16-11-2021, 03:19 PM
उसके बाद अचानक फ़ारूख़ के पिछे-पिछे वहाँ ख़ान भी आ गया...
ख़ान: अर्रे वाह आप भी शरीक है जनाब इस मुबारक मोक़े पर... बताने की ज़हमत उठाएँगे कि किस खुशी मे यहाँ आना हुआ...
मैं: तेरी मारने आया हूँ मादरचोद...
ख़ान: (हँसते हुए) साले तेरी गर्मी कभी नही जाएगी ना... (मेरा मुँह पकड़ते हुए) तू चीज़ क्या है यार साला तुझे 5-5 गोली मारो तब भी तू बच जाता है... कोई भी लड़की हो साला तुझे देखते ही कपड़े उतार कर खड़ी हो जाती है वो साली डॉक्टर्नी... क्या नाम था उसका... हाँ याद आया रिज़वाना... वो भी साले तेरे चक्कर मे फस गई ऑर मुझसे बग़ावत कर गई ऑर राणा को भेज दिया तेरे पास मेरी सच्चाई बताने को... ये तो अच्छा हुआ कि वक़्त पर मुझे पता चल गया ऑर मैने राणा ऑर रिज़वाना को वक़्त पर ख़तम करवा दिया वरना मेरा काम तो बहुत खराब हो जाना था...
मैं: क्या रिज़वाना ऑर राणा को तूने मरवाया था ऑर मुझे गोली तुमने मारी थी? (मतलब रिज़वाना का प्यार झूठ नही सच था ऑर मैं उस बिचारी को कितना ग़लत समझ रहा था जिसने मेरे लिए अपनी जान दे दी)
ख़ान: हाँ... छोटे के साथ पार्ट्नरशिप जो करनी थी... चल आज लगे हाथ तेरी याददाश्त को भी थोड़ा सा ताज़ा कर देता हूँ...
मैं: लेकिन मेरे साथ तूने धोखा क्यो किया मैं तो तेरा साथ देने तक को राज़ी था ऑर मुझे कुछ याद भी नही था...
ख़ान: देख यार बुरा मत मान लेकिन बिज़्नेस का असूल है अगर खुद उपर जाना है तो किसी ना किसी को तो नीचे गिराना ही पड़ेगा मेरे पास माल था लेकिन कोई तगड़ी कीमत देने वाला बाइयर नही था इसलिए मैने छोटे से हाथ मिला लिया... लेकिन तेरा शेख़ बाबा इस बात की इजाज़त कभी नही देता क्योंकि ड्रग्स का सारा धंधा तू संभालता था ऑर जब तक तू था तेरे बाबा शेख़ को भी हम रास्ते से नही हटा सकते थे क्योंकि उनकी ढाल तू था... इसलिए हमने सोचा कि पहले तुझे ही रास्ते से हटा देते हैं फिर बूढ़ा तो तेरे गम मे ही मर जाएगा ऑर छोटे भी बाबा शेख़ की कुर्सी पर बैठ जाएगा लेकिन अफ़सोस वो साला भी बच गया...
मैं: (ख़ान की बात सुन कर मुझे सब याद आने लगा कि कैसे मैं उस दिन डील करने के लिए जा रहा था जब पोलीस की एक जीप मेरे पिछे पड़ गई ऑर मुझ पर अँधा-धुन्ध गोलियाँ चलाने लगी जिससे एक गोली मेरी गाड़ी के टाइयर पर लगी ऑर गाड़ी का बॅलेन्स बिगड़ गया गाड़ी एक चट्टान के साथ जाके टकराई ऑर मेरा स्टारिंग व्हील से सिर टकरा गया ऑर वो ख़ान ही था जिसने मुझे गाड़ी से निकाल कर मुझ पर गोलियाँ चलाई थी ऑर फिर मुझे मरा हुआ समझ कर गाड़ी समेत खाई से नीचे धक्का दे दिया... मुझे सब कुछ याद आ गया था कि यही वो हरामखोर था जिसने मुझ पर गोली चलाई थी)
मादरचोद आज तक वो गोली नही बनी जो शेरा को मार सके ऑर हीना से निकाह के सपने देखना छोड़ दे उससे पहले ही मैं तुझे जहन्न्नुम पहुँचा दूँगा ऑर याद रखना मेरी एक गोली भी तेरी गान्ड फाड़ने के लिए काफ़ी है... क्योंकि शेरा की मार ऑर शेरा का वार कभी खाली नही जाता ऑर जिस पर पड़ता है वो आदमी सारी जिंदगी उठ नही सकता...
ख़ान: (हँसते हुए) सपना अच्छा है... साले तू तो खुद मेरे रहम-ओ-करम पर है तू मुझे मारेगा... मैं चाहूं तो तुझे अभी मसल सकता हूँ लेकिन पहले निकाह हो जाए फिर आके तेरी खबर लेता हूँ... वैसे भी वो हीना साली बहुत तारीफ करती है तेरी... तू देखना तेरे सामने हीना को नंगी करके सुहागरात मनाउन्गा ऑर फिर उसकी आँखो के सामने तुझे गोली मारूँगा... ओये नवाब इसका ख़याल रखना बहुत हरामी है देखना ये खुलने ना पाए...
नॉवब: जी ख़ान साहब...
उसके बाद ख़ान कमरे से बाहर चला गया ऑर फ़ारूख़ को मेरे सामने बिठा कर चला गया...
मैं: ओये चूतिए... मुझे पानी पिला भोसड़ी के...
फ़ारूख़: (गुस्से से मेरा कॉलर पकड़ते हुए) साले चूतिया किसको बोला...
मैं: तेरे को बोला गंदी नाली के कीड़े...
फ़ारूख़: (गुस्से) आआववव... क्यो मरना चाहता है साले ख़ान भाई का हुकुम नही होता तो अभी तुझे गोली मार देता...
मैं: साले हर काम ख़ान की गान्ड मे घुस कर ही करता है या खुद मे भी दम है...
फ़ारूख़: (मेरे पेट मे मुक्का मारते हुए) साले दम देखना है तुझे मेरा दिखाता हूँ तुझे दम ... (ये बोलने के साथ ही उसने 2 मुक्के ऑर मेरे पेट मारे) हवा निकली साले...
मैं: क्यो भोसड़ी के थक गया या गान्ड फॅट गई...
फ़ारूख़: ये मरेगा आज मेरे हाथ से... (ये बोलते ही उसने मेरे मुँह पर मुक्का मारा)
मैने तेज़ी से अपना हाथ आगे कर लिया ऑर उसका मुक्का हवा मे ही पकड़ लिया... जिसे देखकर उसकी आँखें बाहर आने को हो गई...
मैं: मादरचोद बोला था तुझे कि मुझे ठोक दे तू नही माना... अब देख मैं तुम सबकी यहाँ कैसे क़बर बनाता हूँ...
मैं कुर्सी से बँधा हुआ ही खड़ा हो गया ऑर फ़ारूख़ को बालो से पकड़ कर उसका सिर कुर्सी पर ज़ोर से मारा जिससे कुर्सी बैठने वाली जगह से टूट गई ऑर फ़ारूख़ ज़मीन पर अपना सिर पकड़ कर गिर गया... अब सिर्फ़ कुर्सी की आगे वाली टांगे ही मेरी टाँगो से बँधी हुई थी... इतने मे वहाँ बैठे सब लोग खड़े हो गये ऑर मुझे पकड़ने के लिए मेरी तरफ लपके जिनमे से एक को मैने गर्दन से पकड़ कर दूसरे के सिर मे पकड़े हुए आदमी का सिर मारा वो दोनो वही गिर गये... तभी एक आदमी छलाँग लगाके मेरे उपर गिर गया जिससे मैं खुद को संभाल नही सका ऑर मैं भी ज़मीन पर उसके साथ ही गिर गया... मैने जल्दी से उसका एक बाजू पकड़ा ऑर अपनी टाँग के नीचे से निकाल कर टाँग को मोड़ दिया जिससे उसकी गर्दन मेरे घुटने पर आ गई मेरे पैर के साथ कुर्सी की टाँग बँधे होने की वजह से मैं टाँग को मोड़ नही सकता था इसलिए मैने उसकी गर्दन को अपनी सीधी हुई टाँग पर ही दबा दिया ऑर गर्दन के पिछे की तरफ अपने हाथ का ज़ोर से वार किया जिससे उसकी गर्दन टूट गई ऑर उसके मुँह से खून निकलने लगा इतनी देर मे बाकी बचे 2 लोगो ने मेरे सिर मे शराब की बोतल फोड़नी शुरू करदी जिससे मेरे सिर मे से भी खून आने लगा...
उनमे से एक आदमी का मैने हाथ पकड़ा ऑर नीचे की तरफ खींच लिया जिससे वो आदमी मेरे उपर ही गिर गया मैने शराब की टूटी हुई बोतल उसके हाथ से छीन ली ऑर उसके गले मे टूटे हुए हिस्से से वार किया जिससे उसकी गर्दन मे काँच धँसते चले गये ऑर उसमे से पानी की तरह खून निकलने लगा जबकि दूसरा आदमी दरवाज़े की तरफ भागा मैने हाथ मे पकड़ी बोतल हवा मे उछाल कर उसके सिर मे मारी जिससे बोतल फुट गई ऑर वो दरवाज़े मे जाके लगा मैने बेड का सहारा लेके खुद को खड़ा किया ऑर जल्दी से अपनी टाँग से बँधी कुर्सी की टाँग की रस्सी को खोल दिया अब मैने वही कुर्सी की टाँग उठाई ऑर उसके सिर मे मारी जिससे कुर्सी की टाँग टूट गई ऑर उसके सिर से भी खून निकलने लगा... वो आदमी ज़मीन पर गिर गया ऑर मुझसे रहम की भीख माँगने लगा मैने टूटी हुई कुर्सी का टुकड़ा उठाया ऑर उसके मुँह मे डाल कर ज़ोर से पैर को कुर्सी के बाहर निकले हिस्से पर दबा दिया जिससे कुर्सी का नीचे वाला हिस्सा जो उसके मुँह मे घुसा हुआ हलक तक को चीर गया ऑर वो वही तड़प-तड़प के मर गया... अब मैने जल्दी से दूसरी टाँग पर बँधी कुर्सी भी खोली ऑर कमरे मे बने बाथरूम मे चला गया खुद के चेहरे पर लगे ज़ख़्म को देखने लगा फिर मैने अपने सिर को पानी से धोया ऑर चेहरे पर लगा खून सॉफ किया... उसके बाद मैं जल्दी से बाहर आया ऑर पोलीस वाली वर्दी उतार कर उन मरे हुए लोगो का कोट-पेंट पहन लिया क्योंकि लड़ाई के दोरान उन लोगो का काफ़ी खून वर्दी पर लग गया था...
ख़ान: अर्रे वाह आप भी शरीक है जनाब इस मुबारक मोक़े पर... बताने की ज़हमत उठाएँगे कि किस खुशी मे यहाँ आना हुआ...
मैं: तेरी मारने आया हूँ मादरचोद...
ख़ान: (हँसते हुए) साले तेरी गर्मी कभी नही जाएगी ना... (मेरा मुँह पकड़ते हुए) तू चीज़ क्या है यार साला तुझे 5-5 गोली मारो तब भी तू बच जाता है... कोई भी लड़की हो साला तुझे देखते ही कपड़े उतार कर खड़ी हो जाती है वो साली डॉक्टर्नी... क्या नाम था उसका... हाँ याद आया रिज़वाना... वो भी साले तेरे चक्कर मे फस गई ऑर मुझसे बग़ावत कर गई ऑर राणा को भेज दिया तेरे पास मेरी सच्चाई बताने को... ये तो अच्छा हुआ कि वक़्त पर मुझे पता चल गया ऑर मैने राणा ऑर रिज़वाना को वक़्त पर ख़तम करवा दिया वरना मेरा काम तो बहुत खराब हो जाना था...
मैं: क्या रिज़वाना ऑर राणा को तूने मरवाया था ऑर मुझे गोली तुमने मारी थी? (मतलब रिज़वाना का प्यार झूठ नही सच था ऑर मैं उस बिचारी को कितना ग़लत समझ रहा था जिसने मेरे लिए अपनी जान दे दी)
ख़ान: हाँ... छोटे के साथ पार्ट्नरशिप जो करनी थी... चल आज लगे हाथ तेरी याददाश्त को भी थोड़ा सा ताज़ा कर देता हूँ...
मैं: लेकिन मेरे साथ तूने धोखा क्यो किया मैं तो तेरा साथ देने तक को राज़ी था ऑर मुझे कुछ याद भी नही था...
ख़ान: देख यार बुरा मत मान लेकिन बिज़्नेस का असूल है अगर खुद उपर जाना है तो किसी ना किसी को तो नीचे गिराना ही पड़ेगा मेरे पास माल था लेकिन कोई तगड़ी कीमत देने वाला बाइयर नही था इसलिए मैने छोटे से हाथ मिला लिया... लेकिन तेरा शेख़ बाबा इस बात की इजाज़त कभी नही देता क्योंकि ड्रग्स का सारा धंधा तू संभालता था ऑर जब तक तू था तेरे बाबा शेख़ को भी हम रास्ते से नही हटा सकते थे क्योंकि उनकी ढाल तू था... इसलिए हमने सोचा कि पहले तुझे ही रास्ते से हटा देते हैं फिर बूढ़ा तो तेरे गम मे ही मर जाएगा ऑर छोटे भी बाबा शेख़ की कुर्सी पर बैठ जाएगा लेकिन अफ़सोस वो साला भी बच गया...
मैं: (ख़ान की बात सुन कर मुझे सब याद आने लगा कि कैसे मैं उस दिन डील करने के लिए जा रहा था जब पोलीस की एक जीप मेरे पिछे पड़ गई ऑर मुझ पर अँधा-धुन्ध गोलियाँ चलाने लगी जिससे एक गोली मेरी गाड़ी के टाइयर पर लगी ऑर गाड़ी का बॅलेन्स बिगड़ गया गाड़ी एक चट्टान के साथ जाके टकराई ऑर मेरा स्टारिंग व्हील से सिर टकरा गया ऑर वो ख़ान ही था जिसने मुझे गाड़ी से निकाल कर मुझ पर गोलियाँ चलाई थी ऑर फिर मुझे मरा हुआ समझ कर गाड़ी समेत खाई से नीचे धक्का दे दिया... मुझे सब कुछ याद आ गया था कि यही वो हरामखोर था जिसने मुझ पर गोली चलाई थी)
मादरचोद आज तक वो गोली नही बनी जो शेरा को मार सके ऑर हीना से निकाह के सपने देखना छोड़ दे उससे पहले ही मैं तुझे जहन्न्नुम पहुँचा दूँगा ऑर याद रखना मेरी एक गोली भी तेरी गान्ड फाड़ने के लिए काफ़ी है... क्योंकि शेरा की मार ऑर शेरा का वार कभी खाली नही जाता ऑर जिस पर पड़ता है वो आदमी सारी जिंदगी उठ नही सकता...
ख़ान: (हँसते हुए) सपना अच्छा है... साले तू तो खुद मेरे रहम-ओ-करम पर है तू मुझे मारेगा... मैं चाहूं तो तुझे अभी मसल सकता हूँ लेकिन पहले निकाह हो जाए फिर आके तेरी खबर लेता हूँ... वैसे भी वो हीना साली बहुत तारीफ करती है तेरी... तू देखना तेरे सामने हीना को नंगी करके सुहागरात मनाउन्गा ऑर फिर उसकी आँखो के सामने तुझे गोली मारूँगा... ओये नवाब इसका ख़याल रखना बहुत हरामी है देखना ये खुलने ना पाए...
नॉवब: जी ख़ान साहब...
उसके बाद ख़ान कमरे से बाहर चला गया ऑर फ़ारूख़ को मेरे सामने बिठा कर चला गया...
मैं: ओये चूतिए... मुझे पानी पिला भोसड़ी के...
फ़ारूख़: (गुस्से से मेरा कॉलर पकड़ते हुए) साले चूतिया किसको बोला...
मैं: तेरे को बोला गंदी नाली के कीड़े...
फ़ारूख़: (गुस्से) आआववव... क्यो मरना चाहता है साले ख़ान भाई का हुकुम नही होता तो अभी तुझे गोली मार देता...
मैं: साले हर काम ख़ान की गान्ड मे घुस कर ही करता है या खुद मे भी दम है...
फ़ारूख़: (मेरे पेट मे मुक्का मारते हुए) साले दम देखना है तुझे मेरा दिखाता हूँ तुझे दम ... (ये बोलने के साथ ही उसने 2 मुक्के ऑर मेरे पेट मारे) हवा निकली साले...
मैं: क्यो भोसड़ी के थक गया या गान्ड फॅट गई...
फ़ारूख़: ये मरेगा आज मेरे हाथ से... (ये बोलते ही उसने मेरे मुँह पर मुक्का मारा)
मैने तेज़ी से अपना हाथ आगे कर लिया ऑर उसका मुक्का हवा मे ही पकड़ लिया... जिसे देखकर उसकी आँखें बाहर आने को हो गई...
मैं: मादरचोद बोला था तुझे कि मुझे ठोक दे तू नही माना... अब देख मैं तुम सबकी यहाँ कैसे क़बर बनाता हूँ...
मैं कुर्सी से बँधा हुआ ही खड़ा हो गया ऑर फ़ारूख़ को बालो से पकड़ कर उसका सिर कुर्सी पर ज़ोर से मारा जिससे कुर्सी बैठने वाली जगह से टूट गई ऑर फ़ारूख़ ज़मीन पर अपना सिर पकड़ कर गिर गया... अब सिर्फ़ कुर्सी की आगे वाली टांगे ही मेरी टाँगो से बँधी हुई थी... इतने मे वहाँ बैठे सब लोग खड़े हो गये ऑर मुझे पकड़ने के लिए मेरी तरफ लपके जिनमे से एक को मैने गर्दन से पकड़ कर दूसरे के सिर मे पकड़े हुए आदमी का सिर मारा वो दोनो वही गिर गये... तभी एक आदमी छलाँग लगाके मेरे उपर गिर गया जिससे मैं खुद को संभाल नही सका ऑर मैं भी ज़मीन पर उसके साथ ही गिर गया... मैने जल्दी से उसका एक बाजू पकड़ा ऑर अपनी टाँग के नीचे से निकाल कर टाँग को मोड़ दिया जिससे उसकी गर्दन मेरे घुटने पर आ गई मेरे पैर के साथ कुर्सी की टाँग बँधे होने की वजह से मैं टाँग को मोड़ नही सकता था इसलिए मैने उसकी गर्दन को अपनी सीधी हुई टाँग पर ही दबा दिया ऑर गर्दन के पिछे की तरफ अपने हाथ का ज़ोर से वार किया जिससे उसकी गर्दन टूट गई ऑर उसके मुँह से खून निकलने लगा इतनी देर मे बाकी बचे 2 लोगो ने मेरे सिर मे शराब की बोतल फोड़नी शुरू करदी जिससे मेरे सिर मे से भी खून आने लगा...
उनमे से एक आदमी का मैने हाथ पकड़ा ऑर नीचे की तरफ खींच लिया जिससे वो आदमी मेरे उपर ही गिर गया मैने शराब की टूटी हुई बोतल उसके हाथ से छीन ली ऑर उसके गले मे टूटे हुए हिस्से से वार किया जिससे उसकी गर्दन मे काँच धँसते चले गये ऑर उसमे से पानी की तरह खून निकलने लगा जबकि दूसरा आदमी दरवाज़े की तरफ भागा मैने हाथ मे पकड़ी बोतल हवा मे उछाल कर उसके सिर मे मारी जिससे बोतल फुट गई ऑर वो दरवाज़े मे जाके लगा मैने बेड का सहारा लेके खुद को खड़ा किया ऑर जल्दी से अपनी टाँग से बँधी कुर्सी की टाँग की रस्सी को खोल दिया अब मैने वही कुर्सी की टाँग उठाई ऑर उसके सिर मे मारी जिससे कुर्सी की टाँग टूट गई ऑर उसके सिर से भी खून निकलने लगा... वो आदमी ज़मीन पर गिर गया ऑर मुझसे रहम की भीख माँगने लगा मैने टूटी हुई कुर्सी का टुकड़ा उठाया ऑर उसके मुँह मे डाल कर ज़ोर से पैर को कुर्सी के बाहर निकले हिस्से पर दबा दिया जिससे कुर्सी का नीचे वाला हिस्सा जो उसके मुँह मे घुसा हुआ हलक तक को चीर गया ऑर वो वही तड़प-तड़प के मर गया... अब मैने जल्दी से दूसरी टाँग पर बँधी कुर्सी भी खोली ऑर कमरे मे बने बाथरूम मे चला गया खुद के चेहरे पर लगे ज़ख़्म को देखने लगा फिर मैने अपने सिर को पानी से धोया ऑर चेहरे पर लगा खून सॉफ किया... उसके बाद मैं जल्दी से बाहर आया ऑर पोलीस वाली वर्दी उतार कर उन मरे हुए लोगो का कोट-पेंट पहन लिया क्योंकि लड़ाई के दोरान उन लोगो का काफ़ी खून वर्दी पर लग गया था...