16-11-2021, 03:22 PM
हीना अपने अब्बू को गले लगा कर काफ़ी देर रोती रही फिर जब मैने उसके पास जाके उसके आगे हाथ बढ़ाया तो वो बिन कुछ बोले मेरा हाथ पकड़कर खड़ी हो गई... मैने सबसे पहले हीना के आँसू सॉफ किए उसके बाद मैं ऑर हीना जल्दी से हवेली से बाहर निकले ऑर हवेली के पिछे की तरफ चले गये जहाँ पर मैने अपनी गाड़ी खड़ी की थी गाड़ी के पास ही मुझे नाज़ी बैठी हुई नज़र आई जो बार-बार इधर उधर देख रही थी उसके चेहरे से मेरे लिए फिकर दूर से ही दिखाई दे रही थी... मुझे ऑर हीना को दूर से आता हुआ देखकर जैसे उसका चेहरा खुशी से खिल गया वो तेज़ कदमों के साथ नीर को गोद मे उठाए हमारी तरफ बढ़ने लगी ऑर आते ही मुझे गले से लगा लिया ऑर खुशी से मुस्कुराने लगी...
नाज़ी: कितनी देर कर दी आने मे मैं तो बहुत डर गई थी... तुम ठीक तो हो ना...
मैं: कैसा लगता हूँ...
नाज़ी: ये सिर मे चोट कैसे लगी...
मैं: वो सब जाने दो ये थोड़ा बहुत तो चलता रहता है अब तुम जल्दी से गाड़ी मे बैठो हम को हमारे नये घर जाना है...
नाज़ी: (खुश होके हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म चलो...
हीना: लाओ छोटा नीर मुझे दे दो ऑर तुम आगे बड़े वाले नीर के साथ बैठ जाओ...
उसके बाद मैं ऑर नाज़ी आगे बैठ गये ऑर नीर को हीना ने पकड़ लिया ऑर वो खुद ही पिछे बैठ गई... मैने जल्दी से गाड़ी स्टार्ट की ऑर उसको हवेली के अगली तरफ ले आया ऑर हवेली के बड़े गेट के सामने रोक दिया जहाँ मेरे साथियो की गाडियो का क़ाफ़िला पहले से मोजूद था... उसके बाद मैने अपने आदमियो से चलने का इशारा किया ऑर वो लोग मेरा इशारा पाते ही अंदर गये ऑर लाला ऑर ख़ान को ले आए... लाला ने कुछ ही देर मे ख़ान की बहुत बुरी हालत कर दी थी... ख़ान के चेहरे से ऑर सिर से पानी की तरफ खून टपक रहा था ऑर कुछ आदमी उसको ज़मीन पर घसीटकर ला रहे थे...
मैं: ओये साले मार तो नही दिया उसको...
लाला: (अपना हाथ रुमाल से सॉफ करते हुए) नही भाई ज़िंदा है कुत्ता... इसको तो अड्डे पर ले-जाकर तसल्ली से सब भाई मिल कर मारेंगे...
मैं: चल गाड़ी मे बैठ चलने का वक़्त हो गया है...
लाला: (मुझे सल्यूट करते हुए) ओके बॉस...
उसके बाद हम सब गाड़ी मे बैठे ऑर अपने गाँव, अपने घर की तरफ गाडियो के क़ाफ़िले को बढ़ा दिया... हीना मुझे कुछ उदास लग रही थी लेकिन नाज़ी बहुत खुश थी ऑर अपने नये घर का सुनकर बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड थी...
मेरी गाड़ी सबसे आगे थी ऑर बाकी गाड़ियाँ मेरी गाड़ी के पिछे चल रही थी ऑर कुछ फ़ासले पर थी कुछ ही देर मे हम अपनी गाँव की सरहद से काफ़ी दूर निकल आए थे... हम को गाँव से निकले अब काफ़ी वक़्त हो गया था लेकिन हीना मुझे अब भी उदास लग रही थी इसलिए मैने इशारे से अपने साथ बैठी नाज़ी को अपने पास किया ऑर उसको पिछे जाने का इशारा किया ताकि दोनो बातें कर सके ऑर हीना का भी मन बहल जाए... नाज़ी चलती हुई गाड़ी मे ही सीट को नीचे करके पिछे चली गई ऑर हीना के साथ बैठ गई ऑर कुछ ही देर मे दोनो की बाते शुरू हो गई ऑर अब हीना भी पहले से काफ़ी बेहतर नज़र आ रही थी... मेरी तरक़ीब ने अपना कम दिखा दिया था क्योंकि 2 औरते एक साथ चुप तो कभी बैठ ही नही सकती इसलिए बात होना लाज़मी था इसी तरह हीना का मूड भी अब अच्छा हो गया था... ऐसे ही गुज़रते वक़्त के साथ हम अपनी रफ़्तार से मंज़िल को बढ़ रहे थे कि अचानक मुझे सामने एक चेक पोस्ट नज़र आई हम वो क्रॉस करके नही जा सकते थे क्योंकि हम सब के पास काफ़ी असला था ऑर ख़ान के साथ होने की वजह से हमारे पकड़े जाने का भी डर था
इसलिए मैने जल्दी से अपनी जेब से अपना फोन निकाला ऑर लाला को फोन करके अपनी गाड़ी के पिछे आने का हुकुम दिया ऑर अपनी गाड़ी को एक जंगल की तरफ घुमा दिया मेरे पिछे-पिछे ही बाकी गाडिया भी जंगल मे घुस गई कुछ दूर जाके मैने गाड़ी को रोक दिया क्योंकि मुझे आगे किस तरफ जाना है ये समझ मे नही आ रहा था इसलिए मैने गाड़ी से बाहर निकल कर लाला की गाड़ी को भी रुकने का इशारा किया मेरे नज़दीक आके उसकी गाड़ी भी रुक गई ऑर लाला गाड़ी से बाहर आ गया...
लाला: हाँ भाई यहाँ बीच जंगल मे कहाँ ले आया यार अब आगे कहाँ जाना है...
मैं: यार आगे चेक पोस्ट थी इसलिए मैने गाड़ी को जंगल मे घुमा लिया लेकिन अब आगे किस तरफ जाना है ये मुझे भी समझ नही आ रहा शायद हम भटक गये हैं...
लाला: लो जी कर लो बात... अब बीच जंगल मे क्या करेंगे यार दिन भी ढलने वाला है ऐसा करते हैं वापिस चलते हैं वहाँ से हाइवे पर हो जाएँगे...
मैयाँ: पागल हो गया है क्या... आगे चेक पोस्ट थी इसलिए तो मैने गाड़ी जंगल मे घुसा दी थी ऑर तू फिर से वही जाने की बात कर रहा है अब तक ये कुत्ते (ख़ान) के चमचे भी इसको ढूँढने निकल पड़े होंगे...
लाला: फिर क्या है यार साला डरता कौन है अपने पास हथियार की कमी है क्या साला जो भी आएगा मार कर निकल जाएँगे ऑर क्या चल भाई वापिस ही चलते हैं...
अभी हम दोनो बात ही कर रहे थे की अचानक ख़ान गाड़ी से मुँह बाहर निकाल कर चिल्लाया...
ख़ान: कमीनो तुम यहाँ से ज़िंदा नही जा सकते तुमने मुझे अगवा करके अपनी मौत को दावत दी है अभी तुम मुझे जानते नही हो...
लाला: (गुस्से मे) अर्रे यार भाई तू तो भाभी के साथ मज़े से बैठ गया ऑर ये हरामी को मेरे साथ डाल दिया साला भेजा खा गया मेरा कितना बोलता है ये... (अपने आदमियो से) यार कोई गंदा कपड़ा ढुंढ़ो इसका मुँह बाँधने को...
मुन्ना (हमारा आदमी) : भाई एक ही पट्टी थी वो भी ये साला कुत्ता काट गया ऑर पट्टी फॅट गई...
लाला: (कुछ सोचते हुए ऑर हँस कर) इसका इलाज तो मैं करता हूँ...
मैं: (सवालिया नज़रों से लाला को देखते हुए) ओये मार मत देना ये ज़िंदा चाहिए मुझे समझा अभी इससे बहुत कुछ उगलवाना है...
लाला: भाई फिकर मत कर मार कौन रहा है मेरा तो कुछ ऑर ही मूड है (आँख मारते हुए) ...
मैं: क्या करने जा रहा है तू...
लाला: (हँसते हुए) तू बस भाभी को गाड़ी से बाहर मत आने देना इसकी ऐसी-तैसी तो मैं करता हूँ साला मुँह खोलने के लायक नही रहेगा...
इतना कह कर वो अपना जूता उतारने लगा ऑर फिर अपनी ज़ुराब भी उतार ली ऑर फिर से जूता पहन लिया ऑर अपनी गंदी बद-बू-दार ज़ुराब उठा कर एक झाड़ी के पिछे चला गया मैने भी नाज़ी ऑर हीना को गाड़ी से बाहर निकलने से मना कर दिया... कुछ देर बाद लाला जब हँसता हुआ वापिस आया तो उसकी ज़ुराब गीली थी ऑर उससे पानी टपक रहा था...
मैं: (हँसते हुए) ये क्या है कमीने...
लाला: (हँसते हुए) इस कुत्ते का मुँह बंद करने का इलाज... चल भाई मुँह खोल इसका... लगे हाथ दोनो काम हो गये साला मेरा भी काफ़ी देर से प्रेशर बना हुआ था साला पेट भी खाली हो गया ऑर इसका भी इलाज हो गया...
लाला के साथ बैठे आदमियो ने ख़ान का मुँह पकड़ लिया ऑर ज़बरदस्ती पेशाब से गीली की हुई ज़ुराब ख़ान के मुँह मे डाल दी ऑर उसी फटी हुई पट्टी को दुबारा उसके मुँह पर बाँध दिया वो किसी बिन पानी की मछली की तरफ छट-पटा रहा था ऑर अपनी गर्दन को हवा मे इधर उधर कर रहा था... सब ये देख कर ज़ोर-ज़ोर से हँस रहे थे