10-11-2021, 12:57 PM
अपडेट-13
अब मैं नीचे लेट गया था ऑर फ़िज़ा फिर से मेरे उपर आ गई थी उसने एक बार फिर से मेरे लंड को थोड़ा सा चूस कर गीला किया ऑर अब मेरे लंड के टोपी पर काफ़ी सारा थूक जमा हो गया कुछ थूक उसने खुद ही अपनी चूत मे लगाया ऑर लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया ऑर साँस अंदर खींच कर धीरे-धीरे लंड पर बैठने लगी अभी आधा लंड ही अंदर गया था कि उसके चेहरे से पता चल रहा था कि उसको लंड पूरा अंदर लेने मे अभी भी परेशानी हो रही है इसलिए जितना लंड उसके अंदर गया था उतने से ही वो उपर-नीचे होने लगी अब हर झटके के साथ वो थोड़ा ज़्यादा लंड अंदर ले रही थी... कुछ ही देर मे उसने पूरा लंड अपने अंदर उतार लिया ऑर उपर नीचे होने लगी साथ ही उसने मेरे हाथ पकड़कर अपने मम्मों पर रख दिए ऑर मैं उसकी निपल्स को अपनी उंगली ऑर अंगूठे से मरोड़ने लगा... अब उसको भी मज़ा आने लगा था इसलिए वो अपनी गान्ड को धीरे-धीरे उपर-नीचे करती हुई वापिस मेरे सीने पर लेट गई ऑर मेरे सीने पर चूमने लगी...
मैं: अब मैं उपर आउ?
फ़िज़ा: हमम्म आ जाओ लेकिन इसको बाहर मत निकलना बहुत मज़ा आ रहा है...
मैं: ठीक है
मैने ऐसे ही बिना लंड बाहर निकाले उसको कमर से पकड़ कर घुमा दिया अब वो नीचे थी ऑर मैं उसके उपर था उसने अपनी दोनो टांगे हवा मे उठाके मेरी कमर पर लपेट दी थी ऑर मैने धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए उससे शायद अभी भी दर्द हो रहा था इसलिए उसने मुझे गले से लगाए मेरे होंठ चूसने लगी मैं नीचे से झटके लगा रहा था... अब मैने धीरे-धीरे रफ़्तार बढ़ानी शुरू करदी जिससे उसकी चूत भी पानी छोड़ने लगी ऑर लंड अंदर जाने मे ऑर आसानी हो गई धीरे-धीरे अब उसको भी मज़ा आने लगा था इसलिए उसने आँखें बंद किए ही मुझे कहा कि तोड़ा तेज़ करो... मैने अब अपनी रफ़्तार थोड़ी बढ़ा दी थी जिससे पूरे कमरे मे उसकी आहह... आअहह... ऑर फ़च... फ़च... की आवाज़े आ रही थी जो शायद कमरे के बाहर तक जा रही होंगी...
आज फ़िज़ा ऑर मुझे पहली बार से भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था शायद इसलिए हम दोनो ही अपने होश मे नही थे ना ही बाहर आवाज़ जाने की परवाह थी हम दोनो ही बस अपने मज़े मे डूबे लगे हुए थे...
कुछ ही देर मे वो फारिग होने करीब आ गई ऑर उसने मुझे ज़ोर से गले से लगा लिया ऑर अपनी गान्ड को उपर उठाना शुरू कर दिया...
फ़िज़ा: अब रुकना मत ज़ोर से करो तेज़्ज़्ज़... ऑर तेज़्ज़्ज़्ज़... मैं अब करीब ही हूँ...
कुछ ही जोरदार झटको के साथ वो अपनी मंज़िल पर आ गई उसका पूरा बदन अकड़ गया ऑर उसने अपनी गान्ड हवा मे उठा ली साथ ही उसने मुझे भी उपर को कर दिया कुछ सेकेंड्स वो ऐसे ही आकड़ी रही ऑर फिर एक दम से बेड पर गिर गई ऑर लंबे-लंबे साँस लेने लगी...
फ़िज़ा: आपका हुआ नही अभी तक?
मैं: (ना मे सिर हिलाते हुए)
फ़िज़ा: थोड़ी देर धीरे झटके लगाओ फिर तेज़ कर देना
इसके साथ ही मैं फिर से झटके लगाने लगा ऑर उसकी चूत जो कुछ मिंट पहले ठंडी हो गई थी वो फिर से गरम होने लगी अब उसने भी मेरा फिर से साथ देना शुरू कर दिया... अब मैने उसकी दोनो टाँग हवा मे उठाई ऑर अपने कंधे पर रख ली ऑर ऐसे ही तेज़-तेज़ झटके मारने लगा
चन्द जोरदार झटको के बाद मैं भी मंज़िल पर पहुँच ही गया मेरे लंड मे एक अजीब सा उबाल आने लगा ऑर इसी के साथ मेरे लंड ने फ़िज़ा की चूत के अंदर एक झटका खाया जिसको फ़िज़ा की चूत महसूस करते ही फिर से एक बार ऑर फारिग हो गई जिससे फ़िज़ा की चूत अजीब सी सिकुड़न सी आने लगी जैसे वो मेरे लंड को अंदर चूस रही हो वो अहसास ने मुझे इंतेहा मज़ा दिया ऑर फिर मेरे लंड ने लगतार 5-6 झटके खाए ऑर अपनी सारी मानी फ़िज़ा की चूत मे उडेल दी...
हम दोनो की साँस ही फूली हुई थी ऑर हमारा बदन पसीने से नाहया हुआ था लेकिन दोनो को इस वक़्त बहुत सुकून था ऑर शरीर एक दम हल्का महसूस हो रहा था मैं फ़िज़ा के मम्मो के बीच अपना सिर रखे लेटा हुआ था ऑर अपनी सांसो को ठीक करने की कोशिश कर रहा था... फ़िज़ा का हाल भी मेरे जैसा ही था वो भी मुझे गले से लगाए मेरे बालो मे अपनी उंगलियो की कंघी बनाए हाथ फेर रही थी उसके चेहरे पर सुकून था ऑर वो बार-बार मेरे सिर को चूम रही थी साथ मे मेरी पीठ पर हाथ फेर रही थी ऑर मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी...
मैने भी उसके चेहरे की तरफ देखा ऑर उसके होंठों को हल्के से चूम लिया ऐसे ही हम दोनो कुछ देर एक दूसरे की आँखो मे देखते रहे ऑर फिर मैं उसके उपर से उठ गया ऑर कपड़े पहन ने लगा... अभी मैं कपड़े ही पहन रहा था कि अचानक किसी के दरवाज़ा खट-खटाने की आवाज़ आई हम दोनो ही घबरा गये थे कि इस वक़्त कौन आया होगा... मैने ऑर फ़िज़ा ने जल्दी से अपने-अपने कपड़े पहने ऑर फ़िज़ा ने मुझे बेड के नीचे घुसने को कहा... मैं बिजली की फुर्ती के साथ बेड के नीचे घुस गया... मेरे नीचे घुसते ही फ़िज़ा ने दरवाज़ा खोला...
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