10-11-2021, 04:28 PM
मैं: तुम पकड़कर खुद डालो...
रिज़वाना: (मुस्कुरा कर) अच्छा...
रिज़वाना ने मेरे लंड को पकड़ा ओर धीरे से मेरे कान मे बोली...
रिज़वाना: ये तो बहुत बड़ा है अंदर कैसे जाएगा...
मैं: चला जाएगा पहली बार तक़लीफ़ होगी फिर आराम से चला जाएगा...
रिज़वाना: मुझे मत सिख़ाओ मैं डॉक्टर हूँ... लेकिन नीर ये सच मे बड़ा है ऑर मोटा भी ज़्यादा लग रहा है बहुत दर्द होगा...
मैं: मैं आराम से करूँगा...
रिज़वाना: ठीक है जल्दी मत करना प्लज़्ज़्ज़...
फिर मैने अपने लंड को निशाने पर रखा ऑर इस बार ज़रा ज़ोर से झटका दिया जिससे लंड की टोपी अंदर चली गई ऑर रिज़वाना ने एक सस्स्सस्स के साथ अपनी आँखें बंद कर ली अब मैं कुछ देर रुका ऑर फिर से एक झटका दिया इस बार थोड़ा सा ऑर लंड अंदर गया ऑर कही जाके अटक गया मैं ज़ोर लगा रहा था लेकिन अंदर नही जा रहा था मैने अपना लंड बाहर निकाला उस पर फिर से थूक लगाया ऑर इस बार ज़रा ज़ोर से झटका दिया इस बार लंड कुछ आगे चला गया लेकिन रिज़वाना की दर्द से चीख निकल गई सस्स्स्सस्स आआययईीीई बहुत दर्द हो रहा है नीर जल्दी बाहर निकालो (रोते हुए) मेरी जान निकल रही है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़... उसने अपने दोनो हाथो के बड़े-बड़े नाख़ून मेरे कंधो मे गढ़ा दिए... जिससे मुझे भी बेहद दर्द हुआ...
मैं: बस हो गया इतना ही दर्द था अब नही होगा...
रिज़वाना: एक बार बाहर निकालो प्ल्ज़्ज़ मेरी दर्द से जान निकल रही है...
मैने बिना कुछ बोले लंड बाहर निकाल लिया ऑर रिज़वाना लगातार रोए जा रही थी मैं बस उसके उपर लेटा उसको चुप करवा रहा था ऑर उसको चूम रहा था... वो काफ़ी देर ऐसे ही रोती रही...
रिज़वाना: मेरा मुँह सूख रहा है प्यास लगी है
मैने बिना कुछ बोले पास पड़ा पानी का ग्लास उठाया ऑर पानी को मुँह मे भर लिया ऑर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए वो दर्द से कराह रही थी ऑर सस्स... सस्स कर रही थी मैने अपने होंठ जैसे ही उसके होंठों पर रखे तो उसने अपनी आँखें खोल दी अब मैं अपने मुँह वाला पानी उसके मुँह मे गिराने लगा ऑर वो बिना कोई हरकत किए वो पानी पीने लगी जब पानी ख़तम हो गया तो मैने ग्लास उसको दिया ताकि वो पानी पी सके...
रिज़वाना: ग्लास से नही मुँह से पिलाओ...
मैं कुछ देर उसको ऐसे ही अपने मुँह मे भरकर पानी पिलाता रहा उसको शायद मेरा ऐसा करना बहुत अच्छा लगा था अब वो भी मुस्कुरा रही थी ऑर आराम से पानी पी रही थी...
रिज़वाना: बसस्स अब आगे भी ऐसे ही पानी पिया करूँगी (मुस्कुराते हुए)
मैं: अब दर्द ठीक है
रिज़वाना: दर्द अब पहले से कुछ काम है लेकिन अभी भी बहुत तेज़ जलन हो रही है अंदर
मैं: एक बार पूरा डाल लोगि फिर दर्द नही होगा...
रिज़वाना: मैने बोला भी था आराम से करना लेकिन तुम तो एक दम जंगली हो...
मैं बिना कुछ बोले उसको देखता रहा ऑर उसके होंठ चूमकर अपना लंड फिर से निशाने पर रखा ऑर हल्का सा झटका दिया अब लंड टोपी से थोड़ा ऑर आगे तक बिना कोई रुकावट अंदर चला गया लेकिन रिज़वाना को अभी भी दर्द हो रहा था...
रिज़वाना: कुछ देर ऐसे ही रहो जब दर्द ठीक हो जाएगा फिर हिलाना अंदर...
मैं: अच्छा...
कुछ देर मैं ऐसे ही अंदर लंड डाले उसके उपर पड़ा रहा ऑर हम एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे थोड़ी देर बाद उसने खुद ही नीचे से अपनी गान्ड को हिलाना शुरू कर दिया तो मैं समझ गया कि अब उसका दर्द कम हो गया है इसलिए मैने भी धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा लेकिन चूत अब भी काफ़ी तंग थी इसलिए मेरा आधे से थोड़ा कम लंड भी अंदर फस-फस कर जा रहा था...
कुछ देर धीरे-धीरे झटके लगाने के बाद जब उसके चेहरे पर से दर्द ख़तम हो गया तो मैने अपनी रफ़्तार कुछ तेज़ करदी ऑर लंड को भी ऑर अंदर तक डालने की कोशिश करने लगा... लेकिन अब रिज़वाना को इतना दर्द नही हो रहा था या शायद वो दर्द को बर्दाश्त कर रही थी...
रिज़वाना: ऑर कितना रह गया है बाहर...
मैं: बस थोड़ा सा ही बाक़ी है...
रिज़वाना: ऐसा करो एक ही बार मे पूरा डाल दो मैं दर्द बर्दाश्त कर लूँगी...
मैं: पक्का
रिज़वाना: (बिना कुछ बोले मेरे होंठ चूमकर हाँ मे सिर हिलाते हुए) हमम्म...
मैं अपने लंड को टोपी तक बाहर निकाला ऑर एक ही बार मे जोरदार झटका चूत के अंदर मारा लंड पूरे से थोड़ा सा कम अंदर तक चला गया लेकिन कुछ लंड अभी भी बाहर बाकी था... लेकिन रिज़वाना के मुँह से एक बार फिर से ससस्स... आयईयीई... की आवाज़े निकलने लगी...
रिज़वाना: रुक जाओ नीर बस ऐसे ही रहो अब हिलना मत...
मैं: (उसके माथे पर हाथ फेरते हुए) ठीक है...
कुछ देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद उसका इशारा मिलते ही मैं फिर से शुरू हो गया और इस बार मैं झटके भी थोड़े तेज़ लगा रहा था... अब रिज़वाना का दर्द भी पहले से बहुत कम हो गया था ऑर वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी कुछ देर ऐसे ही झटके लगाने के बाद एक बार फिर से उसका जिस्म अक़ड गया ऑर उसने अपनी गान्ड को हवा मे उठा लिया ऑर झटके खाने लगी ऑर फिर बेड पर ढेर होके तेज़-तेज़ साँस लेने लगी... अब मैं उसको उपर से हट गया ऑर उसको उठा कर उल्टा लिटा दिया ऑर उसकी गान्ड को उपर को उठाया मेरा इशारा समझ कर वो घोड़ी के जैसे अपने हाथ ऑर घुटनो के सहारे बेड पर खड़ी हो गई अब मैं उसके पिछे आ गया ऑर अपना लंड फिर से उसकी चूत के मुँह पर रखा ऑर धीरे-धीरे लंड को अंदर डालने लगा उसको अब भी लंड डालने पर दर्द हो रहा था जिस वजह से उसके मुँह से एक सस्स्स्सस्स की आवाज़ निकल रही थी... अब मैने एक हाथ से उसके बाल पकड़ लिए ऑर दूसरा हाथ उसकी गान्ड पर रख कर झटके लगाने लगा
उसको शायद ऐसा करने से बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए कुछ देर मे वो भी मेरा भरपूर साथ देने लगी अब उसको अपने दर्द की कोई परवाह नही थी ऑर मुझे बार-बार ज़ोर से करो नीर ... ज़ोर से करो नीर ... बोल रही थी मैं भी अब अपनी पूरी रफ़्तार से झटके लगा रहा था उसको चोदते हुए मेरा उसके बाल खींचना काफ़ी पसंद आया था शायद इसलिए जब भी मैं उसके बालो से हाथ हटा लेता तो वो खुद ही मेरा हाथ पकड़ कर अपने बालो पर रख लेती... इसलिए मैं भी अब उसके बाल पकड़ कर तेज़-तेज़ झटके लगा रहा था पूरा कमरा उसकी सस्सस्स... सस्स्सस्स... आआहह... ऊऊहह... आयईयीई... की आवाज़ो से गूँज रहा था...