10-11-2021, 12:41 PM
थोड़ी देर लेटने के बाद उसने मेरे कान मे कहा नीर आपका हुआ नही मैने ना मे सिर हिला दिया उसने फिर मेरे कान मे बोला आदमी हो या जानवर मेरा शोहर इतनी देर मे 5 बार ठंडा हो जाता आप एक बार भी नही हुए लगता है आज मुझे भी मेरा असल मर्द मिल ही गया ऑर इतना कहकर उसने फिर से मेरे होंठ चूम लिए ऑर मुझे अपने उपर आने को कहा...
मैं अब अपनी पुरानी आई हुई याद की तरह उसको चोदना चाहता था इसलिए उसकी बाजू पकड़ कर उसको उठाया ऑर घुमा कर उसको दोनो घुटनो पर दोनो हाथो पर किसी जानवर की तरह खड़ा कर दिया उसको कुछ समझ नही आ रहा था क्योकि ये तरीका उसके लिए शायद नया था... मैने अंधेरे मे अंदाज़े से उसकी चूत को ढूँढ कर लंड को निशाने पर रखकर एक जोरदार झटका लगाया मेरा लंड उसकी चूत को खोलता हुआ अंदर चला गया उसके मुँह से एक "आआययईीीईईईई सस्सिईईईईई आराम से करो" की आवाज़ निकली... अब मैने उसकी बड़ी सी गान्ड को अपने दोनो हाथो मे थामा ऑर तेज़-तेज़ झटके लगाने शुरू कर दिए जो उसको ऑर भी मज़ेदार लगे... अब मैने एक हाथ से उसके लंबे बालो को पकड़ लिया था ऑर दूसरे हाथ से उसकी गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए उसको बुरी तरह चोदना शुरू कर दिया उसके लिए ये सब नया था इसलिए उसको मेरे ऐसा करने से दर्द भी हो रहा था ऑर मज़ा भी बोहोत आ रहा था इसलिए उसने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया ताकि आवाज़ नीचे ना जाए अब मैं बुरी तरह से उसको चोद रहा था ऑर उसके मुँह से सिर्फ़ एम्म्म... एम्म्म की आवाज़ निकल रही थी मेरे इन तेज़ झटको से वो 2 बार ऑर झड चुकी थी लेकिन मेरी इतनी जबरदस्त चुदाई से वो फिर गरम हो जाती थी अब मैं भी मंज़िल के करीब ही था इसलिए अपनी रफ़्तार मे ऑर इज़ाफ़ा कर दिया अब मैने एक हाथ से उसके लंबे बाल पकड़े थे ऑर दूसरा हाथ नीचे से उसके मम्मे को थामे ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था ऑर अचानक एक तेज़ बहाव मेरे लंड मे पैदा हुआ मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे लंड मे से कुछ निकलने वाला है इसलिए मैने अपनी रफ़्तार फुल स्पीड मे करदी... पूरी कोठरी मे तेज़ थप्प्प... थप्प्प की आवाज़ आ रही थी... लेकिन अब हमें नीचे आवाज़ जाने की भी परवाह नही थी ऑर हम दोनो अपनी मंज़िल को पाना चाहते थे अचानक मेरे लंड ने पहला झटका लिया ऑर एक पिचकारी मेरे लंड से निकली ऑर फ़िज़ा की चूत मे गिरी पहली के बाद दूसरी फिर तीसरी फिर चौथी ऐसे ही मेरे लंड ने कई झटके खाए ओर काफ़ी सारा गाढ़ा माल फ़िज़ा की चूत मे ही छोड़ दिया फ़िज़ा भी अब ठंडी हो चुकी थी लेकिन उसकी चूत अब भी मेरे लंड को अंदर की तरफ दबा रही थी जैसे मेरे लंड को अंदर से चूस रही हो ऑर एक भी कतरा बाहर निकालना उसे मंजूर ना हो... फ़िज़ा अब अपना मुँह बिस्तर पर गिराए हाँफ रही थी मैं भी तेज़-तेज़ साँस ले रहा था मज़े का ये तूफान थम चुका था... हम दोनो ही तेज़ सांसो के साथ एक साथ बिस्तर पर लेटे थे फ़िज़ा मेरे सीने पर सिर रखे मेरे पेट पर हाथ फेर रही थी ओर मेरे सीने को उसके होंठ चूम रहे थे...
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अचानक दरवाज़े पर किसी की दस्तक हुई तो हम दोनो ही चोंक गये अंधेरे मे जल्दी-जल्दी फ़िज़ा अपने कपड़े ढूँढने लगी ऑर अपने साथ मे मेरे भी कपड़े उठाके नीचे भाग गई...