10-11-2021, 01:03 PM
हॉस्पिटल से निकलकर हम पहले बीज मंडी गये फिर वहाँ से हीना के लिए शॉपिंग करने चले गये जहाँ मैने फ़िज़ा ऑर नाज़ी के लिए भी कुछ कपड़े खरीद लिए फिर हम घर के लिए निकल पड़े... सारे सफ़र के दोरान मैं बस चुप-चाप बैठा अपने ज़हन मे आने वाली तस्वीरो के बारे मे सोचता रहा कि आख़िर मैं हूँ कौन... क्यो मुझे मेरा अतीत याद नही है... क्यो 20-20 लोग भी मिलकर मुझसे लड़ाई नही कर सकते... ऑर वो हथियार चलाना मुझे कहाँ से आए वो मेरे ज़हन का बस ख्याल था या मैं सच मे हथियार चला सकता हूँ...
तभी एक जीप तेज़ी से हमारी तरफ आई जिसमे कुछ शहर के लड़के बैठे थे जो बार-बार चिल्ला रहे थे उन्होने हाथ मे शराब की बोतल पकड़ी हुई थी... अचानक उन्होने बीच सड़क मे जीप रोक दी ऑर हमारी कार भी उनकी वजह से रोकनी पड़ी...
हीना: ड्राइवर बाहर जाके देखो क्या समस्या है इन लड़को के साथ...
मैं: हीना जी मैं जाके देखता हूँ
हीना: नही तुम रहने दो जाओ ड्राइवर तुम जाओ ऑर उनको जीप साइड पर करने को बोलो
ड्राइवर: अच्छा छोटी मालकिन...
ड्राइवर उन लड़को के पास गया ऑर थोड़ी-देर बहस के बाद उन्होने ड्राइवर को मारना शुरू कर दिया
मैने एक मुस्कुराहट के साथ हीना की तरफ देखा ऑर बिना कुछ कहे कार से बाहर निकल गया... बाहर निकलते ही मैं दौड़कर उनकी तरफ गया ऑर उन लड़को पर धावा बोल दिया सबसे पहले एक सामने खड़ा था जिस पर मैने हमला किया इससे पहले कि वो कुछ कह पाता या कर पाता मैने उसके मुँह पर मुक्का मारा ऑर वो ज़मीन पर गिर गया...
अचानक सब लड़के मुझे देखकर हैरान से हो गये ऑर मुझसे लड़ने की बजाए सब अपने घुटनो पर बैठ गये ओर माफी माँगने लगे मुझे कुछ समझ नही पाया कि ये क्या हुआ ये तो अभी इतनी गुंडागर्दी कर रहे थे अचानक इन्हे क्या हो गया जो ये मुझसे माफी माँगने लगे...
1 लड़का: भाई माफ़ कर दो हम को पता नही था आप की गाड़ी है...
2 लड़का: भाई आप ज़िंदा हो ये जानकार बहुत खुशी हुई...
मुझे उनके इस तरह के बर्ताव से कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ इनको...
मैं: तुम जानते हो मैं कौन हूँ...
1 लड़का: भाई माफ़ कर दो आपके पैर पड़ता हूँ पहचानने मे ग़लती हो गई...
मैं: बताओ मुझे मैं कौन हूँ क्या तुम मुझे जानते हो...
2 लड़का: भाई माफ़ भी कर दो आगे से ऐसा नही होगा हम को पता नही था आपकी कार है
मैं: बता मुझे मैं कौन हूँ मैं तुम्हे कुछ नही कहूँगा...
1 लड़का: शेरा भाई कैसी बात कर रहे हो आपको कौन नही जानता...
मैं: मैं शेरा हूँ... कौन शेरा...
इससे पहले कि मैं कुछ ऑर कह पाता हीना कार से निकलकर बाहर आ गई ऑर जैसे ही मैं पिछे को मुड़ा वो लोग वहाँ से भाग गये ऑर अपनी जीप मे बैठकर चले गये...
हीना: (मुस्कुराते हुए) क्या बात है एक ही मुक्के मे इतने सारे लड़को को अपने पैरो मे डाल लिया
मैं: हीना जी आपने ये क्या किया उनको भगा दिया जानती हो आपके आने से वो लोग भाग गये मुझे उनसे कुछ पुछ्ना था...
हीना: क्या पुछ्ना था अर्रे माफ़ भी कर दो उनको बिचारों ने पैर तो पकड़ लिए अब क्या जान लोगे उनकी चलो कार मे... अर्रे अब कार कौन चलाएगा ये तो बेहोश हो गया ऑर मुझे कार चलानी तो आती ही नही (रोने जैसा मुँह बनाके ऑर अपने ड्राइवर की तरफ देखते हुए)
मैं: मैं चलाउन्गा
हीना: (हैरानी से) तुम कार भी चला लेते हो...
मैं: हाँ शायद
हीना: वाह क्या बात है तुम तो छुपे रुस्तम हो चलो पहले इस ढक्कन को कार मे फेंको कोई काम के नही है अब्बू के आदमी (मुँह बनाते हुए) मैं अगली सीट पर तुम्हारे साथ ही बैठ जाती हूँ पिछे ये मनहूस पड़ा रहेगा...
(असल मे मैं नही जानता था कि मैं कार चला सकता हूँ या नही लेकिन उन लड़को ने जैसे कहा कि हम को पता नही था कि आपकी कार है उससे मैने बस अंदाज़ा लगाया था कि शायद मैं कार चला सकता हूँ...)
मैं कार मे ड्राइवर सीट पर बैठा ऑर मैं नही जानता मैने कार चलानी कहाँ सीखी लेकिन जैसे ही मैं कार की ड्राइवर सीट पर बैठा अचानक से मुझे सब कुछ याद आने लगा ऑर कुछ ही देर मे कार हवा से बातें करने लगी आज ना जाने क्यो कार चलते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही थी ऑर मैं हवा से बाते करते हुए कार को तेज़-तेज़ दौड़ा रहा था...
हीना: नीर आराम से चलाओ तुम बहुत तेज़ चला रहे हो मुझे डर लग रहा है...
मैं: देखती जाओ आज बहुत वक़्त के बाद ये स्टारिंग व्हील मेरे हाथ आया है आज इसको चलाउन्गा नही उड़ा दूँगा...
हीना: इतना ख्याल रखना कि कही मुझे ना उड़ा देना... हाहहहहहाहा
ऐसे ही बाते करते हुए हम गाँव वापिस आ गये मैने सरपंच की हवेली के सामने कार रोकी ऑर खुद पैदल चलता हुआ अपने घर की तरफ कदम बढ़ा दिए आज मैं बहुत खुश था क्योंकि आज इतने वक़्त के बाद मुझे मेरा असल नाम पता चला था शेरा हाँ यही नाम लेके पुकारा था उन लड़को ने मुझे मैं बे-क़रार हुआ जा रहा था ये खबर फ़िज़ा ऑर नाज़ी को देने के लिए...
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तभी एक जीप तेज़ी से हमारी तरफ आई जिसमे कुछ शहर के लड़के बैठे थे जो बार-बार चिल्ला रहे थे उन्होने हाथ मे शराब की बोतल पकड़ी हुई थी... अचानक उन्होने बीच सड़क मे जीप रोक दी ऑर हमारी कार भी उनकी वजह से रोकनी पड़ी...
हीना: ड्राइवर बाहर जाके देखो क्या समस्या है इन लड़को के साथ...
मैं: हीना जी मैं जाके देखता हूँ
हीना: नही तुम रहने दो जाओ ड्राइवर तुम जाओ ऑर उनको जीप साइड पर करने को बोलो
ड्राइवर: अच्छा छोटी मालकिन...
ड्राइवर उन लड़को के पास गया ऑर थोड़ी-देर बहस के बाद उन्होने ड्राइवर को मारना शुरू कर दिया
मैने एक मुस्कुराहट के साथ हीना की तरफ देखा ऑर बिना कुछ कहे कार से बाहर निकल गया... बाहर निकलते ही मैं दौड़कर उनकी तरफ गया ऑर उन लड़को पर धावा बोल दिया सबसे पहले एक सामने खड़ा था जिस पर मैने हमला किया इससे पहले कि वो कुछ कह पाता या कर पाता मैने उसके मुँह पर मुक्का मारा ऑर वो ज़मीन पर गिर गया...
अचानक सब लड़के मुझे देखकर हैरान से हो गये ऑर मुझसे लड़ने की बजाए सब अपने घुटनो पर बैठ गये ओर माफी माँगने लगे मुझे कुछ समझ नही पाया कि ये क्या हुआ ये तो अभी इतनी गुंडागर्दी कर रहे थे अचानक इन्हे क्या हो गया जो ये मुझसे माफी माँगने लगे...
1 लड़का: भाई माफ़ कर दो हम को पता नही था आप की गाड़ी है...
2 लड़का: भाई आप ज़िंदा हो ये जानकार बहुत खुशी हुई...
मुझे उनके इस तरह के बर्ताव से कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या कहूँ इनको...
मैं: तुम जानते हो मैं कौन हूँ...
1 लड़का: भाई माफ़ कर दो आपके पैर पड़ता हूँ पहचानने मे ग़लती हो गई...
मैं: बताओ मुझे मैं कौन हूँ क्या तुम मुझे जानते हो...
2 लड़का: भाई माफ़ भी कर दो आगे से ऐसा नही होगा हम को पता नही था आपकी कार है
मैं: बता मुझे मैं कौन हूँ मैं तुम्हे कुछ नही कहूँगा...
1 लड़का: शेरा भाई कैसी बात कर रहे हो आपको कौन नही जानता...
मैं: मैं शेरा हूँ... कौन शेरा...
इससे पहले कि मैं कुछ ऑर कह पाता हीना कार से निकलकर बाहर आ गई ऑर जैसे ही मैं पिछे को मुड़ा वो लोग वहाँ से भाग गये ऑर अपनी जीप मे बैठकर चले गये...
हीना: (मुस्कुराते हुए) क्या बात है एक ही मुक्के मे इतने सारे लड़को को अपने पैरो मे डाल लिया
मैं: हीना जी आपने ये क्या किया उनको भगा दिया जानती हो आपके आने से वो लोग भाग गये मुझे उनसे कुछ पुछ्ना था...
हीना: क्या पुछ्ना था अर्रे माफ़ भी कर दो उनको बिचारों ने पैर तो पकड़ लिए अब क्या जान लोगे उनकी चलो कार मे... अर्रे अब कार कौन चलाएगा ये तो बेहोश हो गया ऑर मुझे कार चलानी तो आती ही नही (रोने जैसा मुँह बनाके ऑर अपने ड्राइवर की तरफ देखते हुए)
मैं: मैं चलाउन्गा
हीना: (हैरानी से) तुम कार भी चला लेते हो...
मैं: हाँ शायद
हीना: वाह क्या बात है तुम तो छुपे रुस्तम हो चलो पहले इस ढक्कन को कार मे फेंको कोई काम के नही है अब्बू के आदमी (मुँह बनाते हुए) मैं अगली सीट पर तुम्हारे साथ ही बैठ जाती हूँ पिछे ये मनहूस पड़ा रहेगा...
(असल मे मैं नही जानता था कि मैं कार चला सकता हूँ या नही लेकिन उन लड़को ने जैसे कहा कि हम को पता नही था कि आपकी कार है उससे मैने बस अंदाज़ा लगाया था कि शायद मैं कार चला सकता हूँ...)
मैं कार मे ड्राइवर सीट पर बैठा ऑर मैं नही जानता मैने कार चलानी कहाँ सीखी लेकिन जैसे ही मैं कार की ड्राइवर सीट पर बैठा अचानक से मुझे सब कुछ याद आने लगा ऑर कुछ ही देर मे कार हवा से बातें करने लगी आज ना जाने क्यो कार चलते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही थी ऑर मैं हवा से बाते करते हुए कार को तेज़-तेज़ दौड़ा रहा था...
हीना: नीर आराम से चलाओ तुम बहुत तेज़ चला रहे हो मुझे डर लग रहा है...
मैं: देखती जाओ आज बहुत वक़्त के बाद ये स्टारिंग व्हील मेरे हाथ आया है आज इसको चलाउन्गा नही उड़ा दूँगा...
हीना: इतना ख्याल रखना कि कही मुझे ना उड़ा देना... हाहहहहहाहा
ऐसे ही बाते करते हुए हम गाँव वापिस आ गये मैने सरपंच की हवेली के सामने कार रोकी ऑर खुद पैदल चलता हुआ अपने घर की तरफ कदम बढ़ा दिए आज मैं बहुत खुश था क्योंकि आज इतने वक़्त के बाद मुझे मेरा असल नाम पता चला था शेरा हाँ यही नाम लेके पुकारा था उन लड़को ने मुझे मैं बे-क़रार हुआ जा रहा था ये खबर फ़िज़ा ऑर नाज़ी को देने के लिए...
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