27-04-2019, 11:32 AM
अंकल ने कहा – तुम्हें यहाँ रोक लिया, इसके लिए…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें प्रणव को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे प्रणव को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।
कुछ देर इस प्यार भरे मिलन के बाद, अंकल अपनी औकात पर आ गये।
मतलब, अंकल ने मम्मी के बाल पकड़े और धीरे धीरे मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मेरी मम्मी, धीरे धीरे उनका साथ देने लगीं।
समझ में नहीं आता था, कितना “चुदाई का कीड़ा” घुसा था दोनों की गाण्ड में।
फिर कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – तू इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चाहती… कोई बात नहीं… लेकिन, मेरा पूरा साथ दे… मैं तेरी लाइफ रंगीन कर दूँगा…
मम्मी ने कहा – नहीं, बुरा नहीं लगा…
अंकल ने कहा – महक, कसम से… अब तेरे बिना रहा नहीं जाता… बिस्तर पर होता हूँ, अपनी बीवी के साथ लेकिन मन ही मन में हमेशा तेरे साथ रहता हूँ…
मम्मी ने कहा – अगर सच कहूँ तो मैं भी बहुत बेचैन हो जाती हूँ, रात में… अकेली पड़ जाती हूँ…
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, तेरा पति बाहर रहता है… तू कितनी अकेली है… मगर तू घबरा नहीं… मैं हमेशा, तेरे साथ हूँ… तुझे जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, तू मुझे बुला लेना…
मम्मी ने कहा – मैं जानती हूँ, आप मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे…
अब अंकल ने मम्मी से कहा – मैं बहुत दिन से एक बात सोच रहा था…
मम्मी ने कहा – क्या… ??
अंकल ने कहा – ये निर्णय, हम दोनों का होगा…
मम्मी ने थोड़ा बेचेन होते हुए कहा – कहिए ना, क्या बात है…। ??
अंकल ने कहा – मुझे लगता है, हमें प्रणव को अब इस रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए…
मम्मी झटके से, उठ के खड़ी हो गईं।
मम्मी ने कहा – आप को पता भी है, आप ये क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – तुम अच्छे से जानती हो, जान… मैं जैसे श्लोक को मानता हूँ, वैसे प्रणव को मानता हूँ और तुमने जैसा बताया की उसे शायद शक हो गया है… मुझे लगता है, ये सही टाइम है… उसे सब मालूम चल जाना चाहिए…
मम्मी ने कहा – आपको सच में समझ में आ रहा है ना की आप क्या बोल रहे हैं…
अंकल ने कहा – इस में क्या ग़लत है… तुम्हें मुझसे प्यार है…
मम्मी ने कहा – हाँ, मुझे आपसे प्यार है… मगर वो मेरा बेटा है…
अंकल ने कहा – जानू, इसी लिए तो कह रहा हूँ… उसे समझ में आ जाएगा की उसकी मम्मी की खुशी किसके साथ में है… विश्वास कर महक, इससे हमारे रिश्ते को एक अंजाम मिलेगा… नहीं तो यून्हीं, हम छिप छिप के मिलते रहेंगें… कभी मैं अपनी बीवी से, कभी तुम्हारे बेटे से…
मम्मी ने कहा – क्या आप ये बात, अपनी वाइफ को बता सकते हैं…
अंकल ने कहा – अगर, तू मुझसे शादी करने के लिए तैयार है तो बोल… मैं उसे ये बात बता दूँगा और तलाक़ दे दूँगा…
कुछ देर की खामोशी के बाद, मम्मी ने कहा – मुझे लगता है, अभी ये सही समय नहीं है…
अंकल ने थोड़ी देर सोचा, फिर कहा – देख, मैंने तुम्हारे सामने ये तर्क दिया… तुम सोच लो और मुझे बताना क्यूंकि अब मुझसे तेरी जुदाई बर्दाशत नहीं होती है… मैं अब हमेशा, तेरे साथ रहना चाहता हूँ…
मम्मी अब, अंकल की तरफ देख रही थीं।
मैने गौर किया, उनकी नज़रों में वासना नही थी।
इधर मैं भी सदमे में था क्यूंकी आज तक मैं यही समझता था की अंकल सिर्फ़ मम्मी के जिस्म को भोग रहे हैं और जी भर जाने पर, उन्हें छोड़ देंगें।
ना जाने कितने सवाल, मेरे दिमाग़ में उठ रहे थे।
क्या ये अंकल का, कोई सोचा समझा प्लान था?
क्या सही में मम्मी, पापा को तलाक़ दे कर उनसे शादी करने वाली थीं?
खैर, अंकल ने मेरी मम्मी के बाजू पकड़ के उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और उनके बाल सहलाने लगे।
अंकल ने कहा – मैं जानता हूँ, मैं जितना तुझसे प्यार करता हूँ शायद तुम नहीं करती…
मम्मी ने कहा – ऐसा नहीं है… बस, मैं अपनी परिवार को टूटने नहीं देना चाहती… आपके लिए, ये सब आसान होगा… मेरे लिए नहीं…
अंकल ने कहा – तेरा परिवार, तेरा पति, तेरा पिल्ला…
फिर, अंकल खुद को संभालते हुए बोले – चल, ठीक है… टाइम ले ले, मुझे कोई दिक्कत नहीं है… मैंने तुझसे पहले ही कहा था, कोई ज़बरदस्ती नहीं है…
उसके बाद, अंकल ने मेरी मम्मी को थोड़ा और ऊपर चढ़ा लिया और उनके माथे पर चूमा।
अब मम्मी और अंकल, एक दूसरे को देख रहे थे।
कुछ देर इस प्यार भरे मिलन के बाद, अंकल अपनी औकात पर आ गये।
मतलब, अंकल ने मम्मी के बाल पकड़े और धीरे धीरे मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।
मेरी मम्मी, धीरे धीरे उनका साथ देने लगीं।
समझ में नहीं आता था, कितना “चुदाई का कीड़ा” घुसा था दोनों की गाण्ड में।
फिर कुछ देर बाद, अंकल ने कहा – तू इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चाहती… कोई बात नहीं… लेकिन, मेरा पूरा साथ दे… मैं तेरी लाइफ रंगीन कर दूँगा…