10-11-2021, 04:26 PM
मैं: लेकिन मेरे पास आपको देने के लिए कुछ भी नही है अपना घर भी नही सब कुछ बाबा का है...
रिज़वाना: कौन कहता है तुम्हारे पास कुछ नही तुम्हारे पास इतना प्यार करने वाला दिल है ऑर एक लड़की को इससे ज़्यादा कुछ नही चाहिए होता... तुम नही जानते नीर इतने साल मैने कैसे गुज़ारे है आज मेरे पास सब कुछ होके भी कुछ नही है... बचपन मे ही माँ-बाप गुज़र गये फिर बड़ी हुई तो डॉक्टर बन गई ऑर अब सारा दिन दूसरो का ख्याल रखती हूँ लेकिन असल मे आज तक किसी ने मेरा ख्याल नही रखा मैं बचपन से अकेली ही रहती आ रही हूँ... आज तुम आए मेरी जिंदगी मे ऑर जैसे मेरा ख्याल रखा ऐसा कभी किसी ने नही किया मेरे लिए... अब मेरी किस्मत देखो एक इंसान मिला जो मेरी इतनी फिकर करता है मेरे लिए लड़ता है ऑर मैने उसको भी नाराज़ कर दिया ऑर अब तुम भी मुझे छोड़कर चले जाओगे... (फिर से रोते हुए)
मैं: नही जाउन्गा अब रोना बंद करो चलो... (रिज़वाना की गाल पर लगे आँसू सॉफ करते हुए)
रिज़वाना: मेरी कसम खाओ...
मैं: अगर लौटकर वापिस आ गया तो नही जाउन्गा अगर नही आ सका तो...
रिज़वाना: (मेरे मुँह पर हाथ रखते हुए) ऐसा मत बोलो (फिर से मुझे गले लगाते हुए)
मैं: अच्छा ठीक है रिज़वाना जी काफ़ी रात हो गई है अब आप सोने जाओ मैं भी सो जाता हूँ सुबह ख़ान ने बुलाया भी है...
रिज़वाना: ठीक है...
वो बिना कुछ बोले उठी ऑर मेरे बिस्तर पर जाके बैठ गई ऑर मैं बस उसको देख रहा था...
मैं: रिज़वाना जी आप यहाँ सोएंगी...
रिज़वाना: (बिना कुछ बोले हाँ मे सिर हिलाते हुए)
मैं: ठीक है फिर मैं यहाँ सो जाता हूँ... (सोफे पर लेट ते हुए)
रिज़वाना: चुप करके यहाँ आओ नही तो मैं फिर से रोने लग जाउन्गी...
मैं: (सोफे से उठते हुए) अब क्या हुआ
रिज़वाना: लाइट ऑफ करो ऑर यहाँ आके लेटो मेरे साथ... (मुस्कराते हुए)
मैं: लेकीन्न्न...
रिज़वाना: लेकिन-वेकीन कुछ नही चलो लाइट ऑफ करके यहाँ आओ...
मैं बिना कुछ बोले गया ऑर लाइट ऑफ करके आ गया ऑर बिना कुछ बोले रिज़वाना के साथ लेट गया रिज़वाना मेरी तरफ मुँह करके लेटी थी ऑर मुस्कुरा रही थी...
रिज़वाना: नीर अभी तक नाराज़ हो...
मैं: नही तो... क्यो...
रिज़वाना: पास आओ ना मेरे...
मैं: (करवट बदलकर रिज़वाना के करीब जाते हुए) अब ठीक है
रिज़वाना: (मेरे होंठ चूमते हुए) रात को भी जीन्स टी-शर्ट पहनकर सोने का मूड है...
मैं: तो क्या पहनु तुमने ही तो गाँव वाले कपड़े पहन ने से मना किया था...
रिज़वाना: अर्रे आज ही तो इतने सारे कपड़े लेके आए हैं जाओ जाके शॉर्ट्स पहन लो...
मैं: (कुछ ना समझने वाले अंदाज़ मे) शॉर्ट्स क्या...
रिज़वाना: रूको मैं लेकर आती हूँ...
रिज़वाना उठी ऑर जाके मेरे शॉपिंग बॅग्स मे झाँकने लगी 5-6 बॅग्स मे देखने के बाद उसने एक मे हाथ डाला ऑर देखकर मेरी तरफ फेंक दिया...
रिज़वाना: जाओ ये पहन आओ... रात को टाइट कपड़े पहनकर नही सोना चाहिए...
मैं: अच्छा... (उठकर बाथरूम मे जाते हुए)
जब मैं कपड़े बदलकर वापिस आया तो रिज़वाना एक चद्दर लिए लेटी हुई थी...
मैं: अर्रे इतनी गर्मी मे चद्दर क्यो ली है...
रिज़वाना: पास आओगे तो पता चलेगा ना...
मैं: (बिना कुछ बोले बेड पर लेट ते हुए) अब ठीक है...
रिज़वाना: (मेरी चेस्ट पर हाथ फेरते हुए) एम्म्म बॉडी अच्छी बनाई है...
मैं: शुक्रिया...
रिज़वाना: चलो अब तुम भी चद्दर मे ही आ जाओ...
मैं: क्यो...
रिज़वाना: आओगे तो पता चलेगा ना...