16-11-2021, 02:49 PM
अपडेट-47
ये सुनकर रूबी को जाने क्या हुआ उसने उस आदमी की कलाई पकड़ी जिसमे उसने गन पकड़ी थी ऑर झटके से घुमा दिया ऑर भाग कर मेरी तरफ आ गई... अब वो आदमी अकेला था ऑर उसके हाथ से गन गिर चुकी थी मैने जल्दी से ज़मीन पर गिरी उसकी पिस्टल को ठोकर मार कर दूर फैंक दिया ऑर उसकी तरफ गुस्से से बढ़ा ऑर जाते ही मैने उसकी नाक पर अपने सिर की टक्कर मारी जिससे उसके नाक से खून निकलने लगा... अब मैने उसकी एक बाजू को पकड़ा ऑर सीधा करके घुमा दिया ऑर अपने घुटने के जोड़ मे फसा लिया ऑर उल्टी तरफ खींच दिया जिससे उसका हाथ टूट गया वो दर्द से चीख ऑर चिल्ला रहा था...
अब यही मैने उसके दूसरे हाथ के साथ भी किया ऑर अब उसके दोनो हाथ टूट चुके थे वो ज़मीन पर गिरा हुआ रो रहा था ऑर चिल्ला रहा था मैं जल्दी से उस पेड़ के पास गया जहाँ वो लताये लटक रही थी वहाँ से मैने कुछ लताये तोड़ी ऑर उनका एक फँदा बना लिया ऑर वापिस आके उसके एक पैर मे डाल दिया जबकि दूसरा सीरा मैने जीप के पिछे बाँध दिया... मैने रूबी को साथ लिया ऑर हम दोनो जल्दी से जीप मे बैठ गये... अब मैं तेज़ रफ़्तार से जीप चलानी शुरू कर दी ऑर बँधा होने की वजह से वो आदमी भी सड़क पर घसीट ता हुआ हमारे साथ आ रहा था... कुछ ही देर मे हम अपने इलाक़े मे पहुँच चुके थे जहाँ सब लोग उसको गौर से देख रहे थे... तभी रसूल ऑर मेरे कुछ लोग दौड़ते हुए मेरी जीप के पास आए...
रसूल: शेरा ये आदमी कौन है...
मैं: मुझ पर हमला हुआ था आज... 5 लोग थे बस यही बचा है...
रसूल: क्या बात कर रहा है तुम दोनो ठीक तो हो...
मैं: हम ठीक है... लेकिन इसका क्या करना है अब...
रसूल: करना क्या है इसको तो मेरे हवाले कर्दे...
रूबी: भाई जान ज़्यादा मत मारना पहले ही शेरा ने इसको बहुत मारा है...
रसूल: (हँसते हुए) अच्छा भाभी... शेरा तू खंडहर पर चला जाना बाबा के पास इसको मैं देख लूँगा...
मैं: ठीक है...
उसके बाद मैने फिर से जीप दौड़ा दी ऑर अपने घर के सामने लाके जीप को रोक दिया... फिर हम दोनो जैसे ही जीप से उतरे तो बाकी के लोग हमारे पास आ गये ऑर हमारा हाल-चाल पुच्छने लगे... मैने रूबी को अम्मा के पास छोड़ा ऑर खुद खंडहर पर चला गया... वहाँ लाला पहले से मोजूद था जिसने मुझे गले लगाकर मेरा इस्तक़्बाल किया... फिर हम दोनो बाबा के पास चले गये... बाबा को मैने तमाम हादसे के बारे मे बता दिया...
बाबा: हमम्म तो वो ज़लील इंसान यहाँ तक पहुँच गया है बेटा इसलिए मैं तुमको कहता था कि तुम अब अपनी कुर्सी संभाल ही लो ताकि ये रोज़-रोज़ का खून खराब तो बंद हो जाए... जब तक मेरी कुर्सी खाली रहेगी कोई ना कोई उसको हासिल करने की कोशिश करता रहेगा...
मैं: तो बाबा मेरे लिए क्या हुकुम है...
बाबा: मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी कुर्सी को संभाल लो... पता नही अब मैं ओर कितने दिन हूँ मैं चाहता हूँ कि मेरे होते हुए ही तुम मेरी कुर्सी पर बैठ जाओ...
मैं: लेकिन बाबा अभी मैं ठीक कहाँ हुआ हूँ मुझे कुछ भी याद नही है...
बाबा: नही ठीक हुए तो ना सही... तुम्हे अब तक का तो सब कुछ याद है ना बस उतना ही काफ़ी है बाकी मैं तुमको सब बता दूँगा...
लाला: हाँ शेरा बाबा ठीक कह रहे हैं...
मैं: ठीक है बाबा... जैसा आप बेहतर समझे...
मेरी ये बात सुनकर बाबा बहुत खुश हुए ओर मुझे गले से लगा लिया...
बाबा: लाला जाओ जाके मीटिंग का एलान करो ओर सबको यहाँ बुलाओ ऑर बता दो कि मेरा वारिस आ गया है अपनी कुर्सी संभालने के लिए...
लाला: जी बाबा अभी सबको फोन कर देता हूँ...
बाबा: शेरा बेटा मेरे पास आओ ऑर मैं तुमको हमारे बिज़्नेस का तमाम राज़ बता देता हूँ लेकिन पहले जाके दरवाज़ा बंद करके आओ...
उसके बाद मैने दरवाज़ा बंद कर दिया ऑर बाबा के पास जाके बैठ गया बाबा ने मुझे तमाम बिज़्नेस के बारे मे बताया ऑर ये भी बताया कि कौनसा बिज़्नेस कैसे चलाना है ऑर उसको कौन आदमी बेहतर चला सकता है... साथ ही उन्होने मुझे तमाम दौलत ऑर पैसे के बारे मे बताया फिर उन्होने आज तक कमाए तमाम सोने के बारे मे मुझे बताया जिसके पिछे छोटा पड़ा था ऑर मुझे बाबा ने ये भी बताया कि तमाम दौलत कहाँ पर पड़ी है ऑर हर सेफ को खोलने का तरीका क्या है...
ये सुनकर रूबी को जाने क्या हुआ उसने उस आदमी की कलाई पकड़ी जिसमे उसने गन पकड़ी थी ऑर झटके से घुमा दिया ऑर भाग कर मेरी तरफ आ गई... अब वो आदमी अकेला था ऑर उसके हाथ से गन गिर चुकी थी मैने जल्दी से ज़मीन पर गिरी उसकी पिस्टल को ठोकर मार कर दूर फैंक दिया ऑर उसकी तरफ गुस्से से बढ़ा ऑर जाते ही मैने उसकी नाक पर अपने सिर की टक्कर मारी जिससे उसके नाक से खून निकलने लगा... अब मैने उसकी एक बाजू को पकड़ा ऑर सीधा करके घुमा दिया ऑर अपने घुटने के जोड़ मे फसा लिया ऑर उल्टी तरफ खींच दिया जिससे उसका हाथ टूट गया वो दर्द से चीख ऑर चिल्ला रहा था...
अब यही मैने उसके दूसरे हाथ के साथ भी किया ऑर अब उसके दोनो हाथ टूट चुके थे वो ज़मीन पर गिरा हुआ रो रहा था ऑर चिल्ला रहा था मैं जल्दी से उस पेड़ के पास गया जहाँ वो लताये लटक रही थी वहाँ से मैने कुछ लताये तोड़ी ऑर उनका एक फँदा बना लिया ऑर वापिस आके उसके एक पैर मे डाल दिया जबकि दूसरा सीरा मैने जीप के पिछे बाँध दिया... मैने रूबी को साथ लिया ऑर हम दोनो जल्दी से जीप मे बैठ गये... अब मैं तेज़ रफ़्तार से जीप चलानी शुरू कर दी ऑर बँधा होने की वजह से वो आदमी भी सड़क पर घसीट ता हुआ हमारे साथ आ रहा था... कुछ ही देर मे हम अपने इलाक़े मे पहुँच चुके थे जहाँ सब लोग उसको गौर से देख रहे थे... तभी रसूल ऑर मेरे कुछ लोग दौड़ते हुए मेरी जीप के पास आए...
रसूल: शेरा ये आदमी कौन है...
मैं: मुझ पर हमला हुआ था आज... 5 लोग थे बस यही बचा है...
रसूल: क्या बात कर रहा है तुम दोनो ठीक तो हो...
मैं: हम ठीक है... लेकिन इसका क्या करना है अब...
रसूल: करना क्या है इसको तो मेरे हवाले कर्दे...
रूबी: भाई जान ज़्यादा मत मारना पहले ही शेरा ने इसको बहुत मारा है...
रसूल: (हँसते हुए) अच्छा भाभी... शेरा तू खंडहर पर चला जाना बाबा के पास इसको मैं देख लूँगा...
मैं: ठीक है...
उसके बाद मैने फिर से जीप दौड़ा दी ऑर अपने घर के सामने लाके जीप को रोक दिया... फिर हम दोनो जैसे ही जीप से उतरे तो बाकी के लोग हमारे पास आ गये ऑर हमारा हाल-चाल पुच्छने लगे... मैने रूबी को अम्मा के पास छोड़ा ऑर खुद खंडहर पर चला गया... वहाँ लाला पहले से मोजूद था जिसने मुझे गले लगाकर मेरा इस्तक़्बाल किया... फिर हम दोनो बाबा के पास चले गये... बाबा को मैने तमाम हादसे के बारे मे बता दिया...
बाबा: हमम्म तो वो ज़लील इंसान यहाँ तक पहुँच गया है बेटा इसलिए मैं तुमको कहता था कि तुम अब अपनी कुर्सी संभाल ही लो ताकि ये रोज़-रोज़ का खून खराब तो बंद हो जाए... जब तक मेरी कुर्सी खाली रहेगी कोई ना कोई उसको हासिल करने की कोशिश करता रहेगा...
मैं: तो बाबा मेरे लिए क्या हुकुम है...
बाबा: मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी कुर्सी को संभाल लो... पता नही अब मैं ओर कितने दिन हूँ मैं चाहता हूँ कि मेरे होते हुए ही तुम मेरी कुर्सी पर बैठ जाओ...
मैं: लेकिन बाबा अभी मैं ठीक कहाँ हुआ हूँ मुझे कुछ भी याद नही है...
बाबा: नही ठीक हुए तो ना सही... तुम्हे अब तक का तो सब कुछ याद है ना बस उतना ही काफ़ी है बाकी मैं तुमको सब बता दूँगा...
लाला: हाँ शेरा बाबा ठीक कह रहे हैं...
मैं: ठीक है बाबा... जैसा आप बेहतर समझे...
मेरी ये बात सुनकर बाबा बहुत खुश हुए ओर मुझे गले से लगा लिया...
बाबा: लाला जाओ जाके मीटिंग का एलान करो ओर सबको यहाँ बुलाओ ऑर बता दो कि मेरा वारिस आ गया है अपनी कुर्सी संभालने के लिए...
लाला: जी बाबा अभी सबको फोन कर देता हूँ...
बाबा: शेरा बेटा मेरे पास आओ ऑर मैं तुमको हमारे बिज़्नेस का तमाम राज़ बता देता हूँ लेकिन पहले जाके दरवाज़ा बंद करके आओ...
उसके बाद मैने दरवाज़ा बंद कर दिया ऑर बाबा के पास जाके बैठ गया बाबा ने मुझे तमाम बिज़्नेस के बारे मे बताया ऑर ये भी बताया कि कौनसा बिज़्नेस कैसे चलाना है ऑर उसको कौन आदमी बेहतर चला सकता है... साथ ही उन्होने मुझे तमाम दौलत ऑर पैसे के बारे मे बताया फिर उन्होने आज तक कमाए तमाम सोने के बारे मे मुझे बताया जिसके पिछे छोटा पड़ा था ऑर मुझे बाबा ने ये भी बताया कि तमाम दौलत कहाँ पर पड़ी है ऑर हर सेफ को खोलने का तरीका क्या है...