10-11-2021, 01:13 PM
अपडेट-20
अभी मैं अपनी सोचो मे ही गुम था कि दरवाज़े पर मुझे एक साया नज़र आया अंधेरा होने की वजह से मैं चेहरा ठीक से देख नही पा रहा था... मैं बस दरवाजे की तरफ नज़र टिकाए उस साए को ही देख रहा था कि कब वो मुझे बुलाए ऑर मैं उसके पास जाउ... लेकिन एक अजीब बात हुई उस लड़की ने पहले सिर घूमके दाए-बाए देखा फिर कमरे के अंदर आ गई जबकि फ़िज़ा कभी भी अंदर नही आती थी वो तो बाहर खड़ी हुई ही इशारा करके मुझे बुलाती थी... ये जानने के लिए कि ये कौन है ऑर यहाँ इस वक़्त क्यो आई है मैने फॉरन उसको अपने पास आता देखकर अपनी आँखें बंद कर ली जैसे मैं गहरी नींद मे सो रहा हूँ... जब वो लड़की थोड़ा ऑर करीब आई तो मुझे हल्का-हल्का चेहरा नज़र आने लगा ये तो नाज़ी थी...
मैं सोच मे पड़ गया कि इस वक़्त ये यहाँ कैसे आ गई ओर फ़िज़ा ने तो मुझे कहा था कि वो इसके सो जाने के बाद आ जाएगी... अब मैं ये सोचकर परेशान था कि कही इस वक़्त फ़िज़ा यहाँ आ गई ऑर उसने नाज़ी को यहाँ देख लिया तो वो क्या सोचेगी मेरे बारे मे... लेकिन फिर भी मैं सोने का नाटक करते हुए वहाँ पड़ा रहा... कुछ देर नाज़ी ने बाबा को देखा जो गहरी नींद मे सो रहे थे ऑर खर्राटे मार रहे थे फिर वो पलट कर गई ऑर धीरे से दरवाज़ा बंद कर दिया ऑर कुण्डी लगाके मेरी तरफ आई ऑर मुझे गौर से देखने लगी मैं आँखें बंद किए हुए लेटा रहा फिर वो धीरे से मेरे बिस्तर पर बैठ गई ऑर कुछ देर मुझे देखती रही फिर जो साइड मे थोड़ी सी जगह थी वहाँ मेरे साथ ही करवट लेके लेट गई क्योंकि उसके जगह कम थी ऑर अब उसके होते हुए मैं थोड़ा पिछे सरक कर जगह भी नही बना सकता था...
कुछ देर वो ऐसे ही लेटी थी ऑर फिर अपना एक हाथ मेरी छाती पर रख लिया ऑर दूसरे हाथ की उंगलियो से मेरे गाल सहलाने लगी फिर धीरे से अपनी एक टाँग मेरी जाँघ के उपर रख ली ऑर अपनी बाजू को मेरे पेट से गुज़ार लिया जैसे वो लेटे हुए को ही मुझे साइड से गले लगा रही हो... इससे उसके मम्मे मुझे अपने कंधो पर महसूस होने लगे... मैं फिर भी वैसे ही लेटा रहा असल मे मैं ये देखना चाहता था कि जो मुझसे अंधेरे मे ग़लती हुई थी उसका उस पर क्या असर हुआ है ऑर वो किस हद तक जाती है...
कुछ देर वो मेरे साथ ऐसे ही पड़ी रही फिर थोड़ा उपर को होते हुए मेरी गाल पर अपनी उंगलियों की मदद से मेरे चेहरे को अपनी तरफ किया ऑर कुछ देर मुझे देखती रही उसकी साँस तेज़ चल रही थी जो मुझे अपने चेहरे पर भी महसूस हो रही थी... फिर उसने धीरे से मेरे कान मे कहा
नाज़ी: जाग रहे हो क्या
मैं खामोश होके लेटा रहा जब उससे यक़ीन हो गया कि मैं सोया पड़ा हूँ तो उसने मेरी गाल पर हल्के से चूम लिया उसने मेरा चेहरा अपनी उंगलियो की मदद से अपनी तरफ किया हुआ था ऑर मुझे चूमने के बाद जैसे उसकी उंगलियो से जान ही ख़तम हो गई हो उसकी साँस भी बहुत तेज़ चल रही जो मुझे अपने चेहरे पर मेसूस हो रही थी... उसके हाथ ओर उंगालियन काँप रही थी कुछ देर वो ऐसे ही मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर मेरे साथ लेती रही ओर अपने काँपते हाथो से मेरी छाती पर अपना हाथ फेरती रही फिर वो उठी ओर हल्के से मेरे कान मे बोली...
नाज़ी: जो तुमने माँगा था मैने दे दिया है अगली बार तुमको माँगने की ज़रूरत नही है...
उसने फिर एक बार मेरी गाल पर चूम लिया ऑर इस बार उसने हल्के-हल्के से 15-16 बार मेरे गाल को लगातार चूमा... मुझसे अब ऑर सबर नही हो रहा था मेरा लंड भी खड़ा होके पाजामे मे टेंट बना चुका था इसलिए मैने करवट ले ली ऑर उसके चेहरे के सामने अपना चेहरा कर दिया साथ ही उसकी कमर मे अपने हाथ डाल लिया जैसे लेटे हुए ही उसको गले से लगा रहा हूँ... अब वो पूरी तरह मेरी बाहो मे थी ऑर मेरा लंड उसकी टाँगो के बीच फसा हुआ था मेरी इस हरकत से वो एक दम डर गई ऑर वही सुन्न हो गई जैसे जम गई हो...
मुझे अपनी ग़लती का अहसास हो गया था कि वो मुझे सोता हुआ समझकर ही ये सब कर रही थी ये मैने क्या किया इसलिए फिर से बिना कोई हरकत किए वैसे ही लेटा रहा ताकि उसको यही लगे कि मैने नींद मे ही करवट ली है... कुछ देर मैं वैसे ही उसको अपनी बाहो मे लिए पड़ा रहा उसका सिर मेरी नीचे वाली बाजू पर था जो मैने घुमा कर उसकी पीठ के पिछे रखा हुआ था ऑर दूसरे हाथ मैने उसकी कमर पर रखा हुआ था ऑर मेरी एक टाँग अब उसके उपर थी... कुछ देर वो ऐसे ही बिना कोई हरकत किए मेरे साथ लेटी रही जब उसे यक़ीन हो गया कि मैं सोया हुआ हूँ तो उसने फिर से एक बार मेरा नाम पुकारा ऑर वही जुमला फिर से दोहराया...
नाज़ी: नीर जाग रहे हो क्या...
जब मेरी तरफ से कोई जवाब नही आया तो उसे यक़ीन हो गया कि मैने नींद मे ही करवट ली है अब वो मुझसे ऑर चिपक गई ऑर अपनी एक बाजू मेरी कमर मे डाल कर मेरे ऑर करीब हो गई उसकी छातीया अब मुझे अपने सीने पर महसूस हो रही थी ऑर उसकी गरम साँसे मुझे अपने गले पर महसूस हो रही थी उसने हल्का सा अपना चेहरा उठाया ऑर फिर से मेरी गाल पर एक बार फिर चूम लिया अब उसने मेरा एक बाजू जो उसकी कमर पर था उसको एक हाथ से उठाया ऑर उसको अपने हाथो मे थाम लिया फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ पर ऑर मेरे हाथ की उंगलियो पर चूमने लगी... फिर खुद ही मेरा हाथ अपनी गाल पर रखकर अपने गाल सहलाने लगी उसके गाल बहुत नाज़ुक थे जिनका अहसास मुझे बहुत अच्छा लग रहा था... फिर उसने हल्के से मेरी टाँग जो मैने उसके उपर रख दी थी उसको धीरे से नीचे की ओर धकेला ताकि वो अपने उपर से मेरी टाँग हटा सके... अब सिर्फ़ मेरा नीचे वाला बाजू ही उसके सिर के नीचे था जिस पर वो सिर रखे हुए लेटी रही...
काफ़ी वक़्त गुज़र गया लेकिन अब उसने कोई हरकत नही की ओर वो ऐसे ही मेरे कंधे पर अपने सिर रखकर लेती रही शायद वो मुझे देख रही थी...
थोड़ी देर लेटे रहने के बाद वो उठी ऑर धीरे से बिस्तर पर पहले बैठी ऑर फिर मेरे चेहरे पर 2-3 बार चूम लिया ऑर फिर वो खड़ी होके चली गई फिर मुझे दरवाज़ा खुलता हुआ दिखाई दिया ऑर वो बाहर को निकल गई...
मैं बस उसको जाते हुए देखता रहा... मुझे अब ये समझ नही आ रहा था कि ये नया किस्सा कौनसा खुल गया ये कहाँ से आ गई मैं तो फ़िज़ा का इंतज़ार कर रहा था...
अभी मैं अपनी सोचो मे ही गुम था कि दरवाज़े पर मुझे एक साया नज़र आया अंधेरा होने की वजह से मैं चेहरा ठीक से देख नही पा रहा था... मैं बस दरवाजे की तरफ नज़र टिकाए उस साए को ही देख रहा था कि कब वो मुझे बुलाए ऑर मैं उसके पास जाउ... लेकिन एक अजीब बात हुई उस लड़की ने पहले सिर घूमके दाए-बाए देखा फिर कमरे के अंदर आ गई जबकि फ़िज़ा कभी भी अंदर नही आती थी वो तो बाहर खड़ी हुई ही इशारा करके मुझे बुलाती थी... ये जानने के लिए कि ये कौन है ऑर यहाँ इस वक़्त क्यो आई है मैने फॉरन उसको अपने पास आता देखकर अपनी आँखें बंद कर ली जैसे मैं गहरी नींद मे सो रहा हूँ... जब वो लड़की थोड़ा ऑर करीब आई तो मुझे हल्का-हल्का चेहरा नज़र आने लगा ये तो नाज़ी थी...
मैं सोच मे पड़ गया कि इस वक़्त ये यहाँ कैसे आ गई ओर फ़िज़ा ने तो मुझे कहा था कि वो इसके सो जाने के बाद आ जाएगी... अब मैं ये सोचकर परेशान था कि कही इस वक़्त फ़िज़ा यहाँ आ गई ऑर उसने नाज़ी को यहाँ देख लिया तो वो क्या सोचेगी मेरे बारे मे... लेकिन फिर भी मैं सोने का नाटक करते हुए वहाँ पड़ा रहा... कुछ देर नाज़ी ने बाबा को देखा जो गहरी नींद मे सो रहे थे ऑर खर्राटे मार रहे थे फिर वो पलट कर गई ऑर धीरे से दरवाज़ा बंद कर दिया ऑर कुण्डी लगाके मेरी तरफ आई ऑर मुझे गौर से देखने लगी मैं आँखें बंद किए हुए लेटा रहा फिर वो धीरे से मेरे बिस्तर पर बैठ गई ऑर कुछ देर मुझे देखती रही फिर जो साइड मे थोड़ी सी जगह थी वहाँ मेरे साथ ही करवट लेके लेट गई क्योंकि उसके जगह कम थी ऑर अब उसके होते हुए मैं थोड़ा पिछे सरक कर जगह भी नही बना सकता था...
कुछ देर वो ऐसे ही लेटी थी ऑर फिर अपना एक हाथ मेरी छाती पर रख लिया ऑर दूसरे हाथ की उंगलियो से मेरे गाल सहलाने लगी फिर धीरे से अपनी एक टाँग मेरी जाँघ के उपर रख ली ऑर अपनी बाजू को मेरे पेट से गुज़ार लिया जैसे वो लेटे हुए को ही मुझे साइड से गले लगा रही हो... इससे उसके मम्मे मुझे अपने कंधो पर महसूस होने लगे... मैं फिर भी वैसे ही लेटा रहा असल मे मैं ये देखना चाहता था कि जो मुझसे अंधेरे मे ग़लती हुई थी उसका उस पर क्या असर हुआ है ऑर वो किस हद तक जाती है...
कुछ देर वो मेरे साथ ऐसे ही पड़ी रही फिर थोड़ा उपर को होते हुए मेरी गाल पर अपनी उंगलियों की मदद से मेरे चेहरे को अपनी तरफ किया ऑर कुछ देर मुझे देखती रही उसकी साँस तेज़ चल रही थी जो मुझे अपने चेहरे पर भी महसूस हो रही थी... फिर उसने धीरे से मेरे कान मे कहा
नाज़ी: जाग रहे हो क्या
मैं खामोश होके लेटा रहा जब उससे यक़ीन हो गया कि मैं सोया पड़ा हूँ तो उसने मेरी गाल पर हल्के से चूम लिया उसने मेरा चेहरा अपनी उंगलियो की मदद से अपनी तरफ किया हुआ था ऑर मुझे चूमने के बाद जैसे उसकी उंगलियो से जान ही ख़तम हो गई हो उसकी साँस भी बहुत तेज़ चल रही जो मुझे अपने चेहरे पर मेसूस हो रही थी... उसके हाथ ओर उंगालियन काँप रही थी कुछ देर वो ऐसे ही मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर मेरे साथ लेती रही ओर अपने काँपते हाथो से मेरी छाती पर अपना हाथ फेरती रही फिर वो उठी ओर हल्के से मेरे कान मे बोली...
नाज़ी: जो तुमने माँगा था मैने दे दिया है अगली बार तुमको माँगने की ज़रूरत नही है...
उसने फिर एक बार मेरी गाल पर चूम लिया ऑर इस बार उसने हल्के-हल्के से 15-16 बार मेरे गाल को लगातार चूमा... मुझसे अब ऑर सबर नही हो रहा था मेरा लंड भी खड़ा होके पाजामे मे टेंट बना चुका था इसलिए मैने करवट ले ली ऑर उसके चेहरे के सामने अपना चेहरा कर दिया साथ ही उसकी कमर मे अपने हाथ डाल लिया जैसे लेटे हुए ही उसको गले से लगा रहा हूँ... अब वो पूरी तरह मेरी बाहो मे थी ऑर मेरा लंड उसकी टाँगो के बीच फसा हुआ था मेरी इस हरकत से वो एक दम डर गई ऑर वही सुन्न हो गई जैसे जम गई हो...
मुझे अपनी ग़लती का अहसास हो गया था कि वो मुझे सोता हुआ समझकर ही ये सब कर रही थी ये मैने क्या किया इसलिए फिर से बिना कोई हरकत किए वैसे ही लेटा रहा ताकि उसको यही लगे कि मैने नींद मे ही करवट ली है... कुछ देर मैं वैसे ही उसको अपनी बाहो मे लिए पड़ा रहा उसका सिर मेरी नीचे वाली बाजू पर था जो मैने घुमा कर उसकी पीठ के पिछे रखा हुआ था ऑर दूसरे हाथ मैने उसकी कमर पर रखा हुआ था ऑर मेरी एक टाँग अब उसके उपर थी... कुछ देर वो ऐसे ही बिना कोई हरकत किए मेरे साथ लेटी रही जब उसे यक़ीन हो गया कि मैं सोया हुआ हूँ तो उसने फिर से एक बार मेरा नाम पुकारा ऑर वही जुमला फिर से दोहराया...
नाज़ी: नीर जाग रहे हो क्या...
जब मेरी तरफ से कोई जवाब नही आया तो उसे यक़ीन हो गया कि मैने नींद मे ही करवट ली है अब वो मुझसे ऑर चिपक गई ऑर अपनी एक बाजू मेरी कमर मे डाल कर मेरे ऑर करीब हो गई उसकी छातीया अब मुझे अपने सीने पर महसूस हो रही थी ऑर उसकी गरम साँसे मुझे अपने गले पर महसूस हो रही थी उसने हल्का सा अपना चेहरा उठाया ऑर फिर से मेरी गाल पर एक बार फिर चूम लिया अब उसने मेरा एक बाजू जो उसकी कमर पर था उसको एक हाथ से उठाया ऑर उसको अपने हाथो मे थाम लिया फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ पर ऑर मेरे हाथ की उंगलियो पर चूमने लगी... फिर खुद ही मेरा हाथ अपनी गाल पर रखकर अपने गाल सहलाने लगी उसके गाल बहुत नाज़ुक थे जिनका अहसास मुझे बहुत अच्छा लग रहा था... फिर उसने हल्के से मेरी टाँग जो मैने उसके उपर रख दी थी उसको धीरे से नीचे की ओर धकेला ताकि वो अपने उपर से मेरी टाँग हटा सके... अब सिर्फ़ मेरा नीचे वाला बाजू ही उसके सिर के नीचे था जिस पर वो सिर रखे हुए लेटी रही...
काफ़ी वक़्त गुज़र गया लेकिन अब उसने कोई हरकत नही की ओर वो ऐसे ही मेरे कंधे पर अपने सिर रखकर लेती रही शायद वो मुझे देख रही थी...
थोड़ी देर लेटे रहने के बाद वो उठी ऑर धीरे से बिस्तर पर पहले बैठी ऑर फिर मेरे चेहरे पर 2-3 बार चूम लिया ऑर फिर वो खड़ी होके चली गई फिर मुझे दरवाज़ा खुलता हुआ दिखाई दिया ऑर वो बाहर को निकल गई...
मैं बस उसको जाते हुए देखता रहा... मुझे अब ये समझ नही आ रहा था कि ये नया किस्सा कौनसा खुल गया ये कहाँ से आ गई मैं तो फ़िज़ा का इंतज़ार कर रहा था...