16-11-2021, 03:28 PM
वही दूसरी तरफ रूबी, नाज़ी ऑर हीना अकेली हो गई थी मैं उनके साथ होके भी पूरी तरह उनके साथ नही था ना तो मैं पूरी तरह से किसी को अपनी कह पा रहा था ऑर ना ही मैं अब उनको छोड़ सकता था इसलिए एक दिन मैने रसूल से अपने दिल बात करने की सोची क्योंकि हम सब मे एक रसूल ही था जो ना सिर्फ़ उमर मे मुझसे बड़ा था बल्कि वो शादी-शुदा भी था इसलिए एक दिन मैने बात करने के लिए रसूल को बुलाया ऑर खुद अपने कॅबिन मे बैठकर उसके आने का इंतज़ार करने लगा...
रसूल: हाँ भाई तुमने मुझे बुलाया था...
मैं: हाँ यार तुमसे एक दिल की बात करना चाहता था समझ नही आ रहा कहाँ से शुरू करू...
रसूल: (मेरे सामने की कुर्सी पर बैठ ते हुए) बोल भाई क्या बात है
मैं: यार तू तो जानता है कि मैं ये मुल्क़ छोड़ कर जा रहा हूँ लेकिन जाने से पहले मैं एक उलझन मे हूँ...
रसूल: बताना यार कैसी उलझन अब तो अपनी सारी प्रॉब्लम्स भी सॉल्व हो गई है बिज़्नेस भी टॉप पर चल रहा है अब कैसी उलझन...
मैं: यार जब से हीना ऑर नाज़ी यहाँ आई है मैं बहुत उलझ गया हूँ... रूबी , हीना ऑर नाज़ी तीनो ही मुझे बहुत प्यार करती है ऑर उन तीनो ने ही मेरे लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया है अब मुझे समझ नही आ रहा कि अपने मतलब के लिए उनको ऐसे छोड़ कर जाना सही होगा या नही...
रसूल: हमम्म बात तो तुम्हारी सही है... यार मेरी मानो तो तुम शादी कर लो सारी उलझन दूर हो जाएगी...
मैं: लेकिन किससे करूँ शादी यार तीनो ही मुझे प्यार करती हैं ऑर कही ना कही तीनो ही मेरे बुरे वक़्त मे मेरे साथ थी ऑर मेरा हमेशा साथ दिया बिल्कुल तुम सब की तरह...
रसूल: हमम्म मेरी मानेगा तो उससे शादी कर जिससे तू प्यार करता है समझा... ऑर यार बहुत सोच समझकर फ़ैसला करना...
मैं: ठीक है...
उसके बाद रसूल मुझे मेरी सोच के साथ तन्हा छोड़ कर वो चला गया ऑर मैं सोचने लगा कि प्यार किसको करता हूँ... सच तो ये था कि मैं तीनो से प्यार करता था लेकिन अब मैं तीनो से शादी कैसे करता बस इसी क़श-म-क़श मे मैं उलझा हुआ था लिहाज़ा मैने ये फ़ैसला भी उन तीनो पर ही छोड़ दिया ऑर वहाँ से सीधा घर चला गया...