10-11-2021, 04:34 PM
मैं: रिज़वाना हम शहर आ गये हैं अब बताओ तुम भी मेरे साथ हेड-क्वॉर्टर चलोगि या तुमको घर चोद दूँ...
रिज़वाना: (अपने आँसू पोन्छ्ते हुए) मैं भी तुम्हारे साथ ही चलती हूँ ना घर मे कौन है जिसके पास जाउ...
मैं: ठीक है...
उसके बाद हम हेड-क़्वार्टेर पहुँच गये जहाँ ख़ान ओर राणा ह्मारा पहले से इंतज़ार कर रहे थे मैने रिज़वाना को उसके कॅबिन मे जाने का इशारा किया लेकिन वो फिर भी मेरे पिछे-पिछे ख़ान के कॅबिन मे ही आ गई... मेरे कमरे मे घुसते ही ख़ान ने तालियो के साथ मे मेरा स्वागत किया...
ख़ान: (ताली बजाते हुए) वाह भाई वा क्या ज़ुबान का पक्का आदमी है देख राणा तुझे बोला था ना ये सुबह आ जाएगा...
राणा: साहब आपको पक्का यक़ीन है ये शेरा ही है...
ख़ान: मेरा दिमाग़ मत खराब कर तुझे जो बोला वो कर फालतू मे अपना दिमाग़ मत चला समझा...
राणा: जी माफ़ कर दीजिए ग़लती हो गई...
रिज़वाना: ख़ान तुम नीर को कहाँ भेज रहे हो...
ख़ान: सॉरी मेडम ये सीक्रेट है आपको नही बता सकता...
रिज़वाना: (मुझे देखते हुए) अपना ख्याल रखना ऑर जाते हुए मुझे मिलकर जाना...
मैं: (हाँ मे सिर हिलाते हुए) अच्छा...
उसके बाद रिज़वाना कमरे से बाहर चली गई ऑर मैं राणा के साथ वाली कुर्सी पर आके बैठ गया... ख़ान अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ ऑर जल्दी से तेज़ कदमो के साथ कमरे के बाहर खड़े गार्ड की तरफ गया ऑर उससे दूर जाके खड़े होने का बोल दिया ऑर फिर वापिस अपनी कुर्सी पर आके बैठ गया... मैं ऑर राणा दोनो ख़ान को बड़े गौर से देख रहे थे... ख़ान ने मुझे एक मुस्कान के साथ देखा ऑर बोला...
ख़ान: हाँ तो नीर मिल आए घरवालो से...
मैं: जी मिल आया...
ख़ान: अब मेरे काम के लिए तेयार हो...
मैं: हंजी एक दम तेयार हूँ
ख़ान: बहुत खुंब... तो ठीक है फिर अभी थोड़ी देर मे निकलना है उससे पहले मेरे साथ आओ... राणा तुम यही बैठो ऑर हो सके तो अपने लिए चाय कॉफी मंगवा लेना यार...
राणा: जी कोई बात नही मैं ठीक हूँ आप अपना काम ख़तम कर ले...
ख़ान: (मेरे कंधे पर हाथ मरते हुए) चलो मेरे साथ आओ...
मैं बिना कोई जवाब दिए अपनी कुर्सी से खड़ा हुआ ऑर सवालिया नज़रों के साथ ख़ान के पिछे-पिछे चलने लगा... ख़ान मुझे एक कमरे मे ले गया जहाँ सिर्फ़ एक टेबल ऑर दो कुर्सियाँ लगी हुई थी...
ख़ान: तुम अंदर बैठो मैं अभी आता हूँ...
मैं: जी अच्छा...
कुछ देर इंतज़ार करने के बाद ख़ान एक बॅग के साथ कमरे मे आ गया ऑर बॅग को टेबल पर मेरे सामने रख दिया ऑर मेरे देखते ही देखते बॅग खोल कर उसमे से समान निकालना शुरू किया...
ख़ान: अपने जूते उतारो ऑर ये जूते पहन लो...
मैं: क्यो... इनमे क्या खराबी है अभी नये ही लिए हैं...
ख़ान: जो मैं जूते तुमको दे रहा हूँ ये फॅशन के लिए नही बल्कि इनमे ट्रांसमेटेर लगा है इससे मुझे पता चलता रहेगा की तुम कहाँ हो...
मैं: (अपने जूते उतारते हुए) अच्छा पहन लेता हूँ...
ख़ान: (टेबल पर एक हॅंड पिस्टल रखते हुए) ये गन है तुम्हारी सेफ्टी के लिए ज़रूरत पड़े तो ही चलाना लेकिन याद रखना अब तुम नीर हो ऑर नीर पेशावॉर क़ातिल नही है...
मैं: (गन उठाते हुए) जी अच्छा...
ख़ान: (एक लॉकेट निकालते हुए) ये देखने मे लॉकेट जैसा है लेकिन असल मे कॅमरा है इससे पहन लो... तुम उन लोगो के साथ जहाँ भी जाओ अपने लॉकेट से खेलने के बहाने उनकी ऑर नये लोगो की तस्वीरे लेते रहना...
मैं: ठीक है...
ख़ान: जो तुमको ट्रैनिंग मे सिखाया था वो सब याद है ना...
मैं: जी सब याद भी है ऑर मैं अब सब डिवाइस इस्तेमाल भी कर सकता हूँ...
ख़ान: ठीक है...
मैं: लेकिन ख़ान साहब वो तस्वीरें मैं आप तक पहुन्चाउन्गा कैसे...
ख़ान: मैं तुमको हर हफ्ते तुम्हारे फाइट क्लब पर मिलूँगा वहाँ हर बार तुम अपना लॉकेट इस दूसरे लॉकेट से बदल देना ताकि तुम्हारे लॉकेट से तस्वीरे लेकर मैं उनको डवलप करवा सकूँ ऑर तुम दूसरे लॉकेट से ऑर नयी तस्वीर ले सको...
मैं: जी अच्छा... लेकिन मुझे कैसे पता चलेगा कि आप मुझे कब ऑर कहाँ मिलोगे...
ख़ान: तुम बस अपने फाइट क्लब मे आ जया करना वहाँ तुमको मेरा कोई ना कोई आदमी मिल जाएगा जो तुमको मेरा मिलने का वक़्त ऑर जगह बता देगा...
मैं: ठीक है...
ख़ान: वहाँ जाके लड़की ऑर ताक़त के नशे मे मत डूब जाना ऑर जब भी मोक़ा मिले सबूत इकट्ठे करते रहना ताकि मैं उन लोगो को सज़ा दिलवा सकूँ...
मैं: (हां मे सिर हिलाते हुए) जी अच्छा...
ख़ान: अब तुम राणा के साथ जाओ वो तुमको तुम्हारी मंज़िल तक पहुँच देगा ऑर एक ज़रूरी बात तुम मेरे लिए काम करते हो ये बात कभी ग़लती से भी किसी को मत बताना नही तो वो लोग तुमको वही ख़तम कर देंगे...
मैं: हमम्म
ख़ान: अब तुम राणा के साथ जाओ ओर उसके साथ जाके डील करो याद रखना तुमको वहाँ जाके लड़ाई करनी है किसी भी बहाने से समझ गये...
मैं: हाँ सब समझ गया...