10-11-2021, 04:29 PM
अब हम दोनो मज़े मे खोए हुए थे मैं अब फारिग होने के करीब था इसलिए मैं अब अपनी पूरी रफ़्तार से झटके लगा रहा था... कुछ ही देर मे मैं अपनी मंज़िल पर आ गया ऑर साथ ही एक बार फिर उसका जिस्म भी झटके खाने लगा ऑर हम दोनो एक साथ ही फारिग हो गये मैं फारिग होने के बाद बहुत थक गया था इसलिए उसकी पीठ पर ही ढेर हो गया वो भी वैसे ही बेड पर उल्टी ही लेट गई ऑर अब हम दोनो अपनी सांसो को दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे थे... मैं अपनी आँखें बंद किए रिज़वाना के उपर लेटा था ऑर वो अपने एक हाथ पिछे ले जाकर मेरे सिर पर अपने हाथ फेर रही थी कुछ देर बाद जब हम दोनो की साँस ठीक हो गई तो मैं उसके उपर से हटकर साइड पर लेट गया वो भी वैसे ही मुझसे लिपट कर सो गई...
उस रात बहुत मज़े की नींद आई हम दोनो को ही होश नही था कि कहाँ पड़े हैं...
अपडेट-38
सुबह जब मेरी नींद खुली तो रिज़वाना किसी मासूम बच्चे की तरह मेरे साथ लेटी थी ओर मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी...
मैं: (अपनी आँखें मलते हुए) सुबह हो गई...
रिज़वाना: हंजी सुबह हो गई... गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट...
मैं: तुम कब उठी...
रिज़वाना: थोड़ी देर पहले...
मैं: मुझे उठाया क्यो नही...
रिज़वाना: तुम सोए हुए इतने प्यारे लग रहे थे कि उठाने का दिल ही नही किया...
मैं: अर्रे चलो तेयार हो जाओ ख़ान ने बुलाया था उसके पास भी जाना है...
रिज़वाना: (मुझे गले लगाते हुए) एम्म्म आज कहीं नही जाना आज मैं मेरी जान के साथ रहूंगी बस आज कोई काम नही करना...
मैं: वो तो ठीक है लेकिन अगर नही जाएँगे तो ख़ान गुस्सा हो जाएगा ना...
रिज़वाना: मैं क्या करूँ मुझसे उठा ही नही जा रहा...
मैं: क्यो क्या हुआ
रिज़वाना: (हँसते हुए) अच्छा क्या हुआ मुझे... कल रात क्या हुआ था... याद करो... चलो... चलो...
मैं: (कुछ सोचते हुए) अच्छा वो... ज़्यादा दर्द हो रहा है...
रिज़वाना: (मेरे होंठ चूमकर ना मे सिर हिलाते हुए) उऊहहुउऊ...
मैं: चलो फिर आज साथ मे नहाते हैं
रिज़वाना: हमम्म लेकिन नीचे जलन हो रही है लगता है आज तो क्लिनिक जाना ही पड़ेगा...
मैं: क्यो क्लिनिक मे क्या है...
रिज़वाना: वहाँ से एक क्रीम लानी है वो लगाउन्गी तो ठीक हो जाएगी...
मैं: तुम आज आराम करो घर पर मुझे बता दो कौनसी क्रीम है मैं ले आउन्गा...
रिज़वाना: हमम्म अच्छा ऑर जब नर्स पुछेगि तो क्या बोलोगे...
मैं: बोल दूँगा रिज़वाना ने मँगवाई है...
रिज़वाना: हुह... रहने दो मैं खुद ही ले आउन्गि... तुम तो जिसको नही भी पता चलना होगा उसको भी बता दोगे... (हँसते हुए)
मैं: चलो फिर तैयार हो जाते हैं जाना भी है
रिज़वाना: ठीक है चलो... अच्छा सुनो हेड-क्वॉर्टर्स जाके किसी को हमारे बारे मे कुछ मत बताना अभी... मुनासिब वक़्त आने पर हम सबको बताएँगे ठीक है अभी चुप रहना ऑर हमारे बारे मे किसी से कोई बात ना करना...
मैं: (हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म
उसके बाद मैने जैसे चद्दर हटाई बेड पर एक खून का निशान लगा हुआ था जिसको मैं ऑर रिज़वाना दोनो देख रहे थे ऑर मुस्कुरा रहे थे रिज़वाना से ठीक से चला नही जा रहा था इसलिए वो अपनी टाँग को थोड़ी चौड़ी करके चल रही थी उसके इस तरह चलने पर मैं अपनी हँसी रोक नही पाया ऑर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा...
रिज़वाना: (मुस्कुराते हुए) हँसो मत सब तुम्हारा ही किया हुआ है
मैं: मैने बोला था कपड़े उतार कर मेरे साथ सोने को...
रिज़वाना: अच्छा... अच्छा... ठीक है अब मुझे बाथरूम तक लेके चलो दर्द हो रही है... (चूत को सहलाते हुए)
उसके बाद मैने उसको गोद मे उठाया ऑर हम दोनो नहाने चले गये वहाँ हम दोनो साथ नहाए मेरा लंड तो एक बार फिर से खड़ा हो गया था लेकिन रिज़वाना की हालत देखकर मैं अपने जज़्बात काबू कर लिए