10-11-2021, 04:19 PM
अपडेट-35
उसके बाद मैं ऑर रिज़वाना शॉपिंग बॅग्स उठाए अपनी कार की तरफ जा रहे थे कि अचानक 4 लोगो ने हम को घेर लिया ऑर रिज़वाना को अपनी तरफ खींचकर उसके गले पर एक नोकदार चाकू लगा दिया मैं इस अचानक हमले को समझ नही पाया कि ये लोग कौन है ओर हम से क्या चाहते हैं...
मैं: कौन हो तुम लोग (गुस्से से)
एक आदमी: सीधी तरीके से सारा माल निकाल ऑर हम को दे नही तो ये लड़की जान से जाएगी...
मैं: ठीक है ये लो सब तुम रख लो (अपने शॉपिंग बॅग उनकी तरफ फेंकते हुए) लेकिन इनको छोड़ दो...
वो आदमी: साले हम को चूतिया समझा ये कचरा नही पैसा निकाल...
मैं: मेरे पास पैसे नही है इनको जाने दो...
मेरा इतना कहना था कि उसने अपने चाकू का दबाव रिज़वाना के गले पर बढ़ा दिया जिससे दर्द से रिज़वाना की आँखें बंद हो गई ऑर उसने कराहते हुए मुझे कहा...
रिज़वाना: आअहह... (दर्द से कराहते हुए) नीर मारो इनको ये लोग चोर है...
रिज़वाना का इतना कहना था कि मैं उन लोगो पर टूट पड़ा जो मेरे सामने खड़ा था मैं उसको गर्दन से पकड़ लिया ऑर अपना सिर उसकी नाक पर ज़ोर से मारा ऑर वो वही गिर गया... इतने मे साथ खड़े आदमी ने चाकू से मुझ पर हमला किया जिससे मैने उसकी कलाई पकड़कर नाकाम कर दिया ऑर उसको अपनी तरफ खींचकर अपनी कोहनी उसके सिर मे मारी ऑर साथ ही उसका मुँह नीचे करके अपना घुटना उसके मुँह पर मारा वो भी वही गिर गया तभी जिसने रिज़वाना को पकड़ा था उसने रिज़वाना को मुझ पर धकेल दिया ऑर अपने बचे हुए 1 साथी के साथ वहाँ से पार्किंग की तरफ भाग गया... मैने जल्दी से रिज़वाना को थाम लिया ऑर उससे गिरने से बचा लिया...
मैं: आप ठीक हो...
रिज़वाना: (अपने गले पर हाथ रखकर हाँ मे सिर हिलाते हुए)
मैं: क्या हुआ आपको लगी है क्या... (उसका हाथ उसके गले से हटा ते हुए)
मैं: ये तो खून निकल रहा है... मैं उसको छोड़ूँगा नही सालाआ...
रिज़वाना के कुछ कहने से पहले ही मैं उन लोगो के पिछे भाग गया वो लोग कार पार्किंग मे घुस गये थे... अब मैं उनको जल्दी से जल्दी पकड़ना चाहता था इसलिए मैं कारो के उपर से छलाँग लगाता हुआ उनके पिछे भागने लगा... वो दोनो पार्किंग की अलग-अलग डाइरेक्षन मे भाग रहे थे लेकिन मुझे दूसरे आदमी से कोई मतलब नही था मुझे उस आदमी पर सबसे ज़्यादा गुस्सा था जिसने रिज़वाना के गले पर चाकू रखा था इसलिए मैं उसकी तरफ उसके पिछे भागने लगा जल्दी ही पार्किंग ख़तम हो गई ऑर वो एक दीवार के सामने आके रुक गया मैने जल्दी से एक कार की छत से कूद कर उसके उपर छलाँग लगा दी जिससे मेरे दोनो घुटने उसके पेट मे लगे ऑर वो वही गिर गया मैने फिर उसको खड़ा किया ऑर उसका सर ज़ोर से दीवार मे मारा जिससे दीवार पर गोल-गोल खून का निशान सा बन गया मैने फिर से उसको खड़ा किया ऑर फिर उसको दीवार की तरफ धकेल दिया उसके फिर से सिर टकराया... ऐसे ही मैने कई दफ्फा उसका सिर दीवार मे मारा लेकिन अब वो बेहोश हो चुका था... इतने मे रिज़वाना मेरे पिछे भागती हुई आई ऑर मुझे पकड़ लिया...
रिज़वाना: क्या कर रहे हो नीर छोड़ दो वो मर जाएगा...
मैं: इसने चाकू कैसे लगाया गर्दन पर आपकी...
रिज़वाना: (मुझे पिछे खींचते हुए) मैं अब ठीक हूँ नीर चलो यहाँ से...
उसके बाद लग-भाग खींचती हुई रिज़वाना मुझे पार्किंग से बाहर ले आई... बाहर आके मैं रुक गया ऑर अब मैं काफ़ी शांत हो चुका था... मैने रुक कर अपने दोनो हाथ रिज़वाना की गर्दन की साइड पर रख दिए ऑर उसकी गर्दन उपर करके उसका घाव देखने लगा वो भी किसी बच्चे की तरह मेरे सामने मासूम सा चेहरा लिए अपनी गर्दन उठाए खड़ी हो गई...
मैं: बहुत दर्द हो रहा है क्या...
रिज़वाना: मैं ठीक हूँ नीर फिकर मत करो... (मुस्कुराते हुए)
मैं: चलो घर चलकर मरहम पट्टी करता हूँ आपकी...
रिज़वाना: (बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए) हमम्म
फिर हम दोनो वापिस कार के पास आ गये ऑर मैने अपने ज़मीन पर गिरे हुए शॉपिंग बाग उठाए ऑर वो भी कार मे रख दिए...
मैं: कार मैं चलाऊ...
रिज़वाना: (बिना कुछ बोले चाबी मेरी तरफ करके मुस्कुराते हुए) हमम्म...
फिर मैं ऑर रिज़वाना घर की तरफ निकल गये पूरे रास्ते हम खामोश थे ऑर रिज़वाना मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी...
मैं: क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हैं...
रिज़वाना: कुछ नही... एक बात पुछू...
मैं: हाँ पुछिये...
रिज़वाना: तुमने उस आदमी को इतना क्यो मारा
मैं: मारता नही तो क्या प्यार करता... आपकी गर्दन पर चाकू लगाया उसने ऑर देखो कितना खून भी आ गया था आपके...
रिज़वाना: तुमने सिर्फ़ इसलिए उसको इतना मारा...
मैं: मार खाने वाले काम किए थे इसलिए मारा मैने उसको...
रिज़वाना: इतनी फिकर मेरी आज तक किसी ने नही की... (रोते हुए)
मैं: (गाड़ी को ब्रेक लगाते हुए) अर्रे रिज़वाना जी आप रोने क्यो लगी क्या हुआ...
रिज़वाना: (अपने आँसू सॉफ करते हुए) कुछ नही...
मैं: (पिछे पड़ी पानी की बोतल रिज़वाना को देते हुए) ये लो पानी पी लो...
रिज़वाना: (बोतल पकड़ते हुए) शुक्रिया...
कुछ देर मे वो ठीक हो गई इसलिए मैने फिर कार स्टार्ट की ऑर घर की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया... लेकिन रिज़वाना अब भी मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी...
उसके बाद मैं ऑर रिज़वाना शॉपिंग बॅग्स उठाए अपनी कार की तरफ जा रहे थे कि अचानक 4 लोगो ने हम को घेर लिया ऑर रिज़वाना को अपनी तरफ खींचकर उसके गले पर एक नोकदार चाकू लगा दिया मैं इस अचानक हमले को समझ नही पाया कि ये लोग कौन है ओर हम से क्या चाहते हैं...
मैं: कौन हो तुम लोग (गुस्से से)
एक आदमी: सीधी तरीके से सारा माल निकाल ऑर हम को दे नही तो ये लड़की जान से जाएगी...
मैं: ठीक है ये लो सब तुम रख लो (अपने शॉपिंग बॅग उनकी तरफ फेंकते हुए) लेकिन इनको छोड़ दो...
वो आदमी: साले हम को चूतिया समझा ये कचरा नही पैसा निकाल...
मैं: मेरे पास पैसे नही है इनको जाने दो...
मेरा इतना कहना था कि उसने अपने चाकू का दबाव रिज़वाना के गले पर बढ़ा दिया जिससे दर्द से रिज़वाना की आँखें बंद हो गई ऑर उसने कराहते हुए मुझे कहा...
रिज़वाना: आअहह... (दर्द से कराहते हुए) नीर मारो इनको ये लोग चोर है...
रिज़वाना का इतना कहना था कि मैं उन लोगो पर टूट पड़ा जो मेरे सामने खड़ा था मैं उसको गर्दन से पकड़ लिया ऑर अपना सिर उसकी नाक पर ज़ोर से मारा ऑर वो वही गिर गया... इतने मे साथ खड़े आदमी ने चाकू से मुझ पर हमला किया जिससे मैने उसकी कलाई पकड़कर नाकाम कर दिया ऑर उसको अपनी तरफ खींचकर अपनी कोहनी उसके सिर मे मारी ऑर साथ ही उसका मुँह नीचे करके अपना घुटना उसके मुँह पर मारा वो भी वही गिर गया तभी जिसने रिज़वाना को पकड़ा था उसने रिज़वाना को मुझ पर धकेल दिया ऑर अपने बचे हुए 1 साथी के साथ वहाँ से पार्किंग की तरफ भाग गया... मैने जल्दी से रिज़वाना को थाम लिया ऑर उससे गिरने से बचा लिया...
मैं: आप ठीक हो...
रिज़वाना: (अपने गले पर हाथ रखकर हाँ मे सिर हिलाते हुए)
मैं: क्या हुआ आपको लगी है क्या... (उसका हाथ उसके गले से हटा ते हुए)
मैं: ये तो खून निकल रहा है... मैं उसको छोड़ूँगा नही सालाआ...
रिज़वाना के कुछ कहने से पहले ही मैं उन लोगो के पिछे भाग गया वो लोग कार पार्किंग मे घुस गये थे... अब मैं उनको जल्दी से जल्दी पकड़ना चाहता था इसलिए मैं कारो के उपर से छलाँग लगाता हुआ उनके पिछे भागने लगा... वो दोनो पार्किंग की अलग-अलग डाइरेक्षन मे भाग रहे थे लेकिन मुझे दूसरे आदमी से कोई मतलब नही था मुझे उस आदमी पर सबसे ज़्यादा गुस्सा था जिसने रिज़वाना के गले पर चाकू रखा था इसलिए मैं उसकी तरफ उसके पिछे भागने लगा जल्दी ही पार्किंग ख़तम हो गई ऑर वो एक दीवार के सामने आके रुक गया मैने जल्दी से एक कार की छत से कूद कर उसके उपर छलाँग लगा दी जिससे मेरे दोनो घुटने उसके पेट मे लगे ऑर वो वही गिर गया मैने फिर उसको खड़ा किया ऑर उसका सर ज़ोर से दीवार मे मारा जिससे दीवार पर गोल-गोल खून का निशान सा बन गया मैने फिर से उसको खड़ा किया ऑर फिर उसको दीवार की तरफ धकेल दिया उसके फिर से सिर टकराया... ऐसे ही मैने कई दफ्फा उसका सिर दीवार मे मारा लेकिन अब वो बेहोश हो चुका था... इतने मे रिज़वाना मेरे पिछे भागती हुई आई ऑर मुझे पकड़ लिया...
रिज़वाना: क्या कर रहे हो नीर छोड़ दो वो मर जाएगा...
मैं: इसने चाकू कैसे लगाया गर्दन पर आपकी...
रिज़वाना: (मुझे पिछे खींचते हुए) मैं अब ठीक हूँ नीर चलो यहाँ से...
उसके बाद लग-भाग खींचती हुई रिज़वाना मुझे पार्किंग से बाहर ले आई... बाहर आके मैं रुक गया ऑर अब मैं काफ़ी शांत हो चुका था... मैने रुक कर अपने दोनो हाथ रिज़वाना की गर्दन की साइड पर रख दिए ऑर उसकी गर्दन उपर करके उसका घाव देखने लगा वो भी किसी बच्चे की तरह मेरे सामने मासूम सा चेहरा लिए अपनी गर्दन उठाए खड़ी हो गई...
मैं: बहुत दर्द हो रहा है क्या...
रिज़वाना: मैं ठीक हूँ नीर फिकर मत करो... (मुस्कुराते हुए)
मैं: चलो घर चलकर मरहम पट्टी करता हूँ आपकी...
रिज़वाना: (बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए) हमम्म
फिर हम दोनो वापिस कार के पास आ गये ऑर मैने अपने ज़मीन पर गिरे हुए शॉपिंग बाग उठाए ऑर वो भी कार मे रख दिए...
मैं: कार मैं चलाऊ...
रिज़वाना: (बिना कुछ बोले चाबी मेरी तरफ करके मुस्कुराते हुए) हमम्म...
फिर मैं ऑर रिज़वाना घर की तरफ निकल गये पूरे रास्ते हम खामोश थे ऑर रिज़वाना मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी...
मैं: क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हैं...
रिज़वाना: कुछ नही... एक बात पुछू...
मैं: हाँ पुछिये...
रिज़वाना: तुमने उस आदमी को इतना क्यो मारा
मैं: मारता नही तो क्या प्यार करता... आपकी गर्दन पर चाकू लगाया उसने ऑर देखो कितना खून भी आ गया था आपके...
रिज़वाना: तुमने सिर्फ़ इसलिए उसको इतना मारा...
मैं: मार खाने वाले काम किए थे इसलिए मारा मैने उसको...
रिज़वाना: इतनी फिकर मेरी आज तक किसी ने नही की... (रोते हुए)
मैं: (गाड़ी को ब्रेक लगाते हुए) अर्रे रिज़वाना जी आप रोने क्यो लगी क्या हुआ...
रिज़वाना: (अपने आँसू सॉफ करते हुए) कुछ नही...
मैं: (पिछे पड़ी पानी की बोतल रिज़वाना को देते हुए) ये लो पानी पी लो...
रिज़वाना: (बोतल पकड़ते हुए) शुक्रिया...
कुछ देर मे वो ठीक हो गई इसलिए मैने फिर कार स्टार्ट की ऑर घर की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया... लेकिन रिज़वाना अब भी मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी...