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Thriller कामुक अर्धांगनी
काफी देर हो गया पर जब मधु नही लौटी तो मैंने शर्मा जी को बोला चल कर देखना चाहिए कहाँ रह गई दोनों ,वो नशे में टल्ली बोलने लगे मरने दे रंडी साली को चुदा कर ,शर्मा जी की बात मुझे समझ नही आई आखिर चोद पाते नही फिर ऐसी अकड़ किस काम की , खैर मैं उनको वही अकेला छोड़ कर कमरे से बाहर निकल पड़ा ,थोड़ी दूर मे मैनेजर साहब सिगरेट का कस लगाते दिख गए, वो मुझे देखते बड़े आदर भाव से बोले क्या ढूंढ रहे है आईए थोड़ा कस मार लिजेए, मैंने उनका साथ देते एक सिगरेट सुलगाई और पूछा मधु नज़र नही आ रही वो हँसते बोले आपकी धर्मपत्नी कमाल की औरत है मुझे लगा था शालिनी से बेहतर कोई नही पर मधु की अदा शालिनी से दो कदम और है बोलते वो बोलने लगे आपकी धर्मपत्नी ने आज सामूहिक सेवा देने के लिए हाँ क्या बोला मर्दों की लाइन लग गई कहते वो बोले शालिनी भाभी ज़रा ख़फ़ा सी लगी कि मधु को ज़्यादा मर्दो ने चुना जबकि भाभी थोड़ा कम मर्दो को पसंद आई बोलते वो मुझे अपने साथ ले गए ।

मैनेजर साहब के केबिन मे दाखिल होने के बाद वो कमरा बंद करके लाइट बुझा कर मुझे अपने साथ एक शानदार मखमली सोफे पर बिठाकर न जाने कैसा रिमोट का बटन दबाया की सामने का दीवार खिड़की सी खुलने लगी और काँच के दूसरे तरफ मुझे मेरी अर्धाग्नि पूर्ण नंग कई गैर मर्दों के बीच दिखने लगी जबकि दूसरे तरफ शालिनी भाभी घुटनों पर मर्दों के लड़ को चूसते नज़र आई ।


मैनेजर साहब ने एक ग्लास मेरे हाथ पर देते बोला आपकी पत्नी ने कुल बारह मर्दों के समूह को एक साथ सुख देने का बोल के कमरे मे दाखिल हुईं है जबकि भाभी को बस पांच मर्दो का साथ मिला कहता वो बोला मैंने लगभग आधे घंटे मधु को एक एक मर्दो का लड़ चूसते देख पागल होने लगा था उसके जिस्म से एक एक अंगवस्त्र वो खुद उतारती उनको अपने यौवन का दर्शन करवाती ऐसा दीवाना बना रही थी कि दो मर्दो ने तो फरोंन अपने वस्त्र त्याग कर अपने अतिउत्सुख फम्फनाते लड़ को सहलाते मधु के आगे पीछे चिपक गए जबकि मधु ने बड़ी अदा के साथ दोनो मर्दो का लड़ साथ मे सहलाती दोनों को अपने जवानी पर दबाने लगी जिस अदा से आपके अर्धाग्नि ने दोनों को सुख दिया वो पागल की तरह उसके जिस्म को चाटने लगे बाकी सब मर्दो ने दूर से मधु के अदाओं का दीदार किया और एक एक करके सब मर्द नग्न होते चले गए और आपनी धर्मपत्नी सभी बारह मर्दों के बीच एक अकेली चिपक कर सबके जिस्म पर अपने जिस्म को मसलती प्यासी औरत की तरह प्यार लुटाने लगी ,कभी इसका कभी उसका सबका लड़ सहलाते वो हर एक ग्राहक को समान्तर प्यार देती सबको मोहित करने लगी और खुद एक एक मर्दों को घुटनों पर बैठ अपने होंठो से लिंग पर चुम्बन दे आहे भरने पर मजबूर कर दी वो भी ऐसा मजबूर की हर एक मर्द उसके चेहरे पर अपना लड़ रगड़ने लगा और मधु एक एक करके हर लड़ चूसने लगी ।

मैनेजर बोलने लगा मैंने एक से बढ़ कर एक कामुक औरतों को यहाँ मर्दो के साथ संभोग करते देखा है पर मधु जिस तरह के जलवे बिखेरी जा रही थी देख के लगा वो बिल्कुल स्वतंत्र भाव से योवन सुख मे डूबी हुई है जिसका मतलब आपने अपने धर्मपत्नी को खुल कर मस्ती करने की आज़ादी दे रखी है ,मैं जबाब देता पर मैनेजर साहब बोल पड़े मधु ने जब हर एक मर्द को अपने मुंह मे झड़ने पर विवश कर दिया उस वक़्त महज बिस मिनट गुज़रा था और बारह के बारह मर्द का लड़ वो अदाओं से निचोड़ कर गटक चुकी थी और सब मर्द एक एक करके अपने लड़ को एक सुख दे कर मधु को बिस्तर पर लेटा कर उसके योवन का एक एक हिस्से को चख रहे थे और मधु बस आँखों को मूंदे हाथों से बिस्तर के सिरे को पकड़ कर खुद को हवस के बिस्तर पर ढीला छोड़ कर लूट रही थी मानो वो लूटने के लिए ही बिस्तर पर लेटी हुई हो ।
मैनेजर साहब अपने लड़ को एक हाथ से मसलते हुए अपने को सहलाते आहे भर बोलने लगे सच कहूँ मुझे मधु के योवन के साथ एक संपूर्ण रात जीना है कहते वो बोले क्या पत्नी पाया है एक मदमस्त जवान जिस्म के साथ प्यास मर्दों को खुश करने वाली ।

खैर मैनेजर साहब की बातें मुझे खुद पर अभिमान करने पर विवश करते जा रही थी कि थोड़े है देर मे मधु बिस्तर पर गांड उठा कर अकड़ने लगी जिस वजह से उसके चूत पर जिस मर्द का मुँह लगा हुआ था वो भी ऊपर की और उठकर उसके योनि को लप लप चाटने मे लगा रहा और मधु एक अकड़ के साथ अपने हवस को चर्म पर ले जा कर वापस बिस्तर पर निढाल हो गई और उस मर्द ने मधु के योनि का एक एक स्वादिस्ट रस चट चट कर चाटने लगा और बाकी मर्दो ने वापस उसके जिस्म को अपने होंठो से चूमते रहे और थोड़े देर बाद वो चूत का रस पिया मर्द मधु के बगल मे लेट कर दूसरे मर्द के लिए उसकी योनि छोड़ दिया ऐसे करके हर एक मर्द ने मधु के चूत का दिल भर स्वाद चखने के बाद मधु खुद एक लेटे हुए मर्द के कड़क लड़ को चूस कर अपनी प्यासी गांड के छेद पर टिका कर उसके लड़ को अपने गांड की गहराइयों मे लेती उसके जिस्म पर लेट कर अपने चूत को सहलाते मर्दो को देखने लगी जिस पर एक मर्द ने मधु के टांगों को अपने हाथों से फैला कर उसके चूत मे लड़ घिस कर अंदर डालते अपने दोनों हाथों से उसके चुचियों को दबाता ऊपर सवार हो गया जो देख बाकी मर्दो ने अपना अपना लड़ सहलाते मेरी अर्धाग्नि के हवस को सलाम करते अपने बारी का इंतज़ार करने लगा ।
एक लड़ गांड की गहराईयों मे एक चूत के गहराई पर वार करने लगा था जो देख मैनेजर साहब जोश पूर्ण होने लगे थे उधर मर्दों मे एक ने अपने आपको बिस्तर पर खड़ा कर के मधु के बालों को हाथों से जकड़ कर ऊपर करते अपना लड़ उसके मुँह मे डालते आहे भरता लड़ चुस्वते अत्यंत कामुक मुद्रा मे अपने पसंद की कामुक रांड का मन मुताबिक सुख लेते भावविभोर होते मधु के मुख को तेज झटकों के साथ चोदने लगा उधर दोनों मर्द मिल के बारी बारी बारी उसकी गांड और योनि पर वॉर करते हवस का समा को बांधने लगे जो देख मैनेजर साहब अत्यंत उतावले होने लगे ।

मैनेजर साहब का उतावलापन ऐसे बढ़ गया कि वो पैंट की बटन खोल हल्का नीचे सरका कर अपने जांघिये से लड़ निकाल कर सहलाने लगे उनका बलिस्ट लड़ तन कर फन फन कर रहा था और उनके मुठी मे उनका लड़ जकड़ के पड़ा था और उनकी निगाहें मेरे धर्मपत्नी को घूर रही थी मानो वो मन ही मन उसके साथ सहवास कर रहे हो जो देख मेरा बदन पुनः गांडू की तरह प्यासा होने लगा और मैंने ग्लास साइड पर रख कर मखमली सोफे पर गांड ऊपर कर लेट कर उनके हाथ को उनके लड़ से हटाते अपने मुँह मे ले लिया और वो अहह करते मेरे सर को दबाते बोले मुझे मधु चाहिए मुझे मधु की जवानी का रस चाहिए कहता वो मेरे जीभ को अपने लड़ पर फेरता महसूस करते बड़बड़ाने लगा और उसका लड़ मैंने धीरे धीरे चूसते गांड हिलाया वो अपने हाथ को मेरे गांड की दरार पर दबाते छेद को भेदने लगा मानो वो मेरी गांड नोच खाएगा ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 17-11-2021, 01:27 PM



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