27-04-2019, 11:41 AM
उसके बाद, फुच फच फुच फच ला फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच फुच फच करके वो मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे।
अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और नाइट वियर के ऊपर से सहलाने लगे।
उन्होंने धीरे से, मेरी मम्मी के कपड़े उतार दिए।
मुझे अब साफ साफ, मेरी मम्मी की पैंटी दिख रही थी।
अंकल ने अपना एक हाथ, मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दिया और चुत्तड़ सहलाने लगे और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मैं देख रहा था, मेरी मम्मी बार बार हाथ पीछे करके अंकल का हाथ हटा देती थीं।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चला, अंकल बार बार मम्मी के गाण्ड के छेद मे उंगली घुसा रहे थे।
अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के जांघों तक कर दी और अपने हाथ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर सहलाने लगे।
अंकल ने अब खींच के एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जमा दिया।
मम्मी का चुत्तड़, फिर से बुरी तरह हिल गया।
अंकल, मेरी मम्मी के आँखों में देख रहे थे।
मम्मी के मुंह से – आ आ आहह की आवाज़ निकल गई…
अंकल ने उन्हें देख के मुस्कुराया।
मम्मी ने भी धीरे से स्माइल दी।
अंकल ने खींच के, एक और चाटा मारा।
मम्मी ने फिर से – आहह… किया।
अंकल ने धीरे से, कुछ कहा।
फिर, एक और चाटा मारा।
अंकल ने मम्मी से पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू… और ये कहते हुए, खींच के एक चाटा मारा…
मम्मी ने कहा – दर्द हो रहा है… थोड़ा धीरे…
अंकल ने कहा – बढ़िया… और एक बेहद ज़ोर से चाटा मारा…
इस बार मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – मादर चोद स स स स स… धीरे स स स स स स स स…
मैंने देखा, मेरी मम्मी का चुत्तड़ लाल हो चुका था।
उनके चुत्तड़ पर, अंकल की हथेली के निशान छप चुके थे।
अब अंकल ने मेरी मम्मी के बाल कस के पकड़े और कहा – महक, तुझे तो पता है, चुदाई के वक़्त मुझे तेरे मुँह से गाली निकालना कितना पसंद है…
मम्मी के मुंह से – आ अहह आ… हाँ भडुए, पता है मुझे… तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… गाली सुनने के लिए, क्या मेरी माँ चोद देगा… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह स स स… निकलने लगा।
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे ये दर्द की नहीं, वासना की आवाज़ हो क्यूंकि मम्मी भले ही गालियाँ बक रही थीं पर उनका विद्रोह नहीं कर रही थीं।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ते हुए, उन्हें छाती से चिपका दिया और अपना बया हाथ पीछे ले जाके अपनी बीच की उंगली मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी।
मम्मी के मुंह से फिर से – आ आ आ अहह… कुत्ते के लंड स स स स… की गाली निकली और दर्द की आवाज़ आई।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ के ऊपर उठाया और मम्मी से कहा – आज, मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है… तेरी मां क्या, तेरे खानदान की सारी औरतों की मां चोद के रख दूँगा… और वो हँसने लगे।
मम्मी भी उनकी बात सुन कर, मुस्कुराने लगीं।
बड़े ताजुब की बात है, जो मम्मी मुझे साला या कामीने जैसे शब्दों के लिए चिल्ला पड़ती थीं, यहाँ बिंदास अपनी माँ और ना जाने कौन कौन सी गालियाँ बक रहीं थीं और सुन रही थीं।
क्या लंड या चूत, आदमी या औरत को इतना अँधा कर देता है.. ??
या जो भी आम जिंदगी में वर्जित रहता है, उसकी चुदाई के दौरान छूट रहती है।
खैर, अंकल ने कहा – अब तू चुप चाप, मेरी हर बात मानेगी…
उसके बाद, अंकल ने उंगली बाहर निकाल के फिर से अंदर घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे।
अंकल की पूरा उंगली, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में थी और मेरी मम्मी – आ आ आहह आ आ आआ आ अहह आ आ आ आआ आ आ अहह आ आ आ आआ आहह आ आ आ आ आ आ आअहह… की मादक आवाज़ के साथ, अंकल का साथ दे रही थीं।
अंकल ने हाथ बाहर निकाला और उंगली ऊपर करते हुए, उसे सूँघा और चाट भी लिया।
मुझे हल्की सी उबकाई आ गई।
यहाँ उन्होने फिर से उंगली नीचे ले जाते हुए, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी और रगड़ने लगे।
अब मेरी मम्मी अंकल के ऊपर से नीचे उतर के, बिस्तर पर बैठ गईं।
अंकल ने खींच के मेरी मम्मी की पैंटी निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और मम्मी ने हाथ ऊपर कर दिए।
अंकल ने नाइट वियर पकड़ के ऊपर के तरफ से निकाल के ज़मीन पर गिरा दिया और मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया।
अंकल का तना हुआ लण्ड, मुझे उनके हाफ-पैंट में साफ महसूस हो रहा था।
अंकल ने पैंट खींच के जांघों तक कर दी और घुटनों के बल बैठ गये और मेरी मम्मी ने अंकल के लण्ड को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।
अंकल ने अपना हाथ, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर रख दिया और नाइट वियर के ऊपर से सहलाने लगे।
उन्होंने धीरे से, मेरी मम्मी के कपड़े उतार दिए।
मुझे अब साफ साफ, मेरी मम्मी की पैंटी दिख रही थी।
अंकल ने अपना एक हाथ, मेरी मम्मी की पैंटी के अंदर घुसा दिया और चुत्तड़ सहलाने लगे और मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मैं देख रहा था, मेरी मम्मी बार बार हाथ पीछे करके अंकल का हाथ हटा देती थीं।
जब मैंने ध्यान से देखा तो पता चला, अंकल बार बार मम्मी के गाण्ड के छेद मे उंगली घुसा रहे थे।
अंकल ने देखते देखते, मेरी मम्मी की पैंटी खींच के जांघों तक कर दी और अपने हाथ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर सहलाने लगे।
अंकल ने अब खींच के एक चाटा, मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जमा दिया।
मम्मी का चुत्तड़, फिर से बुरी तरह हिल गया।
अंकल, मेरी मम्मी के आँखों में देख रहे थे।
मम्मी के मुंह से – आ आ आहह की आवाज़ निकल गई…
अंकल ने उन्हें देख के मुस्कुराया।
मम्मी ने भी धीरे से स्माइल दी।
अंकल ने खींच के, एक और चाटा मारा।
मम्मी ने फिर से – आहह… किया।
अंकल ने धीरे से, कुछ कहा।
फिर, एक और चाटा मारा।
अंकल ने मम्मी से पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू… और ये कहते हुए, खींच के एक चाटा मारा…
मम्मी ने कहा – दर्द हो रहा है… थोड़ा धीरे…
अंकल ने कहा – बढ़िया… और एक बेहद ज़ोर से चाटा मारा…
इस बार मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा – मादर चोद स स स स स… धीरे स स स स स स स स…
मैंने देखा, मेरी मम्मी का चुत्तड़ लाल हो चुका था।
उनके चुत्तड़ पर, अंकल की हथेली के निशान छप चुके थे।
अब अंकल ने मेरी मम्मी के बाल कस के पकड़े और कहा – महक, तुझे तो पता है, चुदाई के वक़्त मुझे तेरे मुँह से गाली निकालना कितना पसंद है…
मम्मी के मुंह से – आ अहह आ… हाँ भडुए, पता है मुझे… तेरी माँ का भोसड़ा, बहन के लौड़े… गाली सुनने के लिए, क्या मेरी माँ चोद देगा… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह स स स… निकलने लगा।
ऐसा महसूस हो रहा था जैसे ये दर्द की नहीं, वासना की आवाज़ हो क्यूंकि मम्मी भले ही गालियाँ बक रही थीं पर उनका विद्रोह नहीं कर रही थीं।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ते हुए, उन्हें छाती से चिपका दिया और अपना बया हाथ पीछे ले जाके अपनी बीच की उंगली मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी।
मम्मी के मुंह से फिर से – आ आ आ अहह… कुत्ते के लंड स स स स… की गाली निकली और दर्द की आवाज़ आई।
अब अंकल ने मम्मी के बाल पकड़ के ऊपर उठाया और मम्मी से कहा – आज, मैं तेरा मालिक हूँ और तू मेरी गुलाम है… तेरी मां क्या, तेरे खानदान की सारी औरतों की मां चोद के रख दूँगा… और वो हँसने लगे।
मम्मी भी उनकी बात सुन कर, मुस्कुराने लगीं।
बड़े ताजुब की बात है, जो मम्मी मुझे साला या कामीने जैसे शब्दों के लिए चिल्ला पड़ती थीं, यहाँ बिंदास अपनी माँ और ना जाने कौन कौन सी गालियाँ बक रहीं थीं और सुन रही थीं।
क्या लंड या चूत, आदमी या औरत को इतना अँधा कर देता है.. ??
या जो भी आम जिंदगी में वर्जित रहता है, उसकी चुदाई के दौरान छूट रहती है।
खैर, अंकल ने कहा – अब तू चुप चाप, मेरी हर बात मानेगी…
उसके बाद, अंकल ने उंगली बाहर निकाल के फिर से अंदर घुसा दी और गोल गोल घुमाने लगे।
अंकल की पूरा उंगली, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में थी और मेरी मम्मी – आ आ आहह आ आ आआ आ अहह आ आ आ आआ आ आ अहह आ आ आ आआ आहह आ आ आ आ आ आ आअहह… की मादक आवाज़ के साथ, अंकल का साथ दे रही थीं।
अंकल ने हाथ बाहर निकाला और उंगली ऊपर करते हुए, उसे सूँघा और चाट भी लिया।
मुझे हल्की सी उबकाई आ गई।
यहाँ उन्होने फिर से उंगली नीचे ले जाते हुए, मेरी मम्मी के गाण्ड के छेद में घुसा दी और रगड़ने लगे।
अब मेरी मम्मी अंकल के ऊपर से नीचे उतर के, बिस्तर पर बैठ गईं।
अंकल ने खींच के मेरी मम्मी की पैंटी निकाल के ज़मीन पर फेंक दी और मम्मी ने हाथ ऊपर कर दिए।
अंकल ने नाइट वियर पकड़ के ऊपर के तरफ से निकाल के ज़मीन पर गिरा दिया और मेरी मम्मी को पूरा नंगा कर दिया।
अंकल का तना हुआ लण्ड, मुझे उनके हाफ-पैंट में साफ महसूस हो रहा था।
अंकल ने पैंट खींच के जांघों तक कर दी और घुटनों के बल बैठ गये और मेरी मम्मी ने अंकल के लण्ड को पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगीं।