और काजल और सारिका को ऐसा करता देखकर उसके मन में वो बात फिर से उभर आई...वैसे तो वो अपने आप को चटवाना चाहता था सारिका से..पर उसके लिए काजल ने मना कर दिया था...इसलिए उसने काजल ऐसा करने को कहा..
काजल भी मुस्कुरा दी...और सारिका की तरफ देखकर उसे अपनी तरफ खींचा..
सारिका की चूत तो पहले से ही पनिया गयी थी ये सुनकर...वो चलती हुई उसके पास आई और सीधा अपनी जीभ उसकी मोटी जाँघ पर रख दी...
पुर कमरे मे एक नही कई सिसकियाँ गूँज उठी..
एक तो काजल की और बाकी उन तीनों की..
सारिका ने उसकी जाँघ को अच्छी तरह से चाटा ...और फिर धीरे-2 वो नीचे की तरफ जाने लगी...और उसके मखमली घुटनों के बाद उसकी सॉलिड पिंडलियों पर भी उसने अपनी लार से गीलापन छोड़ दिया..
और वो वहीं नही रुकी...उसने काजल के पैरों पर भी अपनी जीभ की कलाकारी दिखाई...ये सब करते हुए उसको खुद भी काफ़ी मज़ा आ रहा था...
और फिर उसने धीरे-2 अपनी जीभ से उसके लेदर के सेंडिलस को भी चाटा ...जैसा की असली स्लेव करती है...वो तो पूरी कैरेक्टर में घुस चुकी थी...खुद भी मज़े ले रही थी और देखने वालो को भी मज़े दे रही थी...