16-11-2021, 02:58 PM
हम दोनो सुकून से सोए पड़े थे कि किसी ने आधा रात को हमारा दरवाज़ा खट-खाटाया जिससे रूबी की नींद खुल गई उसने फॉरन मुझे उठाया ऑर कपड़े पहनने का कहा मैने जल्दी मे सिर्फ़ पेंट पहनी ऑर दरवाज़ा खोलने चला गया... इतनी देर मे रूबी ने ज़मीन पर बिखरे अपने कपड़े उठाए ऑर बाथरूम मे भाग गई... मैं आँखें मलता हुआ दरवाज़ा खोला तो सामने रसूल ऑर मेरा ड्राइवर खड़े थे...
मैं: क्या है यार इतनी रात तुमको क्या काम पड़ गया, इतनी अच्छी नींद आ रही थी बेकार मे खराब कर दी...
रसूल: भाई बाबा की तबीयत बहुत खराब हो गई है वो आपको बुला रहे हैं...
ये बात सुन कर मेरी झटके से आँखें खुल गई ऑर मैं बिना कुछ बोले अंदर शर्ट पहन ने चला गया... तब तक रूबी भी कपड़े पहनकर बाहर आ चुकी थी...
रूबी: (दरवाज़े पर देखते हुए) कौन है बाहर शेरा...
मैं: रसूल है... बाबा की तबीयत खराब हो गई है इसलिए मुझे याद कर रहे हैं
रूबी: ओह्ह्ह... मैं भी चलती हूँ आपके साथ...
मैं: नही तुम रहने दो मैं थोड़ी देर मे आ जाउन्गा तुम दरवाज़ा बंद करके आराम से सो जाओ
रूबी: कोई सीरीयस बात तो नही है ना
मैं: ये तो वहाँ जाके ही पता चलेगा...
रूबी: ठीक है... अगर मेरी ज़रूरत हो तो ड्राइवर को भेज देना...
मैं: (रूबी का सिर चूमते हुए) ठीक है अब तुम आराम करो ऑर सो जाना...
रूबी: (मुस्कुराते हुए) हमम्म ठीक है...
उसके बाद मैं तेज़ कदमो के साथ घर से बाहर निकल गया ऑर रसूल के साथ गाड़ी मे बैठ कर जल्दी से अपने ठिकाने पर पहुँच गया... वहाँ लाला, गानी ऑर सूमा पहले से मोजूद थे... मैं जल्दी से जाके बाबा के पास बैठ गया...
बाबा: आ गया तू शेरा...
मैं: जी बाबा... आप आराम कीजिए मैं डॉक्टर से बात करके आता हूँ (डॉक्टर को देखते हुए) क्या हुआ है बाबा को?
बाबा: (हाँ मे सिर हिलाते हुए) अच्छा...
डॉक्टर: इनको साँस लेने मे तक़लीफ़ हो रही है
मैं: ये ठीक तो हो जाएँगे ना... अगर आप कहे तो मैं शहर से ऑर डॉक्टर बुलवा लेता हूँ...
डॉक्टर: उसकी कोई ज़रूरत नही है आप ज़रा मेरे साथ आइए आप से बात करनी थी...
मैं: (डॉक्टर को कमरे से बाहर लेके जाते हुए) चलिए...
उसके बाद मैं ऑर डॉक्टर बाहर हॉल मे आ गये मेरे पिछे-पिछे लाला, गानी ऑर सूमा भी आ गये जबकि रसूल बाबा के पास ही बैठ गया...
मैं: कहिए डॉक्टर क्या बात है...
डॉक्टर: देखिए मैं आपको कोई झूठा दिलासा नही देना चाहता इसलिए आपको सच बता रहा हूँ... इनके बॉडी मे काफ़ी गोलियाँ लगी थी कुछ वक़्त पहले आपको तो पता ही होगा...
मैं: ये तो हम जानते हैं इसमे नयी बता क्या है...
डॉक्टर: शायद आपको पता नही है लेकिन 6 गोलियो मे से 5 गोलियाँ तो ऑपरेशन से निकाल दी थी लेकिन 1 गोली इनके दिल के पिछे चली गई थी अगर वो गोली निकलते तो उनकी जान को ख़तरा हो सकता था इसलिए डॉक्टर्स ने वो गोली नही निकाली अब इतने दिन से वो गोली वहाँ रहने की वजह से पूरी बॉडी मे ज़हर फैल गया है इसलिए अब इनका बचना बहुत मुश्किल है... माफ़ कीजिए लेकिन अब इनके पास अब ज़्यादा वक़्त नही है...
मैं: देखिए डॉक्टर साहब आप पैसे की फिकर मत कीजिए पानी की तरह पैसा बहा दूँगा लेकिन वो जो अंदर लेता है वो मेरे लिए मेरा बाप है उनको कैसे भी करके बचा लीजिए मैने आज तक किसी के सामने हाथ नही जोड़े लेकिन आज जोड़ रहा हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़...
डॉक्टर: सॉरी मैं कुछ नही कर सकता अब काफ़ी देर हो गई है...
मैं: अगर बाबा को कुछ हुआ तो तू भी नही बचेगा ये बात समझ ले... लाला ले जा ... साले को ऑर इसको डॉक्टरी सीखा...
उसके बाद हम वापिस मायूस दिल के साथ बाबा के पास आके बैठ गये...
बाबा: क्या कहा डॉक्टर ने...
मैं: बाबा आप ठीक हो जाएँगे कुछ नही होगा
बाबा: (मुस्कुराते हुए) तुझे झूठ बोलना भी नही आता... किसको झूठ बोला रहा है शेरा मुझे तेरी रग-रग पता है... मैं जानता हूँ कि अब मेरा आखरी वक़्त आ गया है इसलिए अब जो मैं कहूँगा वो बहुत ध्यान से सुनना तुम सब...
मैं: (रोते हुए) ऐसा मत बोलो बाबा आप बहुत जल्द अच्छे हो जाओगे... एह रसूल फॉरन दूसरे डॉक्टर का इंतज़ाम कर...
रसूल: हाँ अभी जाता हूँ...
बाबा: उसकी कोई ज़रूरत नही है मेरे पास बैठो तुम सारे...
मैं: (बाबा का हाथ पकड़ कर उनके पास बैठ ते हुए) जी बाबा हुकुम कीजिए...
बाबा: बेटा शेरा अब ये सब कारोबार ये सारे लोग सब तेरी ज़िम्मेदारी है मैं तेरे कंधो पर ये सब कुछ छोड़ कर जा रहा हूँ...
मैं: जी बाबा...
बाबा: लाला, रसूल, सूमा ऑर गानी आज से तेरे दोस्त नही भाई हैं इनका ख़याल तुझे रखना है बस्ती मे जो लोग हैं वो भी तेरे अपने हैं उनको कभी किसी चीज़ की कमी ना होने पाए...
मैं: जी बाबा...
बाबा: तुम चारो भी इसकी हर बात मानना जो ये कहेगा वो मेरा हुकुम समझ कर हर बात की तामील करना हमेशा इसका साथ देना... हमेशा इसके साथ वफ़ादार रहना...
रसूल, लाला, गानी ओर सूमा: जी बाबा... हम हमेशा हर कदम पर शेरा के साथ हैं...
इतनी बात करके बाबा की साँस उखड़ने लगी ऑर मेरी आँखो के सामने आखरी कलमा पढ़ते हुए मुस्कुरकर वो दुनिया से रुखसत हो गये... हम उनके पास बैठे रात भर रोते रहे लेकिन अब कुछ भी नही हो सकता था... जो चला गया वो अब वापिस नही आ सकता था आज हम सब एक बार फिर से यतीम हो गये थे क्योंकि जिसने सारी उम्र हम को पाला था इस क़ाबिल बनाया था वो इंसान हम को छोड़ कर जा चुका था ऑर उनके जाने की वजह उपर वाला नही था बल्कि उनका ही बेटा छोटा था ये बात याद आते ही मेरा खून खोलने लगा... बाबा के पास बैठे तमाम लोग रो रहे थे लेकिन वो वक़्त रोने का नही खुद को संभालने का था इसलिए मैने अपनी आँख से आँसू सॉफ किए ऑर सब को होसला देने लगा ऑर चुप करवाने लगा... सुबह हमने उनका कफ़न दफ़न का इंतज़ाम किया ऑर उनको आखरी कदम देके रोते हुए वापिस आ गये उनके जनाज़े मे सारी बस्ती के लोग मोजूद थे एक-एक बड़ा ऑर एक-एक बुजुर्ग रो रहा था क्योंकि आज वो इंसान उनको छोड़ कर चला गया था जो हमेशा उनका ख़याल रखता था अब हर इंसान मुझे एक उम्मीद की नज़र से देख रहा था ऑर ये बात अब सच भी थी क्योंकि बाबा की जगह अब मैं था उनके सारे काम अब मुझे ही पूरे करने थे हमारे तमाम दुश्मनो को अब मुझे ही ख़तम करना था... अपनी इन्ही सोचो के साथ मैं वापिस ठिकाने पर आ गया ऑर अकेला उनके बेड के पास आके बैठ गया ऑर बाबा की सिखाई हुई बातो को याद करने लगा...
कुछ देर बाबा के कमरे मे गुज़ारने के बाद मैं वापिस लाला, सूमा, गानी ऑर रसूल के पास आके बैठ गया वो लोग अब भी बुरी तरह रो रहे थे इसलिए सबको चुप करवाता रहा...
------------------------------------------------------------------------------------------------------
मैं: क्या है यार इतनी रात तुमको क्या काम पड़ गया, इतनी अच्छी नींद आ रही थी बेकार मे खराब कर दी...
रसूल: भाई बाबा की तबीयत बहुत खराब हो गई है वो आपको बुला रहे हैं...
ये बात सुन कर मेरी झटके से आँखें खुल गई ऑर मैं बिना कुछ बोले अंदर शर्ट पहन ने चला गया... तब तक रूबी भी कपड़े पहनकर बाहर आ चुकी थी...
रूबी: (दरवाज़े पर देखते हुए) कौन है बाहर शेरा...
मैं: रसूल है... बाबा की तबीयत खराब हो गई है इसलिए मुझे याद कर रहे हैं
रूबी: ओह्ह्ह... मैं भी चलती हूँ आपके साथ...
मैं: नही तुम रहने दो मैं थोड़ी देर मे आ जाउन्गा तुम दरवाज़ा बंद करके आराम से सो जाओ
रूबी: कोई सीरीयस बात तो नही है ना
मैं: ये तो वहाँ जाके ही पता चलेगा...
रूबी: ठीक है... अगर मेरी ज़रूरत हो तो ड्राइवर को भेज देना...
मैं: (रूबी का सिर चूमते हुए) ठीक है अब तुम आराम करो ऑर सो जाना...
रूबी: (मुस्कुराते हुए) हमम्म ठीक है...
उसके बाद मैं तेज़ कदमो के साथ घर से बाहर निकल गया ऑर रसूल के साथ गाड़ी मे बैठ कर जल्दी से अपने ठिकाने पर पहुँच गया... वहाँ लाला, गानी ऑर सूमा पहले से मोजूद थे... मैं जल्दी से जाके बाबा के पास बैठ गया...
बाबा: आ गया तू शेरा...
मैं: जी बाबा... आप आराम कीजिए मैं डॉक्टर से बात करके आता हूँ (डॉक्टर को देखते हुए) क्या हुआ है बाबा को?
बाबा: (हाँ मे सिर हिलाते हुए) अच्छा...
डॉक्टर: इनको साँस लेने मे तक़लीफ़ हो रही है
मैं: ये ठीक तो हो जाएँगे ना... अगर आप कहे तो मैं शहर से ऑर डॉक्टर बुलवा लेता हूँ...
डॉक्टर: उसकी कोई ज़रूरत नही है आप ज़रा मेरे साथ आइए आप से बात करनी थी...
मैं: (डॉक्टर को कमरे से बाहर लेके जाते हुए) चलिए...
उसके बाद मैं ऑर डॉक्टर बाहर हॉल मे आ गये मेरे पिछे-पिछे लाला, गानी ऑर सूमा भी आ गये जबकि रसूल बाबा के पास ही बैठ गया...
मैं: कहिए डॉक्टर क्या बात है...
डॉक्टर: देखिए मैं आपको कोई झूठा दिलासा नही देना चाहता इसलिए आपको सच बता रहा हूँ... इनके बॉडी मे काफ़ी गोलियाँ लगी थी कुछ वक़्त पहले आपको तो पता ही होगा...
मैं: ये तो हम जानते हैं इसमे नयी बता क्या है...
डॉक्टर: शायद आपको पता नही है लेकिन 6 गोलियो मे से 5 गोलियाँ तो ऑपरेशन से निकाल दी थी लेकिन 1 गोली इनके दिल के पिछे चली गई थी अगर वो गोली निकलते तो उनकी जान को ख़तरा हो सकता था इसलिए डॉक्टर्स ने वो गोली नही निकाली अब इतने दिन से वो गोली वहाँ रहने की वजह से पूरी बॉडी मे ज़हर फैल गया है इसलिए अब इनका बचना बहुत मुश्किल है... माफ़ कीजिए लेकिन अब इनके पास अब ज़्यादा वक़्त नही है...
मैं: देखिए डॉक्टर साहब आप पैसे की फिकर मत कीजिए पानी की तरह पैसा बहा दूँगा लेकिन वो जो अंदर लेता है वो मेरे लिए मेरा बाप है उनको कैसे भी करके बचा लीजिए मैने आज तक किसी के सामने हाथ नही जोड़े लेकिन आज जोड़ रहा हूँ प्लज़्ज़्ज़्ज़...
डॉक्टर: सॉरी मैं कुछ नही कर सकता अब काफ़ी देर हो गई है...
मैं: अगर बाबा को कुछ हुआ तो तू भी नही बचेगा ये बात समझ ले... लाला ले जा ... साले को ऑर इसको डॉक्टरी सीखा...
उसके बाद हम वापिस मायूस दिल के साथ बाबा के पास आके बैठ गये...
बाबा: क्या कहा डॉक्टर ने...
मैं: बाबा आप ठीक हो जाएँगे कुछ नही होगा
बाबा: (मुस्कुराते हुए) तुझे झूठ बोलना भी नही आता... किसको झूठ बोला रहा है शेरा मुझे तेरी रग-रग पता है... मैं जानता हूँ कि अब मेरा आखरी वक़्त आ गया है इसलिए अब जो मैं कहूँगा वो बहुत ध्यान से सुनना तुम सब...
मैं: (रोते हुए) ऐसा मत बोलो बाबा आप बहुत जल्द अच्छे हो जाओगे... एह रसूल फॉरन दूसरे डॉक्टर का इंतज़ाम कर...
रसूल: हाँ अभी जाता हूँ...
बाबा: उसकी कोई ज़रूरत नही है मेरे पास बैठो तुम सारे...
मैं: (बाबा का हाथ पकड़ कर उनके पास बैठ ते हुए) जी बाबा हुकुम कीजिए...
बाबा: बेटा शेरा अब ये सब कारोबार ये सारे लोग सब तेरी ज़िम्मेदारी है मैं तेरे कंधो पर ये सब कुछ छोड़ कर जा रहा हूँ...
मैं: जी बाबा...
बाबा: लाला, रसूल, सूमा ऑर गानी आज से तेरे दोस्त नही भाई हैं इनका ख़याल तुझे रखना है बस्ती मे जो लोग हैं वो भी तेरे अपने हैं उनको कभी किसी चीज़ की कमी ना होने पाए...
मैं: जी बाबा...
बाबा: तुम चारो भी इसकी हर बात मानना जो ये कहेगा वो मेरा हुकुम समझ कर हर बात की तामील करना हमेशा इसका साथ देना... हमेशा इसके साथ वफ़ादार रहना...
रसूल, लाला, गानी ओर सूमा: जी बाबा... हम हमेशा हर कदम पर शेरा के साथ हैं...
इतनी बात करके बाबा की साँस उखड़ने लगी ऑर मेरी आँखो के सामने आखरी कलमा पढ़ते हुए मुस्कुरकर वो दुनिया से रुखसत हो गये... हम उनके पास बैठे रात भर रोते रहे लेकिन अब कुछ भी नही हो सकता था... जो चला गया वो अब वापिस नही आ सकता था आज हम सब एक बार फिर से यतीम हो गये थे क्योंकि जिसने सारी उम्र हम को पाला था इस क़ाबिल बनाया था वो इंसान हम को छोड़ कर जा चुका था ऑर उनके जाने की वजह उपर वाला नही था बल्कि उनका ही बेटा छोटा था ये बात याद आते ही मेरा खून खोलने लगा... बाबा के पास बैठे तमाम लोग रो रहे थे लेकिन वो वक़्त रोने का नही खुद को संभालने का था इसलिए मैने अपनी आँख से आँसू सॉफ किए ऑर सब को होसला देने लगा ऑर चुप करवाने लगा... सुबह हमने उनका कफ़न दफ़न का इंतज़ाम किया ऑर उनको आखरी कदम देके रोते हुए वापिस आ गये उनके जनाज़े मे सारी बस्ती के लोग मोजूद थे एक-एक बड़ा ऑर एक-एक बुजुर्ग रो रहा था क्योंकि आज वो इंसान उनको छोड़ कर चला गया था जो हमेशा उनका ख़याल रखता था अब हर इंसान मुझे एक उम्मीद की नज़र से देख रहा था ऑर ये बात अब सच भी थी क्योंकि बाबा की जगह अब मैं था उनके सारे काम अब मुझे ही पूरे करने थे हमारे तमाम दुश्मनो को अब मुझे ही ख़तम करना था... अपनी इन्ही सोचो के साथ मैं वापिस ठिकाने पर आ गया ऑर अकेला उनके बेड के पास आके बैठ गया ऑर बाबा की सिखाई हुई बातो को याद करने लगा...
कुछ देर बाबा के कमरे मे गुज़ारने के बाद मैं वापिस लाला, सूमा, गानी ऑर रसूल के पास आके बैठ गया वो लोग अब भी बुरी तरह रो रहे थे इसलिए सबको चुप करवाता रहा...
------------------------------------------------------------------------------------------------------