16-11-2021, 03:22 PM
हीना ऑर नाज़ी जो कि अब भी गाड़ी मे बैठी थी वो मुझे सवालिया नज़रों से देख रही थी...
हीना: क्या हुआ सब हँस क्यो रहे हैं...
मैं: (हँसते हुए) कुछ नही तुम्हारे काम की बात नही है... यार हम रास्ता भटक गये हैं आगे किस तरफ जाना है समझ नही आ रहा तुमको यहाँ से आगे जाने का रास्ता पता है क्या...
नाज़ी: (बीच मे बोलते हुए) मुझे पता है किस तरफ जाना है मैं बचपन मे कॉलेज इसी रास्ते से जाया करती थी...
मैं: तो पहले बताया क्यो नही कितनी देर से हम बेकार मे भटक रहे हैं...
नाज़ी: (मुँह बनाते हुए) तुमने पूछा ही नही...
मैं: क्या यार तुम भी कमाल हो... (अपने सारे आदमियो से) चलो ओये गाड़ी मे बैठो सारे रास्ते का पता लग गया है...
उसके बाद सब आदमी वापिस गाडियो मे बैठ गये ऑर ख़ान को भी वापिस गाड़ी मे डाल लिया ऑर हम सब नाज़ी के बताए रास्ते पर आगे बढ़ने लगे ऑर कुछ ही देर मे हम हाइवे पर आ गये अभी हमें कुछ ही देर हुई थी कि मेरा फोन बजने लगा... मैने जेब से फोन निकाला तो स्क्रीन पर रूबी लिखा आ रहा था... मुझे समझ मे नही आ रहा था कि नाज़ी ऑर हीना के सामने रूबी से बात कैसे करूँ लेकिन फोन उठाना भी ज़रूरी था इसलिए कुछ सोचकर मैने फोन उठा लिया...
मैं: हंजी सरकार हुकुम कीजिए...
रूबी: कहाँ हो तुम... मुझे फोन क्यो नही किया... मैने कहा था ना पहुँच कर मुझे फोन कर देना... जानते हो कितनी फिकर हो गई थी तुम्हारी...
मैं: बस... बस... बस... साँस तो लेलो... एक ही साँस मे सब कुछ पूछ लिया... यार मुझे बोलने का मोक़ा तो दो...
रूबी: ठीक है बोलो... फोन क्यो नही किया ऑर वापिस कब आ रहे हो...
मैं: मैं कल सुबह तक वापिस आ जाउन्गा ऑर जिस काम के लिए गया था वो पूरा हो गया है...
रूबी: सच्ची... कमाल है इतनी जल्दी वापिस आ रहे हो...
मैं: तुम कहो तो 4-5 दिन ऑर रुक जाता हूँ
रूबी: नही... मेरे कहने का वो मतलब नही था...
मैं: अच्छा एक काम की बात सुनो...
रूबी: हम्म... बोलो...
मैं: मेरे साथ कुछ मेहमान भी आ रहे हैं जो हमारे घर मे ही रहेंगे हमारे साथ...
रूबी: मेहमान है तो उनको हवेली मे रखो ना घर लाने की क्या ज़रूरत है...
मैं: अर्रे यार वो काम वाले मेहमान नही है मेरे मेहमान है ऑर बहुत ख़ास है अब से वो भी हमारे साथ ही रहेंगे तो तुम उन लोगो के रहने का इंतज़ाम कर देना ठीक है...
रूबी: हम्म ठीक है लेकिन तुमने ये तो बताया ही नही कितने लोग हैं...
मैं: (हँसते हुए) 2 औरत है ऑर एक छोटा सा शेर भी है उनके साथ...
रूबी: औरत कौन है...
मैं: अर्रे यार तुमको आके सब बताउन्गा बस अभी जितना कह रहा हूँ उतना कर लो...
रूबी: अच्छा... जल्दी आ जाना मैं इंतज़ार करूँगी...
मैं: हमम्म चलो अब फोन रख दो मैं गाड़ी चला रहा हूँ...
रूबी: उउउहहुउ... कितनी बार कहा है गाड़ी चलाते हुए बात ना किया करो...
मैं: तुम्हारा भी पता नही चलता यार फोन उठा लो तो मुसीबत ना उठाओ तो मुसीबत...
रूबी: अच्छा अब फोन बंद करो ऑर ध्यान से गाड़ी चलाओ...
उसके बाद मैने फोन रख दिया अब मुझे एक नयी फिकर होने लगी थी कि मैं घर जाके रूबी को इन दोनो के बारे मे क्या बताउन्गा इसलिए आगे के बारे मे सोचने लगा ऑर चुप-चाप गाड़ी चलाने लगा... कुछ देर बाद हम एक ढाबे पर रुके जहाँ हम सब ने मिलकर खाना खाया... खाना खाते हुए कुछ लोग हमें अज़ीब नज़रों से घूर-घूर कर देख रहे थे लेकिन मैने नज़र अंदाज़ कर दिया ऑर खाने पर ध्यान देने लगा क्योंकि उस वक़्त हम सब को बहुत ज़ोर की भूख लगी हुई थी... खाना खाने के बाद हम सब वापिस अपनी गाडियो मे बैठ कर अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ने लगे... कुछ दूर जाने के बाद मुझे लाला का फोन आया कि पोलीस की कुछ गाड़ियाँ हमारी गाडियो के पिछे आ रही हैं... ये सुनकर मुझे समझ आ गया कि ढाबे पर वो कौन लोग थे जो हम को घूर-घूर कर देख रहे थे... इसलिए मैने सबको बिना कोई खून-खराब किए वहाँ से शांति से चलने का हुकुम दे दिया क्योंकि अब रात के वक़्त मैं एक ऑर खून-ख़राबा नही चाहता था इसलिए मैने सबको गोली चलाने से मना कर दिया... लेकिन वो पोलीस की गाड़ियाँ लगातार अपना साइरन बजाते हुए हमारी गाडियो के पिछे आ रही थी ऑर हम को रुकने के लिए कह रही थी... कुछ देर बाद हमारी सबसे पिछे वाली गाड़ी पर फाइयर होने शुरू हो गये...
अब हम लोग कुछ नही कर सकते थे ना चाहते हुए भी हम को जवाब मे गोली चलानी ही थी इसलिए अब चलती गाडियो मे ही दोनो तरफ से फाइयर होना शुरू हो गये मेरी गाड़ी उस वक़्त सबसे आगे थी ऑर मेरे साथ नाज़ी, छोटा नीर ऑर हीना भी थी इसलिए मैं सिर्फ़ गाड़ी चलाने पर ही ध्यान देने लगा... कुछ देर बाद एक पोलीस की जीप पिछे की तमाम गाडियो को ओवर टेक करती हुई एक दम मेरे बराबर मे आ गई ऑर लगातार मेरी कार पर गोलियाँ चलाने लगी मैने जल्दी से हीना ऑर नाज़ी को नीचे झुका दिया ताकि उनको गोली ना लग जाए लेकिन एक गोली मेरे कंधे पर लग गई ऑर गाड़ी का बॅलेन्स बिगड़ने लगा... मैने जल्दी से स्टेरिंग के सामने रखी अपनी रेवोल्वर उठाई ऑर सामने वाली जीप पर जवाबी गोलियाँ चलाने लगा 5 ही फाइयर मे मेरी रेवोल्वर खाली हो गई थी ऑर अब मेरे पास कारतूस भी नही थे क्योंकि बाकी हथियार ऑर कारतूस कार की दिग्गी मे पड़े थे ऑर कार रोकने का मेरे पास मोक़ा नही था... लेकिन जीप मे से अब भी फाइरिंग जारी थी अब मेरे पास दूसरा कोई असला नही था इसलिए मैने एक रिस्क उठाया मैने अपनी गाड़ी की स्पीड कम की ऑर अपनी गाड़ी को उस जीप के एक दम साथ मे कर लिया ऑर नाज़ी ऑर हीना को झुके रहने का कहकर ज़ोर से अपनी गाड़ी को उस जीप मे धकेल दिया जिससे उनकी जीप का बॅलेन्स बिगड़ गया ऑर वो सामने वाली चट्टान मे जाके टकरा गई ऑर जीप पलट गई... अब मेरा उस जीप से तो पीछा छूट गया था लेकिन मेरे आदमियो की गाडियो के पिछे अब भी काफ़ी पोलीस की जीप लगी हुई थी ऑर दोनो तरफ से फाइयर हो रहे थे... मेरे कंधे मे भी गोली लग चुकी थी जिस वजह से तेज़ दर्द उठ रहा था ऑर अब मुझसे गाड़ी भी नही चलाई जा रही थी लेकिन फिर भी मैं हिम्मत करके गाड़ी चलाता रहा... मेरी अब हिम्मत जवाब दे रही थी क्योंकि बाजू से काफ़ी खून निकल रहा था इसलिए मैने लाला की गाड़ी को हाथ से इशारा करके मेरी गाड़ी के बराबर आने को कहा कुछ ही सेकेंड्स मे उसकी गाड़ी रफ़्तार पकड़ती हुई एक दम मेरी गाड़ी के साथ आ गई...
मैं: (चिल्लाते हुए) मेरे कारतूस ख़तम हो गये हैं ऑर मुझे गोली भी लगी है मुझे हथियार वाला बॅग दे लाला...
लाला: (हाथ से इशारा करते हुए) देटाअ हुंओ...
हम दोनो ने एक ही वक़्त पर चलती कार का दरवाज़ा खोल दिया ऑर अपनी दोनो गाडियो को बराबर पर लाके मैने एक हाथ से हथियार वाला बॅग अंदर खीच लिया साथ ही मैने अपने एक आदमी को मेरी गाड़ी मे आने को कहा ताकि वो कार चला सके... हम दोनो की गाडियो की रफ़्तार काफ़ी तेज़ थी इसलिए गाड़ी बराबर आने मे दिक्कत हो रही थी कुछ एफर्ट्स के बाद मैने उस आदमी को अपनी गाड़ी मे खींच लिया... अब वो मेरी जगह गाड़ी चला रहा था ऑर मैं साथ वाली सीट पर बैठा बॅग से हथियार निकाल रहा था बॅग खोलते ही मेरी नज़र बाज़्ज़ुक़ा पर पड़ी मैने जल्दी से उसमे बॉम्ब लोड किया ऑर अपनी जेब से फोन निकाला ऑर लाला को फोन किया...
हीना: क्या हुआ सब हँस क्यो रहे हैं...
मैं: (हँसते हुए) कुछ नही तुम्हारे काम की बात नही है... यार हम रास्ता भटक गये हैं आगे किस तरफ जाना है समझ नही आ रहा तुमको यहाँ से आगे जाने का रास्ता पता है क्या...
नाज़ी: (बीच मे बोलते हुए) मुझे पता है किस तरफ जाना है मैं बचपन मे कॉलेज इसी रास्ते से जाया करती थी...
मैं: तो पहले बताया क्यो नही कितनी देर से हम बेकार मे भटक रहे हैं...
नाज़ी: (मुँह बनाते हुए) तुमने पूछा ही नही...
मैं: क्या यार तुम भी कमाल हो... (अपने सारे आदमियो से) चलो ओये गाड़ी मे बैठो सारे रास्ते का पता लग गया है...
उसके बाद सब आदमी वापिस गाडियो मे बैठ गये ऑर ख़ान को भी वापिस गाड़ी मे डाल लिया ऑर हम सब नाज़ी के बताए रास्ते पर आगे बढ़ने लगे ऑर कुछ ही देर मे हम हाइवे पर आ गये अभी हमें कुछ ही देर हुई थी कि मेरा फोन बजने लगा... मैने जेब से फोन निकाला तो स्क्रीन पर रूबी लिखा आ रहा था... मुझे समझ मे नही आ रहा था कि नाज़ी ऑर हीना के सामने रूबी से बात कैसे करूँ लेकिन फोन उठाना भी ज़रूरी था इसलिए कुछ सोचकर मैने फोन उठा लिया...
मैं: हंजी सरकार हुकुम कीजिए...
रूबी: कहाँ हो तुम... मुझे फोन क्यो नही किया... मैने कहा था ना पहुँच कर मुझे फोन कर देना... जानते हो कितनी फिकर हो गई थी तुम्हारी...
मैं: बस... बस... बस... साँस तो लेलो... एक ही साँस मे सब कुछ पूछ लिया... यार मुझे बोलने का मोक़ा तो दो...
रूबी: ठीक है बोलो... फोन क्यो नही किया ऑर वापिस कब आ रहे हो...
मैं: मैं कल सुबह तक वापिस आ जाउन्गा ऑर जिस काम के लिए गया था वो पूरा हो गया है...
रूबी: सच्ची... कमाल है इतनी जल्दी वापिस आ रहे हो...
मैं: तुम कहो तो 4-5 दिन ऑर रुक जाता हूँ
रूबी: नही... मेरे कहने का वो मतलब नही था...
मैं: अच्छा एक काम की बात सुनो...
रूबी: हम्म... बोलो...
मैं: मेरे साथ कुछ मेहमान भी आ रहे हैं जो हमारे घर मे ही रहेंगे हमारे साथ...
रूबी: मेहमान है तो उनको हवेली मे रखो ना घर लाने की क्या ज़रूरत है...
मैं: अर्रे यार वो काम वाले मेहमान नही है मेरे मेहमान है ऑर बहुत ख़ास है अब से वो भी हमारे साथ ही रहेंगे तो तुम उन लोगो के रहने का इंतज़ाम कर देना ठीक है...
रूबी: हम्म ठीक है लेकिन तुमने ये तो बताया ही नही कितने लोग हैं...
मैं: (हँसते हुए) 2 औरत है ऑर एक छोटा सा शेर भी है उनके साथ...
रूबी: औरत कौन है...
मैं: अर्रे यार तुमको आके सब बताउन्गा बस अभी जितना कह रहा हूँ उतना कर लो...
रूबी: अच्छा... जल्दी आ जाना मैं इंतज़ार करूँगी...
मैं: हमम्म चलो अब फोन रख दो मैं गाड़ी चला रहा हूँ...
रूबी: उउउहहुउ... कितनी बार कहा है गाड़ी चलाते हुए बात ना किया करो...
मैं: तुम्हारा भी पता नही चलता यार फोन उठा लो तो मुसीबत ना उठाओ तो मुसीबत...
रूबी: अच्छा अब फोन बंद करो ऑर ध्यान से गाड़ी चलाओ...
उसके बाद मैने फोन रख दिया अब मुझे एक नयी फिकर होने लगी थी कि मैं घर जाके रूबी को इन दोनो के बारे मे क्या बताउन्गा इसलिए आगे के बारे मे सोचने लगा ऑर चुप-चाप गाड़ी चलाने लगा... कुछ देर बाद हम एक ढाबे पर रुके जहाँ हम सब ने मिलकर खाना खाया... खाना खाते हुए कुछ लोग हमें अज़ीब नज़रों से घूर-घूर कर देख रहे थे लेकिन मैने नज़र अंदाज़ कर दिया ऑर खाने पर ध्यान देने लगा क्योंकि उस वक़्त हम सब को बहुत ज़ोर की भूख लगी हुई थी... खाना खाने के बाद हम सब वापिस अपनी गाडियो मे बैठ कर अपनी मंज़िल की तरफ बढ़ने लगे... कुछ दूर जाने के बाद मुझे लाला का फोन आया कि पोलीस की कुछ गाड़ियाँ हमारी गाडियो के पिछे आ रही हैं... ये सुनकर मुझे समझ आ गया कि ढाबे पर वो कौन लोग थे जो हम को घूर-घूर कर देख रहे थे... इसलिए मैने सबको बिना कोई खून-खराब किए वहाँ से शांति से चलने का हुकुम दे दिया क्योंकि अब रात के वक़्त मैं एक ऑर खून-ख़राबा नही चाहता था इसलिए मैने सबको गोली चलाने से मना कर दिया... लेकिन वो पोलीस की गाड़ियाँ लगातार अपना साइरन बजाते हुए हमारी गाडियो के पिछे आ रही थी ऑर हम को रुकने के लिए कह रही थी... कुछ देर बाद हमारी सबसे पिछे वाली गाड़ी पर फाइयर होने शुरू हो गये...
अब हम लोग कुछ नही कर सकते थे ना चाहते हुए भी हम को जवाब मे गोली चलानी ही थी इसलिए अब चलती गाडियो मे ही दोनो तरफ से फाइयर होना शुरू हो गये मेरी गाड़ी उस वक़्त सबसे आगे थी ऑर मेरे साथ नाज़ी, छोटा नीर ऑर हीना भी थी इसलिए मैं सिर्फ़ गाड़ी चलाने पर ही ध्यान देने लगा... कुछ देर बाद एक पोलीस की जीप पिछे की तमाम गाडियो को ओवर टेक करती हुई एक दम मेरे बराबर मे आ गई ऑर लगातार मेरी कार पर गोलियाँ चलाने लगी मैने जल्दी से हीना ऑर नाज़ी को नीचे झुका दिया ताकि उनको गोली ना लग जाए लेकिन एक गोली मेरे कंधे पर लग गई ऑर गाड़ी का बॅलेन्स बिगड़ने लगा... मैने जल्दी से स्टेरिंग के सामने रखी अपनी रेवोल्वर उठाई ऑर सामने वाली जीप पर जवाबी गोलियाँ चलाने लगा 5 ही फाइयर मे मेरी रेवोल्वर खाली हो गई थी ऑर अब मेरे पास कारतूस भी नही थे क्योंकि बाकी हथियार ऑर कारतूस कार की दिग्गी मे पड़े थे ऑर कार रोकने का मेरे पास मोक़ा नही था... लेकिन जीप मे से अब भी फाइरिंग जारी थी अब मेरे पास दूसरा कोई असला नही था इसलिए मैने एक रिस्क उठाया मैने अपनी गाड़ी की स्पीड कम की ऑर अपनी गाड़ी को उस जीप के एक दम साथ मे कर लिया ऑर नाज़ी ऑर हीना को झुके रहने का कहकर ज़ोर से अपनी गाड़ी को उस जीप मे धकेल दिया जिससे उनकी जीप का बॅलेन्स बिगड़ गया ऑर वो सामने वाली चट्टान मे जाके टकरा गई ऑर जीप पलट गई... अब मेरा उस जीप से तो पीछा छूट गया था लेकिन मेरे आदमियो की गाडियो के पिछे अब भी काफ़ी पोलीस की जीप लगी हुई थी ऑर दोनो तरफ से फाइयर हो रहे थे... मेरे कंधे मे भी गोली लग चुकी थी जिस वजह से तेज़ दर्द उठ रहा था ऑर अब मुझसे गाड़ी भी नही चलाई जा रही थी लेकिन फिर भी मैं हिम्मत करके गाड़ी चलाता रहा... मेरी अब हिम्मत जवाब दे रही थी क्योंकि बाजू से काफ़ी खून निकल रहा था इसलिए मैने लाला की गाड़ी को हाथ से इशारा करके मेरी गाड़ी के बराबर आने को कहा कुछ ही सेकेंड्स मे उसकी गाड़ी रफ़्तार पकड़ती हुई एक दम मेरी गाड़ी के साथ आ गई...
मैं: (चिल्लाते हुए) मेरे कारतूस ख़तम हो गये हैं ऑर मुझे गोली भी लगी है मुझे हथियार वाला बॅग दे लाला...
लाला: (हाथ से इशारा करते हुए) देटाअ हुंओ...
हम दोनो ने एक ही वक़्त पर चलती कार का दरवाज़ा खोल दिया ऑर अपनी दोनो गाडियो को बराबर पर लाके मैने एक हाथ से हथियार वाला बॅग अंदर खीच लिया साथ ही मैने अपने एक आदमी को मेरी गाड़ी मे आने को कहा ताकि वो कार चला सके... हम दोनो की गाडियो की रफ़्तार काफ़ी तेज़ थी इसलिए गाड़ी बराबर आने मे दिक्कत हो रही थी कुछ एफर्ट्स के बाद मैने उस आदमी को अपनी गाड़ी मे खींच लिया... अब वो मेरी जगह गाड़ी चला रहा था ऑर मैं साथ वाली सीट पर बैठा बॅग से हथियार निकाल रहा था बॅग खोलते ही मेरी नज़र बाज़्ज़ुक़ा पर पड़ी मैने जल्दी से उसमे बॉम्ब लोड किया ऑर अपनी जेब से फोन निकाला ऑर लाला को फोन किया...