04-11-2021, 02:15 PM
बिल्लू मेरी रूपाली दीदी दीदी की चूत पर घमासन धक्के मारे जा रहा था.... उसके मोटे कठोर देहाती लोड़े का भरपूर मजा मेरी बहन उठा रही थी... आज तक बहुत लोगों ने मेरी बहन की बजाई थी.... मगर गवार देहाती बिल्लू कुछ अलग ही आनंद दे रहा था मेरी दीदी को...
उसका अंदाज भी तो बेहद निराला था... बाकी मर्दों से बिल्कुल जुदा..
साला बड़ी बेरहमी से मेरी बहन को घपाघप पेल रहा था...
मेरी रूपाली दीदी: "हाय राजा! ज़रा जोर से चोदो और जोर से हाय!! चूचियां ज़रा कस कर दबाओ ना! हाय मै बस झड़ने वाली हूँ!!"
और अपने चूतड़ों को धड़ाधड़ उपर नीचे पटक रही थी...
बिल्लू: साली रंडी.... तू तो बहुत बड़ी कमीनी चीज है.... तेरे लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया.... आज तेरी फाड़ के रख दूंगा... मादरजात...
मेरी रूपाली दीदी: "हाय मै गयी राजा!" कह कर उन्होने दोनो हाथ फैला दिये.
तभी वह भी मेरी बहन की चूचियां पकड़ कर गाल काटते हुए बोला, "मज़ा आ गया मेरी जान!" और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया.... मेरी बहन की हालत खराब हो चुकी थी...
मेरा दोस्त बिल्लू पसीने पसीने हो गया था... अपना बाजार मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद वाह उनके बगल में ही लेट गया और लंबी लंबी सांसे लेने लगा...
मेरी रूपाली दीदी भी अपनी टांगे फैलाए हुए गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी... मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी चुनमुनिया से टपकता हुआ सफेद रस उनकी गांड के छेद तक पहुंच रहा था....
मेरी रूपाली दीदी बेबस और बेसुध लग रही थी.... एक बहुत ही जबरदस्त ठुकाई हुई थी मेरी बहन की...
तकरीबन 10 मिनट तक दोनों उसी अवस्था में अपने आप को संतुलित करने का प्रयास कर रहे थे... फिर मेरी रूपाली दीदी लड़खड़ाते हुए उठ कर खड़ी हो गई... और उस खंडार में अपने कपड़े ढूंढने का प्रयास करने लगी ...
बिल्लू ने जब देखा कि मेरी बहन अपने कपड़े पहन रही है तो वह भी उठ कर खड़ा हो गया और खुद को बिल्कुल नंगा कर लिया... उसने एक बार फिर से मेरी दीदी का हाथ पकड़ लिया...
बिल्लू: साली अभी कहां चल दी... अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है... आज की रात तुझे इतनी आसानी से जाने नहीं दूंगा... तेरी गांड भी मारूंगा बहन की लोड़ी...
मेरी रुपाली दीदी: हां मैं तुम्हारी बात मानती हूं... ठीक है तुम मेरी गांड भी मार लेना... लेकिन अभी मुझे जाने दो... वरना सभी को शक हो... जाएगा सोचो अगर मेरा भाई मुझे ढूंढता हुआ यहां आ गया तो क्या गजब हो जाएगा...
बिल्लू: क्या गजब हो जाएगा बहन की लोड़ी... तेरा गांडू भाई तो खुद ही तुझे लेकर जाता है दूसरे मर्दों के पास... अगर वह देख भी लेगा तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा... वह मेरा दोस्त है और मुझे अच्छी तरह पता है उसके बारे में...
मेरी रूपाली दीदी: फिर भी... कुछ तो शर्म करो... सब लोग मेले में मेरा इंतजार कर रहे होंगे... मुझे जाना ही होगा...
बिल्लू: चुप साली रंडी .... आज तो मैं अपनी मनमानी कर लूंगा... अगर नखरे दिखाएगी ...जबरदस्ती तेरी गांड मारूंगा..
बोलते हुए उसने मेरी रूपाली दीदी की कपड़े खींच लिय और मेरी बहन को पूरी तरह से नंगा कर दिया... और वह खुद भी नंगा हो गया...
बिल्लू का लोड़ा फिर से लोहे की तरह सख्त हो गया था... उसने वहीं जमीन पर मेरी बहन को घोड़ी बनाया... और मेरी रूपाली दीदी कब बाल पकड़कर पीछे से अपना लोड़ा मेरी दीदी की बड़ी गांड के छोटे से छेद में अटका दिया और एक जबरदस्त झटका मारा...
उसका आधा लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड में जाकर फस गया था...
मेरी रूपाली दीदी : "उइइइ माँ मै मरी!" हाय दैया.....
उसने मेरी दीदी की दर्द भरी चीख सुनने के बाद भी कोई परवाह नहीं की और दूसरा ठाप भी मारा कि उसका पूरा लंड अन्दर घुस गया...
उसने अपना पूरा का पूरा औजार मेरी बहन की गांड में ठोक दिया था..
मेरी रूपाली दीदी: बिल्लू... मर गई रे मां...उईई माँ!! अरे ज़ालिम क्या कर कर रहा है? थोड़ा धीरे से कर" .....कहती ही रह गयी और वह इंजन के पिस्टन की तरह मेरी बहन की गांड के छेद को बड़ा करने लगा...
घपा घप वह मेरी दीदी की गांड मार रहा था...
मेरी रूपाली दीदी अपने दोनों हाथ जमीन पर टिकाया हुए घोड़ी बनी हुई थी... और मेरा कमीना दोस्त पूरी बेरहमी के साथ मेरी दीदी की गांड मार रहा था..... उसका देहाती काला लोड़ा मेरी दीदी की गांड को चीरते हुए धज्जियां उड़ा रहा था.... उसने चिथड़े बना दीय मेरी दीदी की गांड को चोद चोद कर...
बिल्लू मेरी रूपाली दीदी की गांड की ऐसी ठुकाई कर रहा था जैसा आज तक किसी मर्द ने नहीं किया था... बिना किसी उत्तेजक गोली को खाकर... एक देहाती लड़के के शानदार औजार में कितनी ताकत होती है इसका एहसास आज पहली बार मेरी रुपाली दीदी को अपनी गांड में महसूस हो रहा था...
कुछ देर में ही मेरी बहन मस्त हो गई थी... इस मजे का एहसास मेरी रूपाली दीदी को पागल बना रहा था... और परिणाम स्वरूप मेरी दीदी एक बार फिर झड़ गई.
लेकिन बिल्लू तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था..... उसका लौड़ा अभी भी लोहे की सरिया की तरह सख्त था... और मेरी दीदी की गांड मारने में लगा हुआ था...
मेरी रूपाली दीदी ने पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखा... वह तो आंखें बंद किए हुए किसी योगी की तरह लगा हुआ था अपने काम में..
मेरी रूपाली दीदी: मेरी आंखों में देखो ना बिल्लू...
उसका अंदाज भी तो बेहद निराला था... बाकी मर्दों से बिल्कुल जुदा..
साला बड़ी बेरहमी से मेरी बहन को घपाघप पेल रहा था...
मेरी रूपाली दीदी: "हाय राजा! ज़रा जोर से चोदो और जोर से हाय!! चूचियां ज़रा कस कर दबाओ ना! हाय मै बस झड़ने वाली हूँ!!"
और अपने चूतड़ों को धड़ाधड़ उपर नीचे पटक रही थी...
बिल्लू: साली रंडी.... तू तो बहुत बड़ी कमीनी चीज है.... तेरे लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया.... आज तेरी फाड़ के रख दूंगा... मादरजात...
मेरी रूपाली दीदी: "हाय मै गयी राजा!" कह कर उन्होने दोनो हाथ फैला दिये.
तभी वह भी मेरी बहन की चूचियां पकड़ कर गाल काटते हुए बोला, "मज़ा आ गया मेरी जान!" और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया.... मेरी बहन की हालत खराब हो चुकी थी...
मेरा दोस्त बिल्लू पसीने पसीने हो गया था... अपना बाजार मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद वाह उनके बगल में ही लेट गया और लंबी लंबी सांसे लेने लगा...
मेरी रूपाली दीदी भी अपनी टांगे फैलाए हुए गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी... मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी चुनमुनिया से टपकता हुआ सफेद रस उनकी गांड के छेद तक पहुंच रहा था....
मेरी रूपाली दीदी बेबस और बेसुध लग रही थी.... एक बहुत ही जबरदस्त ठुकाई हुई थी मेरी बहन की...
तकरीबन 10 मिनट तक दोनों उसी अवस्था में अपने आप को संतुलित करने का प्रयास कर रहे थे... फिर मेरी रूपाली दीदी लड़खड़ाते हुए उठ कर खड़ी हो गई... और उस खंडार में अपने कपड़े ढूंढने का प्रयास करने लगी ...
बिल्लू ने जब देखा कि मेरी बहन अपने कपड़े पहन रही है तो वह भी उठ कर खड़ा हो गया और खुद को बिल्कुल नंगा कर लिया... उसने एक बार फिर से मेरी दीदी का हाथ पकड़ लिया...
बिल्लू: साली अभी कहां चल दी... अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है... आज की रात तुझे इतनी आसानी से जाने नहीं दूंगा... तेरी गांड भी मारूंगा बहन की लोड़ी...
मेरी रुपाली दीदी: हां मैं तुम्हारी बात मानती हूं... ठीक है तुम मेरी गांड भी मार लेना... लेकिन अभी मुझे जाने दो... वरना सभी को शक हो... जाएगा सोचो अगर मेरा भाई मुझे ढूंढता हुआ यहां आ गया तो क्या गजब हो जाएगा...
बिल्लू: क्या गजब हो जाएगा बहन की लोड़ी... तेरा गांडू भाई तो खुद ही तुझे लेकर जाता है दूसरे मर्दों के पास... अगर वह देख भी लेगा तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा... वह मेरा दोस्त है और मुझे अच्छी तरह पता है उसके बारे में...
मेरी रूपाली दीदी: फिर भी... कुछ तो शर्म करो... सब लोग मेले में मेरा इंतजार कर रहे होंगे... मुझे जाना ही होगा...
बिल्लू: चुप साली रंडी .... आज तो मैं अपनी मनमानी कर लूंगा... अगर नखरे दिखाएगी ...जबरदस्ती तेरी गांड मारूंगा..
बोलते हुए उसने मेरी रूपाली दीदी की कपड़े खींच लिय और मेरी बहन को पूरी तरह से नंगा कर दिया... और वह खुद भी नंगा हो गया...
बिल्लू का लोड़ा फिर से लोहे की तरह सख्त हो गया था... उसने वहीं जमीन पर मेरी बहन को घोड़ी बनाया... और मेरी रूपाली दीदी कब बाल पकड़कर पीछे से अपना लोड़ा मेरी दीदी की बड़ी गांड के छोटे से छेद में अटका दिया और एक जबरदस्त झटका मारा...
उसका आधा लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड में जाकर फस गया था...
मेरी रूपाली दीदी : "उइइइ माँ मै मरी!" हाय दैया.....
उसने मेरी दीदी की दर्द भरी चीख सुनने के बाद भी कोई परवाह नहीं की और दूसरा ठाप भी मारा कि उसका पूरा लंड अन्दर घुस गया...
उसने अपना पूरा का पूरा औजार मेरी बहन की गांड में ठोक दिया था..
मेरी रूपाली दीदी: बिल्लू... मर गई रे मां...उईई माँ!! अरे ज़ालिम क्या कर कर रहा है? थोड़ा धीरे से कर" .....कहती ही रह गयी और वह इंजन के पिस्टन की तरह मेरी बहन की गांड के छेद को बड़ा करने लगा...
घपा घप वह मेरी दीदी की गांड मार रहा था...
मेरी रूपाली दीदी अपने दोनों हाथ जमीन पर टिकाया हुए घोड़ी बनी हुई थी... और मेरा कमीना दोस्त पूरी बेरहमी के साथ मेरी दीदी की गांड मार रहा था..... उसका देहाती काला लोड़ा मेरी दीदी की गांड को चीरते हुए धज्जियां उड़ा रहा था.... उसने चिथड़े बना दीय मेरी दीदी की गांड को चोद चोद कर...
बिल्लू मेरी रूपाली दीदी की गांड की ऐसी ठुकाई कर रहा था जैसा आज तक किसी मर्द ने नहीं किया था... बिना किसी उत्तेजक गोली को खाकर... एक देहाती लड़के के शानदार औजार में कितनी ताकत होती है इसका एहसास आज पहली बार मेरी रुपाली दीदी को अपनी गांड में महसूस हो रहा था...
कुछ देर में ही मेरी बहन मस्त हो गई थी... इस मजे का एहसास मेरी रूपाली दीदी को पागल बना रहा था... और परिणाम स्वरूप मेरी दीदी एक बार फिर झड़ गई.
लेकिन बिल्लू तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था..... उसका लौड़ा अभी भी लोहे की सरिया की तरह सख्त था... और मेरी दीदी की गांड मारने में लगा हुआ था...
मेरी रूपाली दीदी ने पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखा... वह तो आंखें बंद किए हुए किसी योगी की तरह लगा हुआ था अपने काम में..
मेरी रूपाली दीदी: मेरी आंखों में देखो ना बिल्लू...