11-11-2021, 12:09 PM
अपडेट-43
उसके बाद मैं अकेला कॅबिन मे बैठा था इसलिए वापिस शीशे के पास आके नीचे देखने लगा जहाँ जापानी के तमाम लोग लगे हुए थे नया रिंग तेयार करने मे... मैं बस यही सोच रहा था कि मैने लड़ने के लिए हाँ तो बोल दिया है लेकिन क्या मैं लड़ भी सकता हूँ या नही... अंदर से मुझे भी डर लग रहा था लेकिन इन लोगो के दिल मे जगह बनाने का मेरे पास इससे अच्छा मोक़ा नही था इसलिए मैने लड़ाई के लिए हाँ बोल दिया था...
कुछ ही देर बाद लाला वापिस आया उसके हाथ मे एक बड़ा सा कार्टून था जिसमे बहुत सी सी... डी पड़ी थी...
लाला: ले भाई तेरा काम कर दिया है आज तक तूने जितनी भी फाइट लड़ी है उन सब की वीडियो फुटेज इसमे मोजूद है आराम से बैठ कर देखता रह...
मैं: ठीक है
लाला: ऑर कुछ चाहिए...
मैं: (ना मे सिर हिलाते हुए) शुक्रिया...
उसके बाद मैं वो कार्टून मे से वीडियो सीडी निकाल कर प्लेयर मे लगाने लगा ओर अपनी पुरानी जिंदगी को याद करने की कोशिश करने लगा... लेकिन अफ़सोस मुझे कुछ भी याद नही आ रहा था इसलिए मैं बस अपने दाव-पेच ही गौर से देखने लगा जो शायद मेरी फाइट मे काम आ सकते थे मुझे नही पता था कि ये दाव- पेच मेरे किसी काम भी आ सकते हैं या नही लेकिन फिर भी मैं इस फाइट को जीतने के लिए सब को बड़े गौर से देख रहा था... उसके बाद फाइट शुरू होने का वक़्त आ गया नीचे लोगो की भीढ़ भी बढ़ने लगी थी ऑर सब तेयारियाँ भी मुकम्मल हो चुकी थी रिंग भी तेयार था ऑर शम्मी का फाइटर ऑर शम्मी भी नीचे आ चुके थे... लेकिन मैं अभी तक उन्ही वीडियो फुटेज को ही देख रहा था तभी लाला कॅबिन मे आ गया...
लाला: भाई सब कुछ रेडी है...
मैं: हाँ चलो मैं भी रेडी हूँ...
लाला: यार एक बात फिर सोच ले तुझे ये फाइट लड़ने की कोई ज़रूरत नही है
मैं: ज़रूरत है लाला अपने लिए नही अपने यारो के लिए आज शेरा लड़ेगा ऑर ना सिर्फ़ लड़ेगा बल्कि जीतेगा भी...
लाला: (मुझे गले लगाते हुए) कौन बोलता है तू पहले जैसा नही रहा...
उसके बाद मैने अपनी शर्ट उतार दी ऑर सिर्फ़ जीन्स पेंट पहना हुआ सीढ़ियो से नीचे उतर गया तब तक शमी का फाइटर भी रिंग मे आ चुका था जो इस रिंग का अब फेव... बन चुका था ऑर एक भी फाइट नही हारा था... मेरे नीचे उतरते ही रेफ़री ने मेरा नाम पुकारा जिस पर सब लोग ने हाथ हवा मे उठा कर मेरे नाम का नारा बुलंद कर दिया... लाला मेरे पिछे मेरा नाम पुकारते हुए आ रहा था लेकिन मुझे जापानी कहीं भी नज़र नही आ रहा था मेरी नज़रे चारो तरफ जापानी को ढूँढ रही थी इसलिए मैने लाला को इशारे से जापानी के बारे मे पूछा तो उसने रिंग के अंदर इशारा किया... उसके बाद मैं बिना कोई जवाब दिए रिंग की तरफ बढ़ गया जहाँ शमी ऑर शमी का फाइटर मोजूद थे... मेरे रिंग के पास आते ही जापानी मेरे पास आके खड़ा हो गया ऑर मेरा एक हाथ पकड़ कर हवा मे उपर उठा दिया...
जापानी: भाई आज दिखा दे पुराना शेरा...
मैं: (मुस्कुरा कर जापानी को गले लगाते हुए) कोशिश करूँगा...
उसके बाद मैं रिंग के अंदर चला गया जहाँ शमी का फाइटर मेरे सामने आके खड़ा हो गया वो क़द मे ऑर शरीर मे मुझसे लग-भग दोगुना था लेकिन फिर भी वहाँ पर मोजूद तमाम लोग शेरा... शेरा... शेरा... नाम पुकार रहे थे जिससे मुझे बहुत होसला मिल रहा था...
फाइटर: शम्मी साहब ये लड़ेगा मेरे साथ...
शमी: हाँ भाई क्या करें कुछ लोगो को शहीद होने का शॉंक होता है...
फाइटर: (हँसते हुए) लोगो ने तुझे शेर बोला ऑर तू आ गया पिंजरे मे मरने के लिए, आज तो इस शेर की भी क़ुर्बानी होगी...
मैं: (हँसते हुए) हाथी कितना भी बड़ा हो जाए शेर का शिकार नही कर सकता मुन्ना ऑर वैसे भी क़ुर्बानी बकरे की दी जाती है शेर की नही शेर अपनी खुराक खुद ढूँढ लेता है...
फाइटर: देखते हैं आज कौन किसको खुराक बनाता है तेरे जैसे कितने ही आए ऑर धुंल चाट कर चले भी गये... लेकिन मैं वही का वही खड़ा हूँ...
मैं: तू खड़ा है क्योंकि तेरा शेरा से सामना नही हुआ था आज तेरा ये खड़े रहने का वेहम भी दूर हो जाएगा क्योंकि फाइट के बाद तू खड़ा होना तो दूर की बात है कीड़े की तरह रेंगने लायक भी नही बचेगा...
उसके बाद शम्मी ऑर जापानी रिंग से बाहर चले गये ऑर रेफरी हम दोनो का नाम एलान करने के बाद वो भी रिंग से बाहर चला गया... अब रिंग का दरवाज़ा बाहर से बंद हो गया था ऑर मैं घंटी बजने का इंतज़ार करने लगा तभी उपर से पानी बरसने लगा जैसे बारीष हो रही हो... मैने सिर उठा कर उपर देखा तो उपर बहुत सारे फुव्वारे लगे हुए थे जिनसे बारीष जैसे पानी निकल रहा था
उसके बाद मैं अकेला कॅबिन मे बैठा था इसलिए वापिस शीशे के पास आके नीचे देखने लगा जहाँ जापानी के तमाम लोग लगे हुए थे नया रिंग तेयार करने मे... मैं बस यही सोच रहा था कि मैने लड़ने के लिए हाँ तो बोल दिया है लेकिन क्या मैं लड़ भी सकता हूँ या नही... अंदर से मुझे भी डर लग रहा था लेकिन इन लोगो के दिल मे जगह बनाने का मेरे पास इससे अच्छा मोक़ा नही था इसलिए मैने लड़ाई के लिए हाँ बोल दिया था...
कुछ ही देर बाद लाला वापिस आया उसके हाथ मे एक बड़ा सा कार्टून था जिसमे बहुत सी सी... डी पड़ी थी...
लाला: ले भाई तेरा काम कर दिया है आज तक तूने जितनी भी फाइट लड़ी है उन सब की वीडियो फुटेज इसमे मोजूद है आराम से बैठ कर देखता रह...
मैं: ठीक है
लाला: ऑर कुछ चाहिए...
मैं: (ना मे सिर हिलाते हुए) शुक्रिया...
उसके बाद मैं वो कार्टून मे से वीडियो सीडी निकाल कर प्लेयर मे लगाने लगा ओर अपनी पुरानी जिंदगी को याद करने की कोशिश करने लगा... लेकिन अफ़सोस मुझे कुछ भी याद नही आ रहा था इसलिए मैं बस अपने दाव-पेच ही गौर से देखने लगा जो शायद मेरी फाइट मे काम आ सकते थे मुझे नही पता था कि ये दाव- पेच मेरे किसी काम भी आ सकते हैं या नही लेकिन फिर भी मैं इस फाइट को जीतने के लिए सब को बड़े गौर से देख रहा था... उसके बाद फाइट शुरू होने का वक़्त आ गया नीचे लोगो की भीढ़ भी बढ़ने लगी थी ऑर सब तेयारियाँ भी मुकम्मल हो चुकी थी रिंग भी तेयार था ऑर शम्मी का फाइटर ऑर शम्मी भी नीचे आ चुके थे... लेकिन मैं अभी तक उन्ही वीडियो फुटेज को ही देख रहा था तभी लाला कॅबिन मे आ गया...
लाला: भाई सब कुछ रेडी है...
मैं: हाँ चलो मैं भी रेडी हूँ...
लाला: यार एक बात फिर सोच ले तुझे ये फाइट लड़ने की कोई ज़रूरत नही है
मैं: ज़रूरत है लाला अपने लिए नही अपने यारो के लिए आज शेरा लड़ेगा ऑर ना सिर्फ़ लड़ेगा बल्कि जीतेगा भी...
लाला: (मुझे गले लगाते हुए) कौन बोलता है तू पहले जैसा नही रहा...
उसके बाद मैने अपनी शर्ट उतार दी ऑर सिर्फ़ जीन्स पेंट पहना हुआ सीढ़ियो से नीचे उतर गया तब तक शमी का फाइटर भी रिंग मे आ चुका था जो इस रिंग का अब फेव... बन चुका था ऑर एक भी फाइट नही हारा था... मेरे नीचे उतरते ही रेफ़री ने मेरा नाम पुकारा जिस पर सब लोग ने हाथ हवा मे उठा कर मेरे नाम का नारा बुलंद कर दिया... लाला मेरे पिछे मेरा नाम पुकारते हुए आ रहा था लेकिन मुझे जापानी कहीं भी नज़र नही आ रहा था मेरी नज़रे चारो तरफ जापानी को ढूँढ रही थी इसलिए मैने लाला को इशारे से जापानी के बारे मे पूछा तो उसने रिंग के अंदर इशारा किया... उसके बाद मैं बिना कोई जवाब दिए रिंग की तरफ बढ़ गया जहाँ शमी ऑर शमी का फाइटर मोजूद थे... मेरे रिंग के पास आते ही जापानी मेरे पास आके खड़ा हो गया ऑर मेरा एक हाथ पकड़ कर हवा मे उपर उठा दिया...
जापानी: भाई आज दिखा दे पुराना शेरा...
मैं: (मुस्कुरा कर जापानी को गले लगाते हुए) कोशिश करूँगा...
उसके बाद मैं रिंग के अंदर चला गया जहाँ शमी का फाइटर मेरे सामने आके खड़ा हो गया वो क़द मे ऑर शरीर मे मुझसे लग-भग दोगुना था लेकिन फिर भी वहाँ पर मोजूद तमाम लोग शेरा... शेरा... शेरा... नाम पुकार रहे थे जिससे मुझे बहुत होसला मिल रहा था...
फाइटर: शम्मी साहब ये लड़ेगा मेरे साथ...
शमी: हाँ भाई क्या करें कुछ लोगो को शहीद होने का शॉंक होता है...
फाइटर: (हँसते हुए) लोगो ने तुझे शेर बोला ऑर तू आ गया पिंजरे मे मरने के लिए, आज तो इस शेर की भी क़ुर्बानी होगी...
मैं: (हँसते हुए) हाथी कितना भी बड़ा हो जाए शेर का शिकार नही कर सकता मुन्ना ऑर वैसे भी क़ुर्बानी बकरे की दी जाती है शेर की नही शेर अपनी खुराक खुद ढूँढ लेता है...
फाइटर: देखते हैं आज कौन किसको खुराक बनाता है तेरे जैसे कितने ही आए ऑर धुंल चाट कर चले भी गये... लेकिन मैं वही का वही खड़ा हूँ...
मैं: तू खड़ा है क्योंकि तेरा शेरा से सामना नही हुआ था आज तेरा ये खड़े रहने का वेहम भी दूर हो जाएगा क्योंकि फाइट के बाद तू खड़ा होना तो दूर की बात है कीड़े की तरह रेंगने लायक भी नही बचेगा...
उसके बाद शम्मी ऑर जापानी रिंग से बाहर चले गये ऑर रेफरी हम दोनो का नाम एलान करने के बाद वो भी रिंग से बाहर चला गया... अब रिंग का दरवाज़ा बाहर से बंद हो गया था ऑर मैं घंटी बजने का इंतज़ार करने लगा तभी उपर से पानी बरसने लगा जैसे बारीष हो रही हो... मैने सिर उठा कर उपर देखा तो उपर बहुत सारे फुव्वारे लगे हुए थे जिनसे बारीष जैसे पानी निकल रहा था