10-11-2021, 04:39 PM
तभी कार के केबिनेट मे किसी फोन की घंटी की आवाज़ सुनाई दी जो शायद काफ़ी देर से बज रहा था... मैने जल्दी से केबिनेट खोला ऑर फोन बाहर निकाला ऑर फोन उठा कर अपने कान से लगाया दूसरी तरफ से जो आवाज़ सुनाई दी वो जानी-पहचानी सी लगी... ये तो ख़ान था...
मैं: हेल्लो...
ख़ान: हां भाई शेरा क्या खबर है...
मैं: ख़ान साहब मुझे राणा एक डील पर लेके गया था जहाँ एक समस्या हो गयी है
ख़ान: वो सब मुझे पता है ये बताओ दोनो बॅग कहाँ है...
मैं: मेरे पास...
ख़ान: उनमे से कोई ज़िंदा तो नही बचा...
मैं: नही मैने सबको ख़तम कर दिया...
.
ख़ान: अच्छा किया... अब तुम यहाँ से अपने होटेल चले जाओ जहाँ तुम रुके हुए हो...
मैं: लेकिन राणा ऑर उसके लोग जाने कहाँ चले गया हैं मैने उनको सब जगह ढूँढ लिया है कोई भी नही मिला मुझे...
ख़ान: कोई बात नही उनको मैने ही बोला था कि निकल जाने को वहाँ से...
मैं: ठीक है फिर अब मेरे लिए क्या हुकुम है...
ख़ान: तुम बस अपने होटेल जाओ ऑर कल रात तक इंतज़ार करो राणा खुद ही तुम्हारे पास आ जाएगा... वैसे तुम्हारा निशाना बहुत अच्छा है...
मैं: शुक्रिया... वैसे आपको कैसे पता कि मेरा निशाना अच्छा है...
ख़ान: मैं तुमसे दूर ज़रूर हूँ लेकिन तुम्हारी पल-पल की खबर मेरे पास पहुचती है ऑर वैसे भी ये तो पूरे अंडरवर्ल्ड मे मशहूर है कि शेरा का निशाना कभी नही चुकता... नही तो पहली बार हथियार उठाने वाला आदमी ढंग से गोली भी नही चला सकता ऑर तुमने सबको 8 गोली मे ही ख़तम कर दिया... ये जान कर अच्छा लगा कि तुम्हारा निशाना अब भी जबरदस्त है...
मैं: शुक्रिया... जनाब ये पैसे ऑर ड्रग्स का क्या करना है...
ख़ान: अभी तुम इसको अपने पास ही रखो होटेल मे जब कल रात को राणा आएगा तो उसको दे देना ऑर तुम अब मेरी इजाज़त के बिना होटेल से बाहर मत जाना ये फोन भी मुझसे बात करने के बाद तोड़ देना समझ गये...
मैं: ठीक है...
उसके बाद ख़ान ने फोन बंद कर दिया ऑर मैने उस फोन को वही तोड़कर फैंक दिया फिर मैं वापिस होटेल मे आ गया... अब मुझे अगले दिन तक सिर्फ़ इंतज़ार करना था क्योंकि ऑर कोई कम मेरे पास करने को नही था... मैं बाहर भी नही जा सकता था क्योंकि ख़ान ने मुझे बाहर जाने से मना किया था...
ऐसे ही मैने अगला सारा दिन सिर्फ़ टीवी देख कर ऑर सो कर ही गुज़ारा...
मैं: हेल्लो...
ख़ान: हां भाई शेरा क्या खबर है...
मैं: ख़ान साहब मुझे राणा एक डील पर लेके गया था जहाँ एक समस्या हो गयी है
ख़ान: वो सब मुझे पता है ये बताओ दोनो बॅग कहाँ है...
मैं: मेरे पास...
ख़ान: उनमे से कोई ज़िंदा तो नही बचा...
मैं: नही मैने सबको ख़तम कर दिया...
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ख़ान: अच्छा किया... अब तुम यहाँ से अपने होटेल चले जाओ जहाँ तुम रुके हुए हो...
मैं: लेकिन राणा ऑर उसके लोग जाने कहाँ चले गया हैं मैने उनको सब जगह ढूँढ लिया है कोई भी नही मिला मुझे...
ख़ान: कोई बात नही उनको मैने ही बोला था कि निकल जाने को वहाँ से...
मैं: ठीक है फिर अब मेरे लिए क्या हुकुम है...
ख़ान: तुम बस अपने होटेल जाओ ऑर कल रात तक इंतज़ार करो राणा खुद ही तुम्हारे पास आ जाएगा... वैसे तुम्हारा निशाना बहुत अच्छा है...
मैं: शुक्रिया... वैसे आपको कैसे पता कि मेरा निशाना अच्छा है...
ख़ान: मैं तुमसे दूर ज़रूर हूँ लेकिन तुम्हारी पल-पल की खबर मेरे पास पहुचती है ऑर वैसे भी ये तो पूरे अंडरवर्ल्ड मे मशहूर है कि शेरा का निशाना कभी नही चुकता... नही तो पहली बार हथियार उठाने वाला आदमी ढंग से गोली भी नही चला सकता ऑर तुमने सबको 8 गोली मे ही ख़तम कर दिया... ये जान कर अच्छा लगा कि तुम्हारा निशाना अब भी जबरदस्त है...
मैं: शुक्रिया... जनाब ये पैसे ऑर ड्रग्स का क्या करना है...
ख़ान: अभी तुम इसको अपने पास ही रखो होटेल मे जब कल रात को राणा आएगा तो उसको दे देना ऑर तुम अब मेरी इजाज़त के बिना होटेल से बाहर मत जाना ये फोन भी मुझसे बात करने के बाद तोड़ देना समझ गये...
मैं: ठीक है...
उसके बाद ख़ान ने फोन बंद कर दिया ऑर मैने उस फोन को वही तोड़कर फैंक दिया फिर मैं वापिस होटेल मे आ गया... अब मुझे अगले दिन तक सिर्फ़ इंतज़ार करना था क्योंकि ऑर कोई कम मेरे पास करने को नही था... मैं बाहर भी नही जा सकता था क्योंकि ख़ान ने मुझे बाहर जाने से मना किया था...
ऐसे ही मैने अगला सारा दिन सिर्फ़ टीवी देख कर ऑर सो कर ही गुज़ारा...