16-11-2021, 02:49 PM
शाम होने तक हमारे धंधे से जुड़े तमाम लोग वहाँ मोजूद थे जिनमे छोटा शेख़ ऑर शम्मी भी था... सबका इज़्ज़त के साथ इस्तक़्बाल हुआ ऑर उनको हॉल मे बिठा दिया गया... मैं बाबा के साथ ही था क्योंकि बाबा अब चल नही पाते थे इसलिए हमने उन्हे व्हील चेयर पर बिठा दिया ऑर मैं खुद व्हील चेयर को चला कर बाबा को हॉल तक लेकर गया... बाबा के आते ही सब लोग बाबा के लिए खड़े हो गये ऑर बाबा ने हाथ के इशारे से सबको बैठने को कहा... कुछ देर सब लोग बाबा की तबीयत पुछ्ते रहे... उसके बाद बाबा ने काम की बात शुरू की...
बाबा: आप सब इतने कम वक़्त मे यहाँ आए उसका शुक्रिया...
1 आदमी: बाबा लेकिन आपने आज इतने दिन बाद हम सब को एक साथ कैसे याद फरमाया...
बाबा: आप सब तो जानते ही हैं कि अब मुझ मे वो ताक़त नही रही कि मैं अपना इतना फैला हुआ बिज़्नेस एंपाइयर संभाल सकूँ इसलिए मैने अपना ये सारा बिज़्नेस आप मे से ही किसी एक को देने का फ़ैसला किया है...
छोटा: इसमे फ़ैसला क्या करना है बाबा आपका बेटा मैं हूँ तो आपकी कुर्सी पर पहला हक़ भी मेरा है...
बाबा: बेटा हो जाने से काबिलियत नही आ जाती... मैं अपनी कुर्सी उसको दूँगा जो ना सिर्फ़ मेरी कुर्सी को संभाल सके बल्कि मेरे बनाए बिज़्नेस को बढ़ा भी सके...
आदमी: अगर छोटा नही है तो फिर वो कौन है बाबा...
बाबा: आज के बाद से शेरा ही मेरी कुर्सी संभालेगा इसका हर हुकुम मेरा हुकुम है अब से ये जिसको जो भी धंधा देगा उसको वही संभालना होगा ऑर महीने की सारी कमाई लाके तुम सब पहले की तरह अब शेरा को दोगे जिसमे से शेरा तुम लोगो का हिस्सा तुमको देगा...
मेरा नाम सुनते ही वहाँ बैठे तमाम लोग खुश हो गये ऑर मेरे लिए तालियाँ बजाने लगे तभी शम्मी ऑर छोटे का मुँह गुस्से से लाल हो गया...
छोटा: बाबा आप ये ठीक नही कर रहे मेरा हक़ आप किसी ऑर को कैसे दे सकते हैं...
बाबा: मुझे तुमसे सीखने की ज़रूरत नही है कि मुझे क्या करना चाहिए ऑर क्या नही समझे तुमको जो मिला है उसी से काम चलाओ क्योंकि तुम उसके ही लायक हो...
छोटा: (गुस्सा होते हुए) मुझे आपकी खैरात नही चाहिए जो आपने मुझे दिया है वो भी संभाल कर रखू मैं जा रहा हूँ यहाँ
से आपको क्या लगता है आपकी कुर्सी पर अगर ये बैठ जाएगा तो ये मुझसे बेहतर बिज़्नेस को संभाल पाएगा...
बाबा: मुझे लगता नही है मैं जानता हूँ ये मेरा हर बिज़्नेस को दोगुना कर देगा...
छोटा: ज़िंदा रहेगा तब करेगा ना...
लाला: यहाँ से दफ्फा हो जा नही तो तेरा फ़ैसला मैं यही कर दूँगा...
बाबा: (हाथ से लाला को इशारा करते हुए) मैने जो कहा है वो मेरा आखरी फ़ैसला है जिसको भी मेरा फ़ैसला मंजूर है वो यहाँ शॉंक से बैठा रह सकता है जिसको ऐतराज़ है वो छोटे ऑर शम्मी के साथ जा सकता है
बाकी के तमाम मोजूद लोगो ने एक आवाज़ मे एक साथ कहा " हमे आपके फ़ैसले से कोई ऐतराज़ नही है" उसके बाद बाबा के इसरार पर आज पहली बार मैं बाबा की कुर्सी पर जाके बैठ गया ऑर मुझे जैसा बाबा ने समझाया था मैने सबको उनके हिस्से के बिज़्नेस चलाने को दे दिए... कुछ देर वहाँ बैठने बाद बाबा आराम करने के लिए चले गये इसलिए मैं उनको वापिस उनके कमरे मे छोड़ आया ऑर खुद वापिस आके अपने बाकी लोगो के पास जाके बैठ गया ऑर हम सब को उनके काम को चलाने के बारे मे समझाने लगा... रात को सब ज़िद्द करने लगे कि मेरे कुर्सी संभालने की खुशी मे जशन होना चाहिए इसलिए रात को लड़कियो को बुलाया जिन्होने महफ़िल मे चार-चाँद लगा दिए ओर तमाम आए मेहमानो को मदहोश कर दिया...
..........................................................................................................................................
बाबा: आप सब इतने कम वक़्त मे यहाँ आए उसका शुक्रिया...
1 आदमी: बाबा लेकिन आपने आज इतने दिन बाद हम सब को एक साथ कैसे याद फरमाया...
बाबा: आप सब तो जानते ही हैं कि अब मुझ मे वो ताक़त नही रही कि मैं अपना इतना फैला हुआ बिज़्नेस एंपाइयर संभाल सकूँ इसलिए मैने अपना ये सारा बिज़्नेस आप मे से ही किसी एक को देने का फ़ैसला किया है...
छोटा: इसमे फ़ैसला क्या करना है बाबा आपका बेटा मैं हूँ तो आपकी कुर्सी पर पहला हक़ भी मेरा है...
बाबा: बेटा हो जाने से काबिलियत नही आ जाती... मैं अपनी कुर्सी उसको दूँगा जो ना सिर्फ़ मेरी कुर्सी को संभाल सके बल्कि मेरे बनाए बिज़्नेस को बढ़ा भी सके...
आदमी: अगर छोटा नही है तो फिर वो कौन है बाबा...
बाबा: आज के बाद से शेरा ही मेरी कुर्सी संभालेगा इसका हर हुकुम मेरा हुकुम है अब से ये जिसको जो भी धंधा देगा उसको वही संभालना होगा ऑर महीने की सारी कमाई लाके तुम सब पहले की तरह अब शेरा को दोगे जिसमे से शेरा तुम लोगो का हिस्सा तुमको देगा...
मेरा नाम सुनते ही वहाँ बैठे तमाम लोग खुश हो गये ऑर मेरे लिए तालियाँ बजाने लगे तभी शम्मी ऑर छोटे का मुँह गुस्से से लाल हो गया...
छोटा: बाबा आप ये ठीक नही कर रहे मेरा हक़ आप किसी ऑर को कैसे दे सकते हैं...
बाबा: मुझे तुमसे सीखने की ज़रूरत नही है कि मुझे क्या करना चाहिए ऑर क्या नही समझे तुमको जो मिला है उसी से काम चलाओ क्योंकि तुम उसके ही लायक हो...
छोटा: (गुस्सा होते हुए) मुझे आपकी खैरात नही चाहिए जो आपने मुझे दिया है वो भी संभाल कर रखू मैं जा रहा हूँ यहाँ
से आपको क्या लगता है आपकी कुर्सी पर अगर ये बैठ जाएगा तो ये मुझसे बेहतर बिज़्नेस को संभाल पाएगा...
बाबा: मुझे लगता नही है मैं जानता हूँ ये मेरा हर बिज़्नेस को दोगुना कर देगा...
छोटा: ज़िंदा रहेगा तब करेगा ना...
लाला: यहाँ से दफ्फा हो जा नही तो तेरा फ़ैसला मैं यही कर दूँगा...
बाबा: (हाथ से लाला को इशारा करते हुए) मैने जो कहा है वो मेरा आखरी फ़ैसला है जिसको भी मेरा फ़ैसला मंजूर है वो यहाँ शॉंक से बैठा रह सकता है जिसको ऐतराज़ है वो छोटे ऑर शम्मी के साथ जा सकता है
बाकी के तमाम मोजूद लोगो ने एक आवाज़ मे एक साथ कहा " हमे आपके फ़ैसले से कोई ऐतराज़ नही है" उसके बाद बाबा के इसरार पर आज पहली बार मैं बाबा की कुर्सी पर जाके बैठ गया ऑर मुझे जैसा बाबा ने समझाया था मैने सबको उनके हिस्से के बिज़्नेस चलाने को दे दिए... कुछ देर वहाँ बैठने बाद बाबा आराम करने के लिए चले गये इसलिए मैं उनको वापिस उनके कमरे मे छोड़ आया ऑर खुद वापिस आके अपने बाकी लोगो के पास जाके बैठ गया ऑर हम सब को उनके काम को चलाने के बारे मे समझाने लगा... रात को सब ज़िद्द करने लगे कि मेरे कुर्सी संभालने की खुशी मे जशन होना चाहिए इसलिए रात को लड़कियो को बुलाया जिन्होने महफ़िल मे चार-चाँद लगा दिए ओर तमाम आए मेहमानो को मदहोश कर दिया...
..........................................................................................................................................