27-04-2019, 11:52 AM
अंकल, मेरी मम्मी की तरफ देख रहे थे और आँख बंद किए – आ अहह आ अहह इस स स स स स कर रहे थे.
मम्मी ने धीरे से, अंकल की लण्ड की चमड़ी को नीचे कर दिया.
अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, बाहर निकल के आ गया.
मम्मी ने पहले लण्ड के सुपाड़े को चूमा और धीरे से, उस पर अपनी जीभ फिराते हुए चाट लिया.
फिर धीरे से अंकल का आधा लण्ड, अपने मुंह में ले के धीरे धीरे चूसने लगीं.
अंकल ने आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह महक… आ आ आ आ आ आहह… की धीमी आवाज़ निकालने लगे थे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ के साथ, अंकल के लण्ड को चूसे जा रही थीं.
एक बड़ी लप्प्प्प्प् प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ, मम्मी ने अंकल का लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया.
अंकल का लंड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
उनका लण्ड इस समय, बिल्कुल तना हुआ था.
मेरी मम्मी ने अंकल की तरफ देखा और दोनों थोड़ा मुस्कुराए.
उसके बाद, मेरी मम्मी ने सिर नीचे कर दिया और अंकल के अंडे चूसने लगीं.
मम्मी धीरे धीरे अंकल के दोनों अंडे चूस रही थीं और अंकल धीमी आवाज़ में – आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
फुच फच फुच फच की धीमी आवाज़, मेरे कानों में आ रही थी.
अब अंकल थोड़ा हट गये और उन्होंने सबसे पहले, अपनी हाफ पैंट निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और पूरे नंगे हो गये.
अब उन्होंने, मेरी मम्मी को लिटा दिया और मेरी मम्मी के बगल में लेट गये और मेरी मम्मी को अपने बदन से चिपका लिया और उनके गले, गाल और लिप पर धीरे धीरे किस करने लगे.
अंकल, अपने हाथ से धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहला रहे थे.
कभी वो अपना हाथ मेरी मम्मी की चुत्तड़ पर सहलाते तो कभी उनकी पीठ पर.
अब भी, हथेली के निशान पड़े हुए थे.
मेरी मम्मी, अपना हाथ अंकल की गर्देन के पीछे ले जाके अंकल का पूरा साथ दे रही थीं.
अंकल बीच बीच में, अपना हाथ आगे ले जाते हुए मेरी मम्मी के चुचे को मसल दे रहे थे.
अब अंकल चूमते हुए, नीचे आ गये और मेरी मम्मी की जांघें को चुम्मी करके, उनकी फुददी के पास आ गये और दो उंगलियो से फैलाते हुए, अपनी जीभ मेरी मम्मी की फुददी के अंदर डाल दी और चाटने लगे.
अंकल की जीभ का स्पर्श पड़ते ही, मेरी मम्मी ने तिलमिला के अपने चुत्तड़ ऊपर उठा लिए.
अंकल के कस के उनकी जांघें पकड़ लीं और फुददी चाटने लगे.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी की फुददी चाटे जा रहे थे.
मेरी मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ अहह… किए जा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे कर दिया और बिस्तर पकड़ लिया.
मेरी मम्मी के चुचे तन गये.
अंकल ने इतनी कस के जांघों से पकड़ बनाया हुआ था की वासना से तड़प रही, मेरी मम्मी हटना चाहती थीं.
लेकिन अंकल, उन्हें आज़ाद नहीं कर रहे थे.
धीरे धीरे, मैंने देखा मेरी मम्मी की फुददी से रस टप टप करके निकलने लगा.
अंकल के होंठ पर, रस लग रहा था.
अंकल ने चाटते हुए कहा – तेरी फुददी का रस चाटने के लिए, तड़प गया था…
उसके बाद, वो फुददी फैलाते हुए मेरी मम्मी की फुददी का रस चाटने लगे.
अंकल ने अब जीभ बाहर निकाल ली और धीरे धीरे, मेरी मम्मी की फुददी पर चाटे बरसाने लगे.
मम्मी, धीमी आवाज़ में – आ अहह आ आहह की आवाज़ निकालने लगीं.
अब अंकल मेरी मम्मी के बगल से उठ के, सामने चले गये और घुटनों के बल उनके सामने बैठ गये.
अंकल ने मेरी मम्मी की जांघों को फैला दिया और टांगों के बीच में आ गये.
उन्होंने मम्मी की कमर के नीचे, तकिया रख दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत ऊपर हो गई और सीधे अंकल के लण्ड के सीध में आ गई.
अंकल और आगे हो गये और उन्होंने, मेरी मम्मी की जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी मम्मी ने हाथ आगे कर के अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे से अपनी फुददी में घुसा लिया और अपनी हाथ पीछे करके, बिस्तर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी की आँखों में देखते हुए, अपनी कमर आगे करते हुए धक्का मारा.
मम्मी – आ आ आ आ आहह…
अंकल ने भी कहा – उंह सस्स्स्स्स् स्स्स्स्श ह…
उस समय, अंकल का आधा लण्ड फुददी के अंदर जा चुका था.
उसके बाद, अंकल ने अपने आप को अड्जस्ट करते हुए एक और धक्का मारा.
मेरी मम्मी की फिर से, चीख निकल गई.
मम्मी ने धीरे से, अंकल की लण्ड की चमड़ी को नीचे कर दिया.
अंकल के लण्ड का सुपाड़ा, बाहर निकल के आ गया.
मम्मी ने पहले लण्ड के सुपाड़े को चूमा और धीरे से, उस पर अपनी जीभ फिराते हुए चाट लिया.
फिर धीरे से अंकल का आधा लण्ड, अपने मुंह में ले के धीरे धीरे चूसने लगीं.
अंकल ने आँखें बंद कर ली थीं और आ अहह महक… आ आ आ आ आ आहह… की धीमी आवाज़ निकालने लगे थे.
मम्मी फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच की आवाज़ के साथ, अंकल के लण्ड को चूसे जा रही थीं.
एक बड़ी लप्प्प्प्प् प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ, मम्मी ने अंकल का लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया.
अंकल का लंड, मेरी मम्मी के थूक से पूरा गीला हो चुका था.
उनका लण्ड इस समय, बिल्कुल तना हुआ था.
मेरी मम्मी ने अंकल की तरफ देखा और दोनों थोड़ा मुस्कुराए.
उसके बाद, मेरी मम्मी ने सिर नीचे कर दिया और अंकल के अंडे चूसने लगीं.
मम्मी धीरे धीरे अंकल के दोनों अंडे चूस रही थीं और अंकल धीमी आवाज़ में – आ अहह आ अहह… की सिसकारियाँ ले रहे थे.
फुच फच फुच फच की धीमी आवाज़, मेरे कानों में आ रही थी.
अब अंकल थोड़ा हट गये और उन्होंने सबसे पहले, अपनी हाफ पैंट निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और पूरे नंगे हो गये.
अब उन्होंने, मेरी मम्मी को लिटा दिया और मेरी मम्मी के बगल में लेट गये और मेरी मम्मी को अपने बदन से चिपका लिया और उनके गले, गाल और लिप पर धीरे धीरे किस करने लगे.
अंकल, अपने हाथ से धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहला रहे थे.
कभी वो अपना हाथ मेरी मम्मी की चुत्तड़ पर सहलाते तो कभी उनकी पीठ पर.
अब भी, हथेली के निशान पड़े हुए थे.
मेरी मम्मी, अपना हाथ अंकल की गर्देन के पीछे ले जाके अंकल का पूरा साथ दे रही थीं.
अंकल बीच बीच में, अपना हाथ आगे ले जाते हुए मेरी मम्मी के चुचे को मसल दे रहे थे.
अब अंकल चूमते हुए, नीचे आ गये और मेरी मम्मी की जांघें को चुम्मी करके, उनकी फुददी के पास आ गये और दो उंगलियो से फैलाते हुए, अपनी जीभ मेरी मम्मी की फुददी के अंदर डाल दी और चाटने लगे.
अंकल की जीभ का स्पर्श पड़ते ही, मेरी मम्मी ने तिलमिला के अपने चुत्तड़ ऊपर उठा लिए.
अंकल के कस के उनकी जांघें पकड़ लीं और फुददी चाटने लगे.
अंकल फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी की फुददी चाटे जा रहे थे.
मेरी मम्मी ज़ोर ज़ोर से – आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ अहह… किए जा रही थीं.
मेरी मम्मी ने अपना हाथ पीछे कर दिया और बिस्तर पकड़ लिया.
मेरी मम्मी के चुचे तन गये.
अंकल ने इतनी कस के जांघों से पकड़ बनाया हुआ था की वासना से तड़प रही, मेरी मम्मी हटना चाहती थीं.
लेकिन अंकल, उन्हें आज़ाद नहीं कर रहे थे.
धीरे धीरे, मैंने देखा मेरी मम्मी की फुददी से रस टप टप करके निकलने लगा.
अंकल के होंठ पर, रस लग रहा था.
अंकल ने चाटते हुए कहा – तेरी फुददी का रस चाटने के लिए, तड़प गया था…
उसके बाद, वो फुददी फैलाते हुए मेरी मम्मी की फुददी का रस चाटने लगे.
अंकल ने अब जीभ बाहर निकाल ली और धीरे धीरे, मेरी मम्मी की फुददी पर चाटे बरसाने लगे.
मम्मी, धीमी आवाज़ में – आ अहह आ आहह की आवाज़ निकालने लगीं.
अब अंकल मेरी मम्मी के बगल से उठ के, सामने चले गये और घुटनों के बल उनके सामने बैठ गये.
अंकल ने मेरी मम्मी की जांघों को फैला दिया और टांगों के बीच में आ गये.
उन्होंने मम्मी की कमर के नीचे, तकिया रख दिया.
मैंने देखा, मेरी मम्मी की चूत ऊपर हो गई और सीधे अंकल के लण्ड के सीध में आ गई.
अंकल और आगे हो गये और उन्होंने, मेरी मम्मी की जांघों को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मेरी मम्मी ने हाथ आगे कर के अंकल का लण्ड पकड़ा और धीरे से अपनी फुददी में घुसा लिया और अपनी हाथ पीछे करके, बिस्तर पकड़ लिया.
अंकल ने मेरी मम्मी की आँखों में देखते हुए, अपनी कमर आगे करते हुए धक्का मारा.
मम्मी – आ आ आ आ आहह…
अंकल ने भी कहा – उंह सस्स्स्स्स् स्स्स्स्श ह…
उस समय, अंकल का आधा लण्ड फुददी के अंदर जा चुका था.
उसके बाद, अंकल ने अपने आप को अड्जस्ट करते हुए एक और धक्का मारा.
मेरी मम्मी की फिर से, चीख निकल गई.