03-11-2021, 03:58 PM
रवि की हल्की हँसी और जवाब ने नयना को संभाल लिया। उसके अन्दर बुझी खुशी फिर जिन्दा हो गय्ी और वह चहकने लगी। बातों में पता नहीं चला कि वह होटल पहुंच गये हैं। ऊपर समन्दर के सामने वाली कुर्सी पर बैठा रवि सिगरेट पीता रहा और वह बातें, फिर रवि ने लम्बी गहरी सांस लेकर खाली चाय की प्याली रखते हुए उसकी ओर देखा ! उसका दिल धक कर उठा 1
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.