10-11-2021, 12:39 PM
कुछ ही देर मे वो फिर से गरम होने लगी ऑर थोड़ी देर पहले नीचे जो हरकत उसकी गान्ड मेरे लंड के साथ कर रही थी अब वही हरकत उसकी चूत ने मेरे लंड के साथ करनी शुरू कर दी थी वो बार-बार नीचे से अपनी गान्ड उठाकर मेरे लंड पर अपनी चूत के होंठ रगड़ रही थी मुझे उसकी इस हरकत से बहुत मज़ा मिल रहा था मैने फिर से उसके मम्मों को थाम लिया ओर चूसना शुरू कर दिया अब वो भी नीचे से ज़ोर-ज़ोर से अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लगी शायद उसकी चूत अब चुदवाने के लिए लंड चाहती थी... जाने कितने वक़्त की प्यासी चूत थी एक बार झड़ने से कहाँ शांत होने वाली थी... मैं जब उसके मम्मे के निपल को चूसने ऑर काटने मे लगा था तो उसने अपना हाथ नीचे लेजा कर मेरे लंड को थाम लिया ओर अचानक उसके मुँह से निकल गया... इतना बड़ा ... ... उसने दूसरा हाथ मेरे कंधे पर रखा ऑर मेरा चेहरा उपर किया ऑर कान मे बोला
फ़िज़ा: नीर ये इतना बड़ा ऑर मोटा कैसे हो गया... दवाई लगाते हुए तो कभी इतना बड़ा नही हुआ था...
मैं: पता नही शायद आज हम इस तरह साथ है इसलिए हो गया होगा
फ़िज़ा: मैं चाहती हूँ तुम अपना ये मेरे अंदर डालो ओर मुझे खूब प्यार करो लेकिन आराम से अंदर डालना मैने बोहोत वक़्त से किया नही ऑर तुम्हारा है भी बोहोत बड़ा...
मैं: (हां मे सिर हिलाते हुए) ठीक है
उसने मेरे लंड को सेट करके उसको अपनी चूत के छेद पर रख दिया ऑर दूसरा हाथ धीरे से मेरी गान्ड पर रखकर दबा दिया अब लंड का टोपा ही उसकी चूत से छुआ था कि उसने एक आआहह भरी ऑर मेरे कान मे बोली धीरे से डालो जब रुकने को बोलूं तो रुक जाना... मैने थोड़ा ज़ोर लगाया तो लंड स्लिप होके उपर को चला गया उसने मेरे लंड को पकड़के फिर निशाने पर रखा ओर कहा अब लगाओ ज़ोर... मैने फिर एक कोशिश की इस बार लंड का टोपा अंदर चला गया ऑर उसने मुझे रोकने के लिए दूसरे हाथ से मेरे कंधे को दबा दिया... मैं कुछ देर के लिए रुक गया फिर कुछ देर बाद उसने फिर से ज़ोर लगाने का कहा तो मैने एक झटका मारा जिससे मेरा 1/4 लंड अंदर चला गया ऑर उसके मुँह से बस एक सस्स्सिईईईईईईईईईई रूको-रूको एक बार बाहर निकालो की आवाज़ निकली...
फ़िज़ा: नीर ये बहुत बड़ा ऑर मोटा है थोड़ा गीला कर लो नही तो मुझे दर्द होगा
मैं: ठीक है तुम कर दो गीला
उसने थोड़ा सा थूक अपने हाथ मे जमा किया ऑर मेरे लंड पर अच्छी तरह थूक लगा दिया ऑर गीला कर दिया बाकी बचा थूक उसने अपनी चूत पर मल दिया... अब फिर से उसने लंड को निशाने पर रखा ऑर मेरी गान्ड को दबा दिया ये इशारा था कि मैं फिर से ज़ोर लगाऊ इस बार जब मैने झटका मारा तो लंड फिसलता हुआ आधा अंदर चला गया ऑर रुक गया... उसके मुँह से फिर एक ससिईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली ऑर उसने मेरे कान मे कहा "ये तो बहुत मोटा है मुझे दर्द हो रहा है थोड़ा आराम से करो"
अब मैने उसके मुँह को पकड़के उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए ताकि अगले झटके पर वो चीख ना दे अब उसके दोनो होंठ मेरे मुँह मे क़ैद थे ओर मैने एक जोरदार झटका लगाया जो कि उसकी चूत की दीवारो को पिछे धकेल्ता हुआ पूरा लंड अंदर चला गया उसने अचानक से अपना मुँह उपर की तरफ कर लिया ऑर उसका मुँह एक दम से खुल गया ऑर एक तेज़ आआहह उसके मुँह मे ही दबके रह गई उसने अपने सिर को दाए-बाए मारना शुरू कर दिया इसलिए मैने अब उसके मुँह को आज़ाद कर दिया तो उसके मुँह से निकला सीईईईईईई आईईई मर गई अम्मिईीईईईईईई आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... मेरा अंदाज़ा सही था क्योकि अगर उसका मुँह आज़ाद होता तो नीचे से कोई भी उसकी चीख सुन सकता था... ऐसा नही था कि फ़िज़ा कुँवारी थी लेकिन शायद उसके पति का लंड काफ़ी छोटा था या फिर वो इतने वक़्त से चुदि नही थी तो उसकी चूत अंदर से बंद हो गई थी इसलिए उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था... अब मैं कुछ देर के लिए फिर रुक गया ऑर लंड को अंदर अपनी जगह बनाने के लिए थोडा वक़्त दिया ताकि चूत मेरे लंड को पूरी तरह आक्सेप्ट कर ले ऑर फ़िज़ा को दर्द ना हो...
अब मैं लंड फ़िज़ा की चूत मे डाले आराम से उसके मम्मे चूस रहा था ऑर फ़िज़ा मेरे सिर पर ऑर पीठ पर अपने नाज़ुक हाथ फेर रही थी अब फ़िज़ा का दर्द भी ठीक हो गया था इसलिए उसने नीचे से अपनी गान्ड को उपर की तरफ उठाना शुरू कर दिया मैने भी धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए... कुछ देर बाद हम दोनो की एक लय सी बन गई जब लंड बाहर को जाता तो वो अपनी गान्ड भी नीचे को ले जाती जब लंड अंदर को दाखिल होता तो वो भी अपनी गान्ड उपर को उठा देती हम दोनो मज़े की वादियो मे खोए हुए थे एक दूसरे को बुरी तरह चूम ऑर चाट रहे थे... अचानक फ़िज़ा ने मुझे ज़ोर से झटके मारने को कहा मैने भी धीरे-धीरे अपने झटको मे तेज़ी पैदा की अब नीचे ठप्प्प... ठप्प्प... ठप्प्प की आवाज़े आ रही थी फ़िज़ा की चूत बुरी तरह पानी छोड़ थी अब उसने अपनी गान्ड को नीचे से ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया मैं भी अब उसको ऑर तेज़ी से झटके लगा रहा था ...
फ़िज़ा ने अपनी दोनो टांगे हवा मे उठाके मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट ली अचानक उसकी टांगे फिर से काँपने लगी ऑर उसने मुझे ज़ोर से अपने गले से लगा लिया मैं नीचे से लगातार ज़ोर से झटके लगाए जा रहा था ऑर एक तेज़ आआहह नीर मेरिइईईई जानंननननणणन् हेययीयीयियीयियी कहती हुई फ़िज़ा ठंडी पड़ गई मैं अभी भी ठंडा होने के कही करीब भी नही था इसलिए झटके लगाता रहा अब फ़िज़ा ने मुझे उपर से हटने का इशारा किया ऑर खुद मेरे उपर आ गई ऑर मेरे लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर सेट करके एक आअहह के साथ लंड पर बैठती चली गई... अब उसकी चूत ने एक ही झटके मे पूरा लंड अंदर ले लिया था बिना फ़िज़ा को किसी क़िस्म का दर्द दिए शायद अब उसकी चूत खुल गई थी... अब वो मेरे उपर थी ऑर मैं नीचे लेटा था फ़िज़ा उपर नीचे हो रही थी उसके इस तरह से करने से उसकी बड़ी गान्ड थप्प्प्प... थप्प्प्प की आवाज़ पैदा कर रही थी अब वो मेरे उपर लेट गई ऑर फिर से मेरे होंठ चूसने लगी नीचे से उसकी गान्ड लगातार झटके लगा रही थी मैने उसके मम्मों को अपने दोनो हाथो से थाम लिया ऑर उसकी निपल्स को अपने अंगूठे ऑर उंगली की मदद से मरोड़ने लगा जिसमे उसे शायद बोहोत मज़ा आ रहा था कुछ ही देर मे उसके झटके जोरदार हो गये वो लगातार तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी
मैने भी नीचे से अब झटके लगाना शुरू कर दिया था वो मज़े से मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी ऑर झटके लगा रही थी कुछ ही देर मे वो आअहह... आअहह करती हुई फिर से ठंडी पड़ गई ओर मेरी छाती पर ही लुडक गई ऑर तेज़-तेज़ साँस लेने लगी...
फ़िज़ा: नीर ये इतना बड़ा ऑर मोटा कैसे हो गया... दवाई लगाते हुए तो कभी इतना बड़ा नही हुआ था...
मैं: पता नही शायद आज हम इस तरह साथ है इसलिए हो गया होगा
फ़िज़ा: मैं चाहती हूँ तुम अपना ये मेरे अंदर डालो ओर मुझे खूब प्यार करो लेकिन आराम से अंदर डालना मैने बोहोत वक़्त से किया नही ऑर तुम्हारा है भी बोहोत बड़ा...
मैं: (हां मे सिर हिलाते हुए) ठीक है
उसने मेरे लंड को सेट करके उसको अपनी चूत के छेद पर रख दिया ऑर दूसरा हाथ धीरे से मेरी गान्ड पर रखकर दबा दिया अब लंड का टोपा ही उसकी चूत से छुआ था कि उसने एक आआहह भरी ऑर मेरे कान मे बोली धीरे से डालो जब रुकने को बोलूं तो रुक जाना... मैने थोड़ा ज़ोर लगाया तो लंड स्लिप होके उपर को चला गया उसने मेरे लंड को पकड़के फिर निशाने पर रखा ओर कहा अब लगाओ ज़ोर... मैने फिर एक कोशिश की इस बार लंड का टोपा अंदर चला गया ऑर उसने मुझे रोकने के लिए दूसरे हाथ से मेरे कंधे को दबा दिया... मैं कुछ देर के लिए रुक गया फिर कुछ देर बाद उसने फिर से ज़ोर लगाने का कहा तो मैने एक झटका मारा जिससे मेरा 1/4 लंड अंदर चला गया ऑर उसके मुँह से बस एक सस्स्सिईईईईईईईईईई रूको-रूको एक बार बाहर निकालो की आवाज़ निकली...
फ़िज़ा: नीर ये बहुत बड़ा ऑर मोटा है थोड़ा गीला कर लो नही तो मुझे दर्द होगा
मैं: ठीक है तुम कर दो गीला
उसने थोड़ा सा थूक अपने हाथ मे जमा किया ऑर मेरे लंड पर अच्छी तरह थूक लगा दिया ऑर गीला कर दिया बाकी बचा थूक उसने अपनी चूत पर मल दिया... अब फिर से उसने लंड को निशाने पर रखा ऑर मेरी गान्ड को दबा दिया ये इशारा था कि मैं फिर से ज़ोर लगाऊ इस बार जब मैने झटका मारा तो लंड फिसलता हुआ आधा अंदर चला गया ऑर रुक गया... उसके मुँह से फिर एक ससिईईईईईईईईईईईई की आवाज़ निकली ऑर उसने मेरे कान मे कहा "ये तो बहुत मोटा है मुझे दर्द हो रहा है थोड़ा आराम से करो"
अब मैने उसके मुँह को पकड़के उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए ताकि अगले झटके पर वो चीख ना दे अब उसके दोनो होंठ मेरे मुँह मे क़ैद थे ओर मैने एक जोरदार झटका लगाया जो कि उसकी चूत की दीवारो को पिछे धकेल्ता हुआ पूरा लंड अंदर चला गया उसने अचानक से अपना मुँह उपर की तरफ कर लिया ऑर उसका मुँह एक दम से खुल गया ऑर एक तेज़ आआहह उसके मुँह मे ही दबके रह गई उसने अपने सिर को दाए-बाए मारना शुरू कर दिया इसलिए मैने अब उसके मुँह को आज़ाद कर दिया तो उसके मुँह से निकला सीईईईईईई आईईई मर गई अम्मिईीईईईईईई आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह... मेरा अंदाज़ा सही था क्योकि अगर उसका मुँह आज़ाद होता तो नीचे से कोई भी उसकी चीख सुन सकता था... ऐसा नही था कि फ़िज़ा कुँवारी थी लेकिन शायद उसके पति का लंड काफ़ी छोटा था या फिर वो इतने वक़्त से चुदि नही थी तो उसकी चूत अंदर से बंद हो गई थी इसलिए उसको ज़्यादा दर्द हो रहा था... अब मैं कुछ देर के लिए फिर रुक गया ऑर लंड को अंदर अपनी जगह बनाने के लिए थोडा वक़्त दिया ताकि चूत मेरे लंड को पूरी तरह आक्सेप्ट कर ले ऑर फ़िज़ा को दर्द ना हो...
अब मैं लंड फ़िज़ा की चूत मे डाले आराम से उसके मम्मे चूस रहा था ऑर फ़िज़ा मेरे सिर पर ऑर पीठ पर अपने नाज़ुक हाथ फेर रही थी अब फ़िज़ा का दर्द भी ठीक हो गया था इसलिए उसने नीचे से अपनी गान्ड को उपर की तरफ उठाना शुरू कर दिया मैने भी धीरे-धीरे झटके लगाने शुरू कर दिए... कुछ देर बाद हम दोनो की एक लय सी बन गई जब लंड बाहर को जाता तो वो अपनी गान्ड भी नीचे को ले जाती जब लंड अंदर को दाखिल होता तो वो भी अपनी गान्ड उपर को उठा देती हम दोनो मज़े की वादियो मे खोए हुए थे एक दूसरे को बुरी तरह चूम ऑर चाट रहे थे... अचानक फ़िज़ा ने मुझे ज़ोर से झटके मारने को कहा मैने भी धीरे-धीरे अपने झटको मे तेज़ी पैदा की अब नीचे ठप्प्प... ठप्प्प... ठप्प्प की आवाज़े आ रही थी फ़िज़ा की चूत बुरी तरह पानी छोड़ थी अब उसने अपनी गान्ड को नीचे से ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया मैं भी अब उसको ऑर तेज़ी से झटके लगा रहा था ...
फ़िज़ा ने अपनी दोनो टांगे हवा मे उठाके मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट ली अचानक उसकी टांगे फिर से काँपने लगी ऑर उसने मुझे ज़ोर से अपने गले से लगा लिया मैं नीचे से लगातार ज़ोर से झटके लगाए जा रहा था ऑर एक तेज़ आआहह नीर मेरिइईईई जानंननननणणन् हेययीयीयियीयियी कहती हुई फ़िज़ा ठंडी पड़ गई मैं अभी भी ठंडा होने के कही करीब भी नही था इसलिए झटके लगाता रहा अब फ़िज़ा ने मुझे उपर से हटने का इशारा किया ऑर खुद मेरे उपर आ गई ऑर मेरे लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर सेट करके एक आअहह के साथ लंड पर बैठती चली गई... अब उसकी चूत ने एक ही झटके मे पूरा लंड अंदर ले लिया था बिना फ़िज़ा को किसी क़िस्म का दर्द दिए शायद अब उसकी चूत खुल गई थी... अब वो मेरे उपर थी ऑर मैं नीचे लेटा था फ़िज़ा उपर नीचे हो रही थी उसके इस तरह से करने से उसकी बड़ी गान्ड थप्प्प्प... थप्प्प्प की आवाज़ पैदा कर रही थी अब वो मेरे उपर लेट गई ऑर फिर से मेरे होंठ चूसने लगी नीचे से उसकी गान्ड लगातार झटके लगा रही थी मैने उसके मम्मों को अपने दोनो हाथो से थाम लिया ऑर उसकी निपल्स को अपने अंगूठे ऑर उंगली की मदद से मरोड़ने लगा जिसमे उसे शायद बोहोत मज़ा आ रहा था कुछ ही देर मे उसके झटके जोरदार हो गये वो लगातार तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी
मैने भी नीचे से अब झटके लगाना शुरू कर दिया था वो मज़े से मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी ऑर झटके लगा रही थी कुछ ही देर मे वो आअहह... आअहह करती हुई फिर से ठंडी पड़ गई ओर मेरी छाती पर ही लुडक गई ऑर तेज़-तेज़ साँस लेने लगी...